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प्रेमानंद जी के सत्संग : आस पास कोई गलत काम करे तो क्या हमें उन्हें रोकना चाहिए?

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राधा रानी के परम भक्त और हर समय उनका नाम लेने वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी वृन्दावन में रहते हैं. महाराज जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं तो साथ ही बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन भी करते हैं. वहीँ महराज जी राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है और इन सत्संग में कई सारी अच्छी बातें भी बताते हैं. महाराज जी लोगों से मिलते हैं और इस बीच महाराज जी मिलने आई एक महिला ने उनसे सवाल किया कि आसपास कोई गलत कार्य करे तो क्या हमें उन्हें रोकना चाहिए. वहीं महाराज ने इस सवाल का जवाब दिया है.

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महाराज ने बताया गलत काम हो रहा हो तो क्या करें 

दरअसल, महाराज से मिलने के लिए अमेरिका से अक्षिता नाम की महिला आई और इस महिला ने महाराज जी से सवाल किया कि आसपास कोई गलत कार्य करे तो क्या हमें उन्हें रोकना चाहिए. वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए महाराज ने कहा कि यदि वो अपने अधिकार के अंतर्गत हैं तो इस काम को करने से रोके लेकिन अगर आपका अधिकार क्षेत्र नही है तो उसे नहीं रोकें.

महाराज जी ने ये भी कहा कि अगर कोई हमारे धर्म, मर्यादा, राष्ट्र या हमारे  गुरुजनों को लेकर कोई गलत कार्बोय करता है या बोलता तो हम कानून या पुलिस का सहारा ले सकते हैं.

इससे पहले मथुरा जेल अधीक्षक महाराज जी से मिलने आये और उन्होंने सवाल किया कि जिस जेल के वो अधीक्षक हैं वहां पर 1600 कैदी हैं. वहीं इनमे से कई कैदी ऐसे हैं जो 16-18 सालों से जेल में बंद हैं. जेल में बंद कैदी के अपने परिवार वालों से न मिल पाते हैं न ही बातें कर पाते हैं और इस वजह से जहाँ जेल में बंद कैदी का परिवार तिल-तिल मरता रहता है तो वहीं  जेल में बंद कैदी सुसाइड जैसे कदम उठा लेते हैं. वहीं अधीक्षक ने भी कहा कि हमने आपकी प्रेरणा से राधे-राधे का जाप कराना शुरू किया है जिसकी वजह से काफी परिवर्तन आया है और अब इन कैदियों को कुछ सन्देश दीजिये.

जब महाराज ने कैदियों को दिया सन्देश 

वहीं महाराज जी ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि वो निर्दोष हो और उन्होंने वो अपराध नहीं किया हो लेकिन वो इस अपराध के लिए उन्हें सजा मिल गयी ये वो पाप जो है उन्हें दंड नहीं मिला है वो ही पाप वो भोग रहे हैं. इसी के साथ महाराज ने कहा कि आत्महत्या वो उपाय नहीं है जिससे हम मुक्त हो जाए ये वो पाप जिसका आपको दंड भोगना पड़ेगा. वहीं महाराज ने भी ये कहा कैदियों को ये सोचना चाहिए कि जेल मिली तो क्या हुआ हम नाम जप करें और देखना सब रह आसान हो जायेगा. इसी के साथ महाराज जी ने कहा उन्हें ये सुनकर अच्छा लगा की कैदी भी नाम जप करते हैं उनक मन प्रसन्न हो गया.

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