जब एक-एक करके एक दिन में हाथ से फिसल गए थे 3 प्रोजेक्ट, स्ट्रगल जर्नी को याद कर भावुक हुए मनोज बाजपेयी

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बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये सिर्फ उन लोगों के लिए बनी है जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हैं या फिर जो फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं। लेकिन बॉलीवुड को लेकर ऐसी बाते तब बंद हो गई जब शाहरुख खान, पंकज त्रिपाठी और राजकुमार राव जैसे नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से आने वाले एक्टर्स आज सबके पसंदीदा बनकर इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। इन सभी एक्टर्स ने बॉलीवुड में ये मुकाम हासिल करने के लिए काफी मेहनत और संघर्ष किया। हालांकि बॉलीवुड में फर्श से अर्श पर पहुंचने वाले एक्टर्स में एक नाम मिसिंग है वो है मनोज बाजपेयी। एक्टर ने अपने करियर में कई मुश्किल दिन देखे हैं। आज भले ही मनोज बाजपेयी बड़े-बड़े स्टार्स के साथ काम कर रहे हों लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें हर रोल के लिए रिजेक्ट कर दिया जाता था। हाल ही में मनोज बाजपेयी ने मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और बताया कि कैसे उन्हें एक दिन में तीन रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। आइए आपको बताते हैं मनोज बाजपेयी के संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी।

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मनोज बाजपेयी अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हर किरदार में अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता है। हाल ही में मनोज बाजपेयी ने सिद्धार्थ कन्नन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान मुंबई में अपने शुरुआती दिनों के संघर्षों के बारे में खुलासा किया। एक्टर ने बताया कि कैसे दिल्ली में थिएटर एक्टर होने के बावजूद उन्हें मुंबई में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान मनोज बाजपेयी ने उस मुश्किल दिन को भी याद किया जब उन्हें तीन बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था।

पहले शॉट के बाद शो से निकाला बाहर

सिद्धार्थ कन्नन के साथ इंटरव्यू के दौरान मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें एक शो मिला था, लेकिन पहल शॉट देने के बाद ही उन्हें बाहर निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘पहले दिन का शूट था। मैंने पहला टेक दिया। उसके बाद देखा कि डायरेक्टर और असिस्टेंट डायरेक्टर्स आपस में खुसफुस कर रहे थे। मैंने देखा कि डायरेक्टर चले गए. उनके पीछे एसोसिएट डायरेक्टर चल दिए और फिर उसके बाद असिस्टेंट डायरेक्टर भी चले गए। फिर मैं और सिर्फ कैमरा था उस जगह।’

एक्टर ने आगे कहा, ‘मैं सोच रहा हूं कि सब कहां चले गए। फिर 15 मिनट बाद चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर आए और कहा कि कपड़े उतारो और अपने कपड़े पहन लो। मैं बाद में कॉल करूंगा। मैंने पूछा कि क्या मेरी एक्टिंग अच्छी नहीं थी? उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। इसलिए मैंने अपनी ड्रेस बदल ली। उनकी शूटिंग में देरी हुई क्योंकि मैं, जो उनका मेन लीड था, उसे हटा दिया गया।’

दूसरे रोल से भी हटा दिया गया

मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘वहां से दादर स्टेशन करीब था तो मैं पैदल ही निकल गया। मुझे एक कॉर्पोरेट फिल्म मिली थी, जो मुझे दोस्त विक्टर (विजय कृष्ण आचार्या) ने दिलवाई थी। वो फिल्म को असिस्ट कर रहा था। मैंने सोचा कि वह चला जाता हूं। हैंग आउट करूंगा। मैं वहां पर पहुंचा और देखा कि मेरा रोल कोई और कर रहा है। मैंने अपने दोस्त विक्टर आचार्य को फोन किया और पूछा कि ये तो मेरा रोल कर रहा है, तो उसने कहा कि आज मेरा रिजेक्शन का दिन है।”

तीसरी बार फोन पर ही मिल गया रिजेक्शन

उन्होंने आगे बताया, ” वहां से निकलने के बाद मैं अपने घर के करीब पहुंचा तो वहां पर पीसीओ बूथ था। मैं बूथ की लाइन में खड़ा हो गया फोन लगाने के लिए। मुझे दूसरे शो में सेकंड लीड मिला था। इसलिए मैंने निर्देशक को फोन किया और उन्होंने फोन अपने असिस्टेंट को दे दिया। यहां भी मुझे रिजेक्शन मिला। इस तरह एक दिन में मुझे तीन प्रोजेक्ट्स से बाहर कर दिया गया। रिजेक्शन मेरे जीवन का एक हिस्सा बन गई और इसने मुझे आज तक एक मोटी चमड़ी वाला व्यक्ति बना दिया है।”

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