शनि दोष पर क्या बोले वृंदावन वाले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज?

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Swami Premanand Ji Maharaj say on Shani Dosh
Source- Google

शनि दोष के ऐसा दोष है जिसे सबसे ज्यादा कष्टदायक माना जाता है. शनि दोष एक दौरान व्यक्ति के जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. कार्यों में बाधा आती है और जातक का स्वास्थ्य आपका साथ नहीं देता है. शनि देवता धीमी प्रवर्ती के देव है, इसी वजह से इसका असर कुंडली पर लम्बे समय तक रहता है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं शनि दोष पर ले वृंदावन वाले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज क्या कहते हैं.

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जानिए कौन है संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

दरअसल, संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज एक कथा वाचक हैं. जो राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं और कहा जाता है कि जो उनकी कथा को सुनता है उनके राधा रानी एक दर्शन होते हैं. महाराज जी के देश ही नहीं विदेशों में भी लाखों की संख्या में प्रसंशक और भक्त हैं. और इन भक्तों में से  क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli) और उनकी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) भी है जिन्होंने महाराज जी ने आशीर्वाद लिया था. वहीं संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण ने शनि दोष ने कुछ कहा है.

ये जप करने से कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कोई भी ग्रह 

दरअसल, संत श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक भक्त ने उनसे पूछा है कि जब शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव ऊपर चलता है. तो क्या हम लोहे का छल्ला पहन सकते हैं. जिस पर महाराज जी कहना है कि जो लोग भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के नाम का जाप करते हैं. उनको किसी ग्रह से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आप उंगली में घोड़े की नाल का छल्ला पहनोगे तो कैसे भोजन करोगे और कैसे जल ग्रहण करोगे. क्योंकि घोड़े की नाल का छल्ला अपवित्र होता है. उन्होंने कहा कि कृष्ण- कृष्ण और राधा- राधा नाम का जाप करें. कोई ग्रह आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.

जानिए क्या होती है शनि साढ़ेसाती और ढैय्या

एक रिपोर्ट के अनुसार, हर व्यक्ति के जीवन में 3 बार साढ़ेसाती और 2 बार ढैय्या जरूर आती है. शनि देव ने अभी 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर किया है. जिससे मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है. साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या शुरू हुई है. शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है. शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड उन्हें प्रदान करते है. जब व्यक्ति की राशि में शनि दोष लगता है तो उसे अपने जीवन में कई तरहे के संघर्षों से जूझना पड़ता है. साथ ही कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. जब व्यक्ति को समय-समय पर रोग घेरे रहें, आर्थिक संकट आ जाये, बुरी चीजों में लिप्त होने का मन करे, ये सभी शनि दोष के लक्षण हैं.

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