बागेश्वर महाराज के प्रवचन – मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के दरबार और कथा करते हैं और उनके दरबार और उनकी कथा सुनने के लिए लाखों की संख्या में श्रदालु आते हैं. जहाँ बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री कथा के साथ दरबार लगाने के लिए मशहूर हैं तो वहीं उनके द्वारा की जाने वाली कथा भी दुनियाभर में मशहूर है और वो देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी कथा करने जाते हैं. वहीं अपनी कथा के दौरान उन्होंने एक खास बात बताई है और ये बात कथा सुनने की सही उम्र को लेकर हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
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कथा सुनने की नहीं है कोई उम्र
दरअसल, कई लोग कहते हैं कथा सुनने की उम्र बुढ़ापे की है ये लोग ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि ये उम्र ऐसी है जब सभी तरह के बंधन से खत्म हो जाते हो और ये ही सही वक़्त है जब आपको कथा सननी चाहिए लेकिन बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कथा सुनने कि कोई उम्र नहीं होती है.
कथा सुनने के लिए नहीं है उम्र का तकाजा
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि कथा सुनने की सही उम्र कोई भी नहीं है. महाराज धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि कथा सुनन में उम्र का तकाजा नही है.वहीं महाराज जी ये भी लोग कहते हैं कि लोग सोचते हैं कि बुढ़ापा इसके लिए सबसे बढ़िया समय हैं क्योंकि वो ऐसा इसलिए ऐसा सोचते हैं कि बुढ़ापे में कोई भी काम नहीं है इसलिए इस उम्र में कथा सुननी चाहिए.
कथा सुनने का सही समय नहीं है बुढ़ापा
इसी के साथ धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि बुढ़ापे शरीर सही तरीके से साथ नहीं देता है और इस वजह से ये समय उत्तम नहीं है. कथा सुनने के लिए सही उम्र बचपन की है क्योंकि इसी उम्र में आप सही तरीके से मन लगाकर कथा सुनते हैं. इसी के साथ बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने भी बताया कि जब मन करें तब कथा सुने क्योंकि कथा सुनने की कोई भी सही उम्र नहीं है.
आपको बता दें, बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में लाखों की संख्या में श्रदालु आते हैं साथ ही उनकी कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. दरअसल, बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री कथा सुनते हैं और इसके साथ एक बड़ा दरबार लगाते हैं. बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री देश-विदेश में प्रसिद हैं और विदेशों भी कथा करते हैं.
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