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साजिद ने जिया खान से कहा था- 'टॉप और ब्रा उतारो और…', एक्ट्रेस की बहन ने किए हैरान कर देने वाले खुलासे

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साजिद ने जिया खान से कहा था- 'टॉप और ब्रा उतारो और…', एक्ट्रेस की बहन ने किए हैरान कर देने वाले खुलासे

बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर साजिश खान बीते कई सालों से विवादों में घिरे हुए हैं। कई महिलाएं साजिद खान पर मीटू के आरोप लगा चुकी हैं। एक बार फिर से साजिद खान पर कई गंभीर आरोप लगाए गए और इस बार ये आरोप दिवंगत एक्ट्रेस जिया खान की बहन ने लगाए। जिया की बहन करिश्मा ने साजिश खान को लेकर कई ऐसी बातें बोली हैं, जो आपको चौंका कर रख देंगी। करिश्मा ने सैक्युअल हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए ये कहा कि सिर्फ जिया खान ही नहीं बल्कि साजिद खान ने उनके साथ भी गलत व्यवहार किया।

करिश्मा ने किए चौंकाने वाले खुलासे

दरअसल, दिवंगत एक्ट्रेस जिया खान पर बीबीसी ने एक ड्रॉक्यूमेंट्री बनाई। हाल ही में इसका दूसरा पार्ट सामने आया है, जिसमें जिया की बहन करिश्मा ने साजिद खान को लेकर कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए। इसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें करिश्मा ने बताया- ‘रिहर्सल हो रही थी। वो (जिया खान) स्क्रिप्ट पढ़ रही थीं। उसने (साजिद खान) जिया से टॉप और ब्रा उतारने के लिए कह दिया। उस समय उसको कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, क्या ना करें। उसने कहा था कि फिल्म तो अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई और ये सब हो रहा है। इसके बाद वो घर आई और खूब रोई।’

‘नहीं की फिल्म तो…’

करिश्मा ने आगे ये भी बताया- ‘उसने कहा था कि मेरा एग्रीमेंट है, अगर मैं फिल्म को छोड़ दिया तो वो मेरे ऊपर केस कर देंगे और साथ में बदनाम भी करेंगे। वो मेरा करियर खत्म कर देंगे और अगर मैं इस मूवी को करती हूं तो मेरे साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट होगा। हर हालात में मुझे कुछ खोना ही पड़ेगा।’ करिश्मा ने कहा कि इस वजह से उसने वो फिल्म की।

करिश्मा ने बताई अपनी भी आपबीती

जिया की बहन ने आगे अपने साथ हुई घटना के बारे में भी बताया। करिश्मा बोलीं- ‘मुझे याद हैं जब मैं अपनी बड़ी बहन (जिया) के साथ साजिद खान के घर पर गई थीं। उस दौरान मैं मुश्किल से 16 साल की होगी। तब मैनें स्ट्रैपी टॉप पहना हुआ था। वो (साजिद खान) मुझे घूर रहा था और उसने कहा- ‘वो सेक्स चाहती है क्या?’ जिसके बाद जिया तुरंत ही मेरे बचाव में उतर आई और बोली कि ‘नहीं, ये क्या बकवास कर रहे हो।’ जिस पर उसने (साजिद खान) ने कहा कि ‘देखो वो किस तरह बैठी है।’ फिर जिया बोलीं- ‘नहीं वो छोटी है। तुम्हें उसके बारे में ऐसे नहीं कहना चाहिए।’ करिश्मा ने बताया कि इसके तुरंत बाद वो वहां से चले गए थे।

हाउसफुल में जिया ने किया था काम

आपको बता दें कि जिया खान ने साजिद के साथ हाउसफुल मूवी के पहले पार्ट में काम किया था। जिसमें उनके अलावा अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, रितेश देशमुख जैसे कई बड़े सितारे थे। मीटू के आरोपों में घिरने के बाद हाउसफुल फ्रेंचाइजी से साजिद खान को हटा दिया गया था। बता दें कि जिया खान ने साल 2013 में सुसाइड कर अपनी जान दे दी थीं। वो उस वक्त केवल 25 साल की थीं। जिया की मौत को 7 साल हो चुके हैं, लेकिन उनका केस अब तक नहीं सुलझ पाया।

गौरतलब है कि साल 2018 में जब मीटू मूवमेंट चला था तब बॉलीवुड के कई बड़े लोगों का नाम सामने आया था। साजिद पर भी तीन महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसमें एक पत्रकार भी शामिल थी। अब फिर से साजिद इन गंभीर आरोपों को लेकर विवादों में घिर गए हैं।

ऐसे लोग बिलकुल ना लगवाएं भारत बायोटेक की Covaxin, कंपनी ने खुद फैक्टशीट जारी कर दी पूरी जानकारी

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ऐसे लोग बिलकुल ना लगवाएं भारत बायोटेक की Covaxin, कंपनी ने खुद फैक्टशीट जारी कर दी पूरी जानकारी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत अब काफी आगे निकल गया है। देश में कोरोना की दो दो वैक्सीन लगनी शुरू हो गई, जिसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड शामिल है। 16 जनवरी से वैक्सीन लगाने का महाअभियान शुरू हुआ है और अब तक लाखों लोगों को टीका लगाया जा चुका है।

लेकिन वैक्सीन को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। वैक्सीन के बाद कुछ लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं, जिसके चलते लोगों की चिंता बढ़ी हुई है। खासकर की भारत बायोटेक पर लोग ज्यादा सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी बीच भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने कोवैक्सीन के 200 फीसदी सुरक्षित होने का दावा किया। साथ ही कंपनी की तरफ से वैक्सीन को लेकर लोगों को चेतावनी भी दी गई है।

इन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन

भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर है या फिर वो पहले से किसी गंभीर बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो वो लोग अभी कोवैक्सीन ना लगवाएं। कंपनी की ओर से एक फैक्टशीट जारी कर ये बताया गया कि किन-किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।

सोमवार को भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट के जरिए उन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी की हिदायत दी, जो कुछ समय से बुखार, एलर्जी या फिर ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो। इसके अलावा वो लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या फिर कोई दवाई ले रहे हैं या जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है, उनको भी टीका नहीं लगवाने की सलाह दी गई है।

साथ ही भारत बायोटेक ने कहा है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी कोवैक्सीन नहीं लगवा सकती। इसके अलावा किसी ने दूसरी कोई वैक्सीन ली हो या फिर किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहा हो, वो भी टीका ना लगवाएं।

वहीं इससे पहले सरकार ने कहा था कि वो लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, वो भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। लेकिन वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ऐसे लोगों पर असर थोड़ा कम देखने को मिला। वैसे आमतौर पर कीमोथेरेपी करा रहे कैंसर के पेशेंट, HIV पॉजिटिव लोग और स्टेरॉयर्ड लेने वाले लोग इम्यूनो-सप्रेस्ड होते हैं, यानी इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।

वैक्सीन लगवाने के बाद दिखे साइड इफेक्ट तो…

इसके अलावा भारत बायोटेक ने फैक्टशीट में ये भी सलाह दी कि अगर कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद किसी व्यक्ति में कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण दिखें, तो RT-PCR टेस्ट कराना पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कोविड के लक्षण दिखे भी तो वो काफी हल्के होंगे। कोवैक्सीन से एलर्जी होने की भी कम संभावना है। ऐसा केवल रेयर केस में ही हो सकता है।

फैक्टशीट में कहा गया- ‘वैक्सीन लेने के कुछ घंटों बाद कोई साइड इफेक्ट देखने को मिले, या कोरोना के लक्षण दिखाई दें। तो इसके बारे में तुरंत ही वैक्सीन लगाने वालों को जानकारी दे। इसके अलावा वैक्सीन से पहले या फिर बाद में कोई दवा ली हो तो भी इसकी सही और साफ जानकारी दी जाए।’ भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर किसी को वैक्सीन का टीका लग जाए तो इसका मतलब ये नहीं कि वो कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दूसरे मानकों का पालन करना बंद कर दें।

कंपनी ने मुआवजा का भी किया ऐलान

इसके अलावा भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद साइड इफेक्ट सामने आने पर मुआवजा देने भी बात कही है। कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन लगाने वाले शख्स से एक सहमति पत्र पर साइन कराया जाएगा। कोई अनहोनी होती है, तो कंपनी उसका मुआवजा देगी। भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन लगाने के  बाद किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, तो सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

बता दें कि भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन ट्रायल के तीसरे फेज में हैं। फिलहाल क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज के आंकड़ों को स्टडी किया जा रहा है।

Ram Mandir के नाम पर हो रही अवैध वसूली, जानिए इससे बचने और सही जगह पर दान करने का तरीका…

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Ram Mandir के नाम पर हो रही अवैध वसूली, जानिए इससे बचने और सही जगह पर दान करने का तरीका…

अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। देशभर से चंदा इकट्ठा करने के लिए कई हिंदू संगठन अभियान चला रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए लोग बढ़-चढ़कर दान करते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन इसकी आड़ में कुछ लोग अवैध वसूली भी करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हाल ही में ऐसा मामला सामने आया।

मुरादाबाद से सामने आया अवैध वसूली का मामला

राम मंदिर निधि समर्पण समिति के मंत्री प्रभात गोयल ने मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस में अवैध चंदा वसूली के लिए 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जिसमें विश्व हिंदू संगठन के पूर्व कार्यकर्ता भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने  राम मंदिर निर्माण के लिए मिलते जुलते नाम की रसीद बना ली और लोगों से अवैध रूप से चंदा लेना शुरू कर दिया।

मिलती-जुलती रसीद छापकर की जा रही वसूली

गौरतलब है कि राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने का अभियान शुक्रवार से शुरू हुआ। आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों ने इसकी जिम्मेदारी संभाली है। चंदा इकट्ठा करने के लिए राम मंदिर निधि समर्पण समिति बनाई गई है, जो लोगों को रसीद देकर धनराशि एकत्रित कर रही है। समिति के सदस्य जब मुरादाबाद में उस क्षेत्र में पहुंचे तो उनको पता चला कि कुछ लोगों ने उनसे पहले ही चंदा इकट्ठा कर लिया। इस दौरान लोगों ने उनको रसीद भी दिखाई, जो मूल रसीद से अलग थी।

इससे पहले भी राम मंदिर के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आ चुका है। बीजेपी जिलाध्यक्ष राजपाल चौहान ने एक व्यक्ति के खिलाफ उनकी और कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी की फोटो छपवाकर राम मंदिर के नाम पर चंदा लेने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। कई ऐसे मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जिसमें लोग राम मंदिर के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं।

दान से जुड़ी जानकारी के लिए जारी किए गए टोल फ्री नंबर

तो ऐसे में अगर आप राम मंदिर के चंदे के नाम पर हो रहे इस फ्रॉड से बचना चाहते हैं और मंदिर के लिए दान करना चाहते हैं..तो आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा कैसे करें।

इस तरह के फ्रॉड से लोग बच सकें, इसके लिए बैंकों के टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबर पर फोन करके आप दान करने से संबंधित सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।फ्रॉड के मामले सामने आने के बाद मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने लोगों को सचेत किया और बैकों के टोल फ्री नंबर जारी किए। चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के बैंक अकाउंट तीन बैकों स्टेट बैंक अयोध्या, बैंक आफ बड़ौदा और पंजाब नैशनल बैंक में खोले गए हैं। इन अकाउंट में ऑनलाइन राशि जमा करने के लिए अकाउंट नंबर और IFSC कोड भी दिए गए हैं।

SBI का टोल फ्री नंबर- 18001805155
पीएनबी का टोल फ्री नंबर- 18001809800

राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाई गई है, जिसका नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट। अपनी इच्छानुसार लोग ट्रस्ट में दान दे सकते हैं। ट्रस्ट में लोग अलग-अलग तरीके से दान कर सकते हैं, जिसमें कैश, अकाउंट में भेजकर या फिर ऑनलाइन दान दिया जा सकता है। ट्रोल फ्री नंबर पर कॉल करके इससे संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती हैं। दान देने के बाद रसीद भी तुरंत ही मिलेगी। इसके अलावा दान इकट्ठा करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके लिए कूपन छपवाए गए। कूपन में 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये की रसीद शामिल होगी।

क्या किसानों की टूटने लगी हैं एकता? संस्पेंड हुए चढ़ूनी, तो शिव कुमार कक्का को बता दिया 'RSS का एजेंट'

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क्या किसानों की टूटने लगी हैं एकता? संस्पेंड हुए चढ़ूनी, तो शिव कुमार कक्का को बता दिया 'RSS का एजेंट'

बीते डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से किसानों का आंदोलन लगातारी जारी है। दिल्ली कूच करते समय किसानों ने ये फैसला लिया था कि वो केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानून के वापस होने के बाद ही वापस लौटेंगे और किसान अभी भी अपने इन इरादों पर अड़े हुए हैं। ठिठुर देने वाली इस ठंड में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर अपने मजबूत हौसलों के साथ डटे हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए तीनों कानून पर रोक लगा दी और विवाद सुलझाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया। लेकिन अभी भी किसानों का यही कहना है कि वो जब तक ये कानून वापस नहीं हो जाते, वापस नहीं जाएंगें। हालांकि अब इसी बीच ऐसा कुछ हो गया, जिसकी वजह से ऐसा लग रहा है कि आंदोलन के बीच किसानों के बीच फूट पड़ने लगी हैं।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी को किया गया संस्पेंड

दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी को सस्पेंड कर दिया। ऐसा इस वजह से किया गया क्योंकि चढ़ूनी ने हाल ही में राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक की थी। ये बैठक दिल्ली में हुई थी, जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत 11 दलों के नेताओं के मौजूद थे।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी पर ये आरोप लगाए घए कि वो किसान आंदोलन का हिस्सा राजनीतिक दलों को भी बनाना चाहते हैं। जबकि शुरू से ही किसान इन सबके विरोध में हैं।

चढ़ूनी ने शिव कुमार कक्का पर साधा निशाना

वहीं अपने ऊपर लगे इन आरोपों को लेकर गुरनाम सिंह चढ़ूनी की तरफ से सफाई दी गई।  इस दौरान उन्होनें अपने ही संगठन के शिव कुमार कक्का पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें RSS का एजेंट तक बता दिया।

चढ़ूनी ने कहा कि उनके बढ़ते कद से कुछ लोग जल रहे हैं। उन्होनें ये भी कहा कि ये भी हो सकता है कि उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई की गई हो। ये संयुक्त किसान मोर्चा के आरोप नहीं हो सकते बल्कि एक व्यक्ति के आरोप हैं। शिव कुमार मक्का खुद RSS के एजेंट हैं और वो नहीं चाहते कि कोई आगे निकले। वो लंबे समय त क खुद आरएसएस की शाखा राष्ट्रीय किसान संघ के प्रमुख रहे हैं।

उन्होनें ये भी कहा कि वो नेताओं को इस आंदोलन से दूर रखना चाहते हैं। लेकिन अगर कोई नेता घर बैठे अपनी ओर से सरकार पर दबाव बनाते हैं, तो आंदोलन को इसका फायदा मिलेगा।

वहीं शिव कुमार कक्का ने इस पर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड  होने की वजह से चढ़ूनी इस तरह के बयान दे रहे हैं।  चढ़ूनी को सस्पेंड किया जा चुका है। साथ ही  उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

कल होगी अगले दौर की बातचीत

बता दें कि किसानों का ये आंदोलन नवंबर 2020 में शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। सरकार और किसानों के बीच गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। जहां एक तरफ किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं, तो वहीं सरकार कानून वापसी के सिवाए बाकी मांगों को मानने के लिए तैयार होती नजर आ  रही हैं। अब कल यानी मंगलवार 19 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच अगले दौर की बातचीत होगी। देखना होगा कि किसानों और सरकार के बीच जारी ये गतिरोध आगे क्या मोड़ लेता है…?

…जब रोहित शर्मा ने बीच मैच में लिए स्मिथ के मजे, मिला कुछ ऐसा रिएक्शन, सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो

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…जब रोहित शर्मा ने बीच मैच में लिए स्मिथ के मजे, मिला कुछ ऐसा रिएक्शन, सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जा रहा है। दोनों टीमों के लिए ये मैच काफी अहम है। ऐसे में दोनों ही टीम मैच में एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही है। मैच के चौथे दिन का खेल खत्म हो चुका है और भारत को इसमें जीत हासिल करने के लिए 324 रनों की जरूरत है। भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया टीम की दूसरी पारी का अंत 294 रनों पर कर दिया था।

रोहित ने की स्मिथ की नकल?

इस मैच में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाजी रोहित शर्मा ने कुछ ऐसा किया, जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है। मैच के दौरान ही रोहित शर्मा ने एक ऐसी हरकत की, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वो ओवर के बीच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ के मजे लेते नजर आए।

ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 41वें ओवर में ब्रेक के दौरान स्मिथ क्रीज पर थे। इस दौरान उनके साथी बल्लेबाज कैमरन ग्रीन थे। दोनों खड़े होकर कुछ बातचीत कर रहे थे। इसी बीच स्लिप में फील्डिंग कर रहे रोहित बैटिंग क्रीज पर आ गए और उन्होनें स्मिथ की तरह शैडो बैटिंग की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। इस दौरान स्मिथ भी रोहित की इस हरकत को ध्यान से देखते रहे। हालांकि रोहित वहां पर ज्यादा देर तक नहीं रुके और वापस अपनी जगह पर चले गए।

कमेंटेटर्स भी इस वाक्या को लेकर अपनी हंसी रोक नहीं पाए। कमेंट्री कर  रहे संजय मांजरेकर ने मजाकिया अंदाज में कहा- ‘स्मिथ सिर्फ देख ही रहे हैं। शायद रोहित, स्मिथ को चिढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे या शायद नहीं कर रहे।’

सिडनी टेस्ट में विवादों में घिर गए थे स्मिथ

दरअसल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे मैच में स्मिथ ने ऐसी ही हरकत की थी, जिसकी वजह से वो विवादों में घिर गए थे। इस दौरान उन पर ये आरोप लगे थे कि स्मिथ ने ऋषभ पंत के बैटिंग गार्ड के निशान को मिटाने की कोशिश की। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ और स्मिथ के खिलाफ एक्शन लेने की मांग भी उठी। हालांकि इस पूरी घटना पर स्मिथ ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि वो इस दौरान केवल शैडो बैटिंग कर रहे थे।

गौरतलब है कि चार मैचों की टेस्ट सीरीज अभी एक-एक से बराबर है। एक में ऑस्ट्रेलिया और एक में इंडिया ने अब तक जीत दर्ज की है। जबकि तीसरा टेस्ट मैच ड्रा हुआ था। जिसके चलते ये मैच दोनों टीमों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सिराज-शॉर्दुल का कमाल

सोमवार को मैच के चौथे दिन टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। सिराज ने ऑस्ट्रेलिया टीम की दूसरी पारी के आधे खिलाड़ियों को अकेले पवेलियन भेज दिया। सिराज ने इस दौरान पांच विकेट झटके। इसके अलावा शॉर्दुल ठाकुर भी 4 विकेट झटकने में कामयाब हुए। दूसरी पारी में वॉशिंगटन सुंदर को भी एक सफलता हाथ लगी। चौथे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 4 रन बना लिए और जीत के लिए अभी 324 रनों की जरूरत है।

अर्नब गोस्वामी की वायरल चैट विवाद में इमरान खान भी कूद पड़े, मोदी सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास, कहीं ये बातें…

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अर्नब गोस्वामी की वायरल चैट विवाद में इमरान खान भी कूद पड़े, मोदी सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास, कहीं ये बातें…

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की कथित लीक हुई चैट को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। अर्नब गोस्वामी की जो चैट लीक हुई है, वो BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच की Whatsapp चैट लीक हुई है, जिसके बाद इसको लेकर काफी हंगामा हो रहा है। इन चैट में पुलवामा हमले, बालाकोट एयरस्ट्राइक से लेकर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने समेत कई चीजों का जिक्र दिया।

इमरान खान ने लगाए ये आरोप

इन कथित चैट्स में कई ऐसी बाते देखने को मिली, जिसके चलते अर्नब गोस्वामी सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे है। इसी बीच पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस विवाद में कूद गए हैं। वो देश जो खुद आतंकवादियों को पालता-पोसता है, वो इन वायरल चैट के जरिए मोदी सरकार पर आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात कह रहा है।

खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये बातें कही हैं। इस मुद्दे को लेकर इमरान खान ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उन्होनें ये दावा किया कि बालाकोट स्ट्राइक के जरिए मोदी सरकार ने चुनावी फायदा उठाया और इलाके को संघर्ष की आगे में झोंक दिया।

इमरान खान ने ट्वीट में 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए एक भाषण का जिक्र करते हुए लिखा- ‘मैनें 2019 में UNGA में बात की थी कि भारत में फासीवादी मोदी सरकार ने घरेलू चुनावी लाभ  के लिए बालाकोट का इस्तेमाल किया। एक भारतीय पत्रकार की चैट से हुए ताजा खुलासे से मोदी सरकारी और भारत की मीडिया  के बीच अपवित्र सांठगांठ के बारे में पता चलता है। चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार ने पूरे इलाके को सैन्य संघर्ष की आग में झोंक दिया।’

सिर्फ इतना ही नहीं इमरान खान ने तो भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी मढ़ डाला। उन्होनें कहा कि ये खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार और भारतीय मीडिया के बीच अपवित्र रिश्‍ता है जो परमाणु हथियार से लैस इस क्षेत्र को संघर्ष की आग में झोंकना चाहता है। इमरान ने मोदी सरकार पर फासीवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की ये गुजारिश

एक ट्वीट में पाकिस्तानी पीएम ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर मदद की मांग भी की। उन्होनें कहा- ‘मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि मेरी सरकार, मोदी सरकार के फासीवाद को उजागर करती रहेगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के लापरवाह, सैन्य एजेंडो को रोकें। इससे पहले कि मोदी सरकार की भयावहता हमारे क्षेत्र को एक ऐसे संघर्ष में धकेल दें, जिसे नियंत्रित नहीं कर सकें।’

क्या था अर्नब की लीक चैट में…?

गौरतलब है कि हाल ही में अर्नब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ के बीच चैट्स में पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर कुछ ऐसी बातें सामने आई, जो चौंकाने वाली हैं। वायरल हो रही इन चैट्स को पढ़कर ऐसा लग रहा है कि अर्नब गोस्वामी पहले से ही बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में जानते थे।

23 फरवरी 2019 की वायरल हो रही चैट्स के मुताबिक अर्नब तत्कालीन BARC सीईओ पार्थ दासगुप्ता से कहते है कि ‘कुछ बड़ा होने वाला है।’ जिसके बाद उनसे पूछा जाता है कि क्या ये दाऊद के बारे में है? तो इसके जवाब में वो लिखते हैं- ‘नहीं सर, पाकिस्तान। इस बार कुछ अहम होने जा  रहा है।’ फिर पार्थ दासगुप्ता अर्नब से स्ट्राइक का भी जिक्र करते हैं, जिसमें बाद गोस्वामी बोलते हैं- ‘नॉर्मल स्ट्राइक से बड़ी स्ट्राइक होने वाली है। उसी समय कुछ कश्मीर में भी अहम होगा।’ ये चैट 23 फरवरी 2019 की है और इसके तीन दिन बाद यानि 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक हुई थी। जिसकी वजह से सवाल उठ रहे हैं।

ये चैट्स TRP घोटाले मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट का हिस्सा हैं।

क्या कोरोना वैक्सीन लगवाने की वजह से मुरादाबाद में वार्ड बॉय की हुई मौत? सामने आ गई असल वजह

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क्या कोरोना वैक्सीन लगवाने की वजह से मुरादाबाद में वार्ड बॉय की हुई मौत? सामने आ गई असल वजह

16 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान शुरू हो गया। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही हैं। वहीं यूपी के मुरादाबाद से वैक्सीन लगाने के बाद एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने टेंशन बढ़ा दी। दरअसल, वैक्सीन लगाने के बाद मुरादाबाद में एक वार्ड बॉय की मौत हो गई। जिसकी वजह से वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगे।

वैक्सीन लगवाने के बाद बिगड़ी तबीयत

मुरादाबाद के जिला अस्पताल में वार्ड ब्‍वॉय के तौर पर काम करने वाले 46 वर्षीय महिपाल सिंह की रविवार को अचानक ही तबीयत खराब हो गई और उसके बाद उनकी मौत हो गई। महिपाल के परिजनों ने ये आरोप लगाया कि टीकाकरण अभियान के दौरान उन्होनें 16 जनवरी को वैक्सीन लगवाई थी और टीके की वजह से ही उनकी मौत हुई।

हार्ट अटैक बताई जा रही मौत की वजह

लेकिन अब महिपाल सिंह की मौत की असल वजह सामने आई है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एमसी गर्ग ने परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया और बताया कि महिपाल की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई। इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है।

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने भी महिपाल की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई। साथ ही उन्होनें ये भी कहा कि महिपाल की मौत वैक्सीन लेने के बाद हुई ऐसी अफवाह फैलाने वाले के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

परिवार ने वैक्सीन को बताया मौत की वजह

बता दें कि वार्ड बॉय महिपाल सिंह को शनिवार को वैक्सीन लगाई गई थी। वैक्सीन लगने के बाद वो घरे चले गए थे। लेकिन घर पर जाकर अचानक ही उनकी तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद महिपाल को फौरन ही अस्पताल लेकर जाया गया। लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही वो दम तोड़ चुके थे।

महिपाल के परिवारवालों ने ये आरोप लगाया कि टीका लगाने से पहले उनकी मेडिकल जांच नहीं की गई। महिपाल के बेटे से कहा कि वैक्सीन लगने के बाद उनके पिता की हालात पहले की तरह सामान्य नहीं थी। वैक्सीन लेने के बाद उन्हें बुखार आया और फिर लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती रही। महिपाल के बेटे विशाल के मुताबिक उनको सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वैक्सीनेशन के बाद महिपाल की सांसे फूल रही थी।

‘वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं’

महिपाल की मृत्यु के बाद मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एससी गर्ग उनके घर भी पहुंचे। उन्होनें कहा कि महिपाल को सीने में  जकड़न और सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते उनको अस्पताल लेकर जाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई।

परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों पर CMO ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया। कुछ लोग ये अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वैक्सीन की वजह से मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक सामने आई है। इसका वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं।

कई लोगों में दिख रहे साइड इफेक्ट

गौरतलब है कि देश में अब तक 2 लाख से भी अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वैक्सीन लगने के कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि अब तक कुल 447 लोगों में वैक्सीन लगने के बाद साइड इफेक्ट देखने को मिले, जिसमें से 3 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वहीं इससे पहले दिल्ली में 52 हेल्थ वर्कर्स में वैक्सीन लगने के बाद साइड इफेक्ट देखने को मिले। जिसमें से कुछ ने एलर्जी, तो कुछ ने घबराहट की शिकायत की।

2021 के जनवरी महीने में देश में दो कोरोना वैक्सीन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी। हालांकि मंजूरी मिलने के बाद इस पर काफी विवाद भी हुआ। कई लोगों ने वैक्सीन के असरदार होने पर सवाल खड़े किए। कई विपक्षी नेताओं ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाए थे।

'तांडव' के पहले एपिसोड के 17वें और 22वें मिनट पर ऐसा क्या दिखाया गया, जिसको लेकर लखनऊ में दर्ज हुई FIR? जानिए…

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'तांडव' के पहले एपिसोड के 17वें और 22वें मिनट पर ऐसा क्या दिखाया गया, जिसको लेकर लखनऊ में दर्ज हुई FIR? जानिए…

अमेजन प्राइम पर 15 जनवरी को रिलीज हुई वेब सीरीज ‘तांडव’ के खिलाफ लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वेब सीरीज के रिलीज होते ही इस पर हंगामा होना शुरू हो गया। सीरीज में दिखाए गए कुछ सीन्स पर लोग आपत्ति जता रहे है। वहीं इसी बीच सीरीज के मेकर्स की परेशानी लगातार बढ़ी हुई हैं।

लखनऊ में दर्ज हुआ केस

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ‘तांडव’ को लेकर कई लोगों पर केस दर्ज कराया गया है। हजरतगंज थाने में तैनात एसएसआई अमरनाथ यादव ने अमेजन प्राइम वीडियो की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित समेत वेब सीरीज के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्णा मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और एक अन्य के खिलाफ ये केस दर्ज कराया। ये केस धारा 153A, 295, 505 (1)(b), 505(2), 469, 66, 66f, 67 के तहत दर्ज किया गया। केस दर्ज कराते हुए ‘तांडव’ वेब सीरीज में क्या आरोप लगाए गए, आइए इसके बारे में भी आपको बता देते हैं…

जानिए लगे है क्या क्या आरोप?

इसमें ये आरोप लगाए गए है- ‘वेब सीरीज के पहले एपिसोड के 17वें मिनट पर हिंदू देवी-देवताओं का बेहद गलत तरीके से रूप धारण कर धर्म से जोड़कर अमर्यादित तरीके से देवी-देवताओं को बोलते हुए दिखाया गया और निम्न स्तरीय भाषा का प्रयोग किया गया, जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला एवं आघात पहुंचाने वाला है।’

इसमें ये भी कहा गया- ‘सीरीज के पहले एपिसोड में  22वें मिनट में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले संवाद हैं। ऐसे संवाद और भी एपिसोड में मौजूद हैं। सीरीज में भारत के प्रधानमंत्री जैसे गरिमामय पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चित्रण अत्यंत अशोभनीय ढंग से किया गया।’

शिकायत में आगे ये आरोप लगाए गए- ‘वेब सीरीज में जातियों को छोटा बड़ा दिखाकर विभक्त करने वाले और महिलाओं का अपमान करने वाले दृश्य हैं और वेब सीरीज की मंशा एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वर्ग विद्वेष फैलाने की है।’

FIR में लिखा है- ‘वेब सीरीज का इंटेरनेट के जरिए काफी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जो समाज के लिए हानिकारक है। सीरीज के निर्माता-निर्देशक ने ये जो कृत्य किया, वो धार्मिक और जातिगत भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और भड़काने तथा शासकीय व्यवस्था को क्षति पहुंचाने एवं अश्लीलता फैला रहा है।’

अमेजन से मांगी गई सफाई

गौरतलब है कि रिलीज होते ही तांडव वेब सीरीज विवाद में घिरी हुई हैं। विवादित सीन्स की वजह से इसे बैन करने की मांग उठ रही है। धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में घिरी वेब सीरीज को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अमेजन प्राइम से जवाब मांगा है। मंत्रालय ने सोमवार तक जवाब देने को कहा।

इस वेब सीरीज में एक्टर सैफ अली खान के साथ डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, डिनो मोरिया, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अय्यूब, गौहर खान और कृतिका कामरा नजर आ रहे हैं।

किस सीन को लेकर हो रहा विवाद?

बता दें कि तांडव के पहले एपिसोड में ही एक सीन है, जिसको लेकर ये पूरा विवाद हो रहा है। एक्टर मोहम्मद जीशान आयूब भगवान शिव के कैरेक्टर में नजर आ रहे हैं। इस दौरान वो यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधन करते हुए गलत शब्दों का करते है। इस बात को लेकर ही पूरा हंगामा हो रहा है। वेब सीरीज पर दलित विरोधी और हिंदू विरोधी होने के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार इस बैन और बॉयकाट करने की मांग उठाई जा रही है। साथ ही साथ वेब सीरीज से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने की मांग भी उठ रही हैं।

जानिए कैसा रहेगा 18 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 18 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता. वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है. तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 18 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा

मेष राशि- आपका आज का दिन मिला-जुला बीतेगा. परिवार में हंसी-खुशी का माहौल रहेगा. किसी करीबी की बातें आज आपको ठेंस पहुंचा सकती है.

वृषभ राशि- आपका दिन सामान्य बीतेगा. पुरानी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. मन थोड़ा परेशान रहेगा. आज के दिन हर परिस्थिति में जीवनसाथी का साथ मिलेगा.

मिथुन राशि- आपका दिन बढ़िया बीतेगा. मनचाहे काम पूरे होंगे. मेहनत अनुसार फल मिलेगा. किसी भी काम में जल्दबाजी दिखाना भारी पड़ सकता है.

कर्क राशि- आपका दिन अच्छा रहेगा. कार्यक्षेत्र से अच्छी खबर मिलेगी. नए चीजें खरीदने का मन बना सकता है. छात्रों को अधिक मेहनत करने की जरूरत है.

सिंह राशि- आपका दिन ठीक-ठाक बीतेगा. कामकाज के सिलसिले में बेहतर परिणाम मिलेंगे. घर का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण रहेगा. माता-पिता का स्वास्थ्य आपकी चिंता बढ़ा सकता है.

कन्या राशि- आपका दिन शानदार बीतेगा. लंबे वक्त से चले आ रहे विवादों से आज छुटकारा मिलने की उम्मीद है. आज के दिन किसी से भी झगड़ा मोल ना लें. अपने गुस्से पर काबू रखें.

तुला राशि- आपका दिन बहुत बढ़िया बीतेगा. रुके हुए पैसे वापस मिलेंगे. परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे. विदेश से अच्छी खबर मिलने के आसार है.

वृश्चिक राशि- लंबे वक्त से रुके हुए काम पूरे होंगे. कार्यक्षेत्र में चली आ रही परेशानी दूर होगी. गृहस्थ जीवन सामान्य रहेगा. संतान की तरफ से कोई परेशान करने वाली खबर मिल सकती है.

धनु राशि- आज के दिन आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. व्यापार में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. रिश्तेदारों का साथ मिलेगा.

मकर राशि- आपका दिन मिला-जुला बीतेगा. जीवनसाथी के साथ आज झगड़ा होने के आसार है. आज के दिन आपको भविष्य की चिंता सताएगी. दोस्तों के साथ दिल की हर बात को शेयर करें.

कुंभ राशि- आपका दिन बहुत अच्छा बीतेगा. इनकम बढ़ने के आसार है. पुरानी परेशानी दूर होगी. लव लाइफ में सुधार होगा.

मीन राशि- दिन की शुरुआत परेशानियों से होगी. बने बनाए काम बिगड़ सकते है. आज आपके मन में नकारात्मक विचार आएंगे. पूजा-पाठ में मन लगेगा.

क्या है रेलवे का ऐतिहासिक DFC प्रोजेक्ट? इसके कैसे होगा आपको फायदा? जानिए सबकुछ

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क्या है रेलवे का ऐतिहासिक DFC प्रोजेक्ट? इसके कैसे होगा आपको फायदा? जानिए सबकुछ

आजाद भारत का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, जिसके पूरा होते ही देश में फैली महंगाई 50 फीसदी तक कम हो जाएगी। जिसके आने के बाद आपकी जरूरत का सामान आपके पास 24 घंटे में पहुंच जाएगा और वो भी पुराने दामों से कई गुणा कम पर…जी हां, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले साल 2022 में एक ऐसी ही परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिसका सपना भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देखा था।

आजाद भारत के सबसे बड़ी परियोजना का नाम है, Dedicated Freight Corridor project। इंडियन रेलवे में रफ्तार लाने के लिए साल 2006 में इस परियोजना की शुरूआत की गई थी। लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये परियोजना कुछ वक्त के लिए रूक गई। मगर अब पीएम मोदी ने इस परियोजना को पूरा करना का मन बना लिया। इस परियोजना के लिए Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited बनाया गया है जो इस पूरे प्रजोक्ट की देखरेख करेगा।

81 करोड़ से ज्यादा लागत

81,459 crore रुपये की लागत से पूरे होने वाली इस परियोजना को अभी दो अलग अलग फेस में बनाया जा रहा है। Western Dedicated Freight Corridor और eastern Dedicated Freight Corridor।  क्या है ये प्रोजेक्ट, और क्यों जरूरी है भारत के विकास के लिए…भारत की तरक्की में इसका क्या अहम रोल होगा… क्यों बनाया जा रहा है ये प्रोजक्ट…इन सभी पर चर्चा करेंगे।

क्या है Dedicated Freight Corridor ?

सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि क्या है Dedicated Freight Corridor project। Dedicated Freight Corridor भारतीय रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजक्ट है, ये उन मालगाड़ियों को रफ्तार देने के लिए बनाया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद जो मालगाड़ियां 30 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है वो 80 से 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी।

क्या इससे होगा फायदा?

आसान भाषा में समझे तो अब इंडियन रेलवे में पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ियों, दोनो के लिए एक ही ट्रैक है। और पैसेंडर ट्रेन को रास्ता देने के लिए मालगाड़ियों को कई घंटो तक खड़ा रहना पड़ता है। इसके कारण मालगाड़ियां जो कि 24 घंटे में अपने गणतव्य तक पहुंचनी चाहिए थी वो कई दिनो में पहुंचती है। इस कारण इसका खर्च भी बढ़ जाता है जिससे सामान के दाम की वैल्यू भी बढ़ जाती है। जो मंहगाई का एक बड़ा कारण है।

लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बनाए जा रहे है, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इंजन से चलेंगे। साथ ही इन मालगाड़ियों में डबल डेकर कंटेनर रख कर सामान को गणतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। जिससे सामान जल्दी और ज्यादा मात्रा में पहुंचेगा। इस परियोजना के लागू होने के बाद पैसेंजर ट्रेन को भी लाभ होगा।

कैसे करेगा काम?

इस परियोजना को 2 अलग अलग फेस में बनाया जा रहा है। Western Dedicated Freight Corridor और eastern Dedicated Freight Corridor।

फिल्हाल Western Dedicated Freight Corridor पूरा होने वाला है, जिसे साल 2022 में शुरू करने की भी योजना है। तो वहीं Eastern Dedicated Freight Corridor को साल 2024 में पूरा करना का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में करीब 81,459 crore रूपये की लागत आ रही है। जो अब तक का सबसे महंगा प्रोजक्ट है।

Western Dedicated Freight Corridor 1504 किलोमीटर लंबा है जो कि यूपी के दादरी से शुरू होकर महाराष्ट्र के जेएन पोर्ट मुम्बई तक जाएगी। तो वहीं Eastern Dedicated Freight Corridor सोहनेवाला लुधियाना पंजाब से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दखुनी बंदरगाह तक जाएगा। ये 1856 किलोमीटर लंबा है।

इसके लिए बनने वाले रेलवे ट्रैक को पूरी एडवांस टेक्नॉलॉजी के साथ बनाया जाता है। इंडियन रेलवे और डीएफसी के मालगाड़ी रेलवे ट्रैक में एक उचित दूरी बनाई गई, जो कि सामान्य दूरी का दोगुना है। ताकि जब फ्रेट ट्रेन सामान लेकर जाए तो इसका प्रभाव दूसरे ट्रेनों पर न पड़े। डीएफसी में कही भी लेबल क्रॉसिंग नहीं दी गई है। इसमें या तो पुल बनाए गए है या फिर सुरंग बनाई गई है। ताकि इसकी गति पर प्रभाव न पड़े।

इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हरियाणा के सोहना में अरावली पर्वत की पहाड़ियों के बीच से करीब 1 किलोमीटर की सुरंग बनाई गई ताकि परियोजना में कोई बाधा न आए। जबकि रिपोर्ट की मानें तो अगर पर्वत के पास से घुमाकर ले जाया जाता तो इसमें 40 किलोमीटर दूरी और बढ़ जाती। लेकिन ऐसा करने के बजाए सुरंग बना दी। इस सुरंग को इलेक्ट्रिक डबल स्टेक कंटेनर को ले जा सके…उतना ऊंचा बनाया गया है।

क्या-क्या होगी खासियत?

इस पूरे इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम की देखरेख के लिए प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। जिसमें पूरी तरह से नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसी के साथ कुछ प्रेसिडींग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। जहां जरूरी ट्रेनों को पहले आगे जाने के लिए सिग्नल दिए जाएंगे। डीएफसी की लूप लाइन को भी 2 किलोमीटर बनाई जा रही है। ताकि कम से कम 2 किलोमीटर ट्रेन बनाई जा सकी। डीएफसी के ट्रेक को बनाने के लिए नई तकनीक वाले ट्रेकिंग मशीन को लाया गया जो रोजाना 1.5 किलोमीटर ट्रैक बिछाती है। इसे ऑटोमेटिक ट्रेन लेन मशीन कहा जाता है। इसके ट्रैक बिछाने के लिए फिश प्लेट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यानि की गैपिंग नहीं है।

इसमें हादसे को रोकने और स्पीड को बरकरार रखने के लिए ऑटोमेटिक सिग्नलिंग का इस्तेमाल किया गया है। जो कि हर एक किलोमीटर पर लगाया गया। इसमें 4 लाइट लगे है एक रेड, एक ग्रीन और 2 येलो। यानि कि अगर कोई ट्रेन 3 किलोमीटर की दूरी पर है तो ऑटोमेटिक 2 येलो लाइट जल जायेंगे यानि कि ये संकेत होगा कि ट्रेन की स्पीड को 60 किलोमीटर प्रति घंटा कर लिया जाए। तो वहीं एक येलो लाइट का मतलब है कि 30 की स्पीड से गाड़ी चलानी है।

डीएफसी के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रेनों में डबल Wag 12 इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। 2 किलोमीटर की ट्रेन होने के कारण बीच में एक Wag 9 इंजन लगाया गया था कि कपलिंग पर इसका ज्यादा प्रभाव ना पड़े। साथ ही ब्रेक लगाने की सूरत में ये डिब्बों के बीच संतुलन बनाए रख सकें।

आपको बता दें कि इंडियन रेलवे को 63 प्रतिशत कमाई फ्रेट ट्रेनों से होती है, इसलिए सरकार डीएफसी के रेलवे ट्रैक के आसपास इंडस्ट्री खड़े करने की भी प्लानिंग है। जिससे लॉडिंग अनलॉडिंग आसान हो जाए। इसके अलावा इन ट्रेनों के लिए अलग से रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे है। ताकि वहां पर आसानी से लॉडिंग अनलॉजिंग किया जा सके।

इसी के साथ बंदरगाहों के आसपास लॉजिस्टिक पार्क में भी डीएफसी के रेलवे स्टेशन बनाने की तैयारी चल रही है..ताकि अधिक संख्या में कंटेनर सीधा बंदगाहों में रखे जा सके। और इनका आयात निर्यात जल्द से जल्द हो सके। बता दें कि फिलहाल यहां तक सीधा कंटेनर को पहुंचाने के लिए रेल लाइन नहीं बिछाई गई थी, लेकिन अब इस परियोजना में पार्क में ही रेल लाइन बिछाई जा रही है। जिससे सीधा कंटेनर बंदरगाहों के लॉजिस्टिक पार्को तक पहुंच जाएं।

डीजल इंजन के बजाए एल्सस्टर्न कंपनी ने wag 12 नाम का इलेक्टॉनिक इंजन बनाया गया। इस इंजन को डबवल स्टक वाली ट्रेनों को चलाने के लिए बनाया गया जिससे डीजल का खर्च बंद हो जाएगा। इन इंजन से भारत सरकार की 12 हजार करोड़ रूपये बचत सलाना होगी।
इन दोनों परियोजना के तहत दो और डीएफसी परियोजना है, लेकिन फिलहाल वो प्रस्तावित है। लेकिन इन दोनों पर काम जारी है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले साल में ये परियोजना पूरी हो जाएगी, जिसके बाद देश की उन्नति नए शिखर पर पहुंच जाएगी।