भारत की पहली महिला IAS जिन्होंने पहले अटेम्प्ट में पास किया UPSC का एग्जाम

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यूट्यूब (You tube) पर  एस्पिरेंट्स (Aspirants) नाम की एक वेब सीरीज (web series) आई थी और इस वेब सीरीज में UPSC को कैसे पास की जाती है इन सभी चीजों को किरदारों को रूप में पेश किया गया है. इस वेब सीरीज में बताया गया है कि UPSC एक मॅरेथॉन है यहाँ पर खरगोश नहीं कछुआ फर्स्ट आएगा. जहाँ कई लाख बच्चों का UPSC पास करने का सपना सपना ही रह जाता है तो वहीं इस मॅरेथॉन को आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा (IAS officer Anna Rajam Malhotra) ने पूरा किया और वो भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी (India first woman IAS officer) बनी. 

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1951 में भारत की पहली महिला बनी IAS


आईएएस (IAS) बनने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) पास करनी होती है और भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा थीं और उन्होने ये परीक्षा 1951 में पास करी और भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनी थीं. अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म 17 जुलाई 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले के एक छोटे से गांव में हुआ. अन्ना राजम मल्होत्रा की स्कूलिंग कोझिकोड (Kozhikode) से हुई और उसके बाद की पढाई उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी (Madras University) में करी.कॉलेज खत्म होने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) ने सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और कड़ी मेहनत करके अन्ना राजम ने फर्स्ट अटेम्प्ट में ही सिविल सेवा परीक्षा पास कर दी . उनकी IAS बनने की मंजिल उनके सामने थी लेकिन इससे पहले उनका इंटरव्यू हुआ और इस दौरान उनके एक शर्त पर IAS का पद मिला. 

इस शर्त के साथ मिला अप्वाइंटमेंट लेटर


1951 में 27 साल की उम्र में आईएएस बनी अन्ना राजम मल्होत्रा को मद्रास कैडर मिला था लेकिन जब अन्ना राजम मल्होत्रा आईएएस का इंटरव्यू देने पहुंचीं तो बोड मेंबर ने उन्हें सिविल सर्विस में न आने की सलाह दी. उनसे कहा कि फॉरेन सर्विस या सेंट्रल सर्विसेज में कोई और ऑप्शन सेलेक्ट कर लें. वही महिलाओं के लिए बेहतर ऑप्शन होता है. लेकिन अन्ना ने ऐसा करने से मना कर दिया. जहाँ वो इंटरव्यू में पास हो गयी तो वहीं उनके सामने शर्त रखी गयी जो उनके साल 1951 में सर्विस में ज्वाइनिंग मिले अप्वाइंटमेंट लेटर में लिखा था इस अप्वाइंटमेंट लेटर में  लिखा था कि शादी हो जाने पर आपको निलंबित किया जा सकता है. लेकिन इस शर्त को पूरा करते हुए उन्होएँ सर्विस ज्वाइन की और कुछ साल सर्विस करने के बाद जब नियम बदला तो अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा से शादी भी कर ली.

2 प्रधानमंत्री और 7 मुख्यमंत्रियों के साथ किया काम 


अपनी IAS की सर्विस के दौरान उन्होंने दो प्रधानमंत्रियों-इंदिरा गांधी (Indira gandhi), राजीव गांधी (Rajiv gandhi) और 7 मुख्यमंत्रियों (chief minister) के साथ काम किया. 1982 में उन्होंने एशियाई खेलों के आयोजन के दौरान प्रभारी की भी जिम्मेदारी निभाई. इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी सेवाएं दी. इसी के साथ आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा के नाम कई उपलब्धियां हैं. उन्होंने मुंबई में भारत के पहले कम्प्यूटरीकृत बंदरगाह, न्हावा शेवा के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह केंद्र सरकार में सचिव पद संभालने वाली पहली मलयाली महिला भी थीं.

पद्मभूषण से भी हुई सम्मानित


अपने पद से रिटायर होने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा लंबे समय तक होटल लीला वेंचर लिमिटेड की डायरेक्टर रहीं. इसके बाद शानदार सेवा के लिए भारत सरकार ने 1989 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार (Padma Bhushan Award) से सम्मानित किया और फिर 91 साल की उम्र में 2018 में आखिरी सांस ली. 

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