New Parliament Inauguration in Hindi – पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला राखी थी और रविवार 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया. इस नए संसद भवन को बनाने में तीन साल का समय लगा है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित किया. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी जा रहे हैं कि नए और पुराने संसद भवन में क्या-क्या अंतर हैं.
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नए और पुराने संसद भवन में क्या-क्या अंतर
A symbol of resurgence, the new parliament building will be the bedrock of new ideas for #IndiaAt2047! #MyParliamentMyPride pic.twitter.com/Gg7tabkqHu
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) May 27, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, पुराने संसद भवन में लोकसभा के लिए 543 सीटें, जबकि राज्यसभा के लिए 250 सीटें हैं. वहीं नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा की 888 सीटें हैं, जबकि राज्यसभा की 300 सीटें हैं. पुराने संसद भवन का निर्माण साल 1921 में शुरू हुआ था. ड्यूक ऑफ कनॉट ने 12 फरवरी 1921 को इसकी आधारशिला रखी थी। 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था. उस समय इसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता था. वहीं नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात की आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस ने की है. इससे पहले एचसीपी डिजाइंस गुजरात के गांधीनगर में सेंट्रल विस्टा, राज्य सचिवालय, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डिवेलपमेंट जैसे कई प्रोजेक्ट्स डिजाइन कर चुका है.
The new Parliament building will make every Indian proud. This video offers a glimpse of this iconic building. I have a special request- share this video with your own voice-over, which conveys your thoughts. I will re-Tweet some of them. Don’t forget to use #MyParliamentMyPride. pic.twitter.com/yEt4F38e8E
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2023
पुराने संसद भवन का डिजाइन उस दौर के मशहूर ब्रिटिश वास्तुकार एडविन के लुटियन और हर्बर्ट बेकर ने तैयार किया था. तो वहीं नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात की आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस ने की है. एचसीपी डिजाइन इससे पहले गुजरात के गांधीनगर में सेंट्रल विस्टा, राज्य सचिवालय, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डिवेलपमेंट जैसे कई प्रोजेक्ट्स डिजाइन कर चुका है.
पुराने और नए संसद भवन का क्षेत्रफल
The new Parliament is an expression of a New India. It makes the working of our democracy more efficient.
It reflects our culture and heritage and it radiates our confidence and energy.
Every Indian should take pride at its inauguration tomorrow. #MyParliamentMyPride pic.twitter.com/Vte8zvdLgX
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 27, 2023
पुराना संसद भवन 566 मीटर व्यास में बना था. जरूरत के हिसाब से बाद में साल 1956 में संसद भवन में दो और मंजिलें जोड़ी गईं. 2006 में संसद संग्रहालय बनाया गया. इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के ढाई हजार वर्षों को प्रदर्शित किया गया है. तो वहीं नए संसद का क्षेत्रफल 64,500 स्क्वैयर मीटर है. नए संसद भवन का आकार त्रिकोण रूप में है. कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए बनाया गया है, क्योंकि हर एक धर्म में त्रिकोण ज्यामिति का बहुत महत्व है.
If you find somebody as ignorant as @VishalDadlani calling cost of Parliament construction as ₹20,000 crore.
Don't be taken for a ride.
The cost is ₹862 crore only.
This is almost ₹40 crores lesser than luxury MLA residence Congress led Uddhav Govt in Maharashtra had… pic.twitter.com/HZigHhck7x
— Karthik Reddy (@bykarthikreddy) May 27, 2023
पुराने और नए संसद भवन के निर्माण का समय और खर्च
पुराने संसद भवन के निर्माण में छह वर्ष का समय लगा था, जबकि नए संसद भवन को बनाने में तीन साल का समय लगा है.पुराने संसद भवन को बनाने में उस दौर में 83 लाख रुपए का खर्च आया था. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्च आया है.
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