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IND vs ENG: विराट कोहली पर बैन की मांग तेज, तीसरे टेस्ट से हो सकते हैं बाहर

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IND vs ENG: विराट कोहली पर बैन की मांग तेज, तीसरे टेस्ट से हो सकते हैं बाहर

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच चेन्नई में खेला गया। जिसमें भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 317 रनों से बेहतरीन जीत हासिल की। आर अश्विन मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। अब 4 मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है।

सीरीज का अगला मैच अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम (Sardar Patel stadium Ahmedabad) में खेला जाने वाला है। जो कि इस सीरीज का पहला डे-नाइट टेस्ट होगा लेकिन उससे पहले भारत की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही है। बताया जा रहा है कि तीसरे टेस्ट में भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) बाहर हो सकते हैं। इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ने कोहली पर बैन की मांग भी की है।

जानें क्या है पूरा मामला?

चेपक में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत का जलवा रहा। लेकिन उस मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) की मैदानी अंपायर नितिन मेनन से बहस हो गई। जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, दूसरे टेस्ट मैच में अक्षर पटेल की एक गेंद पर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के खिलाफ जोरदार अपील हुई लेकिन अंपायर मेनन ने उन्हें नॉटआउट दिया।

जिसके बाद विराट कोहली ने DRS का इस्तेमाल किया। DRS में साफ दिखा कि गेंद विकेट पर लग रही थी, लेकिन अंपायर कॉल के चलते इंग्लिश कप्तान जो रुट को जीवनदान मिल गया।

फील्ड अंपायर के इस फैसले पर भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli clash with Nitin Menon) काफी नाराज दिखे। थर्ड अंपायर का फैसला आने के बाद विराट ऑनफील्ड अंपायर मेनन के पास पहुंच गए और दोनों के बीच बहस होने लगी। इस मामले पर अब तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

ऐसी हरकतों के लिए देना चाहिए रेड कार्ड

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड (David Llyod) ने इस मामले को लेकर विराट कोहली पर एक मैच में बैन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर ऐसी घटना किसी और खेल में होती तो कोहली को मैदान से बाहर भेज दिया जाता। लॉयड ने कहा कि ऐसी हरकतों के खिलाफ रेड कार्ड देना चाहिए और कोहली के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होनी चाहिए।

कोहली के खाते में पहले से ही 2 डिमेरिट प्वाइंट

बता दें, ICC के प्रावधानों के अनुसार विराट कोहली को अंपयार से उलझना महंगा पड़ सकता है। ICC Code of Conduct के तहत अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताने या बहस करने पर लेवल 1 या फिर 2 के चार्ज लग सकते है। इसके लिए खिलाड़ी के खाते में एक से चार डिमेरिट प्वॉइंट्स जुड़ सकते हैं।

वहीं, 24 महीने के अंदर अगर किसी खिलाड़ी के खाते में चार डिमेरिट प्वॉइंट्स जुड़ जाते हैं, तो उसको एक टेस्ट, या दो वनडे या दो टी-20 इंटरनेशनल मैचों का बैन झेलना पड़ सकता है। कोहली के नाम पहले ही दो डिमेरिट प्वाइंट जुड़े हुए हैं। ऐसे में इस मामले को लेकर ICC की ओर से कार्रवाई की जाती है तो कोहली अगले टेस्ट मैच से बाहर हो सकते हैं।

फाफ डुप्लेसिस ने की क्रिकेट से संन्यास की घोषणा, कहा- जैसा सोचा था वैसा नहीं रहा करियर का अंत

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फाफ डुप्लेसिस ने की क्रिकेट से संन्यास की घोषणा, कहा- जैसा सोचा था वैसा नहीं रहा करियर का अंत

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर फाफ डुप्लेसिस (Faf Duplessis) ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारुप टेस्ट क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर दी है। आज बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने अपने फैंस को इस बात की जानकारी दी। डुप्लेसिस ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखा और कहा कि यह नई शुरुआत करने के लिए बिल्कुल सही समय है।

उन्होंने लिखा, ‘यह हम सभी के लिए मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ने वाला साल रहा। कभी अनिश्चितता भी रही, लेकिन इससे कई पहलुओं को लेकर मेरी स्पष्ट राय बनी।‘ उन्होंने कहा, मेरा दिल साफ है और यह नए अध्याय की शुरुआत करने के लिए सही समय है।

जैसा सोचा था वैसा नहीं हुआ करियर का अंत

डुप्लेसिस (Faf Duplessis) ने कहा, ‘खेल के सभी प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान है, लेकिन अब मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का समय आ गया है।’ उन्होंने कहा, ‘अगले दो साल ICC T20 World Cup होगा। इस वजह से मैं अपना ध्यान इस प्रारूप पर केंद्रित कर रहा हूं। उन्होंने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट और टी20 कप्तान का पद छोड़ दिया है। साल 2016 में एबी डिविलियर्स से उन्होंने यह जिम्मा संभाला था।

उन्होंने साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। डुप्लेसिस ने कहा कि मेरे करियर का अंत वैसा नहीं रहा, जैसा मैंने सोचा था, फिर भी मेरी सोच साफ है कि यह फैसला लेने का यहीं सही वक्त था।

पाकिस्तान दौरे पर रहे फ्लॉप

दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान में खेले गए टेस्ट सीरीज में दक्षिण अफ्रीकी टीम को 0-2 से करारी हार मिली। पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने इस घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। अफ्रीका के कई बड़े खिलाड़ी इस सीरीज में पूरी तरह फ्लॉप रहे हैं।36 वर्षीय डुप्लेसिस (Faf Duplessis age) भी इस सीरीज में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।

उन्होंने पहले टेस्ट मैच में 33 रन तो दूसरे टेस्ट मैच में 22 रनों की पारी खेली थी। लेकिन पाकिस्तान से पहले श्रीलंका दौरे पर गए दक्षिण अफ्रीकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। डुप्लेसिस ने श्रीलंका के खिलाफ 199 रनों की शानदार पारी खेली थी। जो उनके टेस्ट करियर का सबसे बड़ा स्कोर है।

टेस्ट फॉरमेट में लगाए 10 शतक और 21 अर्धशतक

खबरों के मुताबिक डुप्लेसिस आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद सन्यास की घोषणा करने वाले थे। लेकिन आस्टेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा रद्द कर दिया। जिसके बाद दिग्गज क्रिकेटर  को सन्यास की घोषणा पहले ही करनी पड़ी।

बता दें, डुप्लेसिस ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 69 टेस्ट मैच खेलें। जिसमें उन्होंने 40 से ज्यादा की औसत के साथ 4163 रन बनाए। उन्होंने इस फॉर्मेट में 10 शतक और 21 अर्धशतक लगाए हैं। वह दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रिकेट के तीनों फॉरमेट की कप्तानी कर चुके हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी किताब को साफ करने के लिए इस जानवर की पूंछ का करते है इस्तेमाल, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प बातें…

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दुनिया की सबसे बड़ी किताब को साफ करने के लिए इस जानवर की पूंछ का करते है इस्तेमाल, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प बातें…

आपने एक से एक अजीबों-गरीब चीजों के बारे में सुना व देखा होगा, जिनमें से कुछ चीजें दुनियाभर में अपनी खासियत को लेकर काफी जानी जानती हैं. अगर बात करें किताबों की तो उनका साइज और वजन आमतौर पर उतना ही होता है, जितना एक व्यक्ति उठा सके, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसी किताब के बार में सुना है जिसके मात्र एक पन्ने को ही बदलने के लिए करीब 6 लोगों की जरूरत पड़ती है? अगर नहीं तो आइए आपको दुनिया की सबसे बड़ी किताब के बारे में बताते हैं, जिसके पन्ने पलटने के लिए 6 लोगों की जरूरत होती है.

दुनिया की सबसे बड़ी किताब का दावा 

हम जिस बड़े-बड़े पन्नों वाली किताबों की बात कर रहे हैं उसे उत्तरी हंगरी (Northern Hungary) के छोटे से गांव सिनपेत्री के रहने वाले एक शख्स ने अपने हाथों से बनाया है. 71 वर्षीय बेला वर्गा (Bella varga) का ये दावा है कि उनके हाथ से बनी ये खास खास किताब दुनिया की सबसे बड़ी किताब है.

बाइडिंग तकनीक से बनाई गई है ये किताब

बेला ने इस किताब को बनाने के लिए बाइडिंग तकनीक (Binding Techniques) का इस्तेमाल किया गया है. ये किताब 4.18 मीटर लंबी और 3.77 मीटर चौड़ी है. इस किताब में कुल 346 पेज हैं और इसका वजन 1420 किलोग्राम है. लकड़ी की टेबल और अर्जेटीना से मंगाए गए गाय के चमड़े का इस्तेमाल कर इस किताब को बनाया गया है.

इस बारे में दी गई जानकारी

दुनिया की सबसे बड़ी कहलाई जाने वाली इस किताब में गुफाओं, वातावरण, भूभाग की संरचना से जुड़ी जानकारी दी गई है. बाइडिंग तकनीक से बनने के कारण ये किताब ज्यादा चर्चित है. इस क्षेत्र के बारे में जानकारी देने में ये किताब अन्य किताबों से अलग है.

6 लोग मिलकर पलटते हैं किताब के पेज

ये किताब भारी-भरकम होने के अलाव काफी बड़ी भी है. इसके एक पेज को पलटने के लिए 6 लोगों की जरूर पड़ती है. इतना ही नहीं एक पेज को बदलने के लिए ये लोग एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही इसकी एक एक छोटी कॉपी भी तैयार की गई है, जिससे किताब का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में दर्ज किया जा सके. इस छोटी कॉपी वाली किताब का कुल वजन 11 किलोग्राम है. इन दोनों किताबों को एक साथ तैयार किया गया था.

याक की पूंछ से करते हैं किताब की धूल साफ

बेला वर्गा अपनी इस किताब की धूल को साफ करने के लिए याक की पूंछ का प्रयोग करते हैं. याक की इस पूंछ को भूटान के प्रधानमंत्री ने उन्हें भेंट की थी. बता दें कि भूटान के बौद्ध भिक्षु पवित्र किताबों को साफ करने हेतु याक की पूंछ का प्रयोग किया जाता है.

चुनाव रणनीतिकार आए हैं बिहार से, पत्नी आई विदेश से और हमें कहा जाता है बाहरी…बंगाल बीजेपी अध्यक्ष

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चुनाव रणनीतिकार आए हैं बिहार से, पत्नी आई विदेश से और हमें कहा जाता है बाहरी…बंगाल बीजेपी अध्यक्ष

पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई के महीनें में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। विधानसभा चुनाव 2016 में मात्र 3 सीटों पर सिमटने वाली बीजेपी इस बार प्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी टीएमसी को टक्कर देती दिख रही है। बीजेपी के नेता राज्य में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।

दूसरी ओर ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी चुनावी दंगल में हैं। सीएम बनर्जी समेत पार्टी के बड़े नेता लगातार रैली और जनसभाएं कर रहे हैं। ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी बीजेपी के लोगों को काफी पहले से ही ‘बाहरी’ बताते आ रहे हैं।

जिसे लेकर अब सियासत शुरु हो गई है। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बाहरी वाले बयान को लेकर ममता बनर्जी और टीएमसपी पर जोरदार हमला बोला है।

‘TMC को अलविदा करने का समय आ गया है

आज बुधवार को दिलीप घोष ने कहा, ‘इस सरकार को (टीएमसी सरकार) को अलविदा करने का समय आ गया है। उनकी पत्नी विदेश से आई हैं, रणनीतिकार बिहार से आए हैं और हम विदेशी हैं।‘

दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के लिए मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर टीएमसी के लिए काम कर रहे हैं। जो मूल रुप से बिहार के रहने वाले हैं। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की बीबी रुजिरा नरुला मूल रुप से थाईलैंड की रहने वाली है। जिसपर बीजेपी अध्यक्ष ने टिप्पणी की है।

पिछले दिनों दिलीप घोष ने देवी दुर्गा को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी। जिसपर टीएमसी की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया सामने आई थी। इस मसले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि ‘दीदी वास्तव में दुर्गा के नाम पर वैतरणी पार करने की कोशिश कर रही हैं। कोई भी मुक्ति नहीं दे सकता है, हम ही मुक्ति देंगे। अब पागल सरकार की कोई जरुरत नहीं है।‘

जानें, क्या था दिलीप घोष का पूरा बयान?

बता दें, पिछले दिनों दिलीप घोष ने एक प्राइवेट चैनल पर इंटरव्यू के दौरान देवी दुर्गा पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, ‘भगवान राजा थे, गांधी जी ने भी राम राज्य की कल्पना की थी। दुर्गा पता नहीं कहा से आ जाती है। वह तो राम की अराधना करती थी। आप दुर्गा और राम की तुलना कैसे कर सकते हैं। भगवान राम राजा थे, मर्यादा पुरुषोतम थे, दुर्गा पता नहीं कहा से ले आते हैं।‘

गौरतलब है कि प्रदेश की 293 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। बंगाल में देवी दुर्गा का दर्जा सबेस ऊपर है। पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा और काली पूजा देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर सियासत तेज हो गई है।

जानिए शबनम की पूरी कहानी, जो फांसी के फंदे पर चढ़ने वाली होगी पहली महिला, ये कांड जानकर कांप उठेगी आपकी रूह!

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जानिए शबनम की पूरी कहानी, जो फांसी के फंदे पर चढ़ने वाली होगी पहली महिला, ये कांड जानकर कांप उठेगी आपकी रूह!

हमारे देश में कम ही केस में फांसी की सजा दी जाती है। जब अपराध सभी सीमाओं को लांग जाए, तो दोषी को फांसी के फंदे पर लटकाया जाता है। साल 2012 में निर्भया के साथ दरिंदगी की हदें पार करने वाले चार दोषियों को बीते साल फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की आजादी के बाद अब तक किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है। लेकिन अब पहली बार ऐसा होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली शबनम को ये सजा मिलेगी। पवन जल्लाद जिसने निर्भया के दोषियों को फांसी दी थी, वो इसके लिए दो बार निरीक्षण कर चुके हैं।

राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका

दरअसल, साल 2008 में शबनम ने एक दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया था, जिससे पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने प्रेमी के सात मिलकर अपने ही 7 परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस केस में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी ने फांसी की सजा को बरकरार रखा। वहीं इस सजा से बचने के लिए शबनम ने राष्ट्रपति से भी दया की गुहार लगाई। लेकिन उसकी दया याचिका वहां से खारिज हो गई। जिसके चलते अब शबनम को फांसी की सजा दी जाएगी और वो आजाद भारत के इतिहास की ऐसी पहली महिला होगी, जिसको ये सजा मिलेगी।

यूपी के इकलौते महिला फांसीघर जो मथुरा में स्थित है, वहां पर शबनम को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।  हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं है और ना ही कोई आदेश जारी किया गया। लेकिन बताया जा रहा है डेथ वॉरेंट जारी होते ही शबनम को फांसी दी जाएगी। कौन हैं शबनम? क्यों अपने परिवारवालों को मारा? कैसे इस अपराध को यादकर आज ही लोगों की रूंह कांप उठती है? आइए आपको इस पूरे अपराध के बारे में बताते हैं…

प्यार में डूबी शबनम यूं पहुंची फांसी के फंदे तक

कहते हैं ना प्यार अंधा होता है। शबनम की कहानी पर गौर डाले तो ये बात सच लगती है। शबनम ने प्यार में पागल होकर प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही माता-पिता 10 महीने के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी। अमरोहा से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली की शबनम इकलौती बेटी थीं। पिता शौकित अली ने अपनी बेटी शबनम को बड़े ही प्यार से पाला-पोसा था।  उन्होनें अपनी बेटी को अच्छी तालीम दिलवाई। लेकिन पिता शौकित को कहां पता था कि एक दिन उनकी ही बेटी उनके और परिवार की इस कदर जान ले लेगी।

दरअसल, शबनम को गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से प्यार हो गया था। दोनो एक-दूसरे के प्यार में इस कदर डूब गए थे कि फिर उन्हें किसी भी परवाह नहीं। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन अलग बिरादरी के होने की वजह से शबनम के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था

परिवार की नामंजूरी शबनम को बर्दाश्त नहीं हुई। उसने सलीम से मिलने के लिए परिवारवालों को नींद की गोलियां खिलानी शुरू कर दी। जब परिवारवाले इन गोलियों को खाकर बेहोश हो जाते थे, तो वो सलीम को अपने घर बुला लिया करती थी। लेकिन ज्यादा दिनों तक ऐसा कर पाना संभव नहीं था। जिसके बाद शबनम और सलीम ने मिलकर इस खूनी खेल की साजिश रची। 14 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने परिवारवालों को नींद की गोली दी और सुला दिया। इस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी वहां पर आई हुई थी। जब परिवारवाले नशे की हालत में सो रहे थे, उसी दौरान इन दोनों ने मिलकर शबनम के पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया और दस महीने के भतीजे अर्श का गला काटकर इन सभी को मौत की नींद सुला दिया।

घटना को अंजाम देने के बाद सलीम फरार हो गया। सुबह जब शबनम  ने शोर मचाया, तो गांववाले इकट्ठा हुए। जब ग्रामीणों ने घर में 7 सिर कटी हुए लाशें देखीं तो आंखे फटी की फटी रह गई। शबनम ने इस दौरान कहा कि बदमाशों के घर में घुसकर इस वारदात को अंजाम दिया। लेकिन शक की सुई शबनम के इर्द-गिर्द ही घुमती रहीं। घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम और सलीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया। इस मामले में स्थानीय अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई। सर्वोच्च अदालत ने भी सजा को बरकरार रखा और राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ठुकरा दी। 

इस 10 हजार कमरे वाले होटल में आज तक नहीं ठहरा कोई भी महमान, वजह जानकर रह जाएंगे दंग…

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इस 10 हजार कमरे वाले होटल में आज तक नहीं ठहरा कोई भी महमान, वजह जानकर रह जाएंगे दंग…

दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन होटल हैं, जो देखने में जितना अच्छा और सुंदर होता है उसके दाम भी उतने ही ज्यादा होते हैं, इसलिए तो ऐसे आलीशान होटलों में रहने भी हर किसी के लिए मामूली बात नहीं है. आम आदमी के लिए तो बहुत ही मुश्किल होता है कि वो ऐसे खूबसूरत होटल्स में रह सकें. वहीं आज हम आपको एक ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें अमीर व्यक्ति जा तो सकता है लेकिन जाता नहीं है, तो आइए आपको बताते हैं ऐसा क्या है उस दस हजार कमरे वाले होटल में जहां कोई जाना ही नहीं चाहता है…

हम जिस होटल की बात कर रहें हैं वो पिछले कई सालों से गेस्ट न आने की वजह से खंडर में तब्दील हो चुका है. इस होटल के कमरे आज भी खाली पड़े हैं, ये अपने मेहमानों का इंतजार कर रहा है. बता दें कि ये होटल जर्मनी के बाल्‍टिक सागर के आइलैंड पर स्थित है, जिसमें 10,000 बेडरूम हैं. अब आपके मन जरूर ये प्रसन्न आ रहा होगा कि ये इतना बड़ा होटल आखिर क्यों वीरान पड़ हुआ है और यहां कोई रूकने क्यों नहीं आता है.

आपको बता दें कि इस 10 हजार कमरे वाले होटल को लेकर ये कहा जाता है कि कहा जाता है कि ये नाजी शासन के दौरान साल 1936 से 1939 के बीच में बनवाया गया था. इसे बनाने में 3 साल लगे थे, जिसे 9 हजार लेबरफोर्स ने मिलकर तैयार किया था. अगर बात की जाए इस होटल की खासियत की तो इसमें एक जैसी आठ बिल्‍डिंगें बनाई गई थीं, इनमें से सभी बिल्‍डिंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है.

सूत्रों का कहना है कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्‍फ हिटलर इस जगह पर पहले घुमावदार सी रिसॉर्ट बनाने की इच्छा रखी थी. वो चाहते थे कि एक ऐसा सी रिसॉर्ट हो जो दुनिया का सबसे बड़ा रिसॉर्ट कहलाए. जिसे लेकर उन्होंने हर तरह की योजना भी बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन इससे पहले वो अपनी इस योजना पर कायम करते दूसरा वर्ल्‍ड वॉर शुरू हो गया था.

अगर बात की जाए इस होटल की खूबसूरती की तो इतना पुराना और वीराना होने के बाद भी इसकी बिल्‍डिंग बहुत खूबसूरत है. हलांकि इस बिल्‍डिंग के कुछ ही ब्‍लॉक ठिक हैं बाकि सभी ब्‍लॉक्स तो खंडहर में तब्‍दील हो चुके हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके एक ब्लॉक में साल 2011 में चार सौ बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया है.

क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत के ये रहस्य, जानकर नासा भी रह गया हैरान

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क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत के ये रहस्य, जानकर नासा भी रह गया हैरान

शिव की भूमि कहलाए जाने वाले कैलाश पर्वत को भारतीय और चीन के लोग काफी पूजनीय मानते है. हिमालय में स्थित सबसे रहस्यमय पर्वत कैलाश पर्वत है. जिसके बारे में आज भी कई रहस्य हैं, जिसका पता कोई भी नहीं कर सका है. सदियों से कैलाश पर्वत दुनिया के आकर्षण का केंद्र रहे हैं, इन पर कई वैज्ञानिक इसका रिसर्च तक कर रहे हैं. वहीं आज हम आपको कैलाश पर्वत के ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…

धरती का केंद्र

धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।

पिरामिड नुमा आकार

आपको बता दें कि एक विशालकाय पिरामिड कैलाश पर्वत है, जो सौ छोटे पिरामिडों का केंद्र है. इसकी संरचना कम्पास के चार दिक् बिंदुओं के समान है, जो एकांत जगह पर स्थित है, जिस जगह कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है.

शिखर पर नहीं चढ़ सका कोई

ये तो आप जानते ही होंगे कि माउंट एवरेस्ट पर कई लोग कामयाबी हासिल कर चुके है लेकिन शायद आपको इस बात की जानकारी न हो कि आज तक कोई भी ऐसा शख्स नहीं है जो कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ा हो.

पर्वत के पास रोशनी का चमकना

इस बात का दावा किया जाता है कि कैलाश पर्वत पर कई बार सात तरह की लाइटें आकाश में चमकती हुई नजर आई हैं. जिसे जानकर नासा भी हैरान है और उसका मानना है कि शायद ऐसा यहां के चुम्बकीय बल की वजह से होता है. हो सकता है कि यहां का चुम्बकीय बल आकाश से मिलकर बहुत बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता हो.

सभी नदियों का उद्गम स्थान

कैलाश पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदी ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज और करनाली का उद्गम हुआ है, जिनमें से गंगा, सरस्वती के साथ-साथ चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं. बता दें कि कैलाश की चारों दिशाओं में तरह-तरह के जानवरों का मुख हैं- उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है,पूर्व में अश्वमुख है और पश्चिम में हाथी का मुख है, इनमें से नदियों का उद्गम होता है.

अपने बाथरूम में लगवाएं ऐसी शानदार टाइल्स, जिसे देखकर हर कोई रह जाएगा हैरान

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अपने बाथरूम में लगवाएं ऐसी शानदार टाइल्स, जिसे देखकर हर कोई रह जाएगा हैरान

उस दुनिया में हर किसी का सपना होता है कि उसका एक घर हो जो किसी महल से कम न लगे और उस घर को सजाने के लिए हर कोई अपनी जेब के अनुसार खर्चा कर महल बनाने की पूरी कोशिश करता है. बाजारों में भी एक से बढ़कर एक शानदार चीजें उपलब्ध हैं जिससे हमारा घर में बेहतरीन लग सकता है. आजकल लोग अपने घर में हर साल पेन्ट करवाने की आलास कहें या फिजूल खर्चों से बचने के लिए एक बार ही अच्छी टाइल्स लगवाना पसंद करते हैं. वहीं अगर आप भी अपने घर में टाइल्स लगवाने की सोच रहे हैं या फिर नए डिजाइन को लेकर कंफ्यूज हैं तो आज जो हम आपको पांच शानदार टाइल्स दिखाने जा रहे हैं, उसे देखने के बाद तो आप आज ही उसे अपने घर में लगवाना चाहेंगे, तो आइए बताते हैं…

इस तस्वीर को देखकर तो एक बार आपका भी दिमाग घूमा होगा कि ये टाइल है या फिर समुन्द्र के पानी का बहाव. इस देखकर तो वैसे ये ही लगता है कि किसी ने समुन्द्र के ऊपर बाथरूम बनाया हो, इतना ही नहीं ऐसा भी कलपना की जा सकती है कि इस पर चले तो हम पानी में डूब जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं आप इन टाइल्स पर नार्मल तरिके से चल सकते हैं, ये देखने में बेहद यूनिक और खूबसूरत है, जिसे पत्थर के टुकड़ो पर बनाया गया है.

इस शार्क के प्रिंट वाली टाइल्स को देखकर तो कोई बी डर सकता है. जिसे देखकर ऐसा लगता है मानों अगर हम बाथरूम के अंदर गए तो ये बड़ी शर्क हमें खा ही जाएगी, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है ये एक थ्री डी वाली शानदार कलाकारी से बनी टायल्स हैं.

 

आपको इसे देखकर ऐसा लगेगा जैसे नीचे घुमावदार सीडीया है, जिस पर पैर रखते ही हम नीचे गिर जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि ये केवल नॉर्मल टाइल्स है, जिन्हें इस तरह से कलाकारों ने तैयार किया है. आप चाहें तो अपने बाथरूम को भी इस टाइल्स की मदद से अट्रैक्टिव और यूनिक लुक दे सकते है.

गोल आकर और अलग-अलग तरह के पत्थरों वाली ऐसी टायल्स को आप अपने दीवारों और छत पर लगाकर एक शानदार बाथरूम में बदल सकते हैं. इस लुक से आपका बाथरूम बहुत यूनिक लुक लगेगा.

इस बाथरूम की टाइल्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसे देखकर ऐसा लग रहा कि यहां एक बहुत गहरी गुफा है. अगर इस पर किसी ने पैर रखा तो वो नीचे गिर जाएगा, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा क्योंकि ये एक तरह की टाइल्स है. आप चाहें तो अपने बाथ्ररूम में यूनिक लुक और शानदार बनाने के लिए इस तरह की टाइल्स लगवा सकते है.

यहां अभी तक इन दो नेताओं का शव रखा हुआ वैसे ही सुरक्षित, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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यहां अभी तक इन दो नेताओं का शव रखा हुआ वैसे ही सुरक्षित, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग को शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जो न जानता हो, इनकी पहचान के लिए तो केवल नाम ही काफी है. ये सदैव अपने देश में परमाणु हथियारों के निर्माण को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. वहीं आज हम आपको इनके बारे में ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे, शायद आपको इस बात पर यकीन न हो, लेकिन ये सच है कि इन्होंने अपने पिता और दादा के शवों को आज तक सुरक्षित रखा हुआ है.

दरअसल, किम जोंग के पिता किम जोंग इल और उनके दादा किम जोंग इल सुंग के शव आज भी पहले की तरह वैस ही सुरक्षित रखे हुए हैं. आपको बता दें कि एम्बामिंग की मदद से शवों को लचीला और त्वचा को जवां बनाए रखा जा सकता है, जिसके चलते किम जोंग ने भी अपने पिता और दादा के शवों को कुमसुसन मेमोरियल पैलेस में सुरक्षित रखा हुआ है. बता दें कि इस पैलेस को विशेष तौर पर इन दोनों नेताओं के शवों के लिए ही बनवाया गया था.

जानकारी के अनुसार यहां पर इस तरह का रिवाज भी है, जिसके दौरान जो भी व्यक्ति कुमसुसन पैलेस के पास जाएगा उसे इन शवों के सामने 3 बार झुकना होगा. इसके अलावा इसमें खासियत ये है कि कुमसुसन मेमोरियल पैलेस की सुरक्षा भी की जाती है. जिसके लिए वहां पर 24 घंटें सैकड़ों जवान तैनात रहते हैं.

आपको बता दें कि किम जोंग के पिता और दादा के शवों को हर 2 साल पर एम्बामिंग किया जाता है, साल 2016 में मॉस्को में रिलीज की गई एक रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों के शवों की पहली बार एम्बामिंग में लगभग दो लाख डॉलर यानी एक करोड़ 41 लाख रुपये तक का खर्च आया था.

सूत्र के मुताबिक इन शवों को लेनिन लैब के वैज्ञानिक टीम ने ही संरक्षित रखा हुआ है. बता दें कि 1924 में रूसी नेता व्लादिमीर लेनिन का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था और उनके शव की एम्बामिंग इन वैज्ञानिकों ने ही की थी, आज भी ये मॉस्को के रेड स्कवेयर में रखे हुए हैं. वहीं अब इन वैज्ञानिकों की टीम किम जोंग के पिता और दादा के शवों को भी एम्बामिंग से सुरक्षित रखा हुआ है.

रहस्यों से भरे इस आईलैंड में साल में केवल 1 बार जाने की है इजाजत, जानकर आप हो जाएंगे दंग

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रहस्यों से भरे इस आईलैंड में साल में केवल 1 बार जाने की है इजाजत, जानकर आप हो जाएंगे दंग

इस दुनिया में एक नहीं दो नहीं बल्कि कई ऐसी जगह हैं, जो रहस्यों से भरी हुई हैं, जिनमें से कुछ रहस्यों की गुत्थी सुलझाना मुश्किल नहीं है लेकिन कई तो ऐसे रहस्य हैं जो चाहकर भी सुलाझाए नहीं सुलझते हैं. वहीं कई रहस्यमई आईलैंड दुनिया में मौजूद हैं. जिनमें कुछ ऐसी चीजे होती हैं जिसके बारे में केवल जाकर ही काफी हैरानी होती है, उसे देखने के बारे में तो कोई सोच भी नहीं सकता. आज हम आपको स्कॉटलैंड के एक रहस्यमयी आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे तो आइए आपको बताते हैं…

हम बात कर रहें स्कॉटलैंड के एक ‘आइनहैलो द्वीप’ नाम का एक आईलैंड की. ये आईलैंड या द्वीप दिल के आकार का है. ये देखने में इतना ज्यादा खूबसूरती है कि ये हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है, लेकिन यहां जाना इतना आसान नहीं है आप यहां साल में केवल 1 दिन ही जा सकते हैं क्योंकि यहां 1 दिन जाने की ही इजाजत है. यानि कि आप साले के 365 दिनों में से 364 दिन यहां पर नहीं जा सकते.

ये द्वीप इतना ज्यादा छोटा है कि आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसे नक्शा में ढूंढना भी बहुत ही मुश्किल है. वहीं इस आईलैंड को लेकर कई रहस्यमयी कहानियां भी प्रचलित हैं. इतना ही नहीं पौरणिक कथाओं के मुताबिक ये आईलैंड भूत-प्रेतों का है. इनके अनुसार यहां कई बुरी आत्माओं का साया है. जिसके चलते अगर कोई भी व्यक्ति इस आईलैंड पर जाने का प्रयास करता है तो ये बुरी आत्माएं इस आईलैंड को हवा में गायब कर देती हैं.

इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि इस आईलैंड पर जलपरियां भी रहती हैं, जो केवल गर्मी के मौसम में ही पानी से बाहर आती हैं. वहीं अगर स्कॉटलैंड के हाइलैंड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेन ली की मानें तो कई हजारों साल पहले यहां लोग रहते थे, लेकिन साल 1851 में प्लेग की बीमारी फैलने की वजह से यहां रह रहे लोगों ने इस आईलैंड को छोड़कर कहीं और चले गए. वहीं इस आईलैंड से और कोई अन्य जानकारी नहीं है जैसे कि ये कब बना था इत्यादि लेकिन इन सभी बातों में कितनी सच्चाई है ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है.