Headlines

Sikhism in Afghanistan: अफगान सिखों का संघर्ष, तालिबान के कब्जे के बाद भारत से लेकर कनाडा तक कुछ ऐसा रहा उनका सफर

Table of Content

Sikhism in Afghanistan: 2021 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के साथ ही देश में लोकतांत्रिक सरकार का अंत हो गया। इस घटनाक्रम ने न केवल देश में रह रहे अल्पसंख्यकों को बुरी तरह प्रभावित किया, बल्कि अफगान सिख और हिंदू समुदाय के लिए जीवन बेहद कठिन बना दिया। तालिबान के कब्जे (Taliban takeover of Afghanistan) के बाद अफगान सिखों और हिंदुओं के लिए अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ना मजबूरी बन गई। भारत सरकार ने उनकी मदद के लिए विशेष प्रयास किए, और वे तस्वीरें आज भी लोगों के जेहन में हैं, जब अफगान सिख परिवार सिर पर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब लेकर काबुल एयरपोर्ट से निकले थे।

Sikhism in Afghanistan Taliban
Source: Google

और पढ़ें: Sindhi vs Sikh Controversy: सिंधी हिंदुओं और सिख धर्म के अनूठे रिश्ते की कहानी, यहां पढ़ें पूरा इतिहास

भारत से कनाडा की ओर पलायन- Sikhism in Afghanistan

तालिबान के अत्याचारों से बचकर भारत आए सिखों का जीवन हालांकि सुरक्षित हुआ, लेकिन उनके लिए बेहतर भविष्य की तलाश जारी रही। अब उनमें से अधिकांश कनाडा में बस गए हैं। द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आए लगभग 350 अफगान सिखों में से दो-तिहाई, यानी 230 सिख, अब कनाडा में रह रहे हैं। कनाडा में निजी प्रायोजक और सिख फाउंडेशन ने इन शरणार्थियों को बसाने में बड़ी भूमिका निभाई।

Sikhism in Afghanistan Taliban
Source: Google

कनाडा में बेहतर जीवन की शुरुआत

टोरंटो में रह रहे एक अफगान सिख ने बताया कि उन्हें कनाडा में सोशल सिक्योरिटी कार्ड, बैंक अकाउंट, और परमानेंट रेजीडेंस (PR) मिल चुका है। यहां तक कि तीन साल बाद वे कनाडा की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। कनाडा में इन सिख परिवारों को शुरुआती एक साल के लिए मंथली स्टाइपेंड, रहने के लिए घर, राशन, मोबाइल फोन, और बच्चों की मुफ्त शिक्षा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

अफगानिस्तान में सिखों का इतिहास

अफगानिस्तान में सिखों का इतिहास सदियों पुराना है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने 15वीं सदी में काबुल की यात्रा की थी, और उसके बाद कई सिख परिवार वहां बस गए। 1970 के दशक में अफगानिस्तान में सिखों की आबादी लगभग 5 लाख थी। लेकिन 1978 में शुरू हुई जंग और तालिबानी शासन के बढ़ते अत्याचारों के चलते उनकी आबादी तेजी से कम होती चली गई।

गुरुद्वारों और मंदिरों की तबाही

अफगानिस्तान में धार्मिक स्थलों को भी तालिबानी हिंसा का सामना करना पड़ा। 1989 की जलालाबाद लड़ाई के दौरान अफगानिस्तान के लगभग सभी गुरुद्वारे और मंदिर तबाह हो गए। 2022 में काबुल स्थित गुरुद्वारा करते परवान पर भीषण हमला हुआ, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई, लेकिन इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा।

भारत में सिखों की मदद

अफगान सिखों के भारत आने के बाद खालसा दीवान वेलफेयर सोसाइटी ने उनकी मदद का बीड़ा उठाया। हालांकि, अभी भी 120 सिख परिवार कनाडा के वीजा का इंतजार कर रहे हैं। भारत से कनाडा जाने वाले सिखों में से अधिकतर कंस्ट्रक्शन, ट्रक-ड्राइविंग, और पेट्रोल पंपों पर काम कर रहे हैं।

Sikhism in Afghanistan Taliban
Source: Google

तालिबानी कब्जे के बाद सिखों का पलायन

अफगानिस्तान में सिखों की स्थिति दशकों से बिगड़ती जा रही थी, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद यह पूरी तरह असहनीय हो गई। 2021 के बाद सिखों के लिए अफगानिस्तान में रहना लगभग नामुमकिन हो गया। उनकी सुरक्षा और अस्तित्व के लिए भारत उनका पहला ठिकाना बना। हालांकि, बेहतर भविष्य की तलाश में अब वे कनाडा या अमेरिका जैसे देशों का रुख कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता

अफगान सिखों की कहानी केवल धार्मिक उत्पीड़न का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह एक पूरी मानवता के लिए चिंता का विषय है। तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान में न केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों, बल्कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का भी हनन हुआ है।

नया जीवन, नई चुनौतियां

कनाडा में पहुंचने के बाद भी इन सिख परिवारों को अपने जीवन को दोबारा बसाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कनाडा सरकार और सिख फाउंडेशन के प्रयासों से वे अब एक स्थिर और सुरक्षित जीवन जीने की ओर बढ़ रहे हैं।

भारत का योगदान

भारत ने तालिबान के कब्जे के समय अफगान सिखों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उनकी दीर्घकालिक बसावट और पुनर्वास में अब अन्य देशों का समर्थन आवश्यक हो गया है।

और पढ़ें: अनंतनाग के गायक Tajinder Singh: घाटी में स्वतंत्र संगीत के उभरते सितारे, तीन भाषाओं का है ज्ञान

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds