हादसे की पूरी कहानी
आज ही वो दिन है जिसने पूरे देश को अन्दर से हिला कर रख
दिया. जिनका हादसे के 4 साल बाद भी नहीं मालूम की 14 फरवरी को क्या हुआ था वो तो वेस्टर्न
कल्चर के रिवाज़ से ‘वैलेंटाइन्स डे’ मनाएंगे. लेकिन दरअसल में ये दिन भारत के लिए ‘ब्लैक
डे’ बन गया. साल 2019 में आज ही के दिन आतंकियों ने पुलवामा में CRPF जवानों के काफिले पर हमला किया था. जम्मू नेशनल हाईवे पर हुए इस हादसे ने
देश के 40 सपूत छीन लिए. हमला भले ही जम्मू में हुआ था लेकिन इसने दिल्ली में बैठी
मोदी सरकार की चूलें हिला कर रख दी थी. जहां एक तरफ 40
जवानों की शहादत, उनके घरों में दुख का
पहाड़ टूटना और दूसरी तरफ 2019
आम चुनाव के पहले चरण के मतदान (11 अप्रैल 2019)
में सरकार के पास अब सिर्फ दो महीने का वक़्त बचा था.
ऐसे मेंअपनी सत्ता और देश का सम्मान बचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी.जनता के आक्रोश और
चुनाव के दबाव में कोई ऐसा फैसला लिया जाना जरूरी था, जिससे आतंकवादियों को सख्त संदेश दिया जा सके की अगर वो अपनी जिन्दगी में भी
दोबारा ऐसा कुछ करने की कोशिस करें तो उनकी रूह काँप जाए. इसी पुलवामा आतंकी हमले
ने बालाकोट एयरस्ट्राइक की नींव रखीं.
14 FEB 2019: ये था पूरा वाक्या
हुआ कुछ यूं था कि 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ कर्मियों का 78 गाड़ियों का एक काफिला
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे नंबर 44 (NH-44) पर जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था. इन गाड़ियों में 2500 CRPF कर्मी मौजूद थे. CRPF
कर्मियों के इस काफिले ने सुबह 3.30 बजे जम्मू से अपनी यात्रा शुरू की. सूरज ढलने से पहले इनके काफिले को श्रीनगर
पहुंचना था.
यहां पुलवामा जिले में लेथापोरा के पास एक कार में मौजूद आत्मघाती
हमलावर ने काफिले की गाड़ी पर दोपहर करीब सवा तीन बजे जोरदार टक्कर मारी. टक्कर
होते ही वहां जोरदार धमाका हुआ. धमाके की जद में आई CRPF कर्मियों की बस के परखच्चे उड़ गए. इस आतंकवादी हमले में 76वीं बटालियन के 40
जवान शहीद हो गए और कई जवान घायल हुए. घायलों को तुरंत
श्रीनगर के अस्पताल ले जाया गया.
करीब 300 किलो विस्फोटक का हुआ था इस्तेमाल
फोरेंसिक टीम के जाँच के बाद पता चला की हमले को अंजाम देने
के लिए करीब 300 किलो से ज्यादा का विस्फोटक का इस्तेमाल
किया था जिसमे लगभग 80 किलो RDX और अमोनियम-नाइट्रेट का भी
यूज़ किया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल हुडा के का मानना था कि हो सकता है आतंकवादियों
ने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोट किसी कंस्ट्रक्शन साइट से चुराया होगा. हालांकि, बाद में उन्होंने माना कि इसे सीमा पार से तस्करी करके भी लाया गया था.
जैश-ए-मोहम्मद वीडियो शेयर कर ने ली थी जिम्मेदारी
इस सुसाइड बोम्ब अटैक की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित
आतंकवादी संगठन जैश -ए- मोहम्मद ने ली थी. जैश ने इस जानलेवा हमले को अंजाम देने
वाले 22 वर्षीय आदिल अहमद डार का वीडियो भी जारी किया. आदिल कश्मीर का ही मूल निवासी
था और कुछ ही समय पहले वह इस आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था.
पाकिस्तान ने हमले से किया था दरकिनार
भारत पर होने वाला हर आतंकवादी हमला भूखे भिखमंगे पाकिस्तान
के अलावा कोई और नहीं कर सकता. लेकिन जब भारत ने इस आतंकवादी हमले के लिए
पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया तो पाकिस्तान सरकार ने
पहले तो कोई रिएक्शन नहीं दिया लेकिन जब इंटरनेशनल लेवल पर इसकी निंदा शुरू हुई तो
पाकिस्तान ने हमले की निदना करते हुए खुद को इससे दरकिनार कर लिया की इस हमले से
हमारा कोई लेना देना नहीं था. इस आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान के एकदम ही
ख़त्म कर दिया,
जो आज भी बने हुए हैं. इस हमले के बाद दोनों देशों की
सेनाएं भी कई बार आमने-सामने आ गईं. बाद में भारतीय जांच एजेंसियों ने पुलवामा
आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार 19 आरोपियों की पहचान की.
अगस्त 2021
तक इनमें से 6 को सुरक्षाबलों ने मार
गिराया था,
जबकि 7 को गिरफ्तार कर लिया था.
भारत ने दिया करारा जवाब
सरकार चुप थी, लेकिन जनता में रोष बढ़ता
जा रहा था, चुनाव भी सिर पर थे और आतंकवादियों की हरकतें थमने का नाम
नहीं ले रही थीं. ऐसे में पाकिस्तान में अपनी सुरक्षित पनाहगाह में बैठे
आतंकवादियों को एक सख्त संदेश देना जरूरी था.साथ ही देश की जनता को भी जताना था देश की सरकार
किसी से नहीं डरती और उनके हमले का जवाब उन्हीं की भाषा में देगी.
ऐसे में 26
फरवरी 2019 को सुबह सूर्योदय से पहले
भारतीय वायु सेना के 12
मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने LoC के पार बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर दी. भारतीय विमानों ने बालाकोट में मौजूद
जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप और ठिकानों पर बमबारी की, जहां बड़ी संख्या में आतंकवादी मौजूद थे. रिपोर्ट के अनुसार 300 से 350
आतंकवादी इन हवाई हमलों में मारे गए थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी श्रधांजलि
आज ही के दिन ‘वैलेंटाइन्स डे’ मनाया जाता है और आज के ही दिन
भारत में ‘ब्लैक डे’. हम अपना कोई व्यक्तिगत विचार नहीं रखना चाहते लेकिन खुशियाँ
मनाइए कोई बात नहीं लेकिन एक बार उन 40 जवानों को भी याद कर लो जो आपकी रक्षा
के लिए कुर्बान हो गए.