बीते दिनों धर्म संसद (Dharm Sansad) के दौरान जो विवादित बयान दिए गए थे उस पर भारी बवाल मचा। इस पर जमकर राजनीति भी हुई थी और ये मामले कई दिनों तक सुर्खियों में छाए रहे। अब इस मामले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का भी बयान सामने आया है। गडकरी ने ऐसे भड़काऊ बयानों को नकारते हुए इन्हें महत्व नहीं देने को कहा। वो बोले कि ऐसे मामलों में कानून अपने तरीके से काम करता है।
नितिन गडकरी बोले कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में जो भाषण किया था, उसमें उन्होंने कहा था कि हमारा धर्म सहिष्णुता के आधार पर है। सहजता के अधार पर है. सरलता के आधार पर है। सर्व समावेशक है। हमारे राजाओं ने किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थलों को नहीं तोड़ा। हम साम्राज्यवादी नहीं है। हम सभी का भला चाहने वाले हैं। जो कोई इसके खिलाफ जाता है, वो हमारा नजरिया। इसलिए ऐसी बातों को नकारा जाना चाहिए और महत्व नहीं देना चाहिए।
भड़काऊ भाषण देने वालों पर कानूनी कार्रवाई के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘हमें सहिष्णु रहना चाहिए, सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए, किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए और सभी को साथ लेकर चाहिए। ऐसे मामलों में कानून अपना काम करता है और कानून को अपना काम करने देना चाहिए।’
इसके अलावा बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने वाले मामले में नितिन गडकरी ने कहा कि कुछ लोगों के गलत काम को पूरे समाज के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। ऐसे लोगों पर कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। इसी मामले में जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसे मामलों में सत्तारूढ़ सरकार द्वारा कार्रवाई की कमी से नफरती माहौल पनप रहा है? इस पर गडकरी ने कहा कि ये 100 प्रतिशत गलत है। हमने कभी भी इस तरह के भेदभाव का समर्थन नहीं किया। ना ही हम इसे पहचानते हैं, ना ही हम इसका सम्मान करते हैं।