बागेश्वर महाराज के प्रवचन: पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरु हुआ, महाराज जी से जानिए

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देश-विदेश में प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री जहाँ श्रीराम कथा करते हैं तो वहीं दरबार भी लगाते हैं और इस दरबार में महाराज यहां पर आए हुए लोगों की दुखों का निवारण करते हैं. महाराज धीरेंद्र शास्त्री जहाँ इस दरबार के लिए मशहूर हैं तो वहीं देश-विदेशों में जाकर श्रीराम कथा भी करते हैं और उनकी कथा सुनने के लिए लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. वहीं इस बीच अपनी कथा के दौरान बताया है कि पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरु हुआ.

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महाराज ने बताया इस तरह शुरू हुआ पृथ्वी पर जीवन

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि साथ लोक नीचे हैं और साथ लोक ऊपर है. सबसे ऊपर सत लोक है और सबसे नीच है पाताल लोक. वहीं महाराज ने ये भी बताया कि सत लोक से पाताल लोक की दूरी 55 हज़ार करोड़ योजन है. पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरु हुआ इसको लेकर महाराज ने बताया कि पृथ्वी पर पानी ही पानी था और भगवान विराट विश्राम करते हैं और एक दिन भगवान को कौतिक करने का मन हुआ तो उन्होने पृथ्वी का काफी सार पानी पी दिया और विश्राम करने लग गये. विश्राम करने के बाद भगवान फिर उठे पानी पिया और फिर विश्राम करने लग गये. वहीं इस दौरा भगवान की नाभि से कमल निकला. कम से पंचमुखी ब्रह्मा जी प्रकट हुए जिसके बाद उन्होंने पता लगाने की कोशिश की वो कहां से बाहर लेकिन इस बात का पता नहीं लगा पाए जिसके बाद ब्रह्मा जी ने ध्यान लगाया और उन्हें कान में 2 शब्द सुनाई दिए पहला (ज) दूसरा (प) यानि की जप. जिसके बाद ब्रह्मा जी जप करना शुरू किया और इस दौरान ब्रह्मा जी के समाने भगवान विराट प्रकट हुए. ब्रह्मा जी तुम हमरे पुत्र हो और उन्होंने कहा कि तुम हमारी सृष्टि बनाने में मदद करो. इस आदेश को सुनते ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि बनाने का काम शुरू कर दिया.

सृष्टि बनाने के लिए 5 तत्वों को किया गया प्रकट  

सृष्टि बनाने के लिए तत्वों की जरूरत पड़ी और भगवान ने पांच तत्व अपने नाम से प्रकट कर दिए और ये पांच तत्व अग्नि, वायु, जल, भूमि और आकाश हैं और इन तत्वों को प्रकट करने के बाद भगवान ने ब्रह्मा जी सृष्टि बनाने आदेश दिए और ब्रह्मा जी ने 5 पहले 5 कुम्हार बनाये और इन 5 कुम्हार में से 4 भाग गये जिसके कारण  ब्रह्मा जी को गुस्से आया और इस दौरान रुध्र भगवान पैदा हुए और उन्होंने भूत प्रेत कई सारी चीजें बन दी जिसकी वजह से ब्रह्मा जी और परेशान हो गये. इसक बाद उन्होंने 10 कुम्हार बनाए और इन कुम्हारों की संतान आज संसार में है.

इसी के साथ ब्रह्मा जी दक्षिण भाग से कन्या और पुरुष उत्पन हुआ और इन दोनों की 3 पुत्री और 2 पुत्र हुए. यहां से हम लोगों का निर्माण हुआ जिन्हें मानव कहा जाता है और इस तरह ही पृथ्वी पर जीवन शुरु हुआ.

लाखों की संख्या में है बागेश्वर धाम के भक्त

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री द्वारा श्रीराम कथा के दौरान उनकी बताई गयी बातें  काफी चर्चा में रहती है. जहां बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं तो वहीं उनकी कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी आते हैं.

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