आज अडानी-हिंडनबर्ग के मामले को 3 हफ्ते से ज्यादा होने को आ रहे हैं लेकिन इस पर चर्चा अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रही है. विपक्ष अडानी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हावी होने कि कोशिश कर रही है लेकिन उनके पूर्वजों के कांड ऐसे हैं कि वो खुद अपनी बोली बातों में फंस जाते हैं. इस इस बीच आज केंद्रीय स्मृति इरानी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस (George Soros) पर जमकर निशाना साधा. केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि कुछ विदेशी तत्वों की भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश हो रही है. इरानी ने आगे कहा कि एक विदेशी ताकत जिसके केंद्र में जॉर्ज सोरोस हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि वे भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर वार करेंगे. उन्होंने ऐलान किया है कि वे PM मोदी को अपने वार का मुख्य बिन्दु बनाएंगे. लेकिन इन सभी मामलों में एक बात नहीं समझ आ रही है कि ये सारे आरोप भारत में किसी बड़े कार्यक्रम के आयोजन से पहले ही क्यों शुरू होता है?
सोरोस के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी
प्रेस कांफ्रेंस में स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा कि, एक नागरिक होने के नाते मै आज देश कि जनता से ये आह्वान करना चाहती हूँ कि एक विदेशी ताकत जिसका नाम जॉर्ज सोरोस है उन्होंने ये कहा है कि वो हिन्दुस्तान के लोकतान्त्रिक ढांचे पर चोट करेंगे. जिसको लेकर उन्होंने ने ये एलान किया है कि वो पीएम मोदी को अपना टारगेट बनायेंगे. अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनायेंगे जो हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि उनके हितों कि भी रक्षा करेगी.
उनको जवाब देते हुए इरानी ने आगे कहा कि जॉर्ज सोरोस के इस एलान पर कि वो हिंदुस्तान में मोदी को झुका देंगे, हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को ध्वस्त करेंगे उसका मुंहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए.
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‘गलत इरादों पर नहीं झुकेंगे पीएम’
स्मृति ईरानी ने जॉर्ज सोरोस पर पूंछे सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि आज जॉर्ज सोरोस को हम भारतवासी बिलकुल आसान भाषा में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाने वाले.
इससे पहले भी हमने विदेशी ताकतों को कई बार हराया है और इस बार भी हराएंगे.
विपक्ष ने भी जॉर्ज पर साधा निशाना
भारत कि सबसे पुरानी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी जॉर्ज के बयान पर जमकर लताड़ लगायी है. कांग्रेस के महासचिव जयराम नरेश ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि, “PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है. इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते.
कौन है जॉर्ज सोरोस?
जॉर्ज सोरोस अमेरिका के मशहूर व्यापारी, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वह ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (OSUN) के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के निदेशक बोर्ड के पूर्व सदस्य हैं. उन्होंने इसके लिए एक अरब डॉलर ( करीब 7100 करोड़ रुपए ) का निवेश करने की बात कही थी. नास्तिक होने का दावा करने वाले जॉर्ज सोरोस खुद को दार्शनिक कहलाना पसंद करते हैं.
उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिखी हैं. राजनीति में सोरोस का काफी दखल रहता है. साल 2004 में वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को हराने के लिए चंदे में एक बड़ी रकम दी थी. हाल ही में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताया है. उन्होंने कहा, “ये तीनों नेता सत्ता में पकड़ बनाए रखने के लिए तानाशाही की ओर बढ़ने वाले नेता हैं.”
जॉर्ज सोरोस की इस बात पर मचा हंगामा
उन्होंने देश में गरमाए अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा हैसोरोस ने कहा, “मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा.” “यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दरवाजा खोल देगा। मैं भोला हो सकता हूं, लेकिन मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद है.