एक ओर नए संसद में तिरंगा पर चर्चा हो रही थी दूसरी ओर तिरंगा अधिकारियों के पैर में पड़ा था

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है. कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच सुबह 7.30 बजे पूजा के साथ पीएम मोदी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित कर दिया.  वहीं इस नए संसद भवन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सारी बात की है और इस भवन को आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बताया. लेकिन जहाँ देश में नए संसद के उद्घाटन के दौरान पीएम इसी के साथ पीएम ने लोकतंत्र, सविधान और देश के झंडा तिरंगे को लेकर कई सारी बातें भी की तो वहीं ससंद से कुछ दूरी पर झंडे को अपमान हो रहा था. भारत का झंडा अधिकारीयों के पैरों के नीचे पड़ा हुआ नजर आया है और इस वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है.

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अधिकारीयों के पैरों के नीचे पड़ा था तिरंगा 

new parliament inauguration
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दरअसल, रव‍िवार को नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर पहलवान प्रदर्शन करने के ल‍िए नए संसद भवन की तरफ कूच कर रहे थे लेक‍िन प्रदर्शनकारी पहलवानों और उनके समर्थकों को पुल‍िस ने काफी दूर ही बेर‍िकेड‍िंग करके रोक ल‍िया था. प्रदर्शनकारी पहलवान और समर्थक आगे बढ़ने को अड़े थे. इसको लेकर द‍िल्‍ली पुल‍िस (Delhi Police) के जवानों और पहलवानों को बीच धक्‍कामुक्‍की भी हुई थी. वहीं इस धक्‍कामुक्‍की के दौरान देश के झंडा तिरंगा अधिकारीयों के पैरों के नीचे पड़ा हुआ नजर आया और इसी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे अधिकारी प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को रोक रही है और पहलवानों के हाथों में पड़ा तिरंगा नीचे अधिकारीयों के पैरों के पड़ा हुआ था.

नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे थे पहलवान

वहीं रव‍िवार को द‍िल्‍ली पुल‍िस ने आंदोलन स्‍थल से प्रदर्शन में प्रयोग क‍िए जा रहे सभी सामान और साम्रगी को टेम्‍पो और ट्रक में लादकर अपने कब्‍जे में ले ल‍िया था. इसके बाद से धरना स्‍थल जंतर-मंतर को फ‍िर से साफ कर द‍िया है. पुल‍िस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को उस समय ह‍िरासत में ल‍िया जब वो मनाही करने के बाद भी नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे थे.

फिर से शुरू होगा आंदोलन 

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने नए संसद भवन के बाहर एक मह‍िला महापंचायत (Women Mahapanchayat) का भी आयोजन क‍िया था. लेक‍िन पुल‍िस ने महापंचायत का आयोजन के होने से रोक दिया. इसी के साथ पुल‍िस अध‍िकारी जहां जंतर-मंतर से तंबू उखाड़ने और दूसरे सामान को हटाने के बाद आंदोलन समाप्‍त करने की बात कह रहे हैं. दूसरी ओर पहलवानों ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्‍यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे.

जानिए क्या है मामला

आपको बता दें, जंतर-मंतर पर महिलाओं का प्रोटेस्ट अब एक अलग ही रूप ले रहा है. शुरुआत में जनवरी में महिलाओं के साथ ट्रेनिंग के दौरान छेड़छाड़ का था. जिस मामले में उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण के ऊपर योन शोषण का आरोप लगाया था.वहीँ अब इस ममाले पर देशभर की तमाम छोटी बड़ी पार्टियाँ आकर इन पहलवानों को सपोर्ट कर रही है. जंतर मंत्र पर प्रोटेस्ट कर रहे खिलाड़ियों का ये आरोप है कि रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष ने उनका और उसके साथ 1000 से ज्यादा लड़कियों का यों शोषण किया है. और उनके साथ जोर जबरदस्ती की है. जिसमे दो नाबालिग लड़कियों का नाम भी सामने आ रहा है.

Also Read- अगर बृजभूषण पर आरोप सिद्ध नहीं होते तो प्रोटेस्ट कर रहे इन पहलवानों का क्या होगा?. 

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