shani vakri 2025: इस बार दिवाली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन प्रभु श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। ज्योतिष के जानकार इस बार की दिवाली को बेहद खास मान रहे हैं। वजह है 500 साल बाद शनि ग्रह का दिवाली पर वक्री होना। यानी शनि इस समय अपनी उल्टी चाल में रहेंगे, जो कि किसी भी सामान्य घटना से कम नहीं है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मों का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि शनि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जब शनि वक्री होते हैं, तो उनकी चाल धीमी हो जाती है और इसका असर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर गहराई से दिखता है। शनि की यह उल्टी चाल सभी राशियों पर अलग-अलग तरह से असर डालती है, कभी सकारात्मक तो कभी नकारात्मक। आइए, जानते हैं इस बार दिवाली पर शनि की वक्री चाल से किन राशियों को विशेष लाभ मिलेगा।
मिथुन राशि – करियर और व्यापार में प्रगति | shani vakri 2025
मिथुन राशि वाले लोगों के लिए शनि की वक्री चाल काफी शुभ साबित होगी। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होने के योग बन रहे हैं। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन मिल सकता है और व्यवसाय में साझेदारी से लाभ के नए रास्ते खुलेंगे। नई योजनाओं के कारण आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार में भी मान-सम्मान और सम्मान बढ़ेगा, जिससे मन को खुशी मिलेगी।
मकर राशि – शिक्षा और करियर में सफलता
मकर राशि के जातकों के लिए शनि वक्री का समय शिक्षा और करियर के लिहाज से बेहद अनुकूल रहेगा। जो छात्र परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिलने की संभावना है। साथ ही, नई नौकरी के मौके भी सामने आ सकते हैं। विदेश यात्रा की योजना पूरी होने के आसार हैं। आर्थिक स्थिति में अचानक सुधार होगा और परिवार में शुभ समाचार के कारण खुशियों का माहौल बनेगा।
कुंभ राशि – जिम्मेदारियों के साथ सफलता
कुंभ राशि शनि की अपनी राशि है, इसलिए वक्री शनि का प्रभाव यहां विशेष होगा। इस दौरान कुंभ राशि वाले जीवन में अधिक जिम्मेदारियां संभालेंगे, लेकिन साथ ही सफलता भी हाथ लगेगी। करियर में अचानक बड़े अवसर मिल सकते हैं, साथ ही निवेश के मामले में लाभ होगा। समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
शनि वक्री का सामान्य प्रभाव
शनि की वक्री चाल में धीमी गति के कारण जीवन में कई बदलाव आते हैं। कुछ मामलों में यह परेशानी और बाधाएं भी ला सकती है, लेकिन जो लोग धैर्य और संयम रखते हैं, उन्हें इस दौर में सफलता जरूर मिलती है। शनि की ऊर्जा नकारात्मक भी हो सकती है, लेकिन साथ ही यह हमें हमारे कर्मों की सजा या इनाम भी देती है। इसलिए इस समय संयमित रहना और अपने कामों को सही दिशा में मोड़ना बेहद जरूरी होता है।
दिवाली और शनि वक्री का खास मेल
500 साल बाद शनि का दिवाली के दिन वक्री होना इसे खास बनाता है। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि ऐसे समय पर शनि के प्रभाव में आने वाले जातकों को खास सावधानी बरतनी चाहिए। वहीं, यह समय नई शुरुआत और अपने पुराने कष्टों से छुटकारा पाने का भी माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और समाज में प्रचलित विश्वासों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत समझ और विशेषज्ञ सलाह जरूर लें।
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