गुरुद्वारा रीठा साहिब: जब गुरु नानक देव ने कड़वे रीठे को कर दिया था ‘मीठा’

Table of Content

Gurudwara Ritha Sahib History in Hindi – वैसे तो हमारे देश में गुरु नानक देव से संबंधित अनेक धार्मिक स्थल है, परंतु श्री रीठा साहिब गुरुद्वारे का अपना एक अलग महत्व है. यह स्थल उत्तराखंड के चंपावत जिले में चंपावत शहर से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. रीठा साहिब गुरुद्वारा चंपावत जिले के पाटी ब्लाक में रतिया और लधिया नदियों के संगम एक बहुत ही रमणीक स्थान पर बना हुआ है.

ALSO READ: पंजखोरा साहिब गुरुद्वारा: आस्था और भक्ति का पवित्र निवास.

कुमाऊं की यात्रा पर निकले पर्यटकों खासकर सिख धार्मिक पर्यटकों के लिए यह स्थान खासा महत्व रखता है. हर साल देश विदेश से लाखों लोग श्री रीठा साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए आते रहते हैं. ये वही जगह है जहाँ सिखों के पहले गुरु नानक देव ने शिष्य मरदाना के साथ चौथी उदासी ली थी और इसी दौरान ही उन्होंने कडवे रीठे को मीठा कर करके इस जगह को सिखों के प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थल में बदल दिया था.

इतिहास और एक चमत्कारी कहानी

रीठा साहिब के इस गुरूद्वारे को गुरु नानक देव के एक किस्से से जोड़कर देखा जाता है. दरअसल कहा जाता है कि साल 1501 में श्री गुरु नानक देव जी अपने शिष्य मर्दाना के साथ रीठा साहिब आए थे,इसी बीच उनकी मुलाकात नाथ संप्रदाय के महान संत गुरु गोरखनाथ के शिष्य ढेर नाथ से इसी स्थान पर हुई. श्री गुरु नानक देव और देवनाथ के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही. इसी बीच गुरु नानक देव जी के शिष्य मर्दाना गुरु नानक देव जी से कहा कि उसे भूख लग गई है और उसे कुछ खाने को चाहिए, तो गुरु नानक देव ने पास में ही एक रीठा फल के वृक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा इसे खा लीजिए आपकी भूख शांत हो जाएगी.

GURU NANAK DEV
SOURCE-GOOGLE

मगर शिष्य मर्दाना का कहना था कि यह तो बहुत कड़वा होता है इसे खाकर तो मेरी जान चली जाएगी, फिर गुरु नानक देव ने कहा आप इसे खाइए तो सही उनकी बात सुनकर शिष्य मर्दाना पेड़ पर चढ़ गया और रीठा खाने लगा. उसने पाया कि पेड़ का रीठा फल अचानक बहुत मीठा हो गया है, और उसके बाद उस पेड़ का रीठा फल हमेशा के लिए मीठा ही रहा और इस स्थान का नाम रीठा साहिब पड़ गया.

ALSO READ: जब जहांगीर को सपने में मिला था सिखों के इस ‘गुरु’ के रिहाई का आदेश.

जब धरती से नाम पूछा तो आवाज आई नानकमत्ता…नानकमत्ता

नानकमत्ता. श्री गुरुनानक देव महाराज तीसरी उदासी के समय यानी करीब 500 साल पहले नानकमत्ता पहुंचे थे. कहा जाता है कि गुरुनानक देव ने यहां धरती से नाम पूछा तो तीन बार आवाज आयी नानकमत्ता, नानकमत्ता, नानकमत्ता. तभी से यह स्थान नानकमत्ता साहिब के नाम से प्रसिद्ध हुआ. यहां आज भव्य गुरुद्वारा बना हुआ है.

गुरुद्वारा रीठा साहिब कब जाएं

Gurudwara Ritha Sahib History – धार्मिक तीर्थ स्थल होने के कारण ज्यादातर लोग धार्मिक प्रयोजन से यह यात्रा करते हैं. सिख लोग या तो गुरु नानक देव की जयंती पर यहां आते हैं या फिर अन्य धार्मिक दिवसों के समय यहां घूमने आते हैं. मगर फिर भी यदि आप घूमने के लिए सही समय का चुनाव करना चाहते हैं तो पहाड़ी टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने की वजह से गर्मियों का समय रीठा साहिब की यात्रा के लिए उचित रहेगा.

https://twitter.com/dashmeshpita/status/1059433561265225729?s=20

मार्च से लेकर मई-जून तक आप यहां की यात्रा आराम से कर सकते हैं, बरसात के समय पहाड़ी पर्यटक-स्थलों की यात्रा को टाला जा सकता है और ठंड के मौसम में अत्यधिक ठंड होने की वजह से पहाड़ी टूरिस्ट डेस्टिनेशन मैं कम लोग जाना पसंद करते हैं.

ALSO READ: सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमर दास जी के 10 अनमोल वचन. 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds