प्रेमानंद महाराज जी ने बताया, इन 6 कारणों से घट जाती है आपकी उम्र

Table of Content

Premanand Ji Maharaj Latest News – जब कोई बड़ा अपने से छोटे को चिरंजीव होने का आशीर्वाद देता है तो उसका मतलब है कि वो बहुत दिनों तक जीवित रहे यानि कि जिसेआशीर्वाद मिला है उसकी उम्र लम्बी हो लेकिन कुछ ऐसे कर्म हैं जिसकी वजह से इस आशीर्वाद का कोई भी फायदा नहीं है. इन कर्मों की वजह से इंसान की उम्र घट जाती है और इस बात की जानकारी प्रेमानंद महाराज जी ने दी है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको प्रेमानंद महाराज जी द्वारा बताए गए उन 6 कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से इंसानों की उम्र घट जाती है.

Also Read- शनि दोष पर क्या बोले वृंदावन वाले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज?

 इन 6 कारणों से घटती है उम्र 

संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं और सत्संग करते हैं. वहीं अपने सत्संग के जरिए उन्होंने 6 कारणों के बारे में बताया है जिनकी वजह इंसान की उम्र घट जाती है. संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज ने बताया है कि जो भी भगवान में विश्वास नहीं रखते हैं, शास्त्रों का अनादर करते हैं पूजा पाठ नहीं करते हैं और अपने से बड़े या गुरु का अपमान करते हैं उनकी उम्र घट जाती है.

सुबह की गलत शुरुआत भी है उम्र कम होने का कारण 

इसी के साथ संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी कहते हैं कि सुबह के समय दांत से नाखून चबाने वाले, जूठे और अपवित्र खाने से अपने दिन शुरुआत करने वाले लोग बिना वजह से पुस्तक और पेपर फाड़ने वाले और बैठकर पैर हिलाने से भी आयु कम होती है.

Premanand Ji Maharaj latest

वहीं जो लोग शाम के समय सोते हैं और भोजन करते हैं और बिना किसी बात के गुस्सा करते हैं साथ ही बिना वजह की कोशिशों में लगे रहते हैं उनकी उम्र कम होती है. वहीं जो शख्स ग्रहण के समय या दिन के समय सूर्य को देखता है साथ ही अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी, अष्टमी या एकादशी जैसी पवित्र तिथियों पर ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करता है उसकी उम्र कम हो जाती है.

कष्ट पहुचने पर भी होती है उम्र कम 

वहीं जो शख्स कुछ ऐसी बात बोलता है जिसकी वजह से किसी दूसरे के मन चोट पहुंचे या कष्ट हो तो इस वजह से भी आयु कम होती है. वहीं दृष्टिहीन, निर्बल, कुरूप या निर्धन मजाक करने वाले या उन्हें परेशान करने वाले लोगों के लिए ऐसा करना पाप का सामान है और इस वजह से आयु घटती है. वहीं इन कर्मों के जरिए आपके अच्छे किए हुए कार्य भी   नष्ट हो जाते हैं.

Also Read- धनवान और सुखी जीवन चाहते हैं तो प्रेमानंद जी महाराज के बताए ये 2 उपाय जरुर अपनाएं.

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds