Headlines

भंते धर्मशील: ये शख्स नहीं होता तो आज तक बाबा साहेब का जन्म स्थान नहीं मिलता!

Table of Content

Bhante Dharmshil full details in Hindi – बाबा साहेब के जन्म स्थान और जन्मभूमि को लेकर लंबे समय तक पेंच फंसा रहा. कुछ लोग महाराष्ट्र के रत्नागिरी को उनका जन्मस्थान मानते थे तो वहीं कुछ लोग मध्यप्रदेश के महू को. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाबा साहेब के वास्तविक जन्मभूमि की खोज कैसे हुई? किसने किया था बाबा साहेब के जन्म स्थान का खोज? बाबा साहेब के जन्म स्थान का खोज करने में क्या क्या परेशानियां आईं थी?

और पढ़ें: “सावरकर के अंदर नफरत बजबजा रही है”, डॉ अंबेडकर ने ऐसा क्यों कहा था?

ऐसे खोजा गया था बाबा साहेब का जन्मस्थान

दरअसल, बाबा साहेब (Ambedkar Birth Place) ने अपने जीवन के 65 वसंत देखें. 1956 में उनकी मृत्यु हुई. तब तक किसी को भी उनके जन्मस्थान के बारे में पता नहीं था. उनकी मृत्यु के 14 साल बाद तक इसे लेकर कोई खोजबीन नहीं हुई या उनके जन्मस्थान को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन धन्यवाद कहिए उस महात्मा को, जिन्होंने 1970 से बाबा साहेब के जन्मस्थान की खोज शुरु की और उस स्थान को ढूंढ भी निकाला.

ध्यान देने वाली बात है कि 1970 में महाराष्ट्र के भंते धर्मशील (Bhante Dharmshil) ने बाबा साहेब की जन्मभूमि की खोज शुरु की थी. महाराष्ट्र से बाबा साहेब का गहरा लगाव रहा. उन्होंने अपनी अंतिम सांस भी महाराष्ट्र में ही ली थी. ऐसे में सभी को यही लग रहा था कि बाबा साहेब का महाराष्ट्र से कनेक्शन है. भंते धर्मशील ने भी महाराष्ट्र के कोने कोने को छान डाला लेकिन बाबा साहेब के जन्म से जुड़ा कोई भी सुराग उनके हाथ नहीं लगा. काफी खोजबीन करने के बाद उन्हें पता चला कि बाबा साहेब के पिता रामजी सकपाल सेना में सूबेदार थे और मध्य प्रदेश के महू में उनकी पोस्टिंग थी.

भंते धर्मशील को करनी पड़ी मशक्कत

फिर क्या था. भंते धर्मशील की बांछे खिल गई. वह सीधे महू पहुंच गए. काफी मशक्कत के बाद उन्होंने वह बैरक ढूंढ़ निकाला, जहां पर बाबा साहेब के पिता रामजी सकपाल रहते थे. भंते धर्मशील को उसी बैरक में बाबा साहेब के जन्म के प्रमाण मिले. बाद में इसकी आधिकारिक जानकारी भी मिली कि बाबा साहेब का जन्म इसी बैरक में हुआ था. वह बैरक 22,500 वर्ग फुट का था. बाबा साहेब के जन्मस्थान का पता तो चल गया था लेकिन अब भंते धर्मशील के सामने इससे भी बड़ी चुनौती थी. और वह चुनौती थी उस आधिकारिक यानी सरकारी जगह पर बाबा साहेब की स्मारक बनवाना.

उस स्थान पर बाबा साहेब का स्मारक बनाने के लिए भंते धर्मशील (Bhante Dharmshil and Ambedkar) ने डॉ अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी का गठन किया और जमीन हासिल करने के लिए आर्मी और सरकार से लंबे समय तक पत्राचार किया. कई सालों तक संघर्ष करने के बाद वह 22,500 वर्ग फुट जमीन हथियाने में कामयाब हो गए. 1976 में उन्हें स्मारक के लिए जमीन मिली. 14 अप्रैल 1991 को बाबा साहेब की 100 वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने जन्मस्थली पर स्मारक की आधारशिला रखी.

उसी वर्ष राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, कांशीराम और मायावती सहित देश के कई दिग्गज नेता बाबा साहेब की जन्मस्थली पर पहुंचे थे. मौजूदा समय में स्मारक के भीतर इन सभी नेताओं का एकसाथ चित्र भी लगा हुआ है. उस स्थान पर बाबा साहेब का अस्थि कलश भी रखा गया है. अब स्मारक बन जाने के बाद हर साल लाखों की संख्या में उस स्थान पर पहुंचते हैं और बाबा साहेब के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.

और पढ़ें: सरकार के डेटा से गायब कैसे हो गया बाबा साहेब का इस्तीफा?

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds