जानिए राज्यों और जाति के नाम पर क्यों रखे जाते हैं रेजिमेंट के नाम

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कई तरह के क्यों होते हैं रेजिमेंट के नाम 

भारतीय सेना (Indian army) जिसके जज्बे को हर हिन्दुस्तानी सलाम करता है. हमारी सेना हमारे देश की सरहद पर हर मौसम में रात-दिन चट्टान की तरह खड़ी रहती है ताकि देशवासी चैन से रह सकें. कहते हैं कि भारतीय सेना में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता है. सेना सभी को उसके पद अनुसार सम्मान दिया जाता है. लेकिन कई बार ये सवाल आता है कि भारतीय सेना एक ही है तो सेना में जाति के नाम पर रेजिमेंट बनाने की मांग क्यों होती है? रेजिमेंट के नाम राज्यों और जाति (States and Caste Regiment) के नाम पर क्यों रखे जाते हैं साथ ही रेजिमेंट (regiment) का नाम कई तरह के क्यों होते हैं.

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क्या होती है रेजिमेंट 

सबसे पहले बात करेंगे ये रेजिमेंट होती क्या है?  रेजिमेंट सैनिकों (soldiers) के एक ऐसे ग्रुप को कहते हैं जिन्हें हर वो काम एक नियम और व्यवस्था ध्यान में रखना होता है. वहीं हर रेजीमेंट की अपने रंग की वर्दी और प्रतीक चिन्ह है जो दर्शाती है कि ये रेजिमेंट किस जगह की है.

एक रेजिमेंट सैन्य बलों के संगठन का एक हिस्सा होती हैं जिसमें बटालियन (battalion) शामिल हो सकते हैं, जो छोटी लड़ाकू इकाइयां हैं। गार्ड्स ऑफ ब्रिगेड (Guards of Brigade), राजपूताना राइफल्स (Rajputana Rifles), गोरखा राइफल्स (Gurkha Rifles), पंजाब रेजिमेंट (Punjab Regiment) आदि भारतीय सेना की कुछ ऐसी रेजिमेंट हैं जिनसे मिलकर भारतीय सेना की इन्फैंट्री रजिमेंट (infantry regiment) बनती है।

1705  में हुआ था सबसे पुरानी रेजिमेंट का गठन 

सबसे पुरानी रेजिमेंट पंजाब रेजिमेंट (Punjab Regiment) है जिसका गठन 1705 में हुआ था और ये रेजिमेंट भारतीय सेना के विकास को भी बताती है.दरअसल, 18वीं शताब्दी की शुरुआत में कर्नाटक में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के पास अपने व्यापार की सुरक्षा के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा स्थापित सिपाहियों की स्वतंत्र कंपनियां थीं। 1757 में, इन स्वतंत्र कंपनियों को मेजर रॉबर्ट क्लाइव द्वारा तट बटालियनों में मिला दिया गया और इस प्रकार भारतीय सेना और इसकी इन्फैंट्री के इतिहास की शुरुआत हुई।  

वहीं साल 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद, ब्रिटिश हुकूमत ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश भारत और इसकी रियासतों पर सीधा नियंत्रण स्थापित कर लिया था। यहीं से ब्रिटिश शासन और ब्रिटिश भारतीय सेना की शुरुआत हुई थी। इसी समय इन्फैंट्री सेना रेजिमेंटों को जाति, समुदाय या क्षेत्र के नाम से बुलाया जाने लगा था और इसी दौरान राजपूताना राइफल्स, जाट रेजिमेंट, एक गोरखा राइफल्स, सिख रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स और महार रेजिमेंट जैसी रेजिमेंट का गठन हुआ।

भारतीय सेना में है 27 इन्फैंट्री रेजिमेंट

भारतीय सेना में 27 इन्फैंट्री रेजिमेंट हैं. वहीं मराठा लाइट इन्फेंट्री पहली थी जो एक वर्ग के नाम पर बनाई गई थी। इसका गठन 1768 में हुआ था। इसके बाद राजपूत रेजिमेंट 1798 में, राजपूताना राइफल्स एवं जाट रेजिमेंट 1817 में, डोगरा रेजिमेंट 1858 में और महार रेजिमेंट 1941 में गठित की गई।

इसी के साथ ब्रिटिश राज में सिख रेजिमेंट 1846 में बनाई गई और पंजाब रेजिमेंट का गठन 1705 में हुआ। इसके अलावा मद्रास, गढ़वाल राइफल्स, कुमाऊं (नागा सहित), असम, बिहार जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स (लद्दाख स्काउट्स सहित) भी ऐसी ही रेजिमेंट हैं।

इस वजह से अब नहीं बनाई गई नई रेजिमेंट

वहीं जब देश से ब्रिटिश राज से आजाद हुआ उसके बाद से वर्ग, पंथ, क्षेत्र या धर्म के आधार पर सेना में रेजिमेंटों का गठन नहीं किया गया है। इसके पीछे लगभग सरकारों का रुख स्पष्ट रहा है कि उसकी नीति के अनुसार सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ, क्षेत्र या धर्म के हों, भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए पात्र हैं। आजादी के बाद भारत सरकार की यह नीति रही है कि किसी वर्ग/समुदाय/धर्म या क्षेत्र विशेष के लिए कोई रेजिमेंट न बनाई जाए।

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