MP News Today: बाबा बागेश्वर का हिंदू गांव, क्या ‘बिजनेसमैन’ बनने की राह पर बढ़ चले हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

Table of Content

MP News Today: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम में हाल ही में देश के पहले हिंदू गांव की आधारशिला रखी गई। इस पहल को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शुरू किया, जिनका कहना है कि हिंदू राष्ट्र का सपना हिंदू घरों से शुरू होता है। इस गांव में रहने वाले लोग अपनी जीवनशैली को पूरी तरह से वैदिक संस्कृति के अनुरूप जीएंगे। पं. शास्त्री ने घोषणा की कि इस गांव का निर्माण अगले दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा, और इसमें लगभग 1,000 परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी।

और पढ़ें: Madhopatti IAS village: माधोपट्टी की अनसुनी कहानी, जहां छोटे से गांव ने आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का साम्राज्य खड़ा कर दिया

हिंदू गांव का विचार और भविष्य- MP News Today

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने हिंदू गांव की नींव रखते हुए यह स्पष्ट किया कि इस गांव में केवल हिंदू लोग ही रहेंगे और यह गांव पूरी तरह से वैदिक संस्कृति पर आधारित होगा। यहां पर रहने वाले लोग किसी प्रकार के क्रय-विक्रय के अधिकार से वंचित होंगे, यानी वे अपने घरों को न तो खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं। इस योजना के तहत, बागेश्वर धाम जनसेवा समिति इस गांव के लिए जमीन मुहैया कराएगी, और इसके निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी शर्तें लागू की जाएंगी। पं. शास्त्री का यह भी कहना था कि इस गांव के निर्माण से हिंदू समाज का निर्माण होगा, और हिंदू तहसील, हिंदू जिला, और अंततः हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना पूरी होगी।

कांग्रेस ने की मुस्लिम, सिख और ईसाई गांव की मांग

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर द्वारा हिंदू गांव की आधारशिला रखे जाने के बाद, कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने इस पहल पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम, सिख और ईसाई गांव बनाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह सवाल किया कि यदि संविधान धर्म के आधार पर गांव बनाने की अनुमति देता है, तो फिर अन्य धर्मों के लिए भी ऐसे गांव बनाने की अनुमति दी जाए। अब्बास हफीज का कहना था, “अगर देश का संविधान धर्म आधारित गांव बनाने की अनुमति देता है, तो मुझे भी मुस्लिम, सिख और ईसाई गांव बनाने की अनुमति मिलनी चाहिए।”

बागेश्वर धाम की बिल्डिंग योजना और दान के पैसे का सवाल

इस बीच, बागेश्वर धाम से जुड़ी एक और चर्चा सामने आई है, जिसमें बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे दान के पैसे से एक रिहायशी कॉलोनी बनाने जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा शास्त्री ने 1000 फ्लैट्स बनाने का प्लान तैयार किया है, जिनकी कीमत 15 से 17 लाख रुपये के बीच होगी। इन फ्लैट्स का निर्माण 12 महीने के भीतर पूरा होने का अनुमान है और बुकिंग के लिए 5 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान करना होगा। कुछ जानकारियों के अनुसार, यह फ्लैट्स बेचने के लिए बाबा ने एक बड़ा व्यवसायिक प्लान तैयार किया है, जिसमें धार्मिक दान के पैसों का उपयोग करके एक बिल्डर का काम किया जा रहा है। कांग्रेस और विपक्ष ने इस पर सवाल उठाया है कि क्या धर्म के नाम पर इस तरह के व्यवसायिक काम उचित हैं। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, “क्या यह सही है कि बाबा धर्म के नाम पर पैसे कमाने के लिए कॉलोनी बना रहे हैं और फ्लैट्स बेचने का काम कर रहे हैं?”

धीरेंद्र शास्त्री का जवाब

इस मुद्दे पर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनका कहना है कि उनका उद्देश्य हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिंदू समाज को मजबूत करना है। उनका मानना है कि इस गांव की स्थापना से एक मॉडल हिंदू समाज तैयार होगा, जो भारत के भविष्य को दिशा देगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पूरे मामले में सरकार से जांच की मांग की है, खासकर इस बात को लेकर कि क्या बाबा शास्त्री को इस प्रकार के काम करने की अनुमति है और क्या यह धर्म के नाम पर व्यापार नहीं हो रहा है।

बिजनेसमैन बनने की राह पर हैं बाबा बागेश्वर

बाबा बागेश्वर का हिंदू गांव बनाने की पहल एक ओर जहां हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को वास्तविकता में बदलने का प्रयास प्रतीत होती है, वहीं दूसरी ओर, उनके द्वारा दान के पैसे से रिहायशी कॉलोनी बनाने और फ्लैट्स बेचने के कदम ने सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सवाल उठता है कि क्या बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री केवल एक धार्मिक नेता के तौर पर काम कर रहे हैं, या फिर वे अब बिजनेसमैनबनने की राह पर बढ़ चुके हैं? इस पहल से जुड़े व्यावसायिक पहलू और इसके धार्मिक उद्देश्यों के बीच का अंतर स्पष्ट होना जरूरी है। जैसे-जैसे इस योजना को लेकर विवाद और सवाल बढ़ रहे हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और समाज इसे किस दृष्टिकोण से देखेंगे और इस पर क्या कदम उठाए जाएंगे।

और पढ़ें: Supreme Court on Eviction: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! क्या बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों को घर से निकाल सकते हैं?

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds