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क्या आप जीना चाहते हैं आप लंबी आयु तो शुरू कर दें ‘एंटी एजिंग फूड्स’, जानिए कौन-कौन से हैं…

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क्या आप जीना चाहते हैं आप लंबी आयु तो शुरू कर दें ‘एंटी एजिंग फूड्स’, जानिए कौन-कौन से हैं…

What is Anti Aging Foods – इस बात का तो हम सभी को ज्ञान है कि जिस व्यक्ति ने इस धरती पर जन्म लिया है, उसे कभी न कभी तो जाना ही होगा यानि हर किसी की मृत्यु होना तय है. जिसके चलते हम अपनी मृत्यु को तो टाल नहीं सकते, लेकिन हम अपना और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखकर लंबी आयु तक जी सकते हैं. हम सभी लंबी आयु की कमाना करते हैं, लेकिन उम्र के साथ-साथ आने वाली बीमारियां उन कामनाओं पर पानी फेर देती हैं और हमारी सेहत अच्छी होने की बजाए बिगड़ती ही जाती हैं.

उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक परिवर्तन होना स्वाभाविक है. वहीं अगर हम अपने रोजाना आहार में कुछ ऐसी चीजों का सेवन करेंगे तो उनकी मदद से उम्र बढ़ने के लक्षण यानि एजिंग की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है. वहीं आज हम आपको उन्हीं आहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, तो आइए बताते हैं…

नींबू-संतरा

एलर्जी से बचाव और स्किन में कसाव लाने के लिए विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करना चाहिए. जिनमें संतरा, मौसमी, नींबू आदि विटामिन सी के उत्तम स्रोत माने जाते हैं और ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इतना ही नहीं इनमें इनमें बायोफ्लेवोनॉइड और लाइमोनीन भी मौजूद होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होने की वजह से ये कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्वों से भी लड़ने में सहायक होता है.

ग्रीन टी – What is Anti Aging Foods 

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मददगार साबित है. इसका सेवन करने से वजन घटता है, बालों का झड़ना रूकता है. इतना ही ग्रीन टी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और ये कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित अवस्था में रखने में मददगार साबित है.

अनार

जिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है, तो ऐसे लोगों को अनाक का सेवन करना चाहिए. इससे हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है और व्यक्ति की त्वचा भी स्वस्थ रहती है. इसके अलावा अनार हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को स्वास्थ्य बनाए रखता है.

ओट्स

ओट्स को अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें फाइबर भरपूर्ण मात्रा में पाया जाता है. जिन लोगों को कब्ज की समस्या है उन्हें भी ओट्स का सेवन करना चाहिए. इससे उनका पाचन तंत्र ठीक रहता है. वहीं इसमें बीटाग्लूकेन्स होता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार साबित होता है.

अनाज- What is Anti Aging Foods 

अंकुरित अनाज का सेवन करने से शरीर को कई तरह से लाभ होता है. जो लोग बढ़ती उम्र की प्रक्रिया की गति को कम करना चाहते हैं, उन्हें रोजाना अपने नाश्ते में तो जरूर अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये एक अच्छा विकल्प है. इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और तरह तरह के रोगों से बचाव होता है.

ब्रोकोली

ब्रोकोली में आइसोथियोसायनेट और बीटा कैरोटीन नामक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने में मदद करता है. इतना ही नहीं ब्रोकोली एंटीएजिंग की प्रक्रिया में भी मददगार साबित है.

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थायराइड होने से पहले शरीर में होते हैं ये बदलाव, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारियां…

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थायराइड होने से पहले शरीर में होते हैं ये बदलाव, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारियां…

थायरॉइड के शुरुआती संकेत – आज के समय में थायरॉइड की समस्या एक ऐसी समस्या बनकर रह गई है, जिससे ज्यादातर हर व्यक्ति जूझ रहा है. आमतौर पर थायरॉइड की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का पता चला है कि करीब 32 प्रतिशत भारतीयों में थायरॉइड के लक्षण पाए जाते है. आज हम आपको ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो थायराइड होने से पहले शरीर में दिखाई देते हैं…

आपको बता दें कि थायराइड ग्रंथि गर्दन के बीचो-बीच में होती है, जिसकी मदद से थायरॉइड हार्मोन बनाया जाता है, जो हमारे मेटाब्लॉजिम को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है. तो आइए आपको थायरॉइड की कुछ संकेतों के बारे में बताते है…

ये हैं थायरॉइड के शुरुआती संकेत

  • ज्यादातर वक्त शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होना.
  • मांसपेशियों में बार-बार दर्द या फिर ऐठन होना.
  • वजन का बढ़ना और बार-बार कम होना.
  • भूख न लगना
  • बालों का झड़ना
  • त्वचा में सुखापन आना
  • चेहरे पर सूजन आना
  • याददाश्त में कमजोरी आना
  • रक्त में कोलेस्ट्रॉल स्तर का बढ़ना.

मुख्य तौर पर थायराइड 5 प्रकार के होते हैं-

  1. थायराइड कैंसर
  2. हाइपोथायराइडिज्म
  3. हाइपरथायराइडिज्म
  4. हाशिमोटो थायराइडिटिस
  5. आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉइटर

इन 5 थायराइड में से हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म बहुत आम है. वहीं अगर हाइपोथायरायडिज्म कम हो जाए तो आपको ब्लूबेरी,शिमला मिर्च, टमाटर आदि का सेवन करना चाहिए. क्योंकि इनमें भरपूर्ण मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. जो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है.

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हाइपोथायरायडिज्म होने पर न करें इन चीजों का सेवन

एक अध्ययनों के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म होने पर आपको सोया वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. जिन-जिन महिला ने इस सप्लीमेंट का सेवन किया है ऐसी महिलाओं को ये समस्या ज्यादा परेशान करती है.

थायरॉइड के शुरुआती संकेत – आपको बता दें कि इस तरह की समस्या शरीर में आयरन की कमी की वजह से होती है. ऐसेमें आपको आयोडीन युक्त नमक या फिर खाद पदार्थों का सेवन करने से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं है ये आपकी थायराइड ग्रंथि पर भी असर कर सकता है. ऐसेमें आपको फाइबर वाली चीजों का सेवन करने चाहिए.

नोट- हम आपको थायराइड से जुड़ी जो भी जानकारी दी है वो तमाम सोर्स से ली गई जानकारियां है. इसलिए अगर आपको ऊपर बताए गए संकेतों में से कोई एक संकेत भी लगे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

क्या है मुहर्रम की पूरी कहानी और क्यों निकाला जाता है ताजिया जुलूस, जानिए…

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क्या है मुहर्रम की पूरी कहानी और क्यों निकाला जाता है ताजिया जुलूस, जानिए…

तजिया क्यों निकलता है – मुहर्रम इस्लामी साल का पहला महीना है, जिसक 10वीं तारीख को मुहर्रम मनाया जाता है. जिसे यौम-ए-आशुरा कहा जाता है. वहीं अरबी में इस अशुरा शब्द का अर्थ दसवां दिन है. इस बार 10 सितंबर को मुहर्रम मनाया जा रहा है जो इस्लामिक नए साल का पहला पर्व है. इस दिन को शिया इस्लाम गम के तौर पर मनाते हैं. बता दें कि इस दिन मुसलमान इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद करते हैं और मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोजा भी रखते हैं. आज हम आपको मोहर्रम की कहानी बताने जा रहे हैं कि आखिर इसे क्यों मनाया जाता है, तो आइए जानते हैं.

क्यों मनाते हैं मुहर्रम में शोक

10 दिनों तक शिया मुस्लमान मुहर्रम को शोक के तौर पर मनाते हैं. शिया मुस्लमान के अनुसाप ये वो दिन है जब पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत हुई. इमाम हुसैन और उनके परिवार ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. आपको बता दें कि हजरत मुहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन इस्लाम की रक्षा में इराक के प्रमुख शहर कर्बला में एक जंग में थे. ये जंग यजीद के साथ हुई जिसके पास एक विशाल सेना थी. यजीद ने वो हजरत इमाम हुसैन और उनके काफिले पर काफी जुल्म किया. यजीद ने वहां रह रहे लोग, बूढ़े, जवान, बच्चों के पानी पीने पर पाबंदी लगा दी.

ऐसी स्थिति में भी युद्ध जारी रहा, लेकिन हजरत इमाम हुसैन ने यजीद के सामने हार नहीं मानी. इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ 80,000 दुश्मन सैनिकों से लड़ाई की और फिर उनके सारे साथी मारे गए. कहा जाता है कि जब इमाम हुसैन अपने भाइयों और साथियों के शवों को दफन कर अस्र की नमाज पढ़ रहे थे, तभी एक दुश्मन सैनिक ने पीछे से उन पर वार कर दिया जिससे वो शहीद हो गए. यही वो दिन था जब हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान की थी और उनका पूरा काफिला भी कुर्बान हो गया था.

एक रोजे से कई गुनाह माफ

कहा जाता है कि जिसने मुहर्रम की 9 तारीख का रोजा रखा उसके पीछे के 2 साल के गुनाह को अल्लाह माफ कर देता है. इतना ही नहीं जितना 30 दिनों के रोजे रखने पर फल मिलता है उतना ही मुहर्रम के 1 रोजे का फल मिलता है.

तजिया क्यों निकलता है 

मोहर्रम महीने की 10वीं तारीख को ताजिया जुलूस निकाला जाता है. ये ताजिया लकड़ी और कपड़ों से गुंबदनुमा आकार में बना होता है, जो इमाम हुसैन की कब्र का नकल होता है. जिसे झांकी के जैसे सजाकर कर्बला में दफन कर दिया जाता है. बताया जाता है कि मुहर्रम के 10वें दिन ही कर्बला में नरसंहार हुआ जिसमें इमाम हुसैन शहीद हो गए. माना जाता है कि मुहर्रम के 10वें दिन ही अल्लाह ने इंसान को बनाया था.

शिया और सुन्नी के होती हैं अलग-अलग मान्यताएं

मोहर्रम में ताजिया निकालने को लेकर शिया और सुन्नी इन दोनों की अलग-अलग मान्यताएं होती हैं. शिया ताजिया निकालते हैं और दफनाते हैं, लेकिन सुन्नी मुस्लिम इसे सही नहीं मानते बल्कि वो इमाम हुसैन के गम में शरबत बांटने, खाना खिलाने और जरूरतमंद की मदद में विश्वास रखते हैं. ज्यादातर मुसलमान शोक में अपना कारोबार बंद रखते हैं और मस्जिदों में नफिल नमाजें अदा करते हैं.

यहां से शुरू हुई थी ताजिया दफन की परंपरा

आपको बता दें कि भारत से ही ताजिया दफन करने की परंपरा शुरू हुई थी. शिया संप्रदाय से आने वाले बादशाह तैमूर लंग ने ताजिया दफन करवाया था. साल 1398 में तैमूर लंग भारत पहुंचा. इससे पहले उसने फारस, अफगानिस्तान, मेसोपोटामिया और रूस के कुछ भागों को जीत लिया था और फिर दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया और अपने आपको को सम्राट घोषित कर दिया.

तैमूर लंग ने मुहर्रम के महीने में इमाम हुसैन की याद किया. उसने दरगाह जैसा एक ढांचा बनवाया और फिर उसे फूलों से सजवाया. इस ढांचे को उसने ताजिया का नाम दिया। इसके बाद ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भारत आए और अजमेर शहर में एक इमामबाड़ा बनवाकर वहां ताजिया रखने की एक जगह बनवाई।

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भारत की पहली आदिवासी महिला ने जीता था मिस इंडिया का खिताब, देखने में लगती हैं बेहद खूबसूरत

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भारत की पहली आदिवासी महिला ने जीता था मिस इंडिया का खिताब, देखने में लगती हैं बेहद खूबसूरत

Who is Priti Meena – आज के समय में रंग रूप के साथ-साथ टैलेंट को भी बखूबी से परखा जाता है. अगर कोई देखने में खूबसूरत होता है तो जरूरी नहीं की वो टैलेंटेड हो या फिर मिस इंडिया जैसे शो का खिताब जीत सके. इसके लिए उन्हें कई तरह से अपने आप को फिट रखना पड़ता है. जिसके बाद ही वो यहां तक पहुंच सकते हैं. वहीं आज हम आपको को एक ऐसी मॉडल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देखने में इतनी ज्यादा खूबसूरत है कि आप सोच ही नहीं सकेंगे. इतना ही नहीं ये एक आदिवासी परिवार से भी हैं, जिन्हें मिसेज इंडिया का खिताब भी दिया जा चुका है.

जीता था मिसेज राजस्थान का खिताब

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक आदिवासी महिला प्रीति मीणा की, जो पूरे राजस्थान में बेहद खूबसूरत महिला हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में प्रीति मीणा को मिसेज राजस्थान का खिताब हासिल हुआ था.

आत्मविश्वास बढ़ाने करती है कार्य

एक छोटे से परिवार में रहने वाली प्रीति मीणा एक इंस्पेक्टर की पत्नी है. ये अपने घर को संंभालने के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी प्रेरित करती हैं. साथ ही अपने बच्चों के साथ एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रही हैं.

महिलाओं के लिए बनी मिसाल – Who is Priti Meena

आपको बता दें कि मॉडलिंग और कक्षा 12वीं से पीजी तक प्रीति पढ़ाई में भी टॉपर रही हैं. हालांकि अब प्रीति समाज में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला अत्याचार, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों में समाज में सकारात्मकता का संदेश देती हैं.

महिलाओं के लिए है ये प्रेरणास्पद

साल 2018 में मिसेज इंडिया यूनिवर्स की फाइनलिस्ट प्रीति मीना का खासतौर पर महिलाओं के लिए संदेश रहा कि “जो भी सपना देखो, उसे पूरा करने का जज्बा भी रखो.” आपको बता दें कि प्रीति तीन साल के पुत्र और पुत्री जुड़वां बच्चों की मां हैं. इन्होंने एक गृहिणी के तौर पर घर और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए ये मुकाम हासिल किया है. इनकी ये कामयाबी कहीं न कही लोगों के लिए मिसाल है और निश्चित तौर पर महिलाओं के लिए तो ये प्रेरणास्पद है.

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टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री की बढ़ी सैलरी, अब साल के मिलेंगे इतने करोड़…

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टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री की बढ़ी सैलरी, अब साल के मिलेंगे इतने करोड़…

विश्व कप में मिली हार के बाद टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया. जिसका इनाम अब टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री को मिला है. बताया जा रहा है कि रवि शास्त्री की सैलरी में बड़ा इजाफा होने वाला है. रवि शास्त्री को हाल ही में भारतीय टीम का कोच बने रहने का फैसला लिया गया था. वो साल 2021 तक के लिए टीम इंडिया के हेड कोच बने रहेंगे.

बताया जा रहा है कि रवि शास्त्री को दोबारा कोच बनाने के कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक उनकी सैलरी बढ़ाई गई है. मिली हुई जानकारी के अनुसार 57 साल के रवि शास्त्री की सैलरी में 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया है, जिसके बाद उन्हें अब सालाना 10 करोड़ रुपये मिलेंगे.अब इसके बाद रवि शास्त्री की सैलरी भारतीय टीम के शानदार खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह से भी ज्यादा हो जाएगी. बीसीसीआई की ओर से इन्हें साल के 7 करोड़ रुपये दिए जाते है.

बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक अब हेड कोच की सालाना सैलरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी. जिसके बाद अब उनकी सैलरी 9.5 से 10 करोड़ के बीच में होगी. पहले रवि शास्त्री को एक साल में 8 करोड़ रुपये मिलते थे.

रवि शास्त्री के अलावा सपोर्ट स्टाफ की सैलरी में भी इजाफा होगा. टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण को अब करीब 3.5 करोड़ रुपये सालाना दिए जाएंगे. फील्डिंग कोच आर श्रीधर को भी इतनी ही सैलरी मिलेगी. इसके अलावा टीम इंडिया के नए बल्लेबाजी कोच के पद पर अब विक्रम राठौड़ को चुना गया है, जिनकी सैलरी 2.5 से 3 करोड़ रुपये के बीच होगी.

बता दें कि इस बार विश्व कप में टीम इंडिया सेमीफाइनल में बाहर हो गई थी, जिसके बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि रवि शास्त्री को टीम के मुख्य कोच से हटाया जा सकता है. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, कपिल देव के नेतृत्व वाली क्रिकेट सलाहकार समिति  ने रवि शास्त्री को दोबारा टीम इंडिया का कोच चुना. 2021 टी-20 विश्व कप तक वो ही टीम इंडिया के कोच रहेंगे.

हाल ही में टीम इंडिया ने रवि शास्त्री के नेतृत्व में बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया. वेस्टइंडीज के खिलाफ तीनों सीरीज में टीम इंडिया ने अपना कब्जा जमा लिया. रवि शास्त्री फिलहाल टीम के युवाओं को अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए तैयार करने में जुटे हुए है.

माइग्रेन के दर्द में पेन किलर्स को कहें टाटा, ये आसान उपाय दर्द कर देंगे रफूचक्कर

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माइग्रेन के दर्द में पेन किलर्स को कहें टाटा, ये आसान उपाय दर्द कर देंगे रफूचक्कर

Remedies to control Migraine – माइग्रेन का दर्द इतना भयंकर होता है मानों पूरा का पूरा दिमाग फट गया हो। ये दर्द शरीर की अंदरूनी नसें तक हिला कर रख देता है। इससे पीड़ित मरीज चाहें लाख पेनकिलर्स ले लें, लेकिन ये भयंकर दर्द पूरी तरह मिटाने में नाकामयाब रहते हैं। इस बीमारी का अभी तक वैज्ञानिक हल खोजने में जुटे हैं, लेकिन इसका कोई तोड़ अभी  तक उनके हाथ नहीं लग पाया है। ये दर्द कभी भी कहीं भी शुरू हो सकता है। पेशेंट के लिए ये दर्द चलती फिरती मौत की लटकती तलवार की तरह है जो बिन बुलाये मेहमान की तरह कभी भी दस्तक दे सकता है। पर हाल ही में दवाओं के अलावा कुछ ऐसे तरीकों का पता चला है, जो माइग्रेन पेशेंट्स के इस भयावह दर्द पर लगाम लगा सकते हैं। आइये जानें कौन से है वो रामबाण तरीके।

तेल – Remedies to control Migraine

आयुर्वेद में कुछ औषधीय तेल इस दर्द का निवारण करने में कारगर पाए गए हैं। इनमें से पिपरमेंट ऑइल भी एक है।  इसे आप माईग्रेन के इलाज में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मांस पेशियों को राहत मिलेगी। साथ ही सिर दर्द भी रफूचक्कर हो जाएगा।

एक्यूपंक्चर

एक्यूपंक्चर वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप है और पारंपरिक चीनी चिकित्सा का एक प्रमुख घटक है जिसमें शरीर में पतली सुई डाली जाती है। इसका उपयोग अक्सर दर्द से राहत के लिए किया जाता है। माइग्रेन का दर्द दूर करने के लिए आप इसकी भी सहायता ले सकते हैं।

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मसाज

दिमाग में भरी टेंशन से राहत पाने के लिए मसाज संबसे बढ़िया ऑप्शन है। इससे आपका स्ट्रेस दूर होगा। साथ ही दर्द से राहत मिलेगी। मांसपेशियों के खिंचाव में आराम मिलेगी और ब्लड सर्कुलेशन में तेज़ी आएगी। आपको पता भी न चलेगा कि पल भर में ये दर्द कहां गायब हो गया है।

मेडसिनल प्लांट्स – Remedies to control Migraine

औषधीय पौधों, जिसे औषधीय जड़ी-बूटियां भी कहा जाता है,इसका प्राचीन काल से लोग उपयोग करते आये हैं।  मेडिसिनल प्लांट्स भी कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम होते हैं। माइग्रेन के लिए भी ऐसा कई प्लांट्स हैं जिनका उपयोग आप इस दर्द से पीछा छुड़ाने के लिए कर सकते हैं। अपने डॉक्टर की सलाह से आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

नोट- हमने ऊपर आपको जो भी उपाय बताए हैं वो अलग-अलग के सूत्रों से लिए गए हैं, इन्हें अपनाने के लिए नेड्रिक न्यूज सलाह नहीं देता है. इसलिए डॉक्टर्स के कहने पर ही उपयों को अपनाएं.

बदले बदले से हैं नाखूनों के रंग तो हो जाएं सावधान, कहीं ये इस बीमारी का तो नहीं फायर अलार्म?

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बदले बदले से हैं नाखूनों के रंग तो हो जाएं सावधान, कहीं ये इस बीमारी का तो नहीं फायर अलार्म?

हमारे नाखून शरीर की खूबसूरती का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हम मानें या न मानें लेकिन चमकदार नाखूनों से आपके व्यक्तित्व में एक अलग ही निखार आता है। वहीं अगर नाखून गंदे और मैले हों, तो आसपास के लोग भी आपसे दूर भागते हैं। आप अपने जीवन में कितनी साफ़ सफाई पसंद करते हैं, आपके नाखून भी कहीं न कहीं इस बात का सबूत दे देते हैं। लेकिन अगर कभी आपने गौर किया हो तो हमारे नाखूनों का तगड़ा लिंक हमारी सेहत से भी होता है। शरीर में हो रहे बदलावों का संकेत आपके नाखून पहले ही दे देते हैं। आइये जानें कैसे।

नाखूनों का पीलापन 

अगर आपके नाखून पहले की तुलना में अधिक पीले दिखाई दें, तो समझ जाए आपका शरीर आपको किसी बीमारी का फायर अलार्म दे रहा है।  ये इस बात की भी हिंट हो सकती  है कि आपके शरीर में खून की कमी होने लगी है।  या आप एनीमिया की ओर धीरे धीरे बढ़ रहे हैं।  ये भी हो सकता है कि आपका लिवर ख़राब हो। इसके साथ ही ये आपके हार्ट फेल की तरफ इशारा करता है।हो सकता है आपकी डायबिटीज बढ़ गई हो।

सफेदी या टूटते नाखून

अगर इससे उलट आपके नाखून ज़रुरत से ज्यादा सफ़ेद दिख रहे हैं, तो ज्यादा खुश होने की ज़रुरत नहीं है। ये भी एक गंभीर समस्या का इशारा है। इस स्थिति में लीवर की समस्या होने की संभावनाएं सबसे ज्यादा रहती हैं। इस दौरान आपको उंगलियों में पीलापन और सूजन सा अनुभव महसूस होने लगेगा। अगर नाखून टूट रहे हैं या साइड में काले पड़ रहे हैं, तो इसका कारण फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

नीला होना या लाइनें उभरना 

नाखूनों अगर नीले हो रहे हैं, तो ज्यादा से ज्यादा खुली हवा में रहने की कोशिश करें। ये आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने का संकेत है।  साथ ही आपको दिल की बीमारी या फेफड़ों में इंफेक्शन होने के भी चांसेस है।  नाखूनों में धारियां या लाइनें उभर रही हैं तो समझ जाइये आप आर्थराइटिस जैसे रोग की गिरफ्त में आने वाले हैं। इस दौरान आपको नाखूनों के पास हलके गड्ढे दिखाई देंगे।  इसलिए नाखूनों का ख़ास ख्याल रखें।

गलती से भी इन 4 चीजों को न तो किसी से ले और न ही किसी को दें, वरना बाद में पछताते रह जाओगे आप

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गलती से भी इन 4 चीजों को न तो किसी से ले और न ही किसी को दें, वरना बाद में पछताते रह जाओगे आप

बदलते मौसम और बदलते खानपान के चलते व्यक्ति को कब कौन सी बीमारी अपना शिकार बना ले कुछ कहा नहीं जा सकता. जाने अनजाने में हम खुद भी अपने आप से खिलवाड़ कर बैठते हैं. जिसका परिणाम बाद में ही देखने को मिलता है. आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी सेहत पर हावी हो सकती हैं.

कई बार कुछ ऐसी गलती कर बैठते हैं, जिसे वास्तव नहीं करना चाहिए. जैसे किसी की चीज उधार में लेना या फिर देना. जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बुहत बुरा प्रभाव पड़ सकता है. तो आइए आपको चीजों के बारे में बताते हैं, जिसे भूल से भी किसी को इस्तेमाल करने के लिए न तो देना चाहिए और न ही लेना चाहिए…

जूते और मोजे

अक्सर जब घर में कोई सदस्य या फिर किसी दोस्त के पैरों का साइज सेम होता है तो वो आपस में जूते की अदला बदली करते रहते हैं, जो बेहद गलत आदत है. बता दें कि आपको किसी को भी जूते और मोजे उधार नहीं देना चाहिए और न ही लेना चाहिए. क्योंकि जूते पहनने से पैरों में पसीना आता है और बैक्टीरिया उसमें जन्म लेते हैं. वहीं किसी और के मोजे पहन लेते हैं तो इससे भी हमें इंफेक्शन हो सकता है.

ईयरफोन

अक्सर हम एक दूसरे के ईयरफोन का इस्तेमाल कर लेते हैं, जोकि बेहद गलत आदत है, क्योंकि हमारे कान बेहद नाजुक होते हैं और ऐसेमें अगर आप किसी और के ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे हमारे शरीर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

लिपस्टिक

ज्यादातर लड़कियों की आदत होती है कि वो अपनी दोस्त या बहन की लिपस्टिक इस्तेमाल करती हैं. वहीं अगर आप भी इनमें से एक है जो अपने दोस्त को लिपस्टिक देती है या फिर उनसे लिपस्टिक मांगती हैं, तो आपको बता दें कि ऐसा करने से आप फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकती है. इसलिए कभी भी किसी और के द्वारा इस्तेमाल की गई लिपस्टिक का यूज न करें.

चश्मा

कई बार हम किसी और का चश्मा इस्तेमाल कर लेते हैं और अगर वो चश्म नंबर वाला होता है, तो इसका प्रभाव हमारे आंखों पर बेहद बुरा पड़ता है. इतना ही नहीं जिन्हें चश्मा लगा भी नहीं होता है, उन्हें तक चश्मा लग सकता है. इसलिए आपको किसी का नंबर वाला चश्मा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी खाएंगें तो कभी नहीं होगी ये बीमारियां, जानिए इसकी खासियत…

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दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी खाएंगें तो कभी नहीं होगी ये बीमारियां, जानिए इसकी खासियत…

Most Powerful vegetable – आजकल के बच्चे खाने में जंक-फूड को ज्यादा पंसद करते है, वो सेहतमंद सब्जियां कम ही खाते है. ऐसे में अक्सर परेशानी ये होती है कि आखिर ऐसी कौन सी सब्जी बच्चों को खिलाए जो उनके लिए फायदेमंद हो. अब हम आपको दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी के बारे में बताने जा रहे है. जिसका इस्तेमाल करके आप और आपका परिवार कुछ दिनों में ही तंदुरुस्त हो जाएगा. इस सब्जी को खाने के बाद आपका परिवार का स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहेगा और उन्हें कोई भी गंभीर बीमारी नहीं छुएगी. आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन-सी सब्जी है, जो इतनी ताकतवार है और ये कौन से मौसम में मिलती है. आइए बताते हैं कि वो कौन सी सब्जी है जिसे खाने के बाद आप सेहतमंद हो जाएंगें.

कंटोला की सब्ज़ी  

इस सब्जी का नाम है कंटोला. ये ककोड़े और मीठा करेला के नाम से भी जाना जाता है. ये सब्जी औषधि से भरपूर होती है. बता दें कि ये सब्जी आपको मीट से भी कई गुना ज्यादा प्रोटीन और ताकत आपको देगी. कंटोला में फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते है. इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है.

अब आप सोच रहें होंगे की मार्केट में इतनी गुणवत्ता वाली सब्जी आखिर किस मौसम में मिलती हैं?. तो बता दें आपको कि ये सब्जी मानसून के महीने में आपको मिल जाएगी. इस सब्जी की गुणवत्ता की वजह से इसकी मांग पूरी दुनिया में है. भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में इस सब्जी की मुख्य रूप से खेती की जाती है.

ये होते हैं इस सब्जी के फायदे

अब आइए बताते हैं आपको कि आखिर इस सब्जी का सेवन करने से आपको क्या-क्या लाभ होंगे और कैसे ये आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन सब्जी है.

इन गंभीर बीमारियों की रोकथाम में करती है मदद

कंटोला में ल्युटेन जैसे केरोटोनोइडस का मौजूद होता है. ये कई तरह के रोग जैसे कि नेत्र रोग, हृदय रोग और यहां तक की कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद करता है.

वजन घटाने के लिए अच्छा विकल्प

कंटोला में आयरन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है. लेकिन इसमें कैलोरी कम मात्रा में होती है. जो वजन घटाने में मदद करता है. अगर आप इस सब्जी का 100 ग्राम सेवन करते है तो इसमें 17 कैलोरी प्राप्त होती हैं.

बीपी को करती है कंट्रोल – Most Powerful vegetable

कंटोला में मोमोरेडीसिन तत्व मौजूद होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटीज और एंटीस्टे्रस की तरह काम करते है. इसका सेवन करने से बीपी कंट्रोल में रहता है.

पाचन क्रिया को दुरुस्त करती है

जरूरी नहीं आपको इसका सेवन सब्जी के रूप में ही करें, आपको इसका आचार बनाकर भी खा सकते हैं. इस सब्जी को आयुर्वेद में इलाज के लिए एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. ये पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता हैं.

सर्दी-खांसी में भी देती है राहत

कंटोला सर्दी-खांसी में भी राहत देता है, इसमें मौजूद एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक सर्दी खांसी को रोकने में काफी मदद करते हैं.

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रानू मंडल ने खुद सुनाई अपनी कहानी, कहा- “मैं फुटपाथ पर पैदा नहीं हुई, एक अच्छे परिवार से रखती हूं नाता”

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रानू मंडल ने खुद सुनाई अपनी कहानी, कहा- “मैं फुटपाथ पर पैदा नहीं हुई, एक अच्छे परिवार से रखती हूं नाता”

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो से रातों-रात बनी सिंगिग स्टार रानू मंडल कुछ इस तरह से सुर्खियों में बनी हुई है कि बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक इनके बारे में जानना चाहते हैं. आखिर ये महिला है कौन, इनके परिवार के लोग है तो वो साथ क्यों नहीं थे, इतना अच्छा गाना गाती हैं तो फुटपाथ पर क्यों रहती थी. वहीं आज हम आपको रानू मंडल के परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका उन्होंने खुद खुलासा किया है, तो आइए आपको बताते हैं…

सूत्र के अनुसार रानू मंडल ने बताया कि वो एक अच्छे परिवार से नाता रखती हैं, उनका जन्म फुटपाथ पर नहीं हुआ था. हालांकि ये सब उनकी किस्मत का दोष है जिसने उन्हें रानी से नौकरानी बना दिया या यू कहें कि जो खुद अपने परिवार के लोगों को रोटी बना खिलाती थी, उन्हें किस्मत ने लोगों के आगे रोटी मांगे के लिए हाथ में कटोरा दे डाला.

रानू मंडल ने बताया कि शादी के बाद उनके पति उन्हें मुंबई लेकर आए थे और वो अभिनेता फिरोज खान के घर में खाना बनाने का काम करते थे. उस दौरान उनके बेटे फरदीन खान कॉलेज जाया करते थे. उन्होंने हमेशा से हमारे साथ परिवार के सदस्यों की तरह बर्ताव किया था. वहीं पति के मौत के बाद से रानू अकेली हो गई थी और वो बंगाल वापस आ गई थीं.

रानू ने आगे बताया कि वो सालों तक अकेली रही है, उस दौरान उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने भगवान की ओर अपने भरोसे को कभी कम नहीं होने दिया. कैसी भी परिस्थिति होती थी वो उसके अनुसार गाना गाती रही, लेकिन उन्हेंने कभी गाने के लिए मौका नहीं मिला, उन्हें गाने से बहुत ज्यादा प्यार है.

अब तक बॉलीवुड के लिए इतने गाने हो चुके हैं रिकॉर्ड

आपको शायद जानकारी हो की हिमेश रेशमिया ने रानू से 2 गाने गवाए हैं, लेकिन आपको बता दें कि रानू के अनुसार वो अब तक बॉलीवुड के लिए 5-6 गाने रिकॉर्ड कर चुकी हैं. उन्होंने आगे बताया कि वो मुंबई में अपना खुद का घर लेना चाहती हैं, क्योंकि वो बार-बार हवाई जहाज से सफर नहीं कर सकती हैं. उनके लिए ये बहुत बड़ी बात है कि वो मुंबई में संगीत की दुनिया से जुड़ रही हैं. इस वजह से वो मुंबई में ही रहना चाहती हैं.

इस गाने ने बनाया रानू को स्टार

‘एक प्यार का नगमा है’ इस गाने रानू मंडल को रातोंरात स्टार बना दिया था, जिसे सोशल मीडिया पर लाखों यूजर्स ने शेयर भी किया. उसके बाद रानू ने हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘हैप्पी हार्ड एंड हीर’ के लिए गाना गाया और फिर वो एक सेलेब्रिटी बन गईं.

60 साल की रानू के बारे में जानने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता है. जिन्होंने अपनी जिंदगी के बीते 10 साल काफी कठनाईयों के साथ बिताए थे, जब कोई इन्हें पूछने वाला भी नहीं था. वहीं अब इनकी पूरी जिंदगी के बारे में देश ही नहीं पूरी दुनिया जानना चाहती हैं.