सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला अभी भी रहस्य बनी हुई है. सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के होटल में मृत पाई गई थीं. उनका शव दिल्ली के चाणक्यपुरी में लीला पैलेस होटल के कमरा नंबर 345 में मिली थी. सुनंदा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर से 22 अगस्त 2010 को शादी की थी. सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर के साथ शादी के तीन साल, तीन महीने और 15 दिन बाद हुई थी. इस मामले में उनके पति शशि थरूर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. हालांकि एसआईटी जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है.
पत्नी से अलग सुनंदा: एक हस्ती
चूंकि सुनंदा महज एक गॉसिप नहीं बल्कि एक मुकम्मल इंसान थीं. इसलिए पहले एक नजर उनकी हस्ती पर डाल लेते हैं. साल 1962 में सुनंदा की पैदाइश कश्मीरी पंडितों के परिवार में हुई. लेफ्टिनेंट कर्नल पुष्कर नाथ दास और जया दास की वो इकलौती बेटी थीं. 1990 में कश्मीर में हुई हिंसा में उनके घर को जला दिया गया, जिसके बाद सुनंदा और उनका परिवार जम्मू में रहने लगा. सुनंदा की पहली शादी उनके परिवार की मर्जी के खिलाफ थी. होटल मैनेजमेंट करते हुए उनकी मुलाक़ात संजय रैना से हुई, और दोनों ने शादी कर ली. हालांकि ये शादी मुश्किलों से भरी थी. और जल्द ही सुनंदा को इस रिश्ते में घुटन होने लगी.
1991 में उन्होंने ये रिश्ता तोड़ते हुए सुजीत मेनन नाम के एक मलयाली बिजनेसमैन से शादी कर ली. इस शादी से उन्हें एक बेटा हुआ. मार्च 1997 में सुजीत की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई. सुजीत की मौत को भी डिप्रेशन और आत्महत्या से जोड़कर देखा गया. हालांकि सुनंदा ने ऐसी किसी बात से इंकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि सुजीत आर्थिक समस्या से गुजर रहे थे.
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इन सालों में सिंगल मदर रहते हुए उन्होंने अपना बिजनेस भी एस्टब्लिश किया. श्रीनगर के एक होटल में फ्रंट डेस्क रिसेप्शनिस्ट से शुरुआत करते हुए उन्होंने दुबई का रुख किया. और वहां एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की शुरुआत की. उन्होंने फैशन शो आर्गेनाईज करना शुरू किया. और इस दौरान उन्होंने ऐश्वर्या राय के साथ भी काम किया. ऐश्वर्या तब मॉडलिंग में अपना हाथ आजमा रही थीं. पति की मृत्यु के बाद उन्होंने कनाडा में नौकरी की. और फिर दुबई में ज्वेलरी का काम शुरू किया. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपने पति का जमा हुआ क़र्ज़ चुकाया बल्कि अपने पिता और भाई को भी सपोर्ट किया.
सुजीत की मौत के बाद सुनंदा का पूरा ध्यान अपने बेटे शिव पुष्कर मेनन की तरफ था. पिता की मौत के बाद शिव को बोलने में कुछ दिक्कतें आनी लगी. इसलिए सुनंदा उसे अच्छी मेडिकल सुविधाएं देने के लिए कनाडा चली गई. 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वो अपने बेटे को एक्टिंग की दुनिया में लाना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने शिव का दाखिला अनुपम खेर एक्टिंग स्कूल में करवाया.
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इन सालों में सिंगल मदर रहते हुए उन्होंने अपना बिजनेस भी एस्टब्लिश किया. श्रीनगर के एक होटल में फ्रंट डेस्क रिसेप्शनिस्ट से शुरुआत करते हुए उन्होंने दुबई का रुख किया. और वहां एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की शुरुआत की. उन्होंने फैशन शो आर्गेनाईज करना शुरू किया. और इस दौरान उन्होंने ऐश्वर्या राय के साथ भी काम किया. ऐश्वर्या तब मॉडलिंग में अपना हाथ आजमा रही थीं. पति की मृत्यु के बाद उन्होंने कनाडा में नौकरी की. और फिर दुबई में ज्वेलरी का काम शुरू किया. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपने पति का जमा हुआ क़र्ज़ चुकाया बल्कि अपने पिता और भाई को भी सपोर्ट किया.
2010 में पहली बार मीडिया कि सुर्ख़ियों में
धीरे-धीरे अपना बिजनेस बढ़ाते हुए उन्होंने दुबई में काफी सारे प्रॉपर्टीज अपने नाम की. ऐसी डिटेल किसी मर्द के नाम से जुड़े तो उसे एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन कहा जाता है. लेकिन सुनंदा के केस में ये सब बातें स्कैंडल की तरह बताई गईं. सुनंदा का नाम साल 2010 में पहली बार मीडिया में आया. मामला IPL से जुड़ा था. रॉनडेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड नाम की एक कंपनी थी. जिसमें सुनंदा को 70 करोड़ की स्वेट इक्विटी मिली थी.
स्वेट इक्विटी का मतलब कंपनी का वो हिस्सा जो आपको अपनी मेहनत की एवज में मिलता है. साल 2010 में रॉनडेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड ने कोच्ची टस्कर्स केरला नाम की एक IPL फ्रैंचाइज़ी खरीदी. अब इसमें पेंच ये था कि सुनंदा को इस कंपनी का डायरेक्टर IPL की बोली से सिर्फ 18 दिन पहले बनाया गया था. इसलिए सुनंदा पर अनियमिताओं के आरोप लगे. हालांकि ये आरोप सुंनदा के साथ साथ शशि थरूर पर भी लगे. सुनंदा इस समय कांग्रेस सांसद और विदेश राज्य मंत्री हुआ करते थे. इसलिए उन पर अपने पद के अनैतिक उपयोग का आरोप लगा.
मोदी ने कहा ’50 करोड़’ की गर्लफ्रेंड
गुजरात के मुख्यमंत्री और साल 2023 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान काफी विवादित हुआ था. 29 अक्टूबर 2012 को एक चुनावी रैली संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “इस देश में कभी किसी ने 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड देखी है?”. मोदी का इशारा सुनंदा की तरफ था. इस केस में थरूर को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
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सुनंदा और थरूर की की पहली मुलाक़ात कुछ साल पहले दुबई में हुई थी. उस वक्त थरूर शादी शुदा थे. लेकिन इस मुलाकात के बाद जल्द ही थरूर ने अपने पुराने रिश्ते को चार विराम दे दिया. थरूर और सुनंदा साथ दिखाई देने लगे. और 2010 में दोनों ने शादी कर ली. हालांकि सुनंदा के लिए दुबई से दिल्ली का ये सफर आसान नहीं था. वरिष्ठ पत्रकार कावेरी बामजई लिखती है ”दिल्ली हर चीज माफ़ कर सकती है, लेकिन शख्सियत से भरी एक राजनेता की पत्नी को कभी माफ़ नहीं कर सकती”.
यही सुनंदा के साथ भी हुआ. सुनंदा खुद एक काबिल महिला थी और उनके अपने शब्दों में “उन्हें किसी काम के लिए कभी किसी आदमी से मदद लेने की जरुरत महसूस नहीं हुई थी”. लेकिन दिल्ली आते ही वो एक हाई प्रोफाइल नेता की पत्नी हो गई. जिसके चलते उनके हर कदम पर मीडिया नजर बनाए रखती.
ये था पूरा मामला
बात सुनंदा पुष्कर कि मौत के दो दिन पहले की है जब शशि थरूर के अकाउंट से कुछ स्क्रीनशॉट्स पोस्ट हुए थे. जिसमें पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार ने शशि थरूर से प्यार करने की बात लिखी थी. इस मैसेज के बाद थरूर ने तुरंत ही ट्वीटर पर अकाउंट हैक होने की जानकारी साझा की और थोड़ी ही देर में उनका ट्वीटर अकाउंट भी डी-एक्टिव हो गया.
16 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर और मेहर तरार के बीच ट्वीटर पर जमकर कहा सुनी हुई और पुष्कर ने पाकिस्तानी पत्रकार को आईएसआई का एजेंट भी कह दिया था. सुनंदा ने वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह को फोन कर बताया की वो थरूर के बारे के कुछ खुलासा करेंगी.
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17 जनवरी 2014 को दिल्ली के चाणक्यपुरी के पांच सितारा होटल लीला पैलेस के कमरा नं 345 में सुनंदा पुष्कर मृत पाईं जाती हैं. शशि थरूर ने बताया कि सुनंदा लूपस नाम की बीमारी से जूझ रहीं थीं और उनका इलाज केरल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में चल रहा था. पुलिस ने शुरुआत में ख़ुदकुशी की बात कही और इस बात से भी इनकार नहीं किया कि सुनंदा की मौत दवाइयों के ओवरडोज़ से हो सकती है. उस दौरान सुनंदा का मेडिकल ट्रीटमेंट चल रहा था. सुनंदा को ल्यूपस एरिथिमाटोसस नाम की बीमारी थी. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम इतना ज़्यादा एक्टिव हो जाता है कि शरीर के स्वस्थ टिश्यू को ही मारने लग जाता है.
शशि थरूर पर दर्ज हुआ था केस
अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला था कि सुनंदा की मौत किस ज़हर से हुई. कुछ रिपोर्ट्स में अंदेशा लगाया गया कि सुनंदा की मौत पोलोनियम नाम के ज़हर से हुई है. इस बात को पुख्ता करने के लिए विसरा के नमूने वाशिंगटन भेजे गए. FBI की लैब में विसरा की जांच हुई. लेकिन इस रिपोर्ट में भी कुछ पुख्ता सबूत सामने नहीं आया. 4 साल चली जांच के बाद मई 2018 में पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट जमा की. 3 हज़ार पन्ने की चार्जशीट में शशि थरूर पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और क्रूरता बरतने का आरोप लगाया गया था. थरूर ऐसे किसी भी आरोप से इंकार करते रहे.
मैं निर्दोष हूं: शशि थरूर
जून 2018 को दिल्ली में कोर्ट के सामने पेश होकर थरूर ने कहा कि वो निर्दोष हैं और कोर्ट में सच्चाई सामने आकर ही रहेगी. फरवरी 2019 को पटियाला हाउस की सत्र अदालत ने सुनवाई सात मार्च तक के लिए टाल दी. मई 2019 को राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज की अदालत में इस मामले में कांग्रेस नेता और सुनंदा पुष्कर के पति शशि थरुर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर बहस शुरू हुई. अगस्त 2019 को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपनी दलील रखी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. 30 जनवरी 2020 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर की अर्जी खारिज की.
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2021 में कोर्ट से मिली राहत
3 साल चले केस के बाद 18 अगस्त 2021 को थरूर को बाइज्जत बरी कर दिया गया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस इस बात को साबित नहीं कर पाई कि ये आत्महत्या का मामला है. इस मौके पर शशि थरूर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा,
“ये मेरे लिए एक दुःस्वप्न के ख़त्म होने जैसा है, मैंने “मैंने दर्जनों निराधार आरोपों और मीडिया की बदनामी का धैर्यपूर्वक सामना किया है, भारतीय न्यायपालिका में मेरे कायम विश्वास के चलते मैं ऐसा कर पाया, जो आज सही साबित हुआ है. हमारी न्याय प्रणाली में, अक्सर प्रक्रिया ही सजा बन जाती है”.
साल बदला पर मामले को तवज्जो नहीं मिली
अब जानते हैं साल 2023 में ये केस कहां पहुंचा है. इस केस में आख़िरी खबर दिसंबर 2022 में आई थी. दिल्ली पुलिस ने स्पेशल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है. मामला अभी भी कोर्ट में है. सुनंदा के ऊपर लिखी किताब, ‘द एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ एंड डेथ ऑफ सुनंदा पुष्कर’ की लेखिका सुनंदा मेहता लिखती हैं कि ना ही सुनंदा के बेटे ने, न ही उनके परिवार ने कभी इस केस में थरूर के ऊपर कोई उंगली उठाई या शक किया. चूंकि क़ानून में गुंजाइश है कि हर केस सॉल्व होना जरूरी नहीं. लेकिन जैसा कि शुरुआत में हमने बताया था, इंटरनेट की अदालत को ये मंजूर नहीं. इसलिए सुनंदा और उनके जैसे तमाम केसों में कॉन्सपिरेसी थियोरी अमर है.