राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एक ऐसा स्पीच दिया, जिसकी वजह से पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एक-दूसरे से भिड़ गए हैं. राहुल गांधी ने अपने लेक्चर में कहा था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं. राहुल गांधी ने इस लेक्चर में अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का जिक्र करके केंद्र को घेरने की कोशिश की है. लेकिन साथ ही एक खास शब्द का उसे किया है ‘Pegasus’. ये शब्द शायद आपने कभी स्पहले सुना हो. उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर का जिक्र किया, जिसके बाद हंगामा छिड़ गया. राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे फोन में पेगासस था, कई और नेताओं के फोन में भी पेगासस था. गुप्तचर अधिकारियों ने मुझे फोन करके बताया कि फोन पर बातचीत करते हुए कृपया सावधान रहें क्योंकि हम आपकी बातों को रिकॉर्ड कर रहे हैं.’
क्या है पेगासस सर्विलांस सॉफ्टवेयर?
NSO ग्रुप नाम के एक इजरायली टेक फर्म ने पेगासस सर्विलांस सॉफ्टवेयर को डेवलेप किया है. एनएसओ ग्रुप स्पेशल साइबर वेपन बनाने में माहिर है. पेगासस पहली बार तब चर्चा में आया जब 2016 में एक अरब मानवाधिकार कार्यकर्ता के आईफोन को हैक करने के लिए इस सॉफ्टवेयर का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था. आईफोन निर्माता ऐप्पल ने कथित घटना के कुछ दिनों बाद iOS अपडेट जारी किया था जिसने सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत कर दिया था. दावा किया जा रहा था कि पेगासस के जरिए लगातार हैकिंग की कोशिश की जा रही थी.
कैसे काम करता है पेगासस?
साल 2017 में भी एक स्टडी सामने आई थी जिसमें इस बात का दावा किया जा रहा था कि यह सॉफ्टवेयर एंड्रॉयड यूजर्स का भी फोन हैक कर सकता है. पेगासस का फेसबुक के साथ भी विवाद रहा है. 2019 में सर्विलांस सॉफ्टवेयर बनाने के लिए फेसबुक ने NSO ग्रुप के खिलाफ केस किया था. Pegasus को फोन हैकिंग के लिए सबसे मजबूत सॉफ्टवेयर माना जाता है.
ALSO READ: कैंब्रिज में राहुल गांधी ने मोदी सरकार के नीतियों की तारीफ करते हुए पीएम पर साधा निशाना
NSO ग्रुप की ओर से बार-बार दावा किया जाता है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग के मामले में संस्था की जिम्मेदारी नहीं है. समूह का यह भी दावा है कि सॉफ्टवेयर सिर्फ ‘सरकारों‘ को ही बेचा जाता है, किसी व्यक्ति या संस्था को नहीं. राहुल गांधी ने इसी वजह से कैंब्रिज में इस सॉफ्टवेयर का जिक्र किया है. कांग्रेस इसे कई चुनावों में मुद्दा बनाने की कोशिश की लेकिन इसे सफलता नहीं मिली.
ALSO READ: 7 बार विदेशी धरती पर भारत सरकार के खिलाफ बयान दे चुकें हैं राहुल गाँधी
क्या है पेगासस केस?
भारत में साल 2019 में एक रिपोर्ट आई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कई दिग्गज जनप्रतिनिधि, बिजनेसमैन, पत्रकार, वकील और मंत्री सॉफ्टवेयर की निगरानी में थे. जिनकी कथित तौर पर जासूसी की गई है उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, दो तत्कालीन केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व चुनाव आयुक्त और 40 से अधिक पत्रकार शामिल थे.
इनमें से किसी भी नाम की पुष्टि अभी तक किसी आधिकारिक सूत्र ने नहीं की है. विपक्ष इन्हीं मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी के दिमाग में पेगासस भरा है.
राहुल के आरोप पर क्या है भाजपा का रिएक्शन?
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘पेगासस कहीं और नहीं बल्कि उनके दिमाग में बैठा है. पेगासस पर राहुल गांधी की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने अपना फोन जमा नहीं करवाया. उन्होंने और अन्य नेताओं ने अपना फोन क्यों नहीं जमा करवाया.’