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Lohri 2021: लोहड़ी के दिन आग जलाने की क्या है वजह? क्या आप जानते हैं इस पौराणिक कथा के बारे में?

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Lohri 2021: लोहड़ी के दिन आग जलाने की क्या है वजह? क्या आप जानते हैं इस पौराणिक कथा के बारे में?

13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इसकी सबसे ज्यादा धूम पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है। क्योंकि लोहड़ी पंजाबियों का खास त्योहार होता है। लोहड़ी के दिन शाम को अग्नि जलाई जाती है, जिसमें तिल, गजक, मूंगफली, गुड़ और रेवड़ी जाती हैं। नई शादी हुई हो या फिर बच्चा हुआ हो, तो उन्हें लोहड़ी पर विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी काफी खास होती है। रिश्तेदारों, पड़ोसियों के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाया जाता है।

लोहड़ी मनाने की शुरुआत कई वर्षों पहले फसल की बुआई और उसकी कटाई से जोड़कर की गई। इस दिन पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है। वहीं, अलाव जलाकर इसके आसपास लोग नाचते हैं। इस त्योहार को नई शादी या बच्चे के जन्म के बाद बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। लोहड़ी को बहुत सी जगह तिलोड़ी भी कहा जाता है।

ऐसे मनाई जाती हैं लोहड़ी

लोहड़ी के दिन चौराहों या खुली जगह पर शाम के बाद लोहड़ी जलाई जाती है। इस दौरान जलती अग्नि में लोग तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली भी डालते हैं। इसके अलावा पुरुष आग के पास भांगड़ा करते हैं, तो वहीं महिलाएं गिद्दा करती हैं। लोहड़ी के दिन सभी रिश्तेदार और दोस्त एक साथ मिलकर डांस कर काफी धूम-धाम से इस त्योहार जश्न मनाते हैं।

क्या है आग जलाने के पीछे पौराणिक कथा?

लोहड़ी के दिन आग जलाई जाती हैं, ये तो हर कोई जानता है। लेकिन ऐसा करने के पीछे की वजह क्या है? इसके बारे में कम ही लोगों को पता होगा। लोहड़ी पर आग जलाने के पीछे पौराणिक कथा है, एक दिन राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया था और उन्होंने अपने दामाद शिव और पुत्री सती को निमंत्रण नहीं दिया। जिस पर उनकी बेटी सती नाराज हो गई और अपने पिता के पास जवाब लेने पहुंच गई। जहां पहुंचने पर वो अपने पति शिव की निंदा को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने खुद को उसी यज्ञ में भस्म कर दिया। सती की मृत्यु की खबर मिलने पर शिव जी ने वीरभद्र को उत्पन्न कर यज्ञ का विध्वंस करा दिया। ऐसा किसी और बेटी के साथ ना हो, इस वजह से ही लोहड़ी के दिन आग जलाने की परंपरा चली रही हैं। साथ ही लोहड़ी पर बेटी और दामाद को आमंत्रित किया जाता है।

Team India की बड़ी समस्या: 9 खिलाड़ी चोटिल…कैसे चुनी जाएगी आखिरी टेस्ट मैच के लिए प्लेइंग 11?

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Team India की बड़ी समस्या: 9 खिलाड़ी चोटिल…कैसे चुनी जाएगी आखिरी टेस्ट मैच के लिए प्लेइंग 11?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच ड्रा हुआ। सीरीज फिलहाल एक-एक से बराबर है। सिडनी में खेले गए मुकाबले में टीम इंडिया ने कंगारुओं के जीतने के इरादे पर पानी फेर दिया और मैच को ड्रा कराया। लेकिन इस शानदार प्रदर्शन के बाद ब्रिस्बेन में खेले जाने वाले मैच से पहले कई समस्याएं आ गई है।

पहले ही बाहर हो चुके हैं ये खिलाड़ी

दरअसल, टीम इंडिया के एक के बाद एक खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं, जिसकी वजह से प्लेइंग 11 में किस खिलाड़ी को लिया जाए, इसकी परेशानी हो रही है। इस टेस्ट सीरीज के दौरान टीम इंडिया के 9 खिलाड़ी चोटिल हुए हैं, जिसमें से मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, हनुमा विहारी सीरीज से बाहर हो गए।

बुमराह के मैच खेलने पर सस्पेंस

वहीं खबरें ये भी सामने आ रही हैं कि टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी सीरीज से बाहर हो चुके हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान बुमराह पेट में खिंचाव की वजह से चौथे टेस्ट से बाहर बताए जा रहे हैं। उनको ये खिंचाव सिडनी टेस्ट के दौरान आया। बताया जा रहा है कि भारतीय टीम प्रबंधन इंग्लैंड के खिलाफ आगामी घरेलू सीरीज को देखते हुए उनकी चोट बढ़ने का जोखिम नहीं उठाना चाहती।

ये खिलाड़ी हैं चोटिल

सिर्फ इतना ही नहीं कई खिलाड़ी चोट का सामना कर रहे हैं, जिसमें आर अश्विन, केएल राहुल, मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत का नाम शामिल हैं। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में पंत चोटिल हुए थे, लेकिन  इसके बावजूद वो दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने मैदान में उतरे। पंत ने इस दौरान 97 रनों की शानदार पारी भी खेली।

कृषि कानून पर ‘सुप्रीम’ फैसला: कोर्ट ने लगाई रोक…अब आगे क्या होगा? क्या किसान वापस लेंगे आंदोलन या फिर…

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कृषि कानून पर ‘सुप्रीम’ फैसला: कोर्ट ने लगाई रोक…अब आगे क्या होगा? क्या किसान वापस लेंगे आंदोलन या फिर…

पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से जारी नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार और किसानों के बीच इस मामले को लेकर लगातार टकराव देखने को मिल रहा है। इस बीच पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस पर बड़ा फैसला लिया गया है। सोमवार को ही कोर्ट ने ऐसे संकेत दे दिए थे कि वो इन कानूनों पर रोक लगा सकता है।

कोर्ट की बनाई कमेटी में कौन कौन शामिल?

आज यानी मंगलवार को वही हुआ। देश की सर्वोच्च अदालत ने इन कानूनों पर रोक लगा दी। कोर्ट के अगले आदेश तक ये तीनों कानून लागू नहीं रहेंगे। साथ ही इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए कोर्ट की तरफ से चार सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है। कमेटी के सदस्यों के बारे में अगर बात करें तो इसमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के. जोशी शामिल हैं।

ये कमेटी सरकार और किसानों के बीच विवाद सुलझाने की मध्यस्थता नहीं करेगी, बल्कि इस पर कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधा सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी और कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने तक कानूनों पर रोक जारी रहेगी।

किसानों ने क्यों किया कमेटी के गठन का विरोध?

किसानों ने कमेटी के गठन का विरोध किया और कहा कि वो कानून वापस चाहते हैं और कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। जिस पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए ये कहा कि अगर समस्या का हल चाहते हैं तो कमेटी के सामने पेश होना पड़ेगा। कमेटी के सामने हर मसले को रखा जा सकता है।

वहीं इसके अलावा किसानों के वकील ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की इजाजत देने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन के लिए पुलिस कमिश्नर से किसान परमिशन लेने के लिए आवेदन दे सकते हैं, इसके लिए हम ऑर्डर जारी करेंगे। इसके अलावा किसान संगठन के वकील ने ये बताया कि महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चें दोलन में शामिल नहीं होंगे, उनको वापस भेज दिया जाएगा। सोमवार को इस पर कोर्ट ने चिंता जताई थीं।

‘कानून रद्द करने की  थी मांग’

वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत का कहना है कि कोर्ट ने किसानों के लिए जो सकारात्मक रुख दिखाया, उसके हम आभारी है। लेकिन किसानों की मांग कानून को रद्द करने की और MSP पर कानून बनाने की है। इस मांग के पूरा होने तक आंदोलन जारी रहेगा। कोर्ट के आदेश पर आगे की रणनीति बनाकर फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को इस मसले को लेकर काफी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि जिस तरह इस पूरे मामले को सरकार ने हैंडल किया, उससे वो खुश नहीं।

आंदोलन होगा खत्म या रहेगा जारी?

गौरतलब है कि बीते साल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तीन नए कानून लेकर आई थी। सरकार ने इन कानूनों को किसानों के हित में बताया। लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे थे। 26 नवंबर को किसानों ने कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया और अपना आंदोलन शुरू किया। बीते डेढ़ महीने से कड़कड़ाती ठंड और कोरोना काल के बीच किसानों का ये आंदोलन जारी है।

किसान नेताओं और सरकार के बीच मसले को सुलझाने के लिए कई दौर की बैठकें भी हो चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल पाया। किसान कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े रहे। जबकि सरकार इसमें किसानों के मुताबिक संशोधन करने की बात कहने लगी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाने के लिए एक पहल की। देखना होगा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद किसान क्या फैसला लेते हैं। वो इस आंदोलन को वापस लेते हैं या फिर इसे ऐसे ही जारी रखते हैं?

ऐसी दीवानगी: इस शख्स ने शाहरुख के बंगले मन्नत के बाहर डाला डेरा…बस पूरी करना चाहता है अपनी ये ख्वाहिश

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ऐसी दीवानगी: इस शख्स ने शाहरुख के बंगले मन्नत के बाहर डाला डेरा…बस पूरी करना चाहता है अपनी ये ख्वाहिश

बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करते हैं। दिल्ली का एक लड़का अपनी काबिलियत और मेहनत की बदौलत बॉलीवुड का बादशाह बन गया। शाहरुख की फैन फॉलोइंग ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी हैं। सुपरस्टार के फैंस उनकी एक झलक पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं। वो घंटों तक उनके घर के बाहर खड़े भी रहते हैं। लेकिन इस बार एक अलग मामला सामने आया है। इस बार शाहरुख के बंगले मन्नत के बाहर कोई फैन नहीं बल्कि एक फिल्म मेकर डेरा जमाकर बैठ गया। इसकी वजह क्या है, आइए इसके बारे में आपको बताते हैं…

शाहरुख के लिए मूवी बनाना है फिल्मकार 

जयंत सीगे नाम का के एक व्यक्ति बेंगलुरु ने मुंबई ने आकर अपने एक सपने को पूरा करना चाहता था। फिल्म डायरेक्टर शाहरुख के साथ एक मूवी बनाना चाहता है और इसलिए ही वो किंग खान के बंगले के आगे डेरा जमाकर बैठ गया। सोशल मीडिया पर उसने अपनी कुछ वीडियोज और फोटोज भी शेयर किए, जिसमें वो अपनी ख्वाहिशों के बारे में बता रहा था।

मूवी का पोस्टर भी बना लिया

जयंत ने पास शाहरुख  के साथ एक फिल्म बनाने का विचार भी है। सिर्फ इतना ही नहीं जयंत ने तो उस फिल्म का पोस्टर भी बना लिया, जिसमें वो शाहरुख के साथ काम करना चाहता है। वो इसको लेकर ही मन्नत के सामने कई दिनों तक मौजूद रहा।

पोस्टर में बारे में उसने बताया कि उसने वो शाहरुख का एक इंटरव्यू देखने के बाद रातों रात बना डाला था। इसे बनाते हुए जयंत ने खुद से ये वादा किया था कि वो शाहरुख के साथ फिल्म पर काम जरूर करेगा। जयंत ने अपने इस पोस्टर का नाम भी बताया, जो ‘प्रोजेक्टएक्स’ था।

31 दिसंबर से डाला था डेरा

जयंत 31 दिसंबर 2020 से कई दिनों तक शाहरुख के बंगले के बाहर मौजूद थे और कुछ दिनों तक वहीं रहे। वो सोशल मीडिया के जरिए लगातार वो लोगों से ये अपील कर रहे है कि शाहरुख तक पहुंचने में  उनकी मदद करें। हालांकि इस मामले पर किंग खान की तरफ से अब तक कोई भी रिएक्शन नहीं आया है।

गौरतलब है कि शाहरुख खान की पिछली फिल्म साल 2018 में जीरो आई थी। इसके बाद  से ही वो बड़े पर्दे से गायब है। शाहरुख के तमाम चाहने वाले उनकी कमबैक का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं। शाहरुख जल्द ही फिल्म ‘पठान’ में नजर आएंगे, जिसमें उनके साथ दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम और डिंपल कपाड़िया भी हिस्सा होगीं। इसके अलावा भी किंग खान के कई और प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।

टूटेगी परंपरा? ना छपेगी कॉपी, ना होगी हलवा सेरेमनी…जानिए बजट सत्र में इस बार क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव?

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टूटेगी परंपरा? ना छपेगी कॉपी, ना होगी हलवा सेरेमनी…जानिए बजट सत्र में इस बार क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव?

शायद ही ऐसी कोई चीज होगी जिस पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर ना पड़ा हो। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस दुनियाभर में अपना भयंकर प्रकोप दिखा रहा है। अब इस महामारी का असर 2021 के बजट पर भी पड़ने जा रहा है। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। हर साल लोगों को बजट का काफी इंतेजार रहता है। बजट से हर वर्ग के लोगों को कुछ उम्मीदें होती हैं। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार के बजट सत्र में कुछ बदलाव होंगे। वो बदलाव क्या होंगे, आइए आपको इसके बारे में बता देते हैं…

सांसदों को दी जाएगी सॉफ्ट कॉपी

रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार बजट से जुड़ी एक खास परंपरा टूटने जा रही हैं। 73 सालों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि बजट की छपाई इस बार नहीं होगीं। इसके साथ ही ना ही बजट से जुड़ी हलवा सेरेमनी होगी। सभी सांसदों को बजट की सॉफ्ट कॉपी ही दी जाएगी।

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इस वजह से लिया जा सकता है फैसला

आजाद भारत का पहला बजट साल 1947 में पेश हुआ था। ऐसा पहली बार होगा, जब बजट की कॉपी की छपाई नहीं की जाएगी। नॉर्थ ब्लॉक में एक डेडिकेटेड प्रेस है जहां पर हर साल बजट की कॉपी छापने का काम होता है। बजट की छपाई बेहद ही गोपनीय तरीके से होती है। इस दौरान करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के कैंपस में 15 दिनों तक परिवार से दूर होकर एक साथ यहीं पर बंद रहते हैं।

इस दौरान यहां पर बजट की कॉपी को तैयार किया जाता है। जब तक कॉपी की छपाई और सीलबंदी नहीं होती, तब तक लोगों को बाहर जाने की परमिशन नहीं होती। ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे बजट लीक ना हो। खबरों की मानें तो कोरोना की वजह ये संभव नहीं है। लंबे समय तक सरकार इतने लोगों को प्रिंटिंग प्रेस में नहीं रख सकती, जिसके चलते इस परंपरा को तोड़ना पड़ रहा है।

अब तक हर साल ये परंपरा रही है कि दस्तावेज की छपाई नहीं होती और सीलबंद करके इसको ट्रक से संसद भवन लाया जाता है।

बजट में अब तक क्या क्या हो चुके हैं बदलाव?

वैसे जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, तबसे बजट पेश करने में कई बदलाव किए गए। पहले रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था, जबकि 2016 में रेल बजट को आम बजट में ही शामिल कर दिया गया। उस साल ही बजट पेश करने की तारीख को भी बदलकर एक फरवरी तय कर दिया गया।

इसके अलावा पहले बजट चमड़े के ब्रीफकेस में लेकर वित्त मंत्री आते थे, लेकिन साल 2019 और 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण लाल रंग का बही खाता लेकर बजट पेश करने पहुंची। वहीं साल 1999 तक बजट फरवरी के लास्ट वर्किंग डे के दिन शाम को 5  बजे पेश किया जाता था। जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने, तो इसमें उन्होनें बदलाव किया और सुबह 11 बजे बजट पेश करने की शुरुआत की।

आपको बता दें कि इस बार 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होगा। ये दो चरणों में होगा। पहले चरण की शुरुआत 29 जनवरी से होगी और ये 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं दूसरा चरण 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल्स का खास ध्यान रखा जाएगा। कोरोना महामारी के चलते इस बार संसद का शीतकालीन सत्र भी नहीं आयोजित किया गया।

किसान आंदोलन पर एक और विवादित बयान, बीजेपी नेता ने कहा- पैसे लेकर कर रहे आंदोलन…बंद हो ये ड्रामा

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किसान आंदोलन पर एक और विवादित बयान, बीजेपी नेता ने कहा- पैसे लेकर कर रहे आंदोलन…बंद हो ये ड्रामा

इस समय देश का सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन बना हुआ है। बड़ी संख्या में देश के अन्नदाता बीते डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए है। सरकार और किसानों के बीच का गतिरोध लगातार जारी है। जहां एक तरफ किसान कानून वापसी की मांग पर जस के तस बने हुए है, तो वहीं सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं हो रही।

सरकार और किसानों के बीच जारी इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल दिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें ये संकेत दिए गए कि कानून पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जा सकती है। आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला सुनाने वाला है।

नहीं थम रहा विवादित बयानों का सिलसिला

इन सबके बीच किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर राजनीति चरम पर है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता केंद्र सरकार पर हावी है। वहीं इस दौरान विवादित बयानों का सिलसिला भी थम नहीं रहा। किसान आंदोलन को लेकर कई विवादत बयानबाजी अब तक हो चुकी है। हाल ही में बीजेपी के एक नेता ने ये कहा था कि किसानों के इस आंदोलन की वजह से बर्ड फ्लू फैल सकता है। अब इसके बाद एक और बीजेपी नेता के बोल बिगड़ गए।

‘नकली किसान कर रहे ये आंदोलन’

दरअसल, बीजेपी नेता एस मुनीस्वामी ने बड़ा बयान देते हुए ये कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को इस प्रदर्शन के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होनें कहा कि ये जो प्रदर्शन कर रहे हैं वो बिचौलिए या फिर नकली किसान हैं। ये लोग पिज्जा, बर्गर और केएफसी से खाना खा रहे हैं। इन्होनें वहां पर जिम बनाया हुआ है… इस सब ड्रामे को बंद किया जाना चाहिए। बीजेपी नेता ने ये बयान कर्नाटक के कोलार में दिया।

ये पहला विवादित बयान नहीं, जो बीजेपी नेताओं द्वारा किसान आंदोलन को लेकर दिया गया हो। इससे पहले कई नेता इस तरह की बयानबाजी कर चुके है। इससे पहले राजस्थान से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा था कि आंदोलन में बैठे लोग रोजाना चिकन बिरयानी, ड्राई फ्रूट खा रहे हैं। जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। इन तथाकथित किसानों को देश की चिंता नहीं। किसान आंदोलन नहीं बल्कि पिकनिक मनाई जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार

गौरतलब है कि बीते दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को किसान आंदोलन को लेकर फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जिस तरह से इस पूरे मामले को सरकार ने अब तक संभाला, वो इससे खुश नहीं। लेकिन लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार का बीजेपी के नेताओं पर असर नहीं हुआ और वो अब भी आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि हमें ये नहीं मालूम कि सरकार की किसानों के साथ क्या बातचीत हो रही है। हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा है या फिर समस्या का?

शॉर्टकट लेना पड़ा केंद्रीय मंत्री को भारी: सड़क हादसे में पत्नी की मौत, जानिए कैसी है अब श्रीपद नाइक की हालत?

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शॉर्टकट लेना पड़ा केंद्रीय मंत्री को भारी: सड़क हादसे में पत्नी की मौत, जानिए कैसी है अब श्रीपद नाइक की हालत?

सोमवार देर रात को केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक एक भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो गए। कर्नाटक में उनका एक्सीडेंट हुआ। श्रीपद नाइक अपनी परिवार के साथ गोकर्ण जा रहे थे। इसी दौरान कर्नाटक के अंकोला तालुका में वो हादसे का शिकार हुए। इस सड़क दुर्घटना में वो गंभीर रूप से घायल हुए। जबकि नाइक की पत्नी और पर्सनल सेक्रेटरी की मौत हो गई।

…तो टल सकता था हादसा?

श्रीपद नाइक के साथ ये हादसा शॉर्टकट लेने की वजह से हुआ। जो जानकारी अब तक हासिल हुई है उसके मुताबिक श्रीपद नाइक ने गोकर्ण जल्‍दी पहुंचने के चक्कर में नेशनल हाइवे 63 पर एक छोटा रास्ता लिया। जानकारी के अनुसार अंकोला से गोकर्णा का रास्ता 80 किलोमीटर है, ड्राइवर ने हाईवे के बजाए शॉर्टकट रास्ता अपनाया, जो करीब 40 किलोमीटर का था।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री अपने परिवार संग जिस रास्ते से जा रहे थे, उसकी हालत काफी खराब बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक वाहन की किसी दूसरे वाहन से टक्कर नहीं हुई। प्रथम दृष्यता से ये मामला ऐसा लग रहा है कि ड्राइवर का नियंत्रण नहीं रहा, जिसके चलते ये हादसा हुआ।

केंद्रीय मंत्री की पत्नी और पीए की मौत

जिस गाड़ी में वो जा रहे थे उसमें केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक समेत चार लोग सवार थे। जिसमें उनकी पत्नी, ड्राइवर और पर्सनल सेक्रेटरी शामिल थे। एक्सीडेंट में नाइक की पत्नी विजया को सिर पर चोट लगी, जो काफी गंभीर थे। उनको आनन-फानन में हॉस्पिटल लेकर जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथ ही नाइक के पर्सनल सेक्रेटरी की भी हादसे में  मौत हो गई।

ऐसी हैं श्रीपद नाइक की हालत…

केंद्रीय मंत्री का इलाज फिलहाल जारी है। वो फिलहाल गोवा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (GMCH) में भर्ती है। पहले श्रीपद नाइक की हालत काफी नाजुक बताई जा रही थी। लेकिन अब गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है। डीन डॉक्टर शिवानंद बांदेकर की अनुवाई में डॉक्टरों की टीम नाइक का इलाज कर रही है। गोवा के सीएम ने बताया कि उनको बेहतरीन चिकित्सकीय सेवा दी जा रही है।

इससे पहले सोमवार  को ही केंद्रीय मंत्री ने कर्नाटक में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कर्नाटक सरकार के श्रम मंत्री शिवराम हेब्बार ने उनका सम्मान भी किया था। फिर मंत्री अपने पत्नी के संग उडुपी के कृष्ण मंदिर में दर्शन करने के लिए गए थे। साथ ही उन्होनें येल्लापुर के गंटे गणपति मंदिर में भी पूजा-अर्चना की थी। सोमवार शाम करीब 7 बजे वो गोकर्ण के लिए रवाना हुए थे। बता दें कि श्रीपद नाइक आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी और रक्षा राज्य मंत्री हैं।

तमाम दिग्गज इस हादसे पर और श्रीपद नाइक की पत्नी की मौत पर दुख जता रहे है। पीएम मोदी ने गोवा के सीएम से केंद्रीय मंत्री को उचित इलाज मुहैया कराने के संबंध में बातचीत की। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी गोवा के सीएम प्रमोद सावंत से इस संबंध में बात की।

जानिए कैसा रहेगा 12 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 12 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 12 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन हर्षोल्लास से भरा बीतेगा। कामों में आ रही रुकावटें कम होगी। जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बचें। परिवार के साथ वक्त बिताएं।

वृषभ राशि- आपका दिन ठीक ठाक बीतेगा। भाग्य का सितारा बुलंद रहेगा। रुके काम बनेंगे। गुस्स पर काबू रखने की जरूरत है।

मिथुन राशि- दिन आपका सामान्य बीतेगा। कामकाज के सिलसिले में मेहनत के नतीजे मिलेंगे। ज्यादा तनाव लेने से बचें। भविष्य से जुड़ा कोई फैसला ना करें।

कर्क राशि- आपका दिन अच्छा बीतेगा। स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा। समानज में मान सम्मान बढ़ेगा। दांपत्य जीवन में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।

सिंह राशि- आपका दिन मिला जुला बीतेगा। आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। मन उदास रहेगा। हर हाल में करीबियों का साथ मिलेगा।

कन्या राशि- दिन की शुरुआत अच्छी होगी। आर्थिक परेशानी दूर होगी। धन लाभ होने के आसार है। किसी नए काम को हाथ में ना लें।

तुला राशि- आपका दिन अच्छा रहेगा। कार्यक्षेत्र से अच्छी खबर मिलने के आसार है। इनकम में बढ़ोत्तरी होगी। घर में सुख शांति का माहौल रहेगा।

वृश्चिक राशि- आज के दिन थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। किसी की भी बातों में आने से बचें। परिवार की सलाह के बिना कोई काम ना करें। आपका दिन उतार चढ़ाव से भरा बीतेगा।

धनु राशि- दिन आपका ठीक ठाक रहेगा। बने बनाए काम भी आज के दिन बिगड़ सकते है। किसी भी काम में आपका मन नहीं लगेगा। माता पिता के साथ दिल की हर बात को शेयर करें।

मकर राशि- आज के दिन आपको कोई भी जोखिम भरा फैसला लेने से बचना चाहिए। आपका दिन मिला जुला बीतेगा। घर में टेंशन का माहौल रहेगा। दोस्तों का साथ हर परिस्थिति में मिलेगा।

कुंभ राशि- दिन आपका शानदार रहेगा। आज नई ऊर्जा के साथ आप काम करेंगे। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने को मिलेगा।

मीन राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। लंबे वक्त से रुके काम पूरे होने के आसार है। मनचाही चीज खरीद सकते है। भविष्य की चिंता सताएगी।

विरुष्का के घर आई खुशखबरी: अनुष्का ने दिया नन्ही परी को जन्म, विराट ने फैंस से की ये खास अपील

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विरुष्का के घर आई खुशखबरी: अनुष्का ने दिया नन्ही परी को जन्म, विराट ने फैंस से की ये खास अपील

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पिता बन गए हैं। उनकी पत्नी और बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने बेटी को जन्म दिया। मुंबई के एक निजी अस्पताल में अनुष्का ने आज यानी सोमवार दोपहर को नन्ही परी को जन्म दिया। विराट कोहली ने अपने और अनुष्का के तमाम चाहने वालों के साथ इस खुशखबरी को शेयर करते हुए एक स्टेटमेंट जारी किया।

विराट ने खुशखबरी देते हुए कहा ये…

विराट ने लिखा- ‘हम दोनों को ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज दोपहर हमारे यहां बेटी हुई है। हम आपके प्यार और मंगलकामनाओं के लिए दिन से आभारी हैं। अनुष्का और हमारी बेटी, दोनों बिलकुल ठीक हैं और हमारा ये सौभाग्य है कि हमें इस जिंदगी का ये चैप्टर अनुभव करने को मिला। हम जानते हैं कि आप ये जरूर समझेंगे कि इस समय हम सब को थोड़ी प्राइवेसी चाहिए होगी।’

फैंस में दौड़ी खुशी की लहर

गौरतलब है कि बीते साल विराट और अनुष्का ने ये अनाउसमेंट की थीं कि वो जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं। पिछले साल 27 अगस्त को दोनों ने इस खुशखबरी को फैंस के साथ शेयर की था। ये विरुष्का का पहला बच्चा है। इस खबर के आते ही दोनों के फैंस काफी खुश हैं और सोशल मीडिया पर विराट अनुष्का को इस नए जर्नी के लिए बधाईयां भी देते हुए नजर आ रहे हैं।

विराट ने ली थी पैटरनिटी लीव

जबसे विराट-अनुष्का ने पैरेंट्स बनने की खुशखबरी दी थीं, तब से ही उनके तमाम चाहने वाले काफी खुश थे और उनके माता पिता बनने का बेसब्री से इंतेजार कर रहे थे। बीते कुछ समय से दोनों को कई बार साथ में स्पॉट भी किया गया। विराट कोहली ने अपने पहले बच्चे के होने पर पैटिरनिटी लीव भी ले रखी थी, जिसके चलते वो ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से ही लौट आए थे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीन टेस्ट मैच का हिस्सा विराट नहीं बने। विराट टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला खेलकर भारत लौट आए थे। वहीं अनुष्का भी लंबे वक्त से ब्रेक पर चल रही हैं और किसी फिल्म में नजर नहीं आई। उनकी पिछली फिल्म साल 2018 में जीरो आई थी।

गौरतलब है कि विराट और अनुष्का एक काफी पॉपुलर कपल है। लंबे वक्त तक एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने 11 दिसंबर 2017 को शादी की थी। इटली में दोनों परिवार समेत कई खास लोगों की मौजूदगी में एक दूसरे के हुए थे।

Lohri 2021: क्या है दुल्ला भट्टी की कहानी, जिसके सुनाए बिना अधूरा माना जाता है लोहड़ी का त्योहार? जानिए…

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Lohri 2021: क्या है दुल्ला भट्टी की कहानी, जिसके सुनाए बिना अधूरा माना जाता है लोहड़ी का त्योहार? जानिए…

हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। खासतौर पर इस त्योहार को लेकर पंजाब और हरियाणा में उत्साह देखने को मिलता है। शाम हो जाने के बाद घर के बाहर या कोई खुली जगह पर लोहड़ी जलाई जाती है। इस पवित्र अग्नि में मूंगफली, गजक और तिल डालकर इसकी परिक्रमा करने की भी परम्परा होती है। नई शादी हुई हो या फिर बच्चा हुआ हो, तो उन्हें लोहड़ी पर विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी काफी खास होती है। रिश्तेदारों, पड़ोसियों के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाया जाता है।

क्यों और कैसे मनाई जाती है लोहड़ी?

पारंपरिक रूप में लोहड़ी का त्योहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ होता है। पंजाब में इस मौके पर नई फसल की पूजा करने की परंपरा है। इस त्योहार के दिन लोहड़ी जलाई जाती है. इस आग में रवि की फसल तिल, मूंगफली, रेवड़ी, गुड़ और गजक को अर्पित किया जाता है। मान्यताओं की मानें तो ऐसा करने से सूर्य देव और अग्नि देव को आभार प्रकट किया जाता है, क्योंकि उनकी कृपा से फसल अच्छी होती है। बहुत जगह लोहड़ी को तिलोड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

दुल्ला भाटी की भी करते हैं प्रशंसा

लोहड़ी के दिन अलाव जलाकर उसके चारों तरफ डांस किया जाता है। जहां लड़के भांगड़ा करते हैं, वहीं लड़कियां और महिलाएं गिद्दा करती हैं। लोहड़ी की अग्नि के आसपास इकट्ठे हुए लोगों को दुल्ला भट्टी की कहानी भी सुनाई जाती है।

ये है दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाने का विशेष महत्व

पंजाब में दुल्ला भट्टी की एक प्रचलित लोककथा है। कहा जाता है कि मुगल काल के दौरान अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नामक एक व्यक्ति पंजाब में रहता था। वैसे तो दुल्ला भट्टी एक डाकू था, लेकिन अंदर से वो एक सज्जन पुरुष था। उस वक्त कुछ अमीर करोबारी चीजों को बेचने की जगह शहर की लड़कियों को बेच दिया करते थे। जब इसके बारे में दुल्ला भट्टी को पता चला तो उसने वहां पहुंचकर लड़कियों को व्यापारियों के चुंगल से बचाया और उनकी शादी करवाई दी। हर वर्ष लोहड़ी के त्यौहार पर दुल्ला भट्टी को याद कर उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है। इस कहानी को सुनाए बिना लोहड़ी के त्योहार को अधूरा माना जाता है।