जानिए क्या कहती है IPC की धारा 64, जुर्माना न देने पर कही गई है ये बात

Table of Content

भारतीय दंड संहिता (IPC) हमारे देश का एक बहुत ही मजबूत हिस्सा है। इस वजह से देश में कानून को महत्व दिया जाता है और लोग देश के कानून का सम्मान भी करते हैं। देश में होने वाले अपराधों की व्याख्या और सजा का प्रावधान सब कुछ भारतीय दंड संहिता में वर्णित है। फिर भी IPC में कई धाराएं ऐसी हैं जिनके बारे में आम जनता को जानकारी नहीं है। इसलिए हम आपके लिए हर रोज एक नई धारा का विवरण लेकर आते हैं ताकि आप अपने कानून के बारे में और अधिक जागरूक हो सकें। ऐसे में आज हम आपके लिए आईपीसी की धारा 64 लेकर आए हैं।

और पढ़ें: जानिए IPC की धारा 61 के बारे में जिसे 1921 में निरस्त कर दिया गया था 

IPC की धारा 64 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 64 के अनुसार, कारावास और जुर्माने दोनों से दंडनीय अपराध के प्रत्येक मामले में, जिसमें अपराधी को कारावास सहित या उसके बिना जुर्माने की सजा दी गई है, और 2[कारावास या जुर्माना या] केवल जुर्माने से दंडनीय अपराध के प्रत्येक मामले में, जिसमें अपराधी को जुर्माने की सजा दी गई है,]

वह न्यायालय जो ऐसे अपराधी को सजा देता है, वह यह निर्देश देने के लिए सक्षम होगा कि जुर्माना अदा न करने पर अपराधी को एक निश्चित अवधि के लिए कारावास भोगना होगा, यह कारावास किसी अन्य कारावास के अतिरिक्त होगा, जिसकी उसे सजा दी गई है या जिसकी सजा के लघुकरण पर वह भोगने के लिए उत्तरदायी है।

क्या है भारतीय दंड संहिता

भारतीय दंड संहिता भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किए गए विशिष्ट अपराधों को निर्दिष्ट और दंडित करती है। आपको बता दें कि यह बात भारतीय सेना पर लागू नहीं होती है। पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय दंड संहिता लागू नहीं होती थी। हालांकि, धारा 370 ख़त्म होने के बाद आईपीसी वहाँ भी लागू हो गया। पहले वहां रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) लागू होती थी।

अंग्रेजों द्वारा लागू की गई थी भारतीय दंड संहिता

भारतीय दंड संहिता ब्रिटिश काल में लागू की गई थी। आईपीसी की स्थापना 1860 में ब्रिटिश भारत के पहले विधि आयोग के प्रस्ताव पर की गई थी। इसके बाद 1 जनवरी, 1862 को इसे भारतीय दंड संहिता के रूप में अपनाया गया। वर्तमान दंड संहिता, जिसे भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जाना जाता है, से हम सभी परिचित हैं। इसका खाका लॉर्ड मैकाले ने तैयार किया था। समय के साथ इसमें कई बदलाव हुए हैं।

अगर पुलिस अधिकारी FIR लिखने से करें मना

वहीं अगर कोई पुलिस अधिकारी कभी भी आपकी कोई FIR लिखने से इनकार करता है तो यह सीधे तौर पर गैरकानूनी होगा। अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो आप एसपी से शिकायत कर सकते हैं। अगर आपकी शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है तो आप कोर्ट में किसी भी मजिस्ट्रेट से शिकायत कर सकते हैं। क्योंकि यदि कोई लोक सेवक कानूनी गलती करता है तो वह न्यायालय द्वारा क्षमा योग्य नहीं है।

और पढ़ें: जानिए IPC की धारा 96 के बारे में जिसमें ‘निजी प्रतिरक्षा अधिकार’ को लेकर ये खास बात कही गई है

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

SpaceX CEO Elon Musk

SpaceX CEO Elon Musk: टेस्ला और स्पेसएक्स के बाद अब कोर्ट का तोहफा, मस्क की दौलत इतिहास रचने को तैयार

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क (SpaceX CEO Elon Musk) साल 2021 से दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने हुए हैं और अब उनकी दौलत 700 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। शुक्रवार देर रात एक महत्वपूर्ण कोर्ट फैसले के बाद मस्क की नेटवर्थ बढ़कर लगभग 749 बिलियन डॉलर हो गई।...
Aravalli Hills Controversy

Aravalli Hills Controversy: अरावली पहाड़ियां खतरे में! जानें दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान पर कितना पड़ेगा असर

Aravalli Hills Controversy: राजस्थान की पहचान और दिल्ली-हरियाणा के पर्यावरण की रीढ़ मानी जाने वाली अरावली पहाड़ियों का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहा है। अरावली पहाड़ियों ने सदियों से मैदानी इलाकों को रेगिस्तान बनने से बचाया है, लेकिन हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसका बड़ा हिस्सा अब कानूनी संरक्षण से बाहर...
Ex-Agniveers 50% Reservation

Ex-Agniveers 50% Reservation: 2026 में पूर्व अग्निवीरों के लिए बड़ा तोहफा, BSF में 50% आरक्षण, आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट में भी राहत

Ex-Agniveers 50% Reservation: अग्निपथ योजना के तहत चार साल सेवा देने वाले पूर्व अग्निवीरों के लिए 2026 बड़ा साल साबित होने वाला है। केंद्र सरकार ने BSF (Border Security Force) में भर्ती के लिए नए नोटिफिकेशन में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 50% कर दिया है। यह फैसला उन युवाओं के...
CM Nitish Hijab Controversy

CM Nitish Hijab Controversy: हिजाब विवाद का असर झारखंड तक, डॉ. नुसरत को 3 लाख महीने की नौकरी और मनचाही पोस्टिंग का ऑफर

CM Nitish Hijab Controversy: बिहार की महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत परवीन के साथ हुई अपमानजनक घटना ने देशभर में गुस्सा और चिंता पैदा कर दी। 15 दिसंबर को पटना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र देने के समय डॉ. नुसरत का हिजाब सार्वजनिक रूप से खींचा था। यह पूरी...
Harish Rana passive euthanasia case

Harish Rana passive euthanasia case: 13 साल से बेहोशी में पड़ा बेटा, टूटे माता-पिता… बेटे की इच्छामृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट भी सोच में पड़ा

Harish Rana passive euthanasia case: गाजियाबाद के रहने वाले 31 वर्षीय हरीश राणा के पैसिव यूथनेशिया (निष्क्रिय इच्छामृत्यु) से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। एम्स की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में कुछ करना जरूरी हो गया है और किसी व्यक्ति को ऐसी...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds