पेगासस मामले (Pegasus Contorversy) को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर से गर्मा गई। हाल ही में अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें पेगासस को लेकर ऐसा दावा किया जिसके बाद मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया।
इसके बाद पूरे विवाद को लेकर विपक्ष दोबारा से मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने मामले को लेकर रविवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में उन्होंने मांग की कि पेगासस मुद्दे पर सदन को जानबूझकर गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जाए। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को लेकर ही ये चिट्ठी लिखीं। बता दें कि न्यूयॉक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने इजरायल से 2017 में पेगासस खरीदा था।
अपने पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने लिखा कि बीते साल मॉनसून सत्र को पेगासस मुद्दे ने हिलाकर रख दिया था। घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने चर्चा की मांग की थी कि सरकार राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, न्यायाधीशों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की स्पाइवेयर के माध्यम से जासूसी कर रही है। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि सरकार, सदन के पटल पर हमेशा यही कहती रही कि पेगासस से कोई लेना-देना नहीं है और उसने कभी भी NSO समूह से इसे नहीं खरीदा। जब सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर सरकार से पूछा तब भी इसकी खरीद और तैनाती को लेकर झूठ बोल दिया। सरकार एक शपथ पत्र में कहा कि स्पष्ट रूप से, हम पेगासस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ किसी भी और सभी आरोपों से इनकार करते हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों ही न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत और इजरायल के बीच 2017 में जो 2 बिलियन डॉलर की रक्षा डील हुई, उसका हिस्सा पेगासस भी था। इस रिपोर्ट के आने के बाद पेगासस को लेकर देश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया। हालांकि इस खुलासे के बाद भी अभी तक पेगासस की खरीद की बात स्वीकार नहीं की।