दिन 24 फरवरी, जगह प्रयागराज का धूमनगंज इलाका. क्रेटा कार में आए सात हमलावरों ने साल 2005 में हुए राजू पाल मर्डर के अहम् गवाह उमेश पाल पर दिनदहाड़े बम और गोलियां बरसाईं. मात्र 44 सेकेंड के अन्दर उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की निर्मम हत्या कर दी गई. गोली लगने के बाद भी उमेश पाल जमीन से उठकर अपने घर की तरफ भागते हैं लेकिन शूटर्स ने भी उनका पीछा नहीं छोड़ा. तंग गलियों में घुसकर बदमाशों ने उमेश पर हमला जारी रखा. यूपी विधानसभा सत्र के दौरान जहाँ एक तरफ मुख्यमंत्री योगी उत्तरप्रदेश में सबसे बेहतर लॉ एन आर्डर का दावा करते हैं वहीँ इस काण्ड से अब योगी के मॉडल पर ही सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दलों को करारा जवाब देते हुए एसटीएफ ने एक शूटर अरबाज को सोमवार को हुए एनकाउंटर में मार गिराया. उसके साथ एक अन्य आरोपी सदाकत को गिरफ्तार कर लिया. सदाकत हत्याकांड के दौरान शूटरों की कार चला रहा था. सीसीटीवी फुटेज में नजर आए कुल सात हमलावरों की पहचान की गई थी. इनमें से अतीक अहमद का बेटा असद, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान, साबिर और शाहरुख उर्फ पिंटू की तलाश में जगह जगह दबिश दी जा रही है. यूपी पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस बारे में शक की अब कोई गुंजाइश नहीं है कि उमेश पाल की हत्या के पीछे अतीक अहमद और उसके लोगों का ही हाथ है और ये हत्या इसलिए की गई क्योंकि उमेश पाल 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड का गवाह था.
750 मील दूर रची मर्डर की साजिश
ऐसा लोग कहते हैं कि जेल में जाने के बाद अपराधियों के हाथ बंद हो जाते हैं लेकिन ये शायद किसी कानून की किताब में ही लिखा हुआ है बस. क्योंकि एक पूर्व माफिया MP अतीक अहमद जो की जेल में बंद पड़ा है वो जेल के अन्दर ही बैठकर हत्या और मर्डर जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है.
जिससे ये तो साफ़ पता चल जाता है कि हमारी कानून व्यवस्था कितनी कमजोर है जेल के अधिकारी से लेकर हर कोई बिका हुआ दिखता है. और साथ ही ये भी साबित होता है कि अपराध की दुनिया में आज भी अतीक अहमद के हाथ कितने लंबे हैं. इस केस के तीन किरदार हैं. तीनों तीन लोकेशन से एक्टिव थे. उमेशपाल का मर्डर प्रयागराज में हुआ. इसकी साजिश अतीक अहमद ने रची. अतीक प्रयागराज से 1220 किलोमीटर दूर साबरमती जेल में है. साजिश को अंजाम बरेली जेल में बंद अशरफ ने दिया जो कि अतीक का भाई है, प्रयागराज से बरेली की दूरी करीह 447 किलोमीटर है.
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कुछ यूं साबित होता है अतीक का गुनाह
– इस केस का मास्टरमाइंड अतीक अहमद को माना जा रहा है.
– मर्डर का प्लान उसका ही था. उसी ने अशरफ को जिम्मा सौंपा.
– अशरफ बरेली जेल में बंद है. अतीक अहमद का भाई है.
– अशरफ ने प्लान को अंजाम दिया.
– अशरफ ही जेल में शूटरों से मिला.
– शूटरों की टीम उसी ने तैयार की.
– तीसरा किरदार है सदाकत.
– सदाकत एलएलबी का स्टूडेंट है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हॉस्टल में रहता है.
– सदाकत के कमरे में ही शूटरों की मीटिंग हुई.
– प्लानिंग की एक-एक डिटेल यहीं तैयार हुई.
इस सबूत को मिटाने के लिए रची गई साजिश
मामले में अभी जो भी चेहरे सामने आये हैं वो मात्र एक मोहरा है असलियत को छुपाने का. क्योंकि असली गुनहगार और मास्टरमाइंड तो जेल में बैठा अतीक अहमद है. ऐसे में सवाल तो ये उठ रहा है कि आखिर अतीक ने उमेश की हत्या की साजिश क्यों रची? आपको थोडा भूतकाल में लेकर चलते हैं 25 जनवरी 2005 जब विधायक राजू पाल को गाड़ियों से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया था.
मरने वालों की संख्या कुल 3 थीराजू और उनके दो बॉडीगार्ड.डॉक्टर्स के मुताबिक राजू को कुल 15 गोलियां लगी थी. राजू पाल मर्डर केस में छह अप्रैल 2005 को यूपी पुलिस ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. 2 जनवरी 2016 को सुपीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. अक्टूबर 2022 में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हो गए. इस केस में अब सारी गवाही सारे बयान सारी जिरह पूरी हो चुकी है. शायद अगले दो महीने में अदालत का फैसला भी आ जाए, लेकिन उससे पहले मुख्य गवाह को मार दिया गया.
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अतीक और अशरफ से की जा सकती है पूंछताछ
इस हत्याकांड के तार अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ से जुड़ रहे हैं. मुमकिन है कि जेल से निकाल कर उनसे पूछताछ की जाए. इस बीच अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सीएम योगी को चिट्ठी लिख कर हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. वहीँ अतीक की पत्नी शाइश्ता को अब ये डर सता रहा है कि उनके पति अतीक और अशरफ को इस केस के बहाने जेल से निकालकर कहीं उनका भी एनकाउंटर न कर दिया जाए.
परिवार के 4 लोग पहले ही जेल में बंद
मौजूदा तौर पर अगर उनके परिवार की बात करें तो 4 लोग जेल में हैं. बाहुबली अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है. बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में और छोटा बेटा अली प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. शाइस्ता का आरोप है कि पुलिस ने उसके दो और बेटों को कस्टडी में रखा है.
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अतीक के बेटे असद का नहीं कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड
सीसीटीवी फुटेज में अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा असद भी गोलियां बरसाता नजर आ रहा है. उसका इससे पहले कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं था. वह सेंट जोसेफ कॉलेज का छात्र है. एक बार तेज गाड़ी चलाने के मामले में भी उस पर कार्रवाई की जा चुकी है. एसटीएफ के राडार पर असद समेत छह हमलावर हैं.
कई जिलों में इनकी तलाश में एसटीएफ की टीमें दबिश दे रही हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार कह चुके हैं कि इन शूटरों को संरक्षण देने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा. साथ ही कोई इनके बारे में जानकारी देगा तो उसका नाम गोपनीय रखते हुए इनाम भी दिया जाएगा.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 3 छात्रों को पुलिस ने उठाया
उधर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास से तीन को पुलिस ने उठाया है. अतीक अहमद के शूटर गुलाम के करीबी तीन को छात्रों मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास से उठाया गया है. एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीमें पकड़े तीनों युवकों से पूछताछ में जुटी हैं. तीनों युवक पूर्वांचल के अलग अलग जनपदों के रहने वाले हैं.
एनकाउंटर में मारा गया अरबाज
उमेशपाल मर्डर केस का एक आरोपी को ढेर कर दिया गया. अरबाज ही वो शख्स है जो हत्या में इस्तेमाल की गई क्रेटा कार को वारदात के दिन चला रहा था. प्रयागराज पुलिस के हाथों ये मारा जा चुका है.
अरबाज फरार होने की प्लानिंग में था. पुलिस ने इसके मंसूबे को मिट्टी में मिलाया. सीएम योगी ने सदन में कहा था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे.
मुख्य साजिशकर्ता की अखिलेश के साथ सामने आई तस्वीर
उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता सदाकत खान की तस्वीरें आईं सामने. एलएलबी स्टूडेंट सदाकत समाजवादी पार्टी का करीबी निकला. अतीक अहमद के परिवार का भी करीबी है सदाकत. सोशल मीडिया पर सदाकत की तस्वीर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सामने आई है.
और ये जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जिसके चलते अखिलेश और सपा पर फिर से आरोपों का वही सिलसिला शुरू हो चुका है कि सपा और अखिलेश दोनों ही शुरू से गुंडे और माफियाओं को पार्टी में पनाह देते आ रहे हैं .