Home Blog

Ajay Devgn Birthday: एक्शन से लेकर रोमांस तक, बॉलीवुड के इस सुपरस्टार ने कैसे लिखी अप...

Ajay Devgn Birthday: बॉलीवुड के सबसे दमदार और बहुमुखी अभिनेताओं में से एक, अजय देवगन का जन्म 2 अप्रैल 1969 को हुआ था। उन्होंने अपने तीन दशकों के करियर में केवल एक्शन हीरो के रूप में ही नहीं, बल्कि रोमांस, कॉमेडी, और गंभीर भूमिकाओं में भी अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित की है। अजय देवगन का नाम आज बॉलीवुड के सबसे भरोसेमंद और सम्मानित कलाकारों में गिना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बॉलीवुड में नाम कमाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।

और पढ़ें: Bollywood News: ‘एक चालीस की लास्ट लोकल’ के सीक्वल की नई शुरुआत चिली में नया ट्विस्ट, संजय खंडूरी ने किया पुष्टि

परिवार और शुरुआती जीवन- Ajay Devgn Birthday

अजय देवगन का असली नाम विशाल वीरू देवगन है। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन उनका बचपन मुंबई में बीता। उनके पिता वीरू देवगन बॉलीवुड के मशहूर स्टंट डायरेक्टर थे, जिन्होंने कई बड़े सितारों के लिए बेहतरीन एक्शन सीक्वेंस कोरियोग्राफ किए। उनकी मां वीणा देवगन फिल्म निर्माता थीं। अजय के लिए फिल्म इंडस्ट्री कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि उनका परिवार पहले से ही इस इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ था।

Ajay Devgn Birthday bollywood
Source: Google

अजय ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सिल्वर बीच हाई स्कूल, जुहू से की और बाद में मिथिबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। हालांकि, उनका झुकाव हमेशा से फिल्मों और एक्शन की तरफ था, इसलिए उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने की भी तैयारी शुरू कर दी थी।

फिल्मी करियर की शुरुआत

अजय देवगन ने 1991 में फिल्म ‘फूल और कांटे’ से अपने करियर की शुरुआत की। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। फिल्म की शुरुआत में उनका बाइक पर स्टंट करते हुए प्रवेश करना आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार दृश्यों में से एक माना जाता है। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दीं जिनमें ‘जिगर’ (1992), ‘दिलवाले’ (1994), और ‘सुहाग’ (1994) शामिल हैं।

एक्शन हीरो से संजीदा अभिनेता तक

अजय देवगन को शुरू में एक्शन हीरो के रूप में जाना जाता था, लेकिन 1998 में आई फिल्म ‘जख्म’ ने उनकी इमेज को बदल दिया। इस फिल्म में उनकी गंभीर और इमोशनल भूमिका को काफी सराहा गया और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने कई ऐसी फिल्मों में काम किया जिन्होंने उनकी अभिनय क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जिनमें ‘हम दिल दे चुके सनम’ (1999), ‘गंगाजल’ (2003) और ‘ओमकारा’ (2006) जैसी फिल्में शामिल हैं।

निर्देशन और निर्माण में कदम

अजय देवगन ने 2008 में फिल्म ‘यू मी और हम’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने अपनी पत्नी काजोल के साथ अभिनय भी किया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें ‘शिवाय’ (2016) और ‘तान्हाजी’ (2020) जैसी बड़ी हिट फिल्में शामिल हैं। ‘तान्हाजी’ ने बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई की और यह उनकी अब तक की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई।

अजय देवगन और काजोल की लव स्टोरी

अगर हम अभिनेता की लव लाइफ की बात करें तो, अजय देवगन और काजोल की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक है। दोनों की पहली मुलाकात 1995 में फिल्म ‘हलचल’ के सेट पर हुई थी। इसके बाद दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। अजय और काजोल ने 24 फरवरी 1999 को शादी कर ली। उनकी शादी बॉलीवुड की अन्य शादियों से अलग थी, क्योंकि यह एक सादे समारोह में हुई थी। उनके दो बच्चे हैं – निसा देवगन और युग देवगन।

Ajay Devgn Birthday bollywood
Source: Google

अजय देवगन की संपत्ति

जीक्यू इंडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजय देवगन की कुल संपत्ति 427 करोड़ रुपये है। मुंबई में उनका शिवशक्ति नाम का आलीशान बांग्ला है, जिसकी कीमत 60 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, अजय और काजोल का लंदन के पार्क लेन में भी एक घर है, जिसकी कीमत करीब 54 करोड़ है। कार कलेक्शन की बात करें तो अजय देवगन के पास रेंज रोवर वोग, मासेराती क्वाट्रोपोर्टे, ऑडी Q7, बीएमडब्ल्यू Z4, मिनी कंट्रीमैन, मर्सिडीज-मेबैक जीएलएस 600 और 7 करोड़ की रोल्स रॉयस कलिनन है।

अजय देवगन की कंपनियां

अजय देवगन ने कई कंपनियों में निवेश किया है। साल 2000 में उन्होंने ‘देवगन फिल्म्स’ के नाम से प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की। इसके अलावा, उनकी NY VFXWaala नामक विजुअल इफेक्ट्स कंपनी भी है। इस कंपनी ने 63 से ज्यादा फिल्मों के लिए काम किया है। मिंट के अनुसार, इससे सालाना 29 करोड़ की कमाई होती है। उन्होंने 2017 में दिल्ली एनसीआर में पहली मल्टीप्लेक्स चेन NY सिनेमा की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ADI नामक कंपनी बनाई। अजय और काजोल ने मिलकर NY चैरिटी फाउंडेशन की भी स्थापना की।

और पढ़ें: First Pan India film: पहली पैन इंडिया फिल्म कब और किस भाषा में बनी थी? जानें कैसे इसने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़े

April 2025 Upcoming Car: अप्रैल 2025 में भारत में लॉन्च होने वाली शानदार कारें! नई टे...

0

April 2025 Upcoming Car: 2025 के पहले तीन महीनों में भारतीय यात्री वाहन बाजार में कई शानदार कारों की लॉन्चिंग देखी गई है, जिनमें Hyundai Creta Electric, Kia Syros, और Mahindra BE 6 जैसी कारें शामिल हैं। इस ट्रेंड का सिलसिला अप्रैल 2025 में भी जारी रहेगा, क्योंकि कई कार निर्माता अपनी नई कारों के लॉन्च की तैयारी कर रहे हैं। अप्रैल 2025 में भारतीय बाजार में नई, अपडेटेड और विशेष संस्करण वाली कारें पेश होने वाली हैं, जो कि पेट्रोल-डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में उपलब्ध होंगी।

आइए, एक नजर डालते हैं उन प्रमुख कारों पर जो अप्रैल 2025 में भारत में लॉन्च होने वाली हैं:

और पढ़ें: Cheapest ADAS Cars: भारत में 15 लाख रुपये से कम कीमत वाली ADAS फीचर्स वाली कुछ सबसे किफायती कारों की लिस्ट

Volkswagen Tiguan R-Line – April 2025 Upcoming Car

Volkswagen Tiguan R-Line, Volkswagen Tiguan SUV का स्पोर्टी संस्करण है, जिसे 14 अप्रैल 2025 को भारतीय बाजार में पेश किया जाएगा। इसकी बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। यह कार 2.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन से लैस होगी, जो सात-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमेटिक गियरबॉक्स से जुड़ा होगा। यह इंजन कार को 0 से 100 किमी प्रति घंटा की गति 7.1 सेकंड में हासिल करने की क्षमता प्रदान करता है और इसकी अधिकतम गति 229 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।

Volkswagen Tiguan R-Line
source: Google

MG Cyberster

MG Cyberster, MG ब्रांड की पहली पूरी तरह से इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्सकार है, जिसे 2025 के ऑटो एक्सपो में दिखाया गया था और अब इसे अप्रैल 2025 में भारत में लॉन्च किया जाएगा। इस कार को MG Select प्रीमियम रिटेल नेटवर्क के माध्यम से बेचा जाएगा, साथ ही MG M9 इलेक्ट्रिक लिमोजिन भी पेश की जाएगी। MG Cyberster रोडस्टर ब्रांड की सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक कार होगी, जो 77 kWh बैटरी पैक से पावर प्राप्त करेगी। यह कार 0 से 100 किमी प्रति घंटा की गति 3.2 सेकंड में हासिल करने में सक्षम है और एक बार चार्ज करने पर 580 किलोमीटर तक की रेंज देने का वादा करती है।

MG Cyberster EV India Launch Details, MG Cyberster EV
Source: Google

Kia Carens Facelift

Kia Carens facelift भारत में 2025 में लॉन्च होने वाली एक और बहुप्रतीक्षित कार है। इसमें कई कॉस्मेटिक और फीचर अपडेट्स किए गए हैं, जबकि पावरट्रेन विकल्प वही रहेंगे। Kia Carens में तीन पावरट्रेन विकल्प होंगे: 1.5-लीटर नैचुरली-एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन (सिर्फ छह-स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन के साथ), 1.5-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन (जो छह-स्पीड iMT या सात-स्पीड ड्यूल-क्लच ट्रांसमिशन के साथ आएगा), और 1.5-लीटर टर्बो-डीजल इंजन (जो छह-स्पीड मैन्युअल या छह-स्पीड टॉर्क कनवर्टर ऑटोमेटिक के साथ होगा)।

Kia Carens Facelift
source: Google

Skoda Kodiaq (New Generation)

Skoda Kodiaq का नया जनरेशन भी अप्रैल 2025 में लॉन्च होने की संभावना है। यह अपने ग्लोबल मॉडल्स के अनुरूप नई स्टाइलिंग और डिजाइन के साथ आएगा। इसमें नए फीचर्स भी जोड़े जाएंगे। पावरट्रेन की बात करें तो, SUV में पिछले Kodiaq जैसा ही 2.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन होगा, और ट्रांसमिशन ड्यूटी सात-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन द्वारा की जाएगी।

Skoda Kodiaq (New Generation)
Source: Google

और पढ़ें: BYD vs Elon Musk Tesla: BYD ने टेस्ला को पीछे छोड़ते हुए 2024 में रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया, यूरोप और ग्लोबल बाजारों में मचाई धूम

Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ में हत्या की सनसनीखेज वारदात! पत्नी और बेटी ने मिल...

Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बड़गांव ग्राम पंचायत के कोसा बाड़ी में 29 मार्च को सड़क की पुलिया के नीचे एक शव मिलने से हड़कंप मच गया। यह शव पहले तो एक ब्लाइंड मर्डर का मामला प्रतीत हो रहा था, लेकिन सिटी कोतवाली पुलिस ने 36 घंटे के भीतर मामले को सुलझाते हुए आरोपी की पहचान की और हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया। चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या में शामिल आरोपी कोई और नहीं बल्कि मृतक की पत्नी और बेटी थीं।

और पढ़ें: Bajinder gets Life Imprisonment: स्वघोषित पादरी बजिंदर को आजीवन कारावास, पीड़िता और परिवार ने किया अदालत के फैसले का स्वागत

पुलिस को मिली बड़ी सफलता- Chhattisgarh Crime News

मृतक युवक की पहचान खुटरापारा निवासी अशोक कुर्रे के रूप में हुई है। पुलिस के लिए यह मामला एक चुनौतीपूर्ण ब्लाइंड मर्डर था, लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने कुछ अहम सुराग जुटाए और 36 घंटे के भीतर मामले को सुलझा लिया। पुलिस अधीक्षक रवि कुर्रे ने बताया कि 29 मार्च को सुबह-सुबह बड़गांव ग्राम पंचायत के कोसा बाड़ी में पुलिया के नीचे बोरी में एक शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। शव से अत्यधिक बदबू आ रही थी, जिसे देखकर पुलिस और डॉग स्क्वायड को मौके पर भेजा गया। शव को बोरे से बाहर निकाला गया, और पता चला कि शव काफी डेमेज हो चुका था, उसमें कम्बल और दरी लपेटी गई थी।

Chhattisgarh Crime News murder news
Source: Google

गुमशुदगी और फिर खुलासा

पुलिस ने जांच में पाया कि 21 मार्च को अशोक कुर्रे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जब शव की पहचान करने की कोशिश की गई, तो यह पुष्टि हो गई कि शव अशोक का ही था। इसके बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी और बेटी से पूछताछ की। शुरुआत में, पत्नी और बेटी ने कहा कि अशोक 21 तारीख को घर से लापता हो गया था। लेकिन जब कड़ी पूछताछ की गई, तो उन्होंने सच्चाई बताई और खुलासा किया कि अशोक अपनी पत्नी और बेटी के साथ अत्यधिक बुरा व्यवहार करता था।

हत्या की साजिश

अशोक की पत्नी और बेटी ने पुलिस को बताया कि अशोक अक्सर शराब के नशे में घर आता था और घर वालों के साथ मारपीट करता था। इसके अलावा, वह पत्नी के साथ दिन में भी शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता था। इन सब से परेशान होकर परिवार ने अशोक को मारने का फैसला किया। दोनों ने बताया कि उन्होंने हत्या के लिए बाबू खान, तौसीफ और उसकी मां की मदद ली थी, जो घर पर चूड़ियां बेचने आते थे।

Chhattisgarh Crime News murder news
Source: Google

शुरुआत में, हत्या की योजना चालीस हजार रुपये में बनी थी, लेकिन बाद में यह रकम बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दी गई। बाबू खान और तौसीफ ने रात में अशोक के घर में छिपकर उसका इंतजार किया। जब अशोक खाना खाने के बाद सो गया, तो उसे नशे की गोली दी गई। इसके बाद, बाबू खान और तौसीफ ने धारदार हथियार से अशोक पर हमला किया। उसकी मौत के बाद, शव को कम्बल में लपेटकर बोरे में रखकर बाइक से पुलिया के नीचे फेंक दिया गया।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक रवि कुर्रे ने बताया कि यह मामला बहुत ही गंभीर था, लेकिन हमारी टीम ने पूरी एकाग्रता के साथ इस मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने हत्या और साक्ष्य मिटाने के लिए धारा 103 और 228(61) के तहत मामला दर्ज किया है। इस जघन्य हत्या के मामले में पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

और पढ़ें: UP News: बांदा में नौकरी के झांसे में युवतियों के साथ दुष्कर्म, पुलिस ने मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार

Ratan TATA Will: रतन टाटा की वसीयत! परिवार, शांतनु, नौकरों और ट्रस्ट को मिली संपत्ति,...

0

Ratan TATA Will: रतन टाटा, टाटा ग्रुप के प्रसिद्ध चेयरमैन, की वसीयत अब एक बार फिर चर्चा में है। उनके निधन के बाद से उनकी अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के बंटवारे को लेकर काफी चर्चा हो रही है। 9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा का निधन हुआ था, और अब उनकी संपत्ति के बंटवारे के लिए मुंबई हाई कोर्ट में प्रोबेट प्रक्रिया शुरू की गई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य रतन टाटा की इच्छाओं को कानूनी रूप से लागू करना है, ताकि उनकी संपत्ति का वितरण उनकी वसीयत के अनुसार किया जा सके।

और पढ़ें: FASTag New Rule 2025: 1 अप्रैल 2025 से FASTag को लेकर लागू हुए नए नियम, महाराष्ट्र में अब सभी वाहनों के लिए अनिवार्य

रतन टाटा की वसीयत में क्या है? (Ratan TATA Will)

रतन टाटा की वसीयत में संपत्ति के बंटवारे का तरीका स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा परोपकारी कार्यों के लिए दान कर दिया है। अनुमान के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का करीब 3800 करोड़ रुपये दान में देने का निर्णय लिया है। इनमें टाटा संस की 0.83% हिस्सेदारी भी शामिल है, जो रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) जैसी चैरिटी संस्थाओं को जाएगी। इसके अलावा, उनकी संपत्ति में मुंबई के जुहू में स्थित 13,000 वर्ग फुट का दो मंजिला घर, अलीबाग में समुद्र किनारे का बंगला और 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स शामिल हैं, जो सभी परोपकारी कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।

Ratan Tata Will Shantanu naidu
Source: Google

परिवार और करीबी लोगों को क्या मिलेगा?

रतन टाटा ने अपनी संपत्ति के कुछ हिस्से अपने परिवार और करीबी सहयोगियों को भी दिये हैं। उनके छोटे भाई जिम टाटा को जुहू बंगले का एक हिस्सा मिला है। जिम की शादी नहीं हुई है और उनके कोई बच्चे नहीं हैं, इसलिए उनकी हिस्सेदारी सीमित है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है। रतन टाटा की सौतेली बहनों, शिरीन और डीनना जेजीभॉय को अपनी अन्य वित्तीय संपत्तियों का एक तिहाई हिस्सा मिला है, जिसमें बैंक एफडी, वित्तीय साधन, घड़ियाँ, पेंटिंग्स आदि शामिल हैं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 800 करोड़ रुपये है।

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को भी वसीयत में हिस्सा मिला है। नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन हैं। इसके अलावा, टाटा समूह के पूर्व कर्मचारी मोहिनी एम दत्ता को भी वसीयत में एक तिहाई हिस्सा दिया गया है, क्योंकि वे रतन टाटा की करीबी थी।

रतन टाटा के करीबी सहयोगी को क्या मिला?

रतन टाटा के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र शांतनु नायडू को भी वसीयत में हिस्सा मिला है। शांतनु नायडू, जो टाटा ट्रस्ट्स में डिप्टी जनरल मैनेजर रहे हैं और रतन टाटा के निजी सहायक भी रहे हैं, उन्हें स्टार्टअप “गुडफेलोज” में टाटा की हिस्सेदारी मिली है। इसके अलावा, उनका एजुकेशन लोन माफ कर दिया गया है।

Ratan Tata Will Shantanu naidu
Source: Google

नौकरों और पालतू जानवरों के लिए भी प्रावधान

रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने रसोई के नौकर राजन शॉ को भी हिस्सा दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल के लिए पर्याप्त धनराशि छोड़ी है, ताकि उसकी देखभाल सही तरीके से हो सके। इसके अलावा, रतन टाटा के बटलर सुब्बैया, जो उनके साथ लंबे समय से थे, को भी वसीयत में संपत्ति का कुछ हिस्सा मिला है। यह साबित करता है कि रतन टाटा ने अपनी पूरी ज़िंदगी में न केवल अपने परिवार बल्कि अपने करीबी सहयोगियों और कर्मचारियों के लिए भी अपनी भावनाएँ जताई हैं।

प्रोबेट प्रक्रिया क्या होती है?

प्रोबेट प्रक्रिया एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें मृत व्यक्ति की वसीयत को अदालत में प्रमाणित किया जाता है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाता है कि वसीयत वैध है और उसमें दी गई जानकारी के अनुसार संपत्ति का वितरण किया जाएगा। जब संपत्ति का मूल्य बड़ा हो या मामला जटिल हो, तब प्रोबेट प्रक्रिया को हाई कोर्ट या जिला अदालत के माध्यम से पूरा किया जाता है। रतन टाटा की वसीयत का मामला भी इस श्रेणी में आता है, क्योंकि उनकी संपत्ति का मूल्य काफी बड़ा है और इसमें कई जटिलताएँ हैं।

और पढ़ें: India denies NYT Report: भारत ने दी न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया, HAL पर लगाए गए आरोपों को किया खारिज

FASTag New Rule 2025: 1 अप्रैल 2025 से FASTag को लेकर लागू हुए नए नियम, महाराष्ट्र मे...

0

FASTag New Rule 2025: 1 अप्रैल 2025 से भारत में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया गया है, जिनमें से एक अहम बदलाव FASTag को लेकर है। पहले से ही यह टैग अधिकांश राज्यों में अनिवार्य किया जा चुका था, लेकिन अब महाराष्ट्र में भी सभी प्रकार के वाहनों के लिए FASTag का होना अनिवार्य हो गया है। इस बदलाव का उद्देश्य टोल भुगतान की प्रक्रिया को अधिक सहज और तेज बनाना है। FASTag एक छोटा RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, और यह वाहन के बैंक खाते से सीधे जुड़ा होता है, जिससे टोल भुगतान स्वतः हो जाता है।

और पढ़ें: India denies NYT Report: भारत ने दी न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया, HAL पर लगाए गए आरोपों को किया खारिज

टोल भुगतान का आसान तरीका- FASTag New Rule 2025

FASTag एक ऐसा तकनीकी समाधान है, जो ड्राइवरों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता के बिना टोल का भुगतान करने में मदद करता है। इसे इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह किसी भी टोल प्लाजा पर काम करता है, चाहे वह किसी भी कंपनी द्वारा संचालित हो। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है, क्योंकि वाहन को रुककर भुगतान नहीं करना पड़ता है। पहले से ही भारत में कई राज्यों में FASTag को अनिवार्य किया जा चुका था, लेकिन अब महाराष्ट्र में भी यह नियम लागू किया गया है।

FASTag New Rule 2025 Maharashtra
Source: Google

FASTag के बैलेंस से जुड़ा नया नियम

1 अप्रैल 2025 से लागू हुए नए नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव FASTag के बैलेंस से जुड़ा है। अब यदि किसी वाहन के FASTag के अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो वह टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएगा, और वाहन चालक को टोल भुगतान के लिए नकद भुगतान करना पड़ेगा। यह कदम NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा उठाया गया है, जो टोल भुगतान प्रक्रिया को स्वचालित बनाने के लिए NETC (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन) प्रोग्राम चला रहा है। अगर FASTag का बैलेंस कम होता है, तो यह ड्राइवर को टोल सिस्टम का लाभ नहीं लेने देगा, और उसे टोल बूथ पर जाकर नकद भुगतान करना होगा।

FASTag New Rule 2025 Maharashtra
Source: Google

FASTag को कहाँ से खरीदा जा सकता है?

FASTag को किसी भी बैंक से खरीदा जा सकता है। यह राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) सिस्टम का हिस्सा है, जो देश भर में टोल भुगतान को आसान बनाता है। एक बार यदि FASTag किसी वाहन पर लगाया जाता है, तो उसे अन्य वाहन पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। यह टैग एक प्रीपेड अकाउंट से जुड़ा होता है, और यदि अकाउंट में बैलेंस खत्म हो जाता है, तो ड्राइवर को उसे फिर से रिचार्ज करना होगा।

और पढ़ें: New Rules from 1 April: 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे ये 10 बड़े नियम! आपकी जेब और जिंदगी दोनों पर पड़ेगा सीधा असर

Bajinder gets Life Imprisonment: स्वघोषित पादरी बजिंदर को आजीवन कारावास, पीड़िता और प...

Bajinder gets Life Imprisonment: मोहाली के पॉक्सो कोर्ट ने स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के एक यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में पादरी ने पीड़िता का यौन शोषण किया था और उसके एक अंतरंग वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी थी। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (चोट पहुंचाने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत पादरी को दोषी ठहराया था। पादरी को सजा मिलने के बाद, पीड़िता और उसके परिवार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया और इसे एक बड़ी जीत के रूप में देखा।

और पढ़ें: UP News: बांदा में नौकरी के झांसे में युवतियों के साथ दुष्कर्म, पुलिस ने मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार

पीड़िता की प्रतिक्रिया: सुरक्षा की अपील – Bajinder gets Life Imprisonment

सजा सुनाए जाने के बाद पीड़िता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पादरी बजिंदर एक मनोरोगी है और अगर उसे जेल से बाहर आने का मौका मिलता है तो वह फिर से वही अपराध करेगा। उसने अदालत से अपील की कि पादरी को हमेशा के लिए जेल में रखा जाए ताकि समाज में अन्य पीड़ितों को कोई नुकसान न पहुंचे। “आज बहुत सी लड़कियों की जीत हुई है। मैं पंजाब के डीजीपी से अनुरोध करती हूं कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, क्योंकि हमें हमले का खतरा हो सकता है,” पीड़िता ने कहा।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Law Meme Society (@lawmemesociety)

पीड़िता के पति का बयान: सात साल का संघर्ष

पीड़िता के पति ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और बताया कि उन्होंने इस मामले के लिए सात साल तक संघर्ष किया। “हम पर कई बार हमले हुए, फर्जी एफआईआर दर्ज की गई, और मुझे छह महीने जेल में भी रहना पड़ा। लेकिन हम हार मानने वाले नहीं थे। आज हमें न्याय मिल गया है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि पादरी बजिंदर हमेशा अदालत को गुमराह करने की कोशिश करता था और विदेश यात्रा पर भी जाता था, जबकि अदालत ने उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा, “हमने कभी न्यायपालिका पर विश्वास नहीं खोया और अब हमें उम्मीद थी कि उसे कड़ी सजा मिलेगी।”

वकील का बयान: सख्त सजा की मांग

पीड़िता के वकील अनिल सागर ने भी अदालत से सख्त सजा की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बलात्कार के मामलों में 10 से 20 साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में पादरी के अपराध को देखते हुए उसे उच्चतम सजा दी जानी चाहिए। “यह व्यक्ति धर्म के नाम पर लोगों को बहकाता था और उनका शोषण करता था, इसलिए उसे कड़ी सजा देना जरूरी था,” वकील ने कहा।

बजिंदर सिंह के खिलाफ मामला: 2018 का यौन शोषण

यह मामला 2018 का है, जब जीरकपुर की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि पादरी बजिंदर ने उसे विदेश में सेटल कराने का वादा किया था, लेकिन इसके बदले उसने उसका यौन उत्पीड़न किया। महिला ने दावा किया था कि पादरी ने उसका एक अंतरंग वीडियो रिकॉर्ड किया था और उसे धमकी दी थी कि यदि वह उसकी मांगों को नहीं मानेगी, तो वह वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा। यह घटना उस वक्त की थी जब पीड़िता नाबालिग थी, और मामला पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में चला था।

पुलिस ने इस मामले में कुल सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें से पादरी बजिंदर को गिरफ्तार किया गया था। अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि बजिंदर ने पीड़िता के साथ गलत हरकतें की थीं, और उसके खिलाफ कोर्ट ने 2018 में ही जांच शुरू कर दी थी। जब बजिंदर लंदन जाने के लिए फ्लाइट में सवार होने की कोशिश कर रहा था, तब पुलिस ने उसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया।

और पढ़ें: Pastor Bajinder Singh found guilty: मोहाली की POCSO कोर्ट ने पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराया, सजा 1 अप्रैल को

India denies NYT Report: भारत ने दी न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया,...

0

India denies NYT Report: भारत ने सोमवार को न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें दावा किया गया था कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूस को हथियारों की आपूर्ति करने वाली एक ब्लैकलिस्टेड एजेंसी को संवेदनशील तकनीकी उपकरण बेचे थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को “तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक” बताते हुए इसे राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित करार दिया। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट ने जानबूझकर मुद्दों को विकृत किया और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

और पढ़ें: Upasana Phukan Commits Suicide: असम के पूर्व गृह मंत्री भृगु कुमार फुकन की बेटी उपासना फुकन ने की आत्महत्या, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी

विवाद की शुरुआत- India denies NYT Report

यह विवाद तब सामने आया जब न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी 28 मार्च की रिपोर्ट में दावा किया कि ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता एचआर स्मिथ ग्रुप ने HAL के माध्यम से रूस को तकनीकी उपकरणों की आपूर्ति की थी। रिपोर्ट के अनुसार, इन उपकरणों में ट्रांसमिटर्स, कॉकपिट उपकरण और अन्य संवेदनशील हिस्से शामिल थे। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि ब्रिटेन और अमेरिका ने रूस को इन उपकरणों को न बेचने का आदेश दिया था, और HAL ने इन उपकरणों को रूस की एक ब्लैकलिस्टेड एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को भेजा था।

India denies NYT Report HAL
Source: Google

भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि HAL का व्यापारिक ढांचा पूरी तरह से कानूनी और पारदर्शी है और यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि HAL ने सभी अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक व्यापार नियंत्रणों और एंड-यूज़र प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह से पालन किया है।

भारत का जवाब: रिपोर्ट को “गलत और भ्रामक” बताया

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। मंत्रालय के सूत्रों ने यह आरोप लगाया कि रिपोर्ट ने जानबूझकर मुद्दों को विकृत किया और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियों ने विदेशी वाणिज्यिक अनुबंधों में अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन किया है। “हमने इस रिपोर्ट में देखा कि इसने जानबूझकर मुद्दे को विकृत किया है और राजनीतिक नैरेटिव के अनुरूप तथ्यों को गढ़ने की कोशिश की है,” मंत्रालय के सूत्रों ने कहा।

मंत्रालय ने मीडिया संस्थानों से यह आग्रह किया कि वे किसी भी रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले उचित जांच करें, जो इस मामले में नहीं की गई। “भारत का मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा विदेशी व्यापारिक वेंचर्स को मार्गदर्शन प्रदान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि मीडिया प्रतिष्ठान ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बुनियादी सावधानी बरतें,” मंत्रालय ने कहा।

India denies NYT Report HAL
Source: Google

रिपोर्ट में क्या कहा गया था?

न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2023 से 2024 के बीच, ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता एचआर स्मिथ समूह की एक कंपनी टेकटेस्ट ने एक भारतीय कंपनी को संवेदनशील उपकरण भेजे, जो रूस की हथियार एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रमुख व्यापारिक साझीदार के रूप में पहचानी जाती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 4 फरवरी, 2024 को टेकटेस्ट ने भारत को प्रतिबंधित प्रौद्योगिकी की एक खेप बेची और कुछ दिनों बाद HAL ने समान पहचान वाले उत्पादों को रूस के लिए भेजा। हालांकि, रिपोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि रिकॉर्ड से यह साबित नहीं हुआ कि एचआर स्मिथ के उत्पाद रूस पहुंचे। रिपोर्ट में यह दिखाया गया कि भारतीय कंपनी ने एचआर स्मिथ से उपकरण प्राप्त किए और कुछ दिनों बाद समान उत्पादों को रूस भेज दिया।

और पढ़ें: Rahul Gandhi News: अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ माफ, बैंकिंग सेक्टर को लगा जबरदस्त झटका… राहुल गांधी ने लिया मोदी सरकार को आड़े हाथों

Upasana Phukan Commits Suicide: असम के पूर्व गृह मंत्री भृगु कुमार फुकन की बेटी उपासन...

0

Upasana Phukan Commits Suicide: असम के पूर्व गृह मंत्री भृगु कुमार फुकन की इकलौती बेटी उपासना फुकन ने रविवार को गुवाहाटी के खरघुली इलाके में स्थित अपने घर की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक, उपासना ने बिना किसी पूर्व सूचना के इस कदम को उठाया और मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने इस मामले को अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। उपासना की मां के साथ रहने वाली इस युवा महिला के निधन से परिवार और समुदाय में गहरा शोक है।

और पढ़ें: Rahul Gandhi News: अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ माफ, बैंकिंग सेक्टर को लगा जबरदस्त झटका… राहुल गांधी ने लिया मोदी सरकार को आड़े हाथों

मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं उपासना- Upasana Phukan Commits Suicide

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उपासना फुकन लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। उनका इलाज भी चल रहा था, और पहले भी उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी। हालांकि, इस बार उनका मां के साथ घर में रहना था और जब उनकी मां घर के कामों में व्यस्त थी, उपासना ने मौका पाकर आत्मघाती कदम उठा लिया। घटना के बाद, उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 

यो पोस्ट Instagram मा हेर्नुहोस्

 

GPlus (@guwahatiplus) ले साझा गरेको पोस्ट

परिवार और पृष्ठभूमि

उपासना के पिता भृगु कुमार फुकन 1985 में असम गण परिषद (AGP) की पहली सरकार में गृह मंत्री बने थे और असम समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में भी शामिल थे। उनका निधन 2006 में हो चुका था। उपासना अपनी मां के साथ रहती थी और अब इस दुखद घटना के बाद परिवार में शोक की लहर है। असम के कृषि मंत्री और एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा ने उपासना के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति अपनी संवेदना दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं ऐतिहासिक असम आंदोलन के प्रमुख नेता और असम के पूर्व गृह मंत्री दिवंगत भृगु कुमार फुकन की बेटी उपासना फुकन के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन से बहुत दुखी हूं।”

मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं को उजागर करती है, जो समाज में अक्सर अनदेखी होती हैं। उपासना का मामला इस बात का संकेत है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समय पर पहचान कर उनका इलाज करना कितना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां कभी-कभी इतनी गंभीर हो जाती हैं कि व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करने का कदम उठा लेता है, जैसा कि उपासना ने किया।

यदि आप या आपके किसी करीबी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना हो रहा है, तो यह जरूरी है कि मदद ली जाए। केंद्र सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए एक हेल्पलाइन और ऐप भी लॉन्च किया है, जिससे विशेषज्ञों से सहायता प्राप्त की जा सकती है। हेल्पलाइन नंबर 18008914416 पर कॉल करके या टेली मानसिक वेबसाइट (https://telemanas.mohfw.gov.in/home) से संपर्क किया जा सकता है।

और पढ़ें: Gulfam Singh Yadav Murder: उत्तर प्रदेश के संभल में बीजेपी नेता गुलफाम यादव हत्याकांड का खुलासा! साजिश, षड्यंत्र और राजनीतिक रंजिश के कारण हुई हत्या

Sikhism in Norway: नॉर्वे में सिख समुदाय की बढ़ती उपस्थिति! धार्मिक, सांस्कृतिक और रा...

0

Sikhism in Norway: नॉर्वे में सिख समुदाय की उपस्थिति पिछले कुछ दशकों में काफी बढ़ी है, और अब वहां लगभग 5000 सिख बस चुके हैं। इनमें से अधिकांश सिख ओस्लो में रहते हैं, जहां गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी और गुरुद्वारा सिख संगत जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्र सिख धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था और सेवा का केंद्र बने हुए हैं। नॉर्वे में सिखों की पहली दस्तक 1970 के दशक में हुई थी, जब पंजाब में ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद उत्पन्न तनाव और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ हुई हिंसा ने उन्हें विदेशों में स्थायित्व की ओर प्रेरित किया। इस समय के बाद नॉर्वे में सिखों की संख्या में इज़ाफा हुआ।

और पढ़ें: Sikhism in Singapore: जानें सिंगापुर में सिख समुदाय के संघर्ष, समर्पण और सांस्कृतिक धरोहर की अनकही कहानी

नॉर्वे में सिखों का योगदान- Sikhism in Norway

SikhiWiki की रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो के अलावा ड्रामेन नामक शहर में भी सिखों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जो ओस्लो से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां के लियर शहर में, जो ड्रामेन नगर निगम का हिस्सा है, उत्तर यूरोप का सबसे बड़ा गुरुद्वारा 11 अप्रैल 2010 को स्थापित किया गया था। यह गुरुद्वारा नॉर्वे में सिख धर्म के प्रसार और समुदाय के धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन गया है।

Sikhism in Norway sikhs
Source: Google

सिख समुदाय नॉर्वे की राजनीति में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। कई सिखों को स्थानीय सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, सिख समुदाय के सदस्य चिकित्सा, इंजीनियरिंग, और तकनीकी सेवाओं जैसे पेशेवर क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं।

गुरुद्वारों की भूमिका

ओस्लो में दो प्रमुख गुरुद्वारे हैं – गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी और गुरुद्वारा सिख संगत, जो न केवल धार्मिक गतिविधियों का आयोजन करते हैं, बल्कि सिख समुदाय के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र के रूप में भी कार्य करते हैं। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी ओस्लो के अलनाब्रु इलाके में स्थित है और यहां हर दिन और सप्ताह के नियमित कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें कीर्तन, प्रार्थनाएं, धर्म उपदेश और गुरु का लंगर जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इस गुरुद्वारे में सिख धर्म से जुड़े कार्यशालाओं और व्याख्यानों का आयोजन भी होता है, जिन्हें सिख समुदाय के युवा नियमित रूप से अटेंड करते हैं।

Sikhism in Norway sikhs
Source: Google

इंटरफेथ सेंटर का गठन

नॉर्वे में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए 8 नवंबर 2001 को एक ऐतिहासिक समारोह हुआ था, जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने ओस्लो घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस सम्मेलन में बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, इस्लाम, यहूदी धर्म, सिख धर्म, मानवतावाद और विभिन्न ईसाई संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, जो नॉर्वे में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया था।

राजनीतिक क्षेत्र में सिखों की भूमिका

नॉर्वे में भारतीय मूल के लोगों की राजनीतिक भागीदारी बढ़ी है। बालविंदर कौर, जो एक पंजाबी महिला हैं, ओस्लो कम्यून (नगर पालिका) की सदस्य हैं। उन्होंने सोशलिस्ट लेफ्ट पार्टी से चुनाव लड़ा था और 1980 में अपने परिवार के साथ नॉर्वे आई थीं। वे अब नॉर्वे में भारतीय समुदाय के लिए काम करने की दिशा में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं। नॉर्वे में भारतीय मूल के लोग अब स्थानीय राजनीतिक संस्थाओं में अपनी आवाज उठा रहे हैं और विभिन्न स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है।

नॉर्वे में अब तक आठ भारतीय मूल के लोग विभिन्न स्थानीय निकायों में चुनकर आए हैं, जिनमें से सात पंजाबी हैं और एक हैदराबाद से संबंधित हैं। इसके अलावा, इंडियन वेलफेयर सोसाइटी ऑफ नॉर्वे का नेतृत्व एक सिख, सुरजीत सिंह कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक नॉर्वे में भारतीय मूल का कोई सांसद नहीं है, लेकिन स्थानीय राजनीति में भारतीयों की बढ़ती भागीदारी दर्शाती है कि आने वाले समय में ये समुदाय राजनीतिक तौर पर भी और मजबूत हो सकता है।

और पढ़ें: Guru Nanak Dev Udasi yatra: गुरु नानक देव जी की ऐतिहासिक उदासी, दुनिया भर में फैला मानवता और समानता का अद्वितीय संदेश!

Nvidia Lost 1 Trillion Dollar: चीन ने बदल दी दुनिया की खेल! अमेरिकी कंपनियों को लगा ब...

0

Nvidia Lost 1 Trillion Dollar: चीन ने तीन महीने के भीतर अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों को एक बड़ा झटका दिया है, और यह बदलाव एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में दिख रहा है। इन तीन महीनों में एनवीडिया (Nvidia) जैसी दिग्गज कंपनियों को एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों की स्थिति पर बड़ा असर पड़ा है। यह घटना अमेरिका की टॉप टेक कंपनियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है, खासकर एनवीडिया के लिए, जो एआई चिप्स बनाने के लिए प्रसिद्ध है।

और पढ़ें: Elon Musk DOGE Resignation: क्या एलॉन मस्क डोनाल्ड ट्रंप की DOGE टीम से इस्तीफा देने का सोच रहे हैं? X के बॉस ने दिया बड़ा इशारा

एनवीडिया का बड़ा नुकसान– Nvidia Lost 1 Trillion Dollar

एनवीडिया, जो कभी एआई चिप्स की दुनिया का चमकता सितारा था, अब भारी नुकसान का सामना कर रहा है। जनवरी 2025 में यह कंपनी दुनिया की सबसे ऊपर थी, लेकिन अब इसकी कीमत में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। कंपनी के शेयरों में 27% तक की गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका है। एक समय था जब एनवीडिया का AI सेक्टर में एकाधिकार सा था, लेकिन अब निवेशक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या एआई का क्षेत्र अब भी आगे बढ़ पाएगा या नहीं।

Nvidia Lost 1 Trillion Dollar China
Source: Google

माइक्रोसॉफ्ट ने भी रोका काम

माइक्रोसॉफ्ट जैसी दूसरी बड़ी टेक कंपनी भी इस बदलाव से अछूती नहीं रही है। इस हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिका और यूरोप में नए डेटा सेंटर बनाने का काम रोक दिया है, जो एआई क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकेत है। माइक्रोसॉफ्ट की यह रणनीति एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के भविष्य को लेकर बढ़ते सवालों का संकेत है। बढ़ती महंगाई, घटते विश्वास और ठंडे पड़े IPO मार्केट के साथ एआई के विकास को लेकर अनिश्चितताएं बढ़ती जा रही हैं।

एनवीडिया का दबदबा घटा

एनवीडिया एआई चिप मार्केट पर लंबे समय से हावी था। पिछले साल कंपनी ने बहुत अच्छी कमाई की थी, लेकिन अब उसकी तरक्की रुक गई है। एनवीडिया की एआई चिप्स का इस्तेमाल ChatGPT से लेकर क्लाउड कंप्यूटिंग तक में होता है। हालांकि, अब एनवीडिया के शेयरों में 27% की गिरावट आई है, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही एआई में उत्साह भी ठंडा होता हुआ दिखाई दे रहा है।

Nvidia Lost 1 Trillion Dollar China
Source: Google

कोरवीव की मुश्किलें

एआई के क्षेत्र में CoreWeave नामक एक क्लाउड-कंप्यूटिंग स्टार्टअप भी अपनी सेवाएं दे रहा है। हालांकि, जब यह कंपनी IPO लेकर आई, तो लोगों का उसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखी। कंपनी को अपनी IPO की कीमत कम करनी पड़ी और शेयरों की संख्या भी घटानी पड़ी। CoreWeave के स्टॉक्स अपनी तय कीमत से भी नीचे खुले, जो एआई के बाजार में ठंडक का संकेत है।

क्या चीन ने अमेरिका की गति पर ब्रेक लगाए?

यह सवाल उठता है कि क्या चीन ने अमेरिकी कंपनियों की गति पर ब्रेक लगाया है। हाल ही में चीन के डीपसीक (DeepSeek) नामक एआई मॉडल ने दुनिया में हलचल मचा दी है। डीपसीक तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और यह सस्ता और बेहतर एआई समाधान देता है। कई कंपनियां, जो अपने एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलना चाहती हैं, अब डीपसीक को अपना विकल्प बना रही हैं, जिससे एनवीडिया पर दबाव बढ़ रहा है।

चीन की अलीबाबा कंपनी भी एआई के क्षेत्र में अमेरिका को चुनौती दे रही है। अलीबाबा की सहायक कंपनी Ant Group ने हाल ही में चीन में बनी सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल करते हुए एक नया एआई सिस्टम बनाया है। कंपनी का दावा है कि इस एआई मॉडल की कीमत सामान्य मॉडल के मुकाबले 20% कम है, जो इसे अमेरिकी मॉडल से ज्यादा किफायती बनाता है।

और पढ़ें: Trump Iftar Party: ट्रंप की इफ्तार पार्टी में मुस्लिम सांसदों को क्यों नजरअंदाज किया गया? व्हाइट हाउस में मचा विवाद!