ज्ञानवापी मस्जिद या मंदिर पर प्रो. राजेश शर्मा ने दिया ये विकल्प… ज्ञानवापी पर प्रो. राजेश शर्मा का सटीक विश्लेषण…

Table of Content

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रो. राजेश शर्मा हर राजनीतिक मुद्दों पर अपनी आवाज़ को बुलंद करने के लिए जाने जाते है। अब उन्होंने देश में चल रहे चर्चित ज्ञानवापी मामले पर अपना बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना में देश के विकास पर ध्यान देने को लेकर भी चर्चा की है।

दरअसल, ज्ञानवापी मामले पर राजेश शर्मा ने कहा कि आज ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा जो कि burning isssue है, वो कोर्ट में विचारधारिन है। कोर्ट में होने के बावजूद भी मुस्लिम नेता अपनी स्टेटमेंट देने से बाज नही आ रहे है। मैं उन सबको बताना चाहूंगा कि ज्ञानवापी का मतलब होता है ज्ञान का कुंआ। और ज्ञानवापी जो मस्जिद है वो हमारे काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ सटी हुई है। जिसको औरंगजेब ने 1669 में तोड़ के मस्जिद बनवाई। 

वहीं प्रो. राजेश शर्मा ने ज्ञानवापी मामले पर कमेटी बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश अनुसार भारत सरकार ने श्री रामजन्मभूमि न्यास ट्रस्ट बनाया, उसी तरह ज्ञानवापी मामले पर भी एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। इस कमेटी में श्री रामजन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के कुछ लोग, नकवी जी के समुदाय से कुछ लोग और कोर्ट के रिटायर जस्टिस के लोगों को मिलाकर कमेटी गठित की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी मंदिर से बिल्कुल सटा हुआ है, जिसे औरंगजेब ने 1669 में तोड़कर बनाया था। ये मैने खुद वहां जाकर देखा है”। गौरतलब है कि प्रो. राजेश शर्मा के इस बयान से ज्ञानवापी मामले में नया मोड़ आ सकता है। जाहिर है कि ऐसा प्रस्ताव अब तक किसी ने भी नही दिया है। 

प्रो. राजेश शर्मा ने नेड्रिक न्यूज को दिए इंटरव्यू में आगे कहा कि हमारे ओवैसी जी कहते है कि भारत के बाहर के मुसलमानों से खास कर की अरब देश के मुसलमानों से हमें कोई लेना-देना नहीं है। मैं ओवैसी जी से एक ही बात कहना चाहूंगा, हिंदू धर्म सतयुग, द्वापरयुग, त्रेतायुग और कलयुग चार खंडो में बांटते है। आपका इस्लाम धर्म तो आया ही 1400 साल पहले, तो मुस्लिम कहां से आए, बाहर से आए। हिंदू पहले से ही भारत में थे, हिंदू धर्म का इतिहास पुराणों में देख लिजिए, वेदों में देख लिजिए ये कितना पुराना धर्म है, ये मैं नहीं बोल रहा पुराण और शास्त्र बोल रहे हैं।

प्रो. राजेश शर्मा ने कहा कि रामजन्मभूमि पर भी सुप्रीम कोर्ट ने हमारे (हिंदू धर्म) फेवर में फैसला सुनाया, कि वहां पर रामजन्मभूमि का अस्तित्व है। शास्त्रों में इसके बारे में जिक्र है। लेकिन अब आप हमारे भगवान शिव के बारे में ऐसी बाते बोल रहे है जो मैं बोल भी नहीं सकता। हमारें (हिंदू) शास्त्रों में ब्रह्मा और विष्णु भी शिव का आदि और अंत नहीं बता पाए। तभी केतकी के झूठ बोलने पर भगवान शिव ने उसे श्राप दे दिया था। तो जब हमारे (हिंदू) शास्त्रों में कोई शिव का आदि और अंत नही जानता, तो आप हमारे शिव के बारे में गलत बयान क्यों दे रहे हैं।

राजेश शर्मा ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारे हिंदू धर्म के किसी नेता ने या RSS-BJP के किसी नेता ने या किसी मंत्री ने अब तक मुस्लिम धर्म या इस्लाम के बारे में कोई गलत बात नहीं बोली। मैं कुरान के एक आयत से कुरान को बता सकता हूं। मैंने कुरान को भी पढ़ा है। उसमे कहीं ऐसा नही लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, तो ज्ञानवापी मस्जिद आई कहां से। औरंगजेब ने 1669 में तोड़ के बनवाई है। हमारे 45 हजार मंदिरों को तोड़ा गया है और हम दिल पर पत्थर रखकर बैठें हैं। हम लोग हिंदू हैं और हिंदू अपने मुंह की रोटी भी दूसरों को दे देते हैं। यहां तक की हमारे शिवलिंग के बारे में कई FIR भी दर्ज की जा चुकी हैं, जो उन्होंने कराई है, इसके साथ ही वे गलत बयान भी देते हैं। तुम शिवलिंग की गलत बात करते हो, शिवलिंग का पहले अर्थ तो सही से समझो। तुम जिहाद की बात करते हो, क्या जिहाद का मतलब जानते हो। जिहाद का कुरान में कोई जिक्र ही नहीं है। 

प्रो. राजेश शर्मा ने आगे कहा कि ”गुलाम नबी आजाद कह रहे हैं कि आज से 600 साल पहले मेरे भी पूर्वज हिंदू थे, ये मैं नहीं, गुलाब नबी आजाद जी कह रहे हैं, जो जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके है। जब कांग्रेस का नेता मानता है कि 600 साल पहले जो कश्मीर के अंदर मुस्लिम है वो हिंदू ही थे। तो जब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामला है, तो गलत स्टेटमेंट देकर भड़काने वाला काम देश में क्यों कर रहे है। इस समय देश को शांति से चलने दें। 

वहीं उन्होंने पीएम मोदी द्वारा पूरी दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर विपक्षी नेताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस और बाकी विपक्षी नेताओं को भी समझाने की कोशिश की है कि पीएम मोदी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री है। तो पीएम मोदी को प्रधानमंत्री वाला मान-सम्मान दें। आज उनको पूरी दुनिया सलाम करती है, इसका कोई तो कारण होगा। अगर उनको चुनावों की फिक्र होती, तो जिस दिन उनका बनारस में चुनाव था वे केदारनाथ में पूजा-अर्चना नहीं कर रहे होते, उस समय मैं उनके साथ ही था। अगर वे वहां पूजा कर रहे थे, इसका मतलब ये हुआ कि उन्हें चुनाव की चिंता नहीं थी।

प्रो. राजेश शर्मा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि वे कुछ औऱ राज्यों में सरकार बनायेंगे। उत्तराखंड, गोवा, यूपी में अपना वोट पर्सेंट देख लें और वो बात करते हैं कि गुजरात, राजस्थान में सरकार बना लेंगे। कैसे सरकार बना लेंगे, अगर सरकार बना भी लेंगे तो तुम्हारी पंजाब में सरकार बनी और बनते ही हेल्थ मंत्री को मुख्यमंत्री के बोलने पर गिरफ्तार किया गया। आपको सरकार बनाए अभी समय ही कितना हुआ हैं और दिल्ली तो नेशनल कैपिटल यानि राजधानी हैं। जो आम आदमी पार्टी एक राज्य में भी पूरी तरह से सरकार नहीं बनी है और बीजेपी के बारे में गलत स्टेटमेंट देते रहते हैं। जबकि हमारे बीजेपी नेता, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने तो कभी सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए गलत नहीं कहा। सीएम केजरीवाल तो देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री है, जिसे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से फटकार भी मिल चुकी है। तो उन्हें अपने बयान सोच-विचार करके देने चाहिए। उन्हें जनता ने चुना है और इसलिए उन्हें ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए जो मर्यादा से बाहर हो। 

साथ ही प्रो. राजेश ने ओवैसी को घेरते हुए कहा कि मैं burning isssue ( ज्ञानवापी मामला) पर बोलना चाहूंगा। ओवैसी जी जरा अपनी स्टेटमेंट को ध्यान से देखकर बोला करें। वे भारत में एक Member Of Parliament भी है, तो उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वे Constitution के खिलाफ कोई बात ना बोले, संविधान के अनुरूप बोले। आगे उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के बारें में बोलना चाहूंगा, ”हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के नेताओं से हाथ जोड़कर विनती करता हूं। मैं भारत सरकार से इस विषय पर बात कर रहा हूं और हिंदू धर्म को मनाने की जिम्मेदारी मैं प्रो. राजेश शर्मा लेता हूं।”

राजेश शर्मा की ये बात काफी प्रेरित करती है कि उन्होंने कहा कि एक तो कोरोना की वजह से देश वैसे ही पीछे चला गया है। ये तो पीएम मोदी जी पहल कर रहे है, दुनिया में मोदी जी को मान-सम्मान मिल रहा है, ये सिर्फ मोदी जी का सम्मान नहीं है बल्कि पूरे देश का मान-सम्मान है । पीएम की इस पहल के बाद मोदी जी के नेतृत्व में अब देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। देश-विेदेश में मोदी जी के जरिये भारत की बातें हो रही है। यही वजह है कि भारत अब बाकी देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगा है। हमें अपने देश को और आगे बढ़ाकर प्रगति की ओर ले जाना है।

बता दें कि प्रो. राजेश शर्मा को भारत सरकार में जिम्मेदारी दी गई, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्दोग मंत्रालय का सदस्य बनाया गया। राजेश शर्मा भारत के युवा मोर्चा का प्रतिनिधित्व दो बार राष्ट्रीय टीम में कर चुके है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी रह चुके है। राजेश शर्मा ने हर जगह अपने कार्यभार को बखूबी संभाला। फिलहाल वे ज्ञानवापी मामले पर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए है। 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds