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वैक्सीनेशन का काउंटडाउन: गर्भवती महिलाओं समेत इन लोगों को वैक्सीन देने पर मनाही, जानिए सरकार के दिशा-निर्देश

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वैक्सीनेशन का काउंटडाउन: गर्भवती महिलाओं समेत इन लोगों को वैक्सीन देने पर मनाही, जानिए सरकार के दिशा-निर्देश

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत एक कदम और आगे बढ़ने वाला है। कोरोना वैक्सीनेशन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कल यानी शनिवार से देश में कोरोना की वैक्सीन लगने का काम शुरू हो जाएगा। 16 जनवरी से वैक्सीनेशन के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है। इस दिन का इंतेजार बीते कई महीनों से लोग कर रहे थे। अब आखिरकार वो दिन काफी नजदीक आ ही गया।

वैक्सीन का महाअभियान होगा शुरू

देश में दो कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए इजाजत मिल गई है, जिसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट को कोविशील्ड शामिल है। अब कल यानी 16 जनवरी से इन वैक्सीन को लगाने का काम शुरू हो जाएगा। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। टीकाकरण अभियान से पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दोनों टीकों के लिए राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।

सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर दिए ये दिशा-निर्देश

इसमें वैक्सीन रोलआउट से लेकर फिजिकल स्पेसिफिकेशन, खुराक, कोल्ड चेन स्टोरेज की आवश्यकताओं, मतभेद और हल्की AEFIs (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना) के बारे में जानकारी दी गई है। आइए आपको बताते हैं कि राज्यों को क्या-क्या निर्देश दिए गए।

– केंद्र द्वारा भेजे गए निर्देशों में ये कहा गया है कि 18 साल या फिर उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी।

– गर्भवती महिलाओं या फिर वो महिलाएं जो अपनी गर्भावस्था को लेकर सुनिश्चित नहीं, उनको वैक्सीन की डोज नहीं दी जाएगी। साथ ही स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीन नहीं लगाने के निर्देश दिए गए। ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन के ट्रायल के दौरान गर्भवती और स्तनपान वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया।

– शख्स को जिस वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी, दूसरी भी उसी की लगेगी। वैक्सीन बदली नहीं जाएगी। दोनों टीकों के बीच 14 दिनों का कम से कम अंतराल होना जरूरी है।

– किसी भी व्यक्ति को टीका लगाने से पहले उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता करने की भी हिदायत दी गई। जिन्हें कोई एलर्जी हो, उनको टीका देते से पहले ही सावधानी बरतने को कहा गया।

– वो लोग जिनको सार्स या फिर कोरोना के इलाज में एंटी सार्स मोनोक्लोनल एंटीबाडी या प्लाज्मा दिया गया हो, जो किसी दूसरी बीमारी के चलते अस्पताल में रहे हो, बीमार रहे हो, उनको ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते बाद टीका लगाया जाए।

– जो शख्स कोरोना से पहले संक्रमित हो चुके हो या फिर जिनको कई गंभीर बीमारियां ( कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल, पलमोनरी, मेटाबॉलिक, HIV) हो उनको वैक्सीन दी जा सकती है।

Indian Army Day: 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता हैं भारतीय सेना दिवस? ये है इसके पीछे की वजह

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Indian Army Day: 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता हैं भारतीय सेना दिवस? ये है इसके पीछे की वजह

15 जनवरी का दिन बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन को भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपनी सेना का नाम सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। भारतीय सेना की ही वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित रहते है। वो अपने घर-परिवार सब कुछ छोड़कर देश की रक्षा करने के लिए सरहदों पर जाते हैं। ना वो गर्मी की फिक्र करते हैं और ना ही ठिठुरती हुई ठंड की।

चौबीसों घंटे तैनात रहकर वो बस भारत माता की रक्षा करते हैं। कई वीर जवान तो अपने देश के लिए शहीद तक हो जाते हैं. इस साल 15 जनवरी को 73वां भारतीय सेना दिवस मनाया जा रहा है।आइए आपको बताते हैं कि हर साल क्यों 15 जनवरी को ही भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है और इसको कैसे मनाते हैं..?

इसलिए इस दिन मनाया जाता है…

15 अगस्त 1947 का वो दिन भारत को आखिरकार ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिल गई। उस समय माहौल काफी खराब था. कई जगहों पर दंगे हो रहे थे। कुछ शरर्णाथी पाकिस्तान से आ रहे थे, तो कुछ पाकिस्तान की ओर जा रहे थे। हालातों पर काबू पाने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। उस समय सेना की कमान ब्रिटिसर्स कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के हाथ में थी।

पहले भारतीय सेना चीफ बने थे करियप्पा

वहीं 15 जनवरी 1949 वो दिन था, जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के साथों में सेना की कमान सौंपी गईं। वो आजाद भारत के पहले भारतीय सेना चीफ बने। इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन के मौके पर बहादुर वीर सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, तो वहीं देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती हैं।

जब पहले भारतीय ने थलसेना की कमान संभाली तो ये पूरे देश के लिए गर्व का मौका था। जनरल केएम करियप्पा को लोग प्यार से किपर भी कहते बुलाते थे। जब वो भारत के पहले कमांडर इन चीफ बने तो उनकी उम्र केवल 49 साल थी। वो चार सालों तक आर्मी के चीफ रहे और 16 जनवरी 1953 को रिटारयर हुए।

जानिए कब हुआ था भारतीय सेना का गठन?

आधिकारिक तौर पर भारतीय थलसेना का गठन 1 अप्रैल 1895 को हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों को भारतीय थलसेना में शामिल किया गया था। उस दौरान इसे ब्रिटिश इंडियन आर्मी कहा जाता था। वहीं आजादी के बाद नेशनल आर्मी कहा गया। देश के आजाद होने के बाद भी ब्रिटिश सेना के ही अधिकारी आर्मी चीफ के पद पर तैनात रहे। फिर 15 जनवरी 1949 को जनरल केएम करियप्पा ने ब्रिटिश अधिकारी से भारतीय थलसेना का प्रभार लिया था।

जानिए कैसा रहेगा 15 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 15 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 15 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। कोई अच्छी खबर मिलेगी। किसी भी  चीज को लेकर ज्यादा उत्साहित ना हो। नए काम को आज के दिन हाथ में ना ले।

वृषभ राशि- आपका दिन तनाव से भरा बीतेगा। जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ेगा। हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

मिथुन राशि- आपका दिन ठीक ठाक रहेगा। कार्यक्षेत्र में प्रगति की राह पर चलेंगे। परिवार के साथ बढ़िया वक्त बिताएंगे। स्वास्थ्य डामाडोल रहने के आसार है।

कर्क राशि- दिन आपका बहुत अच्छा बीतेगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। मन प्रसन्न  रहेगा। आज के दिन जिस भी काम को मेहनत और लगन से करेंगे, उसमें सफलता जरूर मिलेगी।

सिंह राशि- थोड़ा संभलकर रहें। किसी की बातों में ना आएं। अनजान लोगों के साथ अपनी पर्सनल चीजें साझा करने से बचें। दिन आपका मिला जुला बीतेगा।

कन्या राशि- आपका दिन शानदार बीतेगा। आर्थिक समस्याएं कम होगी। नए काम शुरू करने से बचें। फिजलूखर्च ना करें।

तुला राशि- आपका दिन अच्छा रहेगा। धन लाभ होने के आसार है। मन खुश रहेगा। लंबे वक्त से चली आ रही परेशानियां दूर होगीं।

वृश्चिक राशि- दिन की शुरुआत परेशानियों से होगी। सुबह सुबह कोई परेशान करने वाली खबर मिल सकती है। हालांकि शाम होते होते सबकुछ सामान्य हो जाएगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

धनु राशि- दिन आपका ठीक ठाक बीतेगा। लव लाइफ में तनाव रहेगा। पार्टनर के साथ छोटी छोटी बातों पर झगड़ा हो सकता है। गुस्से पर कंट्रोल रखें।

मकर राशि- आपको थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं। किसी की भी बातों में आए। परिवार की सलाह के बिना कदम ना उठाएं।

कुंभ राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। आज मनचाहे चीज खरीद सकते है। भविष्य से जुड़े फैसले आपको लेने पढ़ सकते है। परिवार में खुशहाली का माहौल रहेगा।

मीन राशि- आपका दिन तनाव से भरा बीतेगा। बिजनेस में जोखिम उठाने से बचें। नए काम की शुरुआत ना करें। दोस्तों के साथ दिल की हर बात शेयर करें।

Bengal Election: TMC का कांग्रेस-वाम मोर्चा को ऑफर- बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में दें साथ, मिला ये दो टूक जवाब

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Bengal Election: TMC का कांग्रेस-वाम मोर्चा को ऑफर- बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में दें साथ, मिला ये दो टूक जवाब

पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। बीजेपी चुनावों में ममता बनर्जी को हारने के लिए और राज्य की सत्ता कब्जाने के लिए पूरा दमखम लगा रही है। इसके चलते तृणमूल कांग्रेस में अब बैचेनी देखने को मिल रही है। बीते दिन बुधवार को ही बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए TMC ने वाम मोर्चा और कांग्रेस से ममता बनर्जी का साथ देने को कहा।

लेकिन दोनों ही पार्टियों ने TMC के इस ऑफर को ठुकरा दिया। इस पेशकश के बाद कांग्रेस पार्टी ने कह दिया कि TMC बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में गठबंधन करने की जगह अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लें।

TMC ने की ये पेशकश

दरअसल, बीजेपी बंगाल में मजबूती से उभर रही है। जिसके चलते TMC की मुश्किलें आने  वाले विधानसभा चुनाव में बढ़ने की संभावना है। इसी वजह से TMC के वरिष्ठ सासंद सौगत रॉय ने कहा था कि अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस सच में बीजेपी के खिलाफ हैं, तो उनको भगवा दल की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए। ममता बनर्जी ही बीजेपी के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा हैं।’

‘कांग्रेस में कर लें अपनी पार्टी का विलय’

TMC के इस प्रस्ताव बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर बीजेपी राज्य में मजबूत हो रही है,  तो उसकी वजह TMC ही है। वो बोले कि हमें TMC के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं। 10 सालों से हमारे विधायक खरीदने के बाद TMC अब हमारी पार्टी के साथ गठबंधन क्यों करना चाहती हैं। ममता बनर्जी अगर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहती हैं, तो उनको कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए। क्योंकि वही सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र देशव्यापी मंच है।’

‘बीजेपी और TMC को चुनाव में हराएंगें’

बता दें कि ममता बनर्जी ने 1998 में कांग्रेस से अलग होकर TMC की स्थापना की थी। TMC के इस ऑफर पर CPM के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने हैरानी जताई। उन्होनें कहा कि TMC ने राज्य में वाम मोर्चा और कांग्रेस को नगण्य राजनीतिक बल करार दिया था और अब वो गठबंधन के लिए बेकरार हो रहे हैं। सुजान चक्रवर्ती ने ये भी कहा कि बीजेपी भी वाम मोर्चा को लुभाने की कोशिश कर रही है। वो बोले की इससे पता चलता है कि वाम मोर्चा अभी भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस और वाम मोर्चा मिलकर बंगाल चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हराएंगे।

‘अकेले बीजेपी से नहीं लड़ सकती TMC’

वहीं इसको लेकर बीजेपी की तरफ से भी TMC पर तंज कसा गया है। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि TMC की ये पेशकश उनकी ‘हताशा’ दर्शाती है। उन्होनें कहा कि वो (TMC) हमसे अकेले नहीं लड़ सके, इसलिए दूसरे दलों का साथ मांग रहे हैं। जिससे यही पता चलता है कि बीजेपी ही TMC का एकमात्र विकल्प है।’

Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने क्यों पीछे हटाए कदम? जानिए वजह…

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Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने क्यों पीछे हटाए कदम? जानिए वजह…

किसानों ने अपना आंदोलन बीते साल नवंबर के महीने में शुरू किया था, जो अब तक जारी है। नए कृषि कानून किसानों और सरकार के बीच बीते दो महीने से गतिरोध चल रहा है। देश के अन्नदाता सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। इस पूरे मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया और विवाद सुलझाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया।

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी 4 सदस्यीय कमेटी

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नए कृषि कानून पर कुछ समय के लिए रोक लगाई। साथ ही चार सदस्यीय एक कमेटी का भी गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के. जोशी को शामिल किया।

भूपिंदर सिंह मान ने अपना नाम लिया वापस

लेकिन अब भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया है। दरअसल, कमेटी में उनको शामिल किए जाने पर पहले से ही हंगामा हो रहा था। जो किसान कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उनका ये कहना था कि भूपिंदर पहले से ही तीनों कानून के समर्थन में हैं।

ये बताई वजह…

अब भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया। उन्होनें कमेटी में शामिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा। साथ ही वो ये भी बोले कि मैं किसानों की भावनाओं के बारे में जानता हूं। एक किसान और खुद एक यूनियन नेता के तौर पर मैं किसान संघों और जनता के बीच फैली शंकाओं को देखते हुए किसी भी बड़े पद को त्यागने के लिए तैयार हूं। मैं पंजाब और किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं कर सकता। कोर्ट द्वारा दी गई इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकता। इसलिए मैं खुद को कमेटी से अलग करता हूं।

भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। उनका किसानों में प्रभाव काफी अच्छा है। दिसंबर में भूपिंदर सिंह मान ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। जिस दौरान उन्होनें केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानूनों का समर्थन किया था। हालांकि इस दौरान उन्होनें कानून में कुछ संशोधन के सुझाव भी दिए थे। जिसमें MSP की लिखित गारंटी देने को कहा गया था।

भूपिंदर सिंह मान को कमेटी का सदस्य बनाने पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे। आंदोलन कर रहे किसानों का कहना था कि मान शुरू से ही कृषि कानून के समर्थन में है। ऐसे में उनको कमेटी का हिस्सा क्यों बनाया गया। हालांकि अब खुद भूपिंदर सिंह मान ने ही इस कमेटी से कदम पीछे हटा लिए हैं।

Ind vs Aus: चौथे टेस्ट के लिए आज नहीं हुआ Team India की प्लेइंग 11 का ऐलान, बुमराह बने वजह

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Ind vs Aus: चौथे टेस्ट के लिए आज नहीं हुआ Team India की प्लेइंग 11 का ऐलान, बुमराह बने वजह

कल यानी 15 जनवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जाने वाला है। क्योंकि ये टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबर पर चल रही है। ऐसे में ब्रिस्बेन में खेला जाने वाला मुकाबला दोनों टीमों के लिए काफी अहम हैं। सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की थी, तो वहीं दूसरे में टीम इंडिया ने बाजी मारी। तीसरा टेस्ट मैच ड्रा हुआ था। अब चौथा मुकाबला निर्णायक होगा।

आमतौर पर टेस्ट मैच से एक दिन पहले ही इसकी घोषणा हो जाती है कि टीम इंडिया की किन 11 खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरने वाली है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। टीम इंडिया की प्लेइंग 11 का ऐलान फिलहाल टाल दिया गया है और उसकी वजह से टीम के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह।

बुमराह के मैच खेलने पर होना है फैसला

जी हां, बुमराह के चलते ही गुरुवार को टीम की प्लेइंग 11 का ऐलान नहीं किया गया। इसकी वजह टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने बताई। दरअसल, बुमराह का इस मैच में खेलना अभी पूरी तरह तय नहीं है। बुमराह का मैच खेलना उनकी फिटनेस पर निर्भर करता है। अगर वो फिट होते हैं, तो उनको प्लेइंग 11 में जगह दी जाएगी। बुमराह की फिटनेस का फैसला मैच के शुरू होने से पहले ही लिया जाएगा।

राठौड़ ने बताया कि मेडिकल टीम लगातार बुमराह की फिटनेस पर नजर बनाए हुए है। वो ये मैच खेलेंगे या फिर नहीं इस पर कल (शुक्रवार) सुबह मैच शुरू होने से पहले ही फैसला लिया जाएगा।

बुमराह के पेट में आया था खिंचाव

दरअसल, सिडनी टेस्ट के दौरान बुमराह के पेट में खिंचाव आ गया। ये माना जा रहा था कि भारतीय टीम प्रबंधन इंग्लैंड के खिलाफ आगामी घरेलू सीरीज को देखते हुए उनकी चोट बढ़ने का जोखिम नहीं उठाना चाहती। लेकिन अब विक्रम राठौड़ के बयान से तो ये लग रहा है कि आखिरी मैच में बुमराह को खिलाने के मूड में मैनेजमेंट है।

चोट की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया

ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान टीम इंडिया के कई खिलाड़ी चोटिल हुए हैं, जिसकी वजह से प्लेइंग 11 चुनना भी अब मुश्किल हो रहा है। दरअसल, मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, हनुमा विहारी तो पहले ही सीरीज से बाहर हो चुके हैं। वहीं इसके अलावा आर अश्विन के कमर में भी दर्द है, जिसके चलते शायद वो भी मैच ना खेलें। इसके अलावा मयंक अग्रवाल, ऋषभ पंत और केएल राहुल भी चोटिल हैं। ऐसे में किन 11 खिलाड़ियों के साथ टीम इंडिया शुक्रवार को ब्रिस्बेन टेस्ट के लिए मैदान में उतरती है, ये देखने वाली बात होगी।

NCERT में पढ़ाया जा रहा मुगलों गलत इतिहास? 12वीं क्लास की किताब में इस तथ्य को लेकर छिड़ी बहस, जानें मामला

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NCERT में पढ़ाया जा रहा मुगलों गलत इतिहास? 12वीं क्लास की किताब में इस तथ्य को लेकर छिड़ी बहस, जानें मामला

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) की 12वीं क्लास में पढ़ाए जा रहे इतिहास के आधार पर फिर से विवाद शुरू हो गया। दरअसल, 12वीं कक्षा की हिस्ट्री की बुक में एक चैप्टर में जिक्र है कि युद्ध के दौरान मंदिर को ढहाया गया था, लेकिन मुगल शासकों ने बाद में उनकी मरम्मत भी कराई। 

लेकिन जब इसके संबंध में शिवांक वर्मा ने NCERT से आरटीआई के तहत जवाब मांगा, तो ये साफ तौर पर कह दिया गया कि विभाग के पास मांग जानकारी से जुड़ी कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। 

जानकारी का सोर्स नहीं पता NCERT को

बीते साल NCERT की 12वीं क्लास की हिस्ट्री बुक में थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू के पेज 234 पर दूसरे पैरा में जो जानकारी दी गई, उसके सोर्स के बारे पूछा गया था। पैरा में ये लिखा है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहाया गया था, लेकिन बाद में शाहजहां और औरंगजेब ने मंदिरों की मरम्मत के लिए ग्रांट जारी किया था।

इसकेे अलावा RTI में दूसरा सवाल ये किया गया कि औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत कराई। NCERT की तरफ से इन दोनों सवालों का एक जैसा ही जवाब दिया गया। 18 नवंबर 2020 को जारी पत्र के मुताबिक बताया गया है कि मांगी गई जानकारी विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है। इस पत्र पर हेड ऑफ डिपार्टमेंट एंड पब्लिक इंफोर्मेशन ऑफिसर प्रो. गौरी श्रीवास्तव ने साइन किए हुए हैं।

सोशल मीडिया पर बना बहस का मुद्दा

सोशल मीडिया पर ये विवाद अब बहस का मुद्दा बन गया है। अभिषेक नाम के यूजर ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा- ‘सबसे चौंकाने वाली बात, जो मुझे पता चली। किसी ने RTI दायर कर NCERT को अपनी किताब में इस दावे का सोर्स बताने को कहा कि मुगल शासकों ने युद्ध में तबाह हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया। NCERT की तरफ से जवाब दिया गया कि उनको सोर्स के बारे में नहीं पता। लेकिन फिर भी उन्होनें इसे किताब में शामिल किया।’

एक अन्य यूजर ने लिखा- ‘औरंगजेब जिन्होनें हमारे लाखों मंदिरों को नष्ट किया और उन पर मस्जिद बनाई, वो हमारी NCERT बुक्स में हीरो है। मुगल जिन्होनें हमारे हजारों शहीदों को मारा, वो NCERT में हीरो है। ये सच है कि हमारे सच्चे हिंदुस्तानी नायकों को खोजना लगभग असंभव है।’

ऐसे ही कई लोग NCERT के इस जवाब को लेकर अपनी अपनी राय सोशल मीडिया पर रख रहे हैं। 

…तो अमिताभ बच्चन ने कर दी रिटायरमेंट की अनाउंसमेंट? जानिए भावुक होते हुए ब्लॉग में क्या लिखा?

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…तो अमिताभ बच्चन ने कर दी रिटायरमेंट की अनाउंसमेंट? जानिए भावुक होते हुए ब्लॉग में क्या लिखा?

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जिस मुकाम पर आज है, उस तक हर कोई नहीं पहुंच सकता। पिछले 50 सालों से बॉलीवुड पर बिग बी का दबदबा कायम है। 79 साल की उम्र में भी वो जितने फिट और एक्टिव हैं, उतना शायद ही कोई दूसरा एक्टर होगा। वो आज के समय में भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। अमिताभ सोनी टीवी पर आने वाले शो कौन बनेगा करोड़पति के साथ सालों से जुड़े हुए हैं। लेकिन अब उन्होनें इस शो से रिटायरमेंट लेने का इशारा कर दिया है।

मौजूदा केबीसी के सीजन का आखिरी एपिसोड अमिताभ बच्चन की शूटिंग अमिताभ ने कर ली। इसके बाद ही उन्होनें एक ब्लॉग लिखा। जिसमें बिग बी ने कहा- ‘मैं अब रिटायर हो चुका हूं।’

अमिताभ बच्चन ने लिखा- ‘अब मैं थक गया हूं…रिटायर हो चुका हूं..आप सभी से मैं माफी चाहता हूं.. KBC के शूट का ये आखिरी दिन था, जो काफी लंबा था। लेकिन कल शायद मैं बेहतर हो जाऊंगा। हमेशा याद रखें कि काम तो काम होता है, जिसको पूरी शिद्दत से करना चाहिए।’

उन्होनें आगे बताया कि शो पर आखिरी दिन उनका कैसा बीता। बिग बी ने लिखा- ‘आखिरी एपिसोड में केबीसी की टीम से फेयरवेल के तौर पर काफी प्यार मिला। सबकुछ आपस में जुड़ा है। बस यही चाहता हूं कि ये सब कभी ना रुके और हमेशा चलता रहे। उम्मीद है कि ये सब जल्द ही दोबारा शुरू हो सके।’

वो आगे लिखते हैं- ‘सेट पर प्यार, केयर, गिफ्ट्स का आदान प्रदान हुआ। पूरी टीम का बहुत ही सुंदर जेश्चर रहा। आगे बढ़ते हैं और आंसू बहते हैं..लेकिन कल एक नया दिन होगा।’

बता दें कि केबीसी का 12वां सीजन बीते साल शुरू हुआ था। कोरोना काल के बीच जब शूट करने की इजाजत मिली, तब ही शो की शूटिंग शुरू हुई। सितंबर महीने में आया ये शो अब जल्द ही खत्म होने वाला है। अमिताभ बच्चन के इस ब्लॉग से तो ऐसा ही लग रहा है कि वो अब अगले सीजन से इस  शो को होस्ट करते हुए नजर नहीं आएंगें।

गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन 79 साल की उम्र में भी काफी काम कर रहे हैं। उनके पास अभी भी कई प्रोजेक्ट्स है। वो आने वाले समय में बह्मास्त्र, चेहरे, झुंड, मेडे समेत कई फिल्मों में नजर आएंगे।

'…अब बंगाल और यूपी में भी बीजेपी की मदद करेंगे ओवैसी', साक्षी महाराज का बड़ा बयान, गरमाई सियासत

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'…अब बंगाल और यूपी में भी बीजेपी की मदद करेंगे ओवैसी', साक्षी महाराज का बड़ा बयान, गरमाई सियासत

बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। एक तरफ बीजेपी और TMC इन चुनावों में आमने-सामने आ गए है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से भी बंगाल में हलचल पैदा हो गई है। बिहार के दूसरी पार्टियों का खेल बिगाड़ने के बाद अब बंगाल में भी AIMIM अपनी किस्मत आजमाने जा रही है।

साक्षी महाराज का बड़ा बयान

इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की बंगाल चुनाव में एंट्री पर बीजेपी नेता साक्षी महाराज ने एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होनें कहा कि ओवैसी बिहार के बाद अब बंगाल और यूपी में भी बीजेपी की मदद करने जा रहे हैं।

उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बोले कि ये ईश्वर की कृपा है। भगवान उनको (ओवैसी) और भी शक्ति दें।  बिहार में उन्होनें हमारी मदद की थी और अब यूपी के साथ बंगाल में भी करेंगे।

बीजेपी की बी-टीम होने का लगा था आरोप

गौरतलब है कि 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी अपनी किस्मत आजमाई। इन चुनावों में AIMIM ने 5 सीटों पर जीत दर्ज कर हर किसी को चौंका दिया। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने ओवैसी पर बीजेपी की बी-टीम होने का भी आरोप लगा दिया था। ऐसा कहा गया कि बिहार में ओवैसी की एंट्री से दूसरी पार्टियों को नुकसान और बीजेपी को फायदा पहुंचा।

दरअसल, ओवैसी की एंट्री से बड़ी संख्या में मुस्लिम वोट बैंक की सेंधमारी हुई। मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाकों में उनकी पार्टी 5 सीटें जीतीं। RJD, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओवैसी पर मुस्लिम वोट बैंक काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने की बात कही।

बंगाल-यूपी में होगी ओवैसी की एंट्री

अब बंगाल में होने वाले चुनाव हर पार्टी के लिए काफी अहम हैं। बंगाल में 27 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। ममता बनर्जी के लिए ओवैसी की पार्टी को जाने वाले मुस्लिम वोट को रोकना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

वहीं उत्तर प्रदेश में ओवैसी के ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के साथ गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में दोनों नेताओं ने समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ का दौर भी किया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद है। यहां पहुंचकर ओवैसी ने अखिलेश को आड़े हाथों लिया और कहा कि समाजवादी पार्टी ने मुझे यहां आने से 12 बार रोका था। ओवैसी बोले कि समाजवादी  पार्टी कहीं भी जमीन पर नहीं हैं, वो केवल फेसबुक पर है।

बयान पर समाजवादी पार्टी का रिएक्शन

साक्षी महाराज के इस बयान पर सियासत गर्मा गई है। उनके बयान पर समाजवादी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया बोले कि हम ये पहले ही कह रहे थे कि ओवैसी बीजेपी के इशारे पर आते-जाते हैं। इनके हेलीकाप्टर में ईधन कौन डलवाता है, इसके बारे में हर किसी को पता है। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने खुलकर बोल दिया कि बिहार में ओवैसी ने हमारी मदद की और ब बंगाल और यूपी में भी करेंगे। बीजेपी के चेहरे से नकाब उतर गया। जनता को सबकुछ साफ-साफ दिखाई देने लगा।

Pongal 2021: 4 दिनों तक मनाया जाता है पोंगल का पर्व, जानिए इसकी विधि और इसे मनाने से जुड़ी पौराणिक कथा

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Pongal 2021: 4 दिनों तक मनाया जाता है पोंगल का पर्व, जानिए इसकी विधि और इसे मनाने से जुड़ी पौराणिक कथा

दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक पोंगल को काफी धूमधाम से तमिलनाडु में मनाया जाता है. ये त्योहार किसानों का माना जाता है। इस अवसर पर फसल की पूजा की जाती है, चार दिनों तक मनाया जाने वाला ये इस साल 14 जनवरी से शुरू हो रहा है। जहां उत्तर भारत में लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है, तो वहीं दक्षिण भारत में इन त्योहारों को ‘पोंगल’ के तौर पर मनाया जाता है। इसके साथ ही तमिल में नववर्ष की भी शुरुआत हो जाती है।

क्यों मनाया जाता है पोंगल का त्यौहार

पोंगल का त्यौहार लोहड़ी के जैसे ही होता है, लेकिन बस इन दोनों को मनाने के तरीके का अलग-अलग होता है। पोंगल के त्योहार भी फसल से संबंधित पर्व होता है। इस त्योहार को धान कटाई के के बाद मनाया जाता है, जिससे दक्षिण भारतीय लोग अपनी खुशी को प्रकट करते हुए भगवान से प्राथना करते हैं कि आगामी फसल अच्छी ही रहे। इस त्योहार के मौके पर सूर्य, इन्द्र देव, बारिश, धूप और खेतिहर मवेशियों की पूजा की जाती है, क्योंकि इन सभी के चलते ही अच्छी फसल प्राप्त होती है।

4 दिनों तक मनाया जाता है ये त्यौहार

पोंगल का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार के पहले दिन घर की सफाई होती है और सभी कूड़े को इकट्ठा कर जलाया जाता है। इसके बाद दूसरे दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां से सुखी जीवन की कामना की जाती है। वहीं, तीसरे दिन पशुधन खासतौर पर बैल और गाय की पूजा होती है, जबकि चौथे दिन काली मां की पूजा की जाती है।

जरूर बनाई जाती है रोंगली

जिस तरह से दिवाली के त्योहार पर घर की साज सजावट की जाती है, ठीक वैसे ही पोंगल पर भी घर को अच्छे से सजाया जाता है। इसके साथ ही रंगाई-पुताई की जाती है। इस अवसर पर रंगोली भी जरूर बनाई जाती है। इसके अलावा नए कपड़े और बर्तन भी खरीदे जाते हैं। इस त्योहार में पशुओं की पूजा की जाती है। इस दौरान बैलों और गायों के सींगों को रंगा जाता है। इस दिन खीर भी जरूर बनाई जाती है, जिसे सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। वहीं, कई लोग सूर्य देव को चावल, घी, दूध, और शकर का भी भोग लगाते हैं।

पोंगल मनाने से जुड़ी पौराणिक कथा

पोंगल मनाने से जुड़ी पौराणिक कथा के मुताबिक जब शिव जी अपनी सवारी बैल वसव को धरती पर जाकर एक संदेश देने के लिए कहा, इस दौरान भगवान शिव ने वसव से कहा कि वो धरती पर जाकर लोगों से कहे कि वो रोजाना स्नान करें और स्नान से पहले तेल जरूर लगाएं, लेकिन वसव ने इस संदेश को उल्टा दे दिया। जिसके चलते भगवान शिव बहुत नाराज हुए और उन्होंने गुस्से में आकर वसव को हमेशा के लिए धरती पर भेजते हुए आदेश दिया कि वो फसल उगाने में लोगों की मदद करें। ये ही कारण है कि लोग पोंगल के दिन अपनी बैल की पूजा करने के दौरान उस पर तेल लाकर उसको अच्छे से सजाते हैं। इसके अलावा इस पर्व के दिन गाय की भी खासतौर पर पूजा की जाती है।