यूपी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत कानपुर के पीयूष जैन मामले को लेकर गर्माई हुई है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां पड़ी रेड में अकूत संपत्ति बरामद होने के बाद ये मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों ही पार्टियां मामले को लेकर एक दूसरे को घेर रही है। दरअसल, बीजेपी लगातार पीयूष जैन को सपा से जोड़ने की कोशिश में है।
चाहे वो पीएम मोदी हो या फिर गृह मंत्री अमित शाह या सीएम योगी आदित्यनाथ ही क्यों ना हो। वो पीयूष जैन मामले को लेकर सपा पर हमलावर है। बीते दिन कानपुर में हुई रैली में पीएम मोदी ने इस केस का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था कि पिछली सरकारों का भ्रष्टाचार का इत्र अब सामने आ रहा है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मामले को लेकर समाजवादी पार्टी को जमकर घेरा है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर किसी के यहां लगभग 270 किलो सोना-चांदी, 200 करोड़ कैश, 600 करोड़ इत्र का सामान मिले, तो आप क्या करेंगे? एजेंसी ने कार्रवाई इसलिए की कि ये पैसा गरीब के विकास और उत्थान पर खर्चा होना चाहिए था, लेकिन वो नहीं हुआ। सपा को इस पर एजेंसियों को बधाई देनी थी, लेकिन सपा के लोग इसका विरोध करते हैं कि इनकम टैक्स के बाद ED और CBI भी आएगी। देश में केवल सपा के लोगों को ही इसका दर्द क्यों हो रहा है? इस इत्र वाले से सपा का क्या संबंध है?
इससे पहले बीजेपी के कई नेता पीयूष जैन मामले को लेकर सपा को घेर चुके हैं। हरदोई में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ दिन पहले आयकर विभाग ने छापा मारा तो भाई अखिलेश के पेट के अंदर मरोड़ होने लगा, कहने लगे कि राजनीतिक द्वेष के कारण छापा मारा गया है और आज उन्हें जवाब सूझ नहीं रहा है कि समाजवादी इत्र बनाने वाले के यहां से छापे में 250 करोड़ रुपये मिला है, जो गरीब जनता से लूटा गया था।
भले ही बीजेपी के नेता पीयूष जैन का सपा से कनेक्शन जोड़ने की कितनी भी कोशिशों में क्यों ना लगे हो, लेकिन समाजवादी पार्टी और अखिलेश साफ तौर पर कहते नजर आ रहे हैं कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं।