PM मोदी की डॉक्यूमेंट्री और BBC ऑफिस में हुए सर्वे पर बोले ब्रिटिश सांसद
हाल ही में भारत सरकार ने BBC द्वारा PM मोदी पर बनाई डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के लिंक को बैन कर दिया था. जिसके बाद से ये डॉक्यूमेंट्री चर्चा का विषय बनी हुई है. इसी चर्चा के बीच BBC के ऑफिस पर आयकर विभाग का सर्वे भी हुआ और अब इन दोनों मामलों ने विवाद का रूप ले लिया है. वहीं इस बीच इस मामले पर ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमेन जर्नलिज्म पर सवाल खड़े किए हैं.
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ब्रिटिश सांसद ने जर्नलिज्म पर उठाए सवाल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमेन (Bob Blackman) ने इस मामले को लेकर कहा कि BBC की देखरेख में डॉक्यूमेंट्री को एक बाहरी संगठन द्वारा प्रोड्यूस किया गया था. यह सच्चाई से बहुत दूर है. गुजरात दंगों के कारणों पर विस्तार से नहीं देखा गया. इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी के खिलाफ सभी क्लेम की पूरी तरह से जांच की और पाया कि उनके खिलाफ एक भी सबूत नहीं हैं.
आईटी सर्वे पर भी बोले ब्रिटिश सांसद
बीबीसी के ऑफिस में हुए आईटी सर्वे-पर बॉब ब्लैकमेन ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है और यह काफी समय से चल रहा है. यह सुनिश्चित करना बीबीसी इंडिया का काम है कि वे नियमों का पालन करें. बीबीसी अधिनियम को सभी रिकॉर्ड और सभी इन्फॉर्मेशन तक उन्हें पहुंचने दें. आयकर अधिकारियों को उनके रिजल्ट पर आने दें. इसी के साथ बॉब ब्लैकमेन ने ये भी कहा कि बीबीसी ब्रिटिश सरकार का अंग नहीं है. “मुझे लगता है कि यह बेहद खेदजनक है, क्योंकि ऐसा लगता है जैसे बीबीसी का ब्रिटेन-भारत संबंधों को बाधित करने का कोई एजेंडा था. वहीं भारत की इकोनॉमी पर बॉब ब्लैकमेन ने कहा कि भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए पीएम मोदी के तहत एक उल्लेखनीय काम किया है और यह दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.
BBC के ऑफिस में आईटी का 60 घंटे का सर्वे
आपको बता दें, बीबीसी के ब्रॉडकास्टर के भारतीय कार्यालयों में 14 फरवरी की सुबह शुरू हुआ आईटी सर्वे लगभग 60 घंटे तक चला. BBC ने कहा आईटी सर्वे एक्शन के बाद भी वह अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेगा. BBC ने यह भी कहा कि अब उसकी प्रायोरिटी अपने कर्मचारियों का समर्थन करना था, जिनमें से कई को आईटी पूछताछ के दौरान कार्यालयों में रात भर रहना पड़ा था. वो बिना किसी डर या पक्ष के रिपोर्ट करना जारी रखेगा.
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