जोशीमठ को बचाने के लिए प्लान हुआ तैयार
भारत के राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath ) की धरती फट रही है जिसकी वजह से यहाँ पर रह रहे लोगों की जान खतरे में हैं. अभी तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, दिन- प्रतिदिन यहाँ से हालात खराब हो रहे हैं जिसकी वजह से यहाँ से लोगों ने पलायन करने का विचार किया है. वहीं इसी बीच इस धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी को बचाने का प्लान अब तैयार कर लिया गया है.
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जोशीमठ को बचाने के लिए बनाया गया ये प्लान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को पीएमओ (PMO) ने जोशीमठ को बचाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के एक्शन प्लान का रिव्यू किया है और अभी क्या हालात है इस बात की जानकारी भी ली है. मिली रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को PMO में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में केंद्रीय एजेंसियों की जोशीमठ में पैदा हुए इन बुरे हालातों को लेकर महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। केंद्रीय एजेंसियों ने जोशीमठ को बचाने के लिए तैयार किए गए प्लान पर चर्चा की है।
तीन तरह के प्लान किए गए तैयार
स्पेशलिस्ट्स ने जोशीमठ को बचाने के लिए तीन तरह के प्लान तैयार किए हैं। एक शार्ट प्लान जो तत्काल लागू किया जाए। दूसरा मीडियम प्लान व तीसरा लांग टर्म प्लान। वहीं इन तीनों प्लान्स पर पीएमओ के अप्रवूल पर एक्शन शुरू हो जाएगा।
सभी प्रोजेक्ट पर लगी रोक
वहीं जब विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि जोशीमठ में और उसके आसपास हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स (hydro power projects) सहित बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य से भूमि धंस सकती है या पूरा इलाका डूब सकता है. जिसके बाद जोशीमठ में लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने जोशीमठ के लिए रेस्क्यू टीम स्टैंडबॉय मोड (rescue team standby mode) पर रखा है. जोशीमठ में मचे हाहाकार के बीच चमोली जिले के जोशीमठ व उसके आसपास के क्षेत्रों में हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स, चारधम ऑल वेदर रोड (Chardham All Weather Road), एनटीपीसी (NTPC) के अन्य सभी कामों को रोक दिया गया है।
लोगों को किया गया ट्रांसफर
जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित किसी दूसरे ठिकानों पर ट्रांसफर किया जा रहा है। दर्जनों परिवारों को वहां से दूसरी जगह लाया जा चुका है। इसी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार जोशीमठ की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया था। राहत काम में तेजी लाने के लिए उन्होंने नियमों में ढील देने का भी निर्देश दिया है।
खतरनाक भूकंप जोन में आता है जोशीमठ
आपको बता दें, जोशीमठ एक रेतीली चट्टान पर स्थित है. जोशीमठ की तलहटी में कोई भी बड़ा काम नहीं किया जा सकता. ब्लास्ट, खनन सभी बातों का इस रिपोर्ट में जिक्र था. बताया गया था कि बड़े-बड़े निर्माण या खनन न किया जाएं और अलकनंदा नदी किनारे सुरक्षा वॉल बनाई जाए, यहां बहने वाले नालों को सुरक्षित किया जाए लेकिन रिपोर्ट को सरकार ने दरकिनार कर दिया, जिसका नतीजा जोशीमठ में धरती फट गयी है और यहां घरों में दरारे आ गयी है. वहीं जोशीमठ खतरनाक भूकंप जोन में आता है जिसकी वजह से से यहां पर कभी भी बहुत अधिक तीव्रता का भूकंप (Earthquake in Joshimath ) आ सकता है.