अमृतपाल सिंह जिसे कहा जा रहा है जरनैल सिंह भिंडरावाले
पंजाब की गलियों में एक नया-नवेला जरनैल सिंह भिंडरावाले आजाद घूम रहा है, यहाँ पर बात किसी को गुनहगार ठेहराने की नहीं है क्योंकि बात पंजाब के उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले से जुडी है तो आरोप-प्रत्यरोप का करंवा तो बनना लाजमी है. आज से लगभाग 40 साल पहले 1980 के दशक में भारत में खालिस्तान का नाम गूंज रहा था. जिनसे पंजाब तो पंजाब पूरे देश में तबाही मचा रखी थी. इस तबाही के पीछे सिर्फ एक शख्स था जरनैल सिंह भिंडरावाले, ये वही जरनैल सिंह था जिसे 1984 में स्वर्ण मंदिर में सैनिक करवाई के दौरान मार दिया गया था और यही वो जरनैल सिंह थे जिसकी वजह से भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को अपनी जान गवानी पड़ी थी. अब आज हम अचानक इंदिरा गाँधी, जरनैल सिंह भिंडरावाले. खालिस्तान और Operation ब्लू स्टार की बात क्यों करने लगे. इन सभी बातों का जिक्र इसलिए क्योंकि पंजाब की गलियों में 29 साल का नौजवान, सिखों को ये हिदायत देते हुए फिर रहा है कि “उन्हें अपनी आज़ादी के लिए लड़ना होगा” .
कौन है ये नौजवान अमृतपाल सिंह
अब सवाल ये कि ये नौजवान है कौन? आखिर किसके दम पर ये नौजवान पंजाब की गलियों में उग्र भाषण दे रहा है? कौन कर रहा है इस खिलास्तनी समर्थक को फंडिंग और कौन है ये शख्स जो हुबहू जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह दिखता है? दीप सिधु से भी है इसका बड़ा कनेक्शन, देश के गह्र मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भागवंत मान को जान से मारने की धमकी देने वाला है ये है कौन? सब कुछ जानेंगे लेकिन इससे पहले इस नौजवान के कुछ बयान सुनते है.
“भिंडरावाले मेरी प्रेरणा है. मैं उनके दिखाए रास्ते पर चलूंगा. मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं क्योंकि ऐसा हर एक सिख चाहता है. लेकिन मैं उनकी नकल नहीं उतार रहा. मैं उनके पैरों के धूल के बराबर भी नहीं हूं.”
“मैं पंथ की आजादी चाहता हूं. मेरे खून का हरे एक कतरा इसके लिए समर्पित है. बीते समय में हमारी जंग इसी गांव से शुरू हुई थी. भविष्य की जंग भी इसी गांव से शुरू होगी. हम सभी अब भी दास हैं. हमें अपनी आजादी के लिए लड़ना होगा. हमारा पानी लूटा जा रहा है. हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है. पंथ वास्ते जान देने के लिए पंजाब के हरे एक युवा को तैयार रहना चाहिए.”
अब इन बयानों के बाद खालिस्तानी सपोर्टर शख्स एक और ऐसा बयान देता है जिसने तहलका मचा दिया. दरअसल, खालिस्तान की मांग को लेकर देश के गृह मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो खालिस्तान आन्दोलन को आगे बढ़ने नही देंगे सरकार की नजर इस आन्दोलन पर बहुत ही कड़ी है. बस आमित शाह का ये बयान आता है और फिर से ये 29 साल का नौजवान शख्स अमित शाह को अपने भाषण में खुली धमकी दे डालता है.
अब इस बयान को सुनिए अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे नहीं बढ़ने देंगे मैंने कहा था कि
“इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आपको उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. अगर गृह मंत्री हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के लिए भी ऐसा ही करते हैं तो मैं देख लूंगा कि वह गृह मंत्री पद पर रह पाते हैं या नहीं. अमृतपाल ने आगे कहा कि जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते? पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकाई थी. हमें कोई भी नहीं रोक सकता फिर चाहे वह पीएम नरेंद्र मोदी , अमित शाह या भगवंत मान ही क्यों ना हो”.
इस शख्स का कहना है कि पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान की मांग करता है इंदिरा गांधी ने भी दबाया क्या नतीजा निकला सब जानते हैं अमित शाह भी अपनी इच्छा पूरी कर ले हम अपना राज मांग रहे हैं किसी दूसरे का नहीं.
अमृतपाल बना ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख
अब जब इस 29 साल के नौजवान की कुंडली को छाना तो पता चला कि इस शख्स का नाम अमृतपाल सिंह है. हाल ही में इस शख्स की दस्तारबंदी हुई और इसके तुरंतबाद इसके सिर खालिस्तान का भूत सवार हो गया. कुछ वक़्त पहले ही अमृतपाल ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख का कार्यभार संभाला है ये वही संगठन है जिसको खड़ा करने वाले और कोई नहीं बल्कि पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू थे. ये वही दीप सिद्धू है जो 26 फरवरी 2021 को लाल किले पर उपद्रव मचाने और खालसा पंथ का झंडा फहराने को लेकर खबरों में आये थे. दीप सिधु की मौत पर अमृतपाल ने एक statement दिया था उन्होंने कहा था “दीप सिद्धू एक क़ौमी शहीद थे. गुरु की सेवा में लगे लोग ऐक्सिडेंट में नहीं मरते हैं. हमें पता है कि उनकी मौत कैसे हुई? और किसने उन्हें मारा?” ये तो रहा दीप सिधु का अमृतपाल से कनेक्शन
कौन और कहां से आया अमृतपाल सिंह
अब सवाल ये कि अब अचानक अमृतपाल प्रकट कहां से हो गया और ऐसे ही खालिस्तान की डिमांड करना शुरू कर दिया कि पंजाब तो पंजाब अमित शाह तक को धमकी दे डाली. 12वीं तक पढ़ा-लिखा अमृतपाल सिंह 10 साल बाद दुबई में रहकर सितम्बर 2022 को भारत लौटा. चर्चा है कि दुबई में अमृतपाल सिंह ट्रांसपोर्ट बिजनेस का काम करता था लेकिन नीली चिड़िया बताती है कि ये खालिस्तानी सपोर्टर दुबई में sweeper का काम करता था. खैर कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता लेकिन अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गाँव का रहने वाला ये शख्स इतना पॉपुलर हो गया कि उसके बारे में समझाना और जानना जरुरी हो गया. अमृतपाल सिंह बेशक 12वी पास हो लेकिन ये इन्टरनेट की दुनिया का कमाल रहा कि उसे खालिस्तान, भिंडरावाले और 1984 के दंगो का ज्ञान भरपूर मिला.
अब ये बवाल मचा कब और सुर्ख़ियों में आया कब
अमृतपाल के एक साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने 23 फ़रवरी को अजनाला पुलिस थाने के बाहर जमकर बवाल किया. किसी के हाथ में तलवार थी तो कोई बंदूक लेकर खड़ा हुआ था देखते ही देखते बवाल बढ़ता चला गया पुलिस बैरी गेट्स तोड़ दिए गए इस दौरान 6 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर क्या था अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार को एक घंटे के भीतर तूफान सिंह को छोड़ने का अल्टीमेटम दिया. उसके अल्टीमेटम पर पंजाब सरकार ने झुकते हुए तूफान सिंह को रिहा कर दिया.
पंजाब सरकार के लिए सिरदर्द बना अमृतपाल सिंह
वहीं इस मामले के बाद पंजाब सरकार के लिए अमृतपाल सिंह सिरदर्द बन चुका है. अमृतपाल सिंह की चर्चा पंजाब और पूरे देश में हो रही है. अमृतपाल सिंह पंजाब का दूसरा जरनैल सिंह भिंडरावाले बन सकता है, जिसकी वजह से ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ और जिसके बदले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या तक हो गई थी.