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बॉलीवुड में क्यों हो रहे इतने तलाक? एआर रहमान की वकील ने उठाया इस राज से पर्दा

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AR rahman, Bollywood Star
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AR Rahman lawyer reveals reason behind Bollywood divorces – बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से अक्सर ही किसी न किसी की तलाक की खबरें चर्चा में बनी रहती हैं. काफी समय से अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की तलाक की खबरें ने सोशल मीडिया से लेकर सुर्खियों में छाई हुई हैं. इसी बीच जाने-माने सिंगर और कंपोजर एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो ने शादी के 29 साल बाद अलग होने का फैसला सुना कर सभी को हैरान कर दिया. इसी बीच उनकी वकील वंदना शाह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

शादी के 29 साल बाद एआर रहमान ले रहे तलाक

हाल ही सिनेमा जगत से ये हैरान करने वाली खबर आई, कहा जा रहा है कि  एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो तलाक ले रहे हैं. जिसको सुनने के बाद पहले लोगों के लगा कि ये फेक न्यूज है, लेकिन जैसे-जैसे कपल और उनके बच्चों के रिएक्शन आने लगे, तो लोगों को दुखी मन से मानना पड़ा कि हां ये खबर सच है. शादी के 29 साल बाद एआर रहमान और सायरा बानो ने रिश्ता को खत्म करने के फैसला किया है. दोनों के बीच कुछ सालों से रिश्ता ठीक नहीं चल रहा था, जिसके बाद उन्होंने अलग होने का ये फैसला किया.

वही अब एआर रहमान की वकील का वंदना का एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर वायरल हो रहा है. जिसमे उन्होंने बॉलीवुड में बढ़ते तलाक के मामलों के पीछे की वजहों के बारे में बताया है. वंदना कहती है कि बॉलीवुड स्टार कि जिंदगी आम लोगों से काफी अलग होती है. उनका मानना है कि कई बार शादियां धोखे की वजह से नहीं, बल्कि बोरियत की वजह से भी टूटती हैं. लोग अपनी शादी में सबकुछ अनुभव कर लेते हैं, जिससे वे ऊब जाते हैं और बोरियत से बचने के लिए दूसरी शादी की ओर बढ़ जाते हैं.

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बॉलीवुड में इतने तलाक की वजह

विडियो में वंदना आगे कहती है कि यह बॉलीवुड और अमीर परिवारों की एक खास आदत मानती हैं. उनका कहना है कि आम लोगों की शादियों में ऐसा कम देखने को मिलता है. वंदना आगे कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि ये लोग काफी अलग तरह की सेक्शुअल लाइफ जीते हैं, जो आम तौर पर सामने नहीं आती. इनकी सेक्शुअल इच्छाएं आम लोगों से ज्यादा होती हैं. दूसरे पार्टनर के साथ समय बिताना या संबंध बनाना काफी आम है, लेकिन वन नाइट स्टैंड जैसी चीजें इन्हें ज्यादा परेशान नहीं करतीं. मैं बॉलीवुड से जुड़ी नहीं हूं, लेकिन जो मामले मेरे पास आते हैं, उनके आधार पर ये कह रही हूं’.

इस पॉडकास्वंट में वंदना कहती है की अलग लाइफस्टाइल बनता है कारण  इसकी ‘असली वजह बोरियत होती है, या फिर ये इमोशन कि उन्हें उतनी अहमियत नहीं मिल रही. एक और समस्या यह है कि उन्हें ऐसे लोगों की बातें सुननी पड़ती हैं, जो उनकी शादीशुदा जिंदगी का हिस्सा नहीं हैं, जैसे सास-ससुर या परिवार का कोई सदस्य, जो आर्थिक मदद कर रहा हो’. साथ ही, वही वंदना ने साउथ के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें ससुर ही पूरे घर का खर्च संभाल रहे थे. उनके पास काफी पैसा था. वहीं, पति घर में तो शेर बनता था लेकिन पिता के सामने बिल्ली बन जाता था. इसके अलवा वंदना की इन बातों को अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के तलाक की अफवाहों से भी जोड़ा है. वहीं कुछ लोगों को लग रहा है कि ये सामंथा रुथ प्रभु और नागा चैतन्य के बारे में है.

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सैफ अली खान vs विवेक ओबेरॉय: 5 सुपरहिट फिल्मों की कहानी, जिन्होंने करियर बदल दिया

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Saif Ali Khan and Vivek Oberoi, Bollywood
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Saif Ali Khan Filmography: सैफ अली खान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं जिन्होंने न केवल अपने अभिनय से बल्कि अपनी फिल्मों के चयन से भी अपनी पहचान बनाई है। वैसे तो बॉलीवुड में फिल्मों को रिजेक्ट करना एक आम बात है, लेकिन सैफ के साथ भी ऐसा ही हुआ जब उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली जिसने न केवल उनकी किस्मत बदल दी बल्कि उन्हें “मॉडर्न डे हीरो” भी बना दिया। आइए इस लेख में सैफ अली खान के करियर (Saif Ali Khan career) के उन दिलचस्प पहलुओं के बारे में जानते हैं जो उन्हें खास बनाते हैं।

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‘हम तुम’: सैफ का करियर-चेंजिंग रोल- Saif Ali Khan Filmography

2004 में रिलीज़ हुई फिल्म हम तुम सैफ अली खान के करियर का एक मील का पत्थर साबित हुई। रानी मुखर्जी और सैफ अली खान स्टारर इस फिल्म में मॉडर्न लव स्टोरी को दिखाया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फिल्म पहले विवेक ओबेरॉय को ऑफर की गई थी?

विवेक ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया, और यही रोल सैफ अली खान को मिला। फिल्म सुपरहिट रही और सैफ को उनकी परफॉर्मेंस के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। यह फिल्म सैफ के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी और उन्हें नए जमाने के हीरो के तौर पर स्थापित किया।

विवेक ओबेरॉय के लिए मिस हुए मौके- Saif Ali Khan vs Vivek Oberoi

विवेक ओबेरॉय ने 2000 के दशक की शुरुआत में कंपनी, साथिया, और शूटआउट एड वडाला जैसी बेहतरीन फिल्में कीं, लेकिन कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स को रिजेक्ट करना उनके लिए भारी पड़ गया।

Vivek Oberoi, Bollywood
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  1. ‘हम तुम’: जैसा कि पहले बताया गया, यह रोल विवेक को ऑफर किया गया था, लेकिन इसे मना करने के बाद यह सैफ के हिस्से में गया।
  2. ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’: विवेक ने डेट्स की समस्या के चलते इस फिल्म को ठुकरा दिया। यह रोल संजय दत्त को मिला, जिसने उनके करियर को एक नई ऊंचाई दी।
  3. ‘बंटी और बबली’: 2005 में रिलीज़ हुई इस सुपरहिट फिल्म में अभिषेक बच्चन ने बंटी का किरदार निभाया। यह फिल्म विवेक को पहले ऑफर की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
  4. ‘ओम शांति ओम’: शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर इस फिल्म में विलेन का किरदार विवेक को ऑफर किया गया था। इसे रिजेक्ट करने के बाद यह रोल अर्जुन रामपाल के हिस्से में आया, जिसने उनके करियर को नई पहचान दी।
  5. ‘रॉक ऑन’: 2008 में रिलीज़ हुई यह म्यूजिकल फिल्म भी विवेक ने ठुकरा दी। इस फिल्म ने फरहान अख्तर और अर्जुन रामपाल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

सैफ और उनकी सफलताएं

सैफ अली खान का करियर (Saif Ali Khan career) केवल एक फिल्म तक सीमित नहीं रहा। हम तुम के बाद उन्होंने सलाम नमस्ते, रेस, और लव आज कल जैसी हिट फिल्में दीं। उनकी फिल्मों की विविधता और अदायगी ने उन्हें एक खास मुकाम पर पहुंचा दिया।

rani and saif, bollywood
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फिल्मों का चुनाव: सैफ बनाम विवेक

जहां सैफ ने अपने करियर के लिए सही फिल्में चुनीं, वहीं विवेक का फिल्मों का चुनाव कमजोर साबित हुआ। लगातार फ्लॉप फिल्मों के कारण विवेक को साउथ इंडस्ट्री की ओर रुख करना पड़ा। वहीं, सैफ ने बॉलीवुड में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी।

सैफ का हम तुम को करना और विवेक का इसे रिजेक्ट करना, दोनों के करियर के लिए निर्णायक साबित हुआ। सैफ अली खान ने न केवल हम तुम जैसी फिल्मों के जरिए अपनी जगह बनाई, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि सही वक्त पर लिया गया सही फैसला कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय पदयात्रा, लाखों हिंदुओं को लेकर करने जा रहे हैं आध्यात्मिक पहल

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Bageshwar Baba Padyatra, Hindu jodo Yatra
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Bageshwar Baba Padyatra: 21 नवंबर 2024 को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी बहुप्रतीक्षित 9 दिवसीय हिंदू एकता पदयात्रा शुरू की। यात्रा की शुरुआत बालाजी मंदिर (Balaji Temple) पर राष्ट्रीय ध्वज और भगवा ध्वज फहराने के साथ हुई। यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज में मौजूद जातिगत भेदभाव और छुआछूत को खत्म कर सभी वर्गों को एकजुट करना है (Hindu jodo Yatra)।

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पदयात्रा का उद्देश्य- Bageshwar Baba Padyatra

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri Padyatra) ने इस यात्रा को हिंदू समाज को जागरूक करने और भारत को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के जरिए समाज में व्याप्त असमानताओं को मिटाने और हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता का संदेश दिया जाएगा।

Bageshwar Baba Padyatra, Hindu jodo Yatra
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यात्रा कार्यक्रम और कार्यक्रम

पहला दिन (21 नवंबर 2024): यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर गढ़ा तिराहा और टुरया तिराहा होते हुए कदारी पहुंची। करीब 20 किलोमीटर की इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। रात्रि विश्राम और सांस्कृतिक कार्यक्रम कादरी फार्मेसी कॉलेज में आयोजित किए गए।

दूसरा दिन (22 नवंबर 2024): यात्रा कादरी से गठेवारा और फिर छतरपुर शहर में प्रवेश करेगी। छतरपुर में छत्रसाल चौराहे पर एक सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हैदराबाद के हिंदू नेता टी. राजा भी भाग लेंगे।

तीसरा दिन (23 नवंबर 2024): यात्रा मऊसहानियां स्थित महाराजा छत्रसाल शौर्यपीठ पहुंचकर नौगांव स्थित शांति कॉलेज में विश्राम करेगी। यहां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रवादी कवि कुमार विश्वास और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह प्रस्तुति देंगी।

अगले दिन (24-27 नवंबर 2024): देवरी विश्रामगृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें बुंदेली गायिका कविता शर्मा और अंजलि द्विवेदी भाग लेंगी।

वहीं, मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली और श्याम रंगीला जैसे बड़े कलाकार प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा गुजरात के लोक गायक कीर्तिदान गढ़वी और कन्हैया मित्तल 26 और 27 नवंबर को यात्रा में शामिल होंगे।

महापुरुषों की झांकियां और विशेष आकर्षण

यात्रा में हिंदू समाज के विभिन्न महापुरुषों की झांकियां और बालाजी का रथ शामिल किया गया है। 15 विशेष रथ यात्रा की शोभा बढ़ा रहे हैं, जिसमें बागेश्वर बालाजी और अन्य महापुरुषों के रथ शामिल हैं। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध खली बद्री विश्वकर्मा, जो अपने बालों से रथ खींचने के लिए जाने जाते हैं, इस यात्रा में शामिल हुए। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय ध्वज और भगवा ध्वज लेकर पदयात्रा (Pandit Dhirendra Krishna Shastri Padyatra) का नेतृत्व कर रहे हैं।

Bageshwar Baba Padyatra, Hindu jodo Yatra
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पदयात्रा में 160 किलोमीटर पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। 600 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

प्रमुख हस्तियों और संतों की मौजूदगी

देश-विदेश से आए संतों और जानी-मानी हस्तियों ने इस यात्रा को खास बनाया। यात्रा के शुभारंभ अवसर पर गोपालमणि जी, सुदामा कुटी वृंदावन के महंत राजू दास महाराज और अनिरुद्धाचार्य जैसे संत मौजूद रहे। आने वाले दिनों में फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी और मशहूर कवि कुमार विश्वास जैसे दिग्गज भी यात्रा का हिस्सा बनेंगे।

लोक कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम

यात्रा के दौरान बुंदेली कलाकार और लोक गायक अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। हर पड़ाव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कलाकार हिस्सा ले रहे हैं।

जनता का अभूतपूर्व उत्साह

पदयात्रा के लिए करीब 20 हजार लोग पंजीकरण करा चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना पंजीकरण के भी शामिल हो रहे हैं। बागेश्वर महाराज ने सभी से शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण तरीके से यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है।

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देश का सच्चा सिपाही कैसे बन गया देश का दुश्मन? जानिए बागी जनरल शबेग सिंह की कहानी

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Know the story of rebel General Shabeg Singh
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General Shabeg Singh details: भारतीय सैनिक अपने देश के लिए अपना परिवार, धर्म सब कुछ दांव पर लगा देते हैं और अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं। ऐसा ही कुछ किया था भारतीय सेना के एक पूर्व जनरल ने। उन्होंने कभी अपनी बहादुरी से पाकिस्तानी सेना के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं, लेकिन बाद में वो पाक प्रोपेगेंडा के हथियार बन गए। जिस सैनिक ने 1947 में कश्मीर में पाकिस्तान के साथ पहली लड़ाई से लेकर 1971 के बांग्लादेश युद्ध तक अपनी जान की बाजी लगा दी, वही सैनिक अचानक देश के खिलाफ बोलने लगा और ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Bluestar) में आतंकियों की तरफ से लड़ा। आइए आपको बताते हैं विद्रोही जनरल शबेग सिंह की कहानी।

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कौन थे मेजर जनरल शाबेग सिंह- Who was General Shabeg Singh

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार मेजर जनरल शबेग सिंह पंजाबी, फ़ारसी, उर्दू, बंगाली और हिंदी समेत सात भाषाओं के जानकार थे। शबेग का जन्म पंजाब के ख्याला गांव में हुआ था। क्षमता से भरपूर, 5 फ़ीट 8 इंच लंबे शबेग एक तेज़ धावक, अच्छे घुड़सवार और फुर्तीले तैराक थे, वो बहुत कुछ बन सकते थे, लेकिन उन्होंने सैनिक बनना चुना। आज़ादी से पहले उन्होंने ब्रिटिश सेना में नाम कमाया। आज़ादी के बाद उन्होंने खुद को भारत के लिए समर्पित कर दिया।

देश के लिए कटवाए बाल- General Shabeg Singh details

1962 में जब भारत-चीन युद्ध (India-China War) छिड़ा तो शाबेग तेजपुर में थे। बीबीसी हिंदी में प्रकाशित रेहान फजल की रिपोर्ट में शाबेग के बेटे प्रभपाल सिंह ने बताया है कि उनके पिता 1962 के युद्ध में घायल सैनिकों को अपने कंधों पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया करते थे। 1965 के युद्ध में उन्होंने हाजीपीर में मोर्चा संभाला था। 1971 में जब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में असंतोष बढ़ा तो सेना प्रमुख सैम मानेकशॉ को शाबेग की याद आई। उन्हें मुक्ति वाहिनी को प्रशिक्षित करने के लिए नागालैंड से खास तौर पर बुलाया गया था। इस दौरान वे अपने परिवार से दूर छिपकर काम करते रहे। सिख धर्म को मानने वाले शाबेग ने काम के लिए बाल भी कटवा लिए थे। पाकिस्तान की हार और बांग्लादेश के विश्व मानचित्र पर उभरने के बाद राष्ट्रपति ने शाबेग को ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ से सम्मानित किया था।

इस तरह बदल गयी जिंदगी

1971 के युद्ध के बाद शाबेग उत्तर प्रदेश के बरेली में तैनात थे। वहीं पर उन्हें कुछ वित्तीय अनियमितताओं के बारे में पता चला। लेकिन जनरल शाबेग कुछ कर पाते, उससे पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों ने जनरल शाबेग सिंह को रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले नौकरी से निकाल दिया। इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे। उन्होंने सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी। इस केस में वह जीत गए।

 

General Shabeg Singh
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ऑपरेशन ब्लू स्टार पर किताब लिखने वाले सतीश जैकब का मानना ​​है कि यह निर्णायक मोड़ साबित हुआ और शबेग ने मानसिक शांति के लिए धर्म की शरण ली, जहां उनकी मुलाकात जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) से हुई।

बन गए भिंडरावाले के लेफ्ट हैंड

भिंडरावाले से मिलने के बाद शाबेग खालिस्तान विद्रोह में शामिल हो गया। भिंडरावाले के नेतृत्व ने धार्मिक रूप से विभाजित राष्ट्र की बढ़ती मांग को जन्म दिया। इसे खत्म करने के लिए इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया। सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, वह जगह है जहाँ भिंडरावाले ने पहली बार व्यापार शुरू किया था। शाबेग ने अपने सैनिकों की कमान उसी से प्राप्त की थी।

General Shabeg Singh
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जब भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसने की कोशिश की, तो शाबेग ने अपने 200 खालिस्तानी लड़ाकों के साथ मिलकर उनका सामना किया। अंतत: भिंडरावाले के साथ-साथ शाबेग भी मारे गए। शाबेग के परिवार की गुहार के बावजूद सरकार उनके शव को उन्हें नहीं सौंपा।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: एग्जिट पोल का अनुमान महायुति के पक्ष में

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Maharashtra Assembly Elections 2024, Maharashtra Assembly Exit polls
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Maharashtra Exit Polls 2024: महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान (Maharashtra Assembly Election 2024) संपन्न हो चुका है, जिसमें करीब 59% मतदान हुआ है। अब सबकी निगाहें एग्जिट पोल के आंकड़ों पर टिकी हैं, जो भविष्यवाणी करते हैं कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी। इस बार छह प्रमुख एग्जिट पोल महाराष्ट्र में महायुति (एनडीए गठबंधन) की सरकार बनने का संकेत दे रहे हैं।

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एग्जिट पोल के आंकड़े- Maharashtra Exit Polls 2024

एग्जिट पोल के अनुसार, महायुति (Mahayuti) राज्य में बहुमत हासिल करने की ओर अग्रसर है, जबकि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और अन्य पार्टियों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर दिख रहा है।

Maharashtra Assembly Elections 2024, Maharashtra Assembly Exit polls
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  • लोकशक्ति मराठी रुद्र:
    • महायुति: 128-142 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 125-140 सीटें
    • अन्य: 18-23 सीटें
  • मेटराइज:
    • महायुति: 150-170 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 110-130 सीटें
    • अन्य: 8-10 सीटें
  • पी मार्क:
    • महायुति: 137-157 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 126-146 सीटें
    • अन्य: 2-8 सीटें
  • पीपुल्स पल्स:
    • महायुति: 175-195 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 85-112 सीटें
    • अन्य: 7-12 सीटें
  • चाणक्य स्ट्रेटेजीज:
    • महायुति: 152-160 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 130-138 सीटें
    • अन्य: 6-8 सीटें
  • जेवीसी:
    • महायुति: 150-167 सीटें
    • महाविकास अघाड़ी: 107-125 सीटें
    • अन्य: 13-14 सीटें

एवरेज और संभावित नतीजे

अगर इन सभी एग्जिट पोल (Maharashtra Exit Polls 2024) का औसत निकाला जाए तो महायुति को 149 से 165 सीटें मिलने की संभावना है, जो बहुमत के आंकड़े (145) से कहीं ज़्यादा है। महाविकास अघाड़ी 9 Mahavikas Aghadi) को औसतन 114 से 132 सीटें मिल सकती हैं और अन्य को 9 से 13 सीटें मिल सकती हैं।

Maharashtra Assembly Elections 2024, Maharashtra Assembly Exit polls
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फडणवीस और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है, तो भाजपा को फायदा होता है। इस बार बढ़े हुए वोटिंग प्रतिशत से महायुति को फायदा होगा।” भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र और झारखंड में एनडीए गठबंधन की जीत पक्की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति और झारखंड में एनडीए बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।

महायुति की बढ़त के कारण

  1. एकजुटता: महायुति में बेहतर तालमेल और आंतरिक एकजुटता ने गठबंधन को मजबूत किया।
  2. प्रभावशाली प्रचार अभियान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं की रैलियों ने महायुति के पक्ष में जनमत तैयार किया।
  3. महाविकास अघाड़ी में मतभेद: एमवीए में तालमेल की कमी और कई सीटों पर उम्मीदवारों के बीच प्रतिस्पर्धा ने उनकी स्थिति कमजोर की।

महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन

हालांकि एमवीए नेता दावा कर रहे हैं कि उन्हें भी जोरदार समर्थन मिला है, लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार उनकी सीटों की संख्या महायुति से कम नजर आ रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल महायुति की स्पष्ट बढ़त की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, अंतिम नतीजे 3 दिसंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे, जिससे तय होगा कि एग्जिट पोल सही साबित होते हैं या नहीं। तब तक राजनीतिक दलों और जनता की उत्सुकता चरम पर रहेगी।

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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: एग्जिट पोल रिपोर्ट ने बढ़ाया राजनीतिक पारा, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

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Jharkhand Exit Polls 2024, Jharkhand Assembly Election
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Jharkhand Exit Polls 2024: झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल रिपोर्ट ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। नौ अलग-अलग एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट में मिले-जुले नतीजे सामने आए हैं, जिससे दोनों प्रमुख गठबंधनों में असमंजस की स्थिति है। नौ एग्जिट पोल (Jharkhand Exit Poll) रिपोर्ट्स में से पांच ने एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पक्ष में भविष्यवाणी की है (Jharkhand Exit Poll favour of NDA), जबकि तीन एजेंसियों ने इंडिया ब्लॉक (विपक्षी गठबंधन) की जीत की भविष्यवाणी की है। एक एजेंसी सी-वोटर का कहना है कि किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाएगा।

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एनडीए के पक्ष में: Jharkhand Exit Polls 2024

o टाइम्स नाउ जेवीसी: 40-44 सीटें

o चाणक्य: 45-50 सीटें

o मैट्रिक्स: 42-47 सीटें

o पीपुल्स पल्स: 44-53 सीटें

o पोल ऑफ पोल्स: 33-42 सीटें

इंडिया ब्लॉक के पक्ष में:

o एक्सिस-माई इंडिया: 49-59 सीटें

o जी टीवी: 39-44 सीटें

o पी मार्क: 37-47 सीटें

इन आंकड़ों के अनुसार NDA का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना ​​है कि एग्जिट पोल हमेशा सटीक साबित नहीं होते।

Jharkhand Exit Polls 2024, Jharkhand Assembly Election
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राजनीतिक जानकारों की राय

वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा कहते हैं कि इस बार 2019 जैसे नतीजे नहीं दोहराए जा रहे हैं। कोल्हान और संथाल इलाकों में इस बार भाजपा और आजसू ने अच्छी पकड़ बना ली है, जिसके कारण एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है। उनका मानना ​​है कि भाजपा 30-35 सीटों तक पहुंच सकती है। वहीं, कांग्रेस इंडिया ब्लॉक की कमजोर कड़ी साबित हो सकती है।

दूसरी ओर, वरिष्ठ पत्रकार मधुकर ने इंडिया ब्लॉक के पक्ष में संभावना जताई है। उनका कहना है कि महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाएं और हेमंत सोरेन के पक्ष में हाईकोर्ट की टिप्पणी ने उनके पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाया है। उन्होंने कुर्मी वोटों में सेंध और महिलाओं के बढ़े वोट प्रतिशत को इंडिया ब्लॉक के लिए फायदेमंद बताया।

राजनीतिक दलों के दावे

दोनों प्रमुख गठबंधनों के नेताओं ने सरकार बनाने का दावा किया है:

  • एनडीए: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गठबंधन को 51 से अधिक सीटें मिलेंगी।
  • इंडिया ब्लॉक: झामुमो और कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उन्हें 50-55 सीटें मिल सकती हैं। राजद ने भी उम्मीद जताई है कि इंडिया ब्लॉक को 60-62 सीटें मिलेंगी।

तालमेल की कमी और उसका प्रभाव

इंडिया ब्लॉक (Jharkhand Exit Polls 2024) में समन्वय की कमी इस चुनाव में उनके लिए चुनौती बन सकती है। राजद, कांग्रेस और झामुमो के बीच तीन सीटों पर उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके विपरीत एनडीए ने एकजुटता बनाए रखी और अपने असंतुष्ट नेताओं को मनाने में सफल रही।

क्या कहता है एग्जिट पोल का इतिहास?

पिछले चुनावों में एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां हमेशा सटीक नहीं रही हैं। छत्तीसगढ़ और हरियाणा के चुनावों में भी एग्जिट पोल उम्मीदों के विपरीत रहे। झारखंड में भी अंतिम नतीजे आने तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों ही अपने-अपने स्तर पर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन असली तस्वीर 3 दिसंबर 2024 को मतगणना के बाद ही साफ होगी। जनता के फैसले के सामने सभी अटकलें फीकी पड़ सकती हैं।

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गुरुग्राम पोक्सो कोर्ट ने वरिष्ठ एंकर चित्रा त्रिपाठी और अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

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Warrant issued for Chitra Tripathi, Gurugram POCSO Court
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Warrant issued for Chitra Tripathi: गुरुग्राम की पोक्सो कोर्ट ने एक गंभीर मामले में देश की प्रमुख न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी (News anchor Chitra Tripathi)  और रिपब्लिक भारत चैनल के एंकर सैयद सोहेल (Republic Bharat channel anchor Syed Sohail) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामला 10 साल की बच्ची और उसके परिवार के वीडियो को कथित तौर पर तोड़-मरोड़ कर प्रसारित करने से जुड़ा है। इस प्रसारण में परिवार की छवि को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंची।

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कोर्ट का सख्त रुख- Warrant issued for Chitra Tripathi

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि चित्रा त्रिपाठी ने कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए महाराष्ट्र ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) के साथ पहले से तय इंटरव्यू का हवाला दिया। कोर्ट ने उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए जमानत रद्द कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। जज ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रक्रिया को हल्के में लेने का मामला है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

Warrant issued for Chitra Tripathi, Gurugram POCSO Court
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कोर्ट ने निर्देश दिया कि गिरफ्तारी वारंट 30 नवंबर 2024 तक तामील किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।

अभियोजन पक्ष का विरोध

अभियोजन पक्ष के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने आरोपी की अनुपस्थिति का कड़ा विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि पहले भी उसे स्वास्थ्य कारणों से छूट दी गई थी, लेकिन इस बार कोई वैध कारण नहीं बताया गया। अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि मामला 2013 का है और इसमें देरी से पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने में बाधा आ रही है।

मोहम्मद सोहेल ने भी दी सफाई

इसी मामले में अभियुक्त मोहम्मद सोहेल की ओर से भी इसी आधार पर अलग से छूट के लिए आवेदन किया गया है कि अभियुक्त पेशे से पत्रकार है तथा चुनाव के कारण वह कानपुर गया हुआ है तथा वापस नहीं आ सकता है, तथा इन कथनों के साथ अभियुक्त की उपस्थिति से छूट का अनुरोध किया गया है। हालांकि, इस न्यायालय को अभियुक्त को उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित कारण नहीं लगता है। यदि अभियुक्त को कानपुर में किसी राजनीतिक समारोह में भाग लेने की कोई वास्तविक आपातस्थिति होती, तो वह व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर निर्धारित तिथि पर अपनी उपस्थिति से छूट के लिए आवेदन कर सकता था।

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लेकिन अभियुक्त ने ऐसा आवेदन करने के बजाय न्यायालय से अनुपस्थित रहना पसंद किया। इसलिए अभियुक्त मोहम्मद सोहेल की ओर से छूट मांगने वाला आवेदन खारिज किया जाता है। उसकी जमानत रद्द की जाती है। अभियुक्त मोहम्मद सोहेल के जमानत बांड और जमानतें रद्द की जाती हैं तथा राज्य को जब्त की जाती हैं। संबंधित एसएचओ के माध्यम से निर्धारित तिथि के लिए उसके खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए। यदि वारंट तामील नहीं होता है, तो संबंधित एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है।

मामले की पृष्ठभूमि

मामला दिसंबर 2013 में गुरुग्राम के पालम विहार में दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि कुछ समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो में उनके घर को अश्लीलता का अड्डा बताया गया है। इस वीडियो ने परिवार की छवि को धूमिल किया।

यह भी आरोप है कि लड़की के परिवार को वीडियो में विवादास्पद आसाराम बापू (Asaram Bapu Case) से जुड़े मामले में सह-आरोपी से जोड़ा गया था। इस घटनाक्रम से परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा।

आरोपियों की सूची और धाराएँ

इस मामले में कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • दीपक चौरसिया (पूर्व प्रधान संपादक, इंडिया न्यूज़)
  • चित्रा त्रिपाठी (वरिष्ठ एंकर)
  • सैयद सोहेल (रिपब्लिक भारत चैनल एंकर)
  • राशिद हाशमी
  • अभिनव राज (निर्माता)
  • ललित बडगुजर (रिपोर्टर)
  • अजीत अंजुम (पूर्व प्रधान संपादक, न्यूज़24)
  • सुनील दत्त (रिपोर्टर)

इन सभी पर POCSO अधिनियम की धारा 14(1)(23), IT अधिनियम की धारा 67(B) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120(B), 469 और 471 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

अदालत का अवलोकन और प्रक्रिया की आवश्यकता

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि मामले में मुकदमा नौ साल से लंबित है और इसमें और देरी न्याय में बाधा उत्पन्न करेगी। न्यायालय ने त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक है।

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हिमाचल भवन के बाद दिल्ली में बीकानेर हाउस को जब्त करने का आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

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Bikaner House News: दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस की कुर्की का आदेश हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने जारी किया है। यह आदेश राजस्थान की नोखा नगर पालिका और एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच विवाद के चलते आया है। कोर्ट ने यह आदेश तब जारी किया जब नगर पालिका ने कंपनी को 50.31 लाख रुपए का भुगतान करने के आदेश का पालन नहीं किया।

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कोर्ट ने क्या कहा? (Bikaner House News)

कोर्ट ने 21 जनवरी 2020 को नोखा नगर पालिका (Nokha Municipality) को एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स को भुगतान के संबंध में आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद नगर पालिका ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। इस पर कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाते हुए आदेश दिया कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, नगर पालिका को बीकानेर हाउस के संबंध में कोई निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है, जिसमें बीकानेर हाउस की बिक्री की शर्तों और अन्य प्रक्रियाओं पर विचार किया जाएगा।

Bikaner House News, Himachal Bhawan attached
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कोर्ट ने क्या कहा?

इससे पहले जज ने 18 सितंबर को पारित आदेश में कहा था कि कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। जज ने कहा कि यह देखते हुए कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहा है, कोर्ट डिक्री धारक (डीएच) की ओर से प्रस्तुत तर्कों से सहमत है और पाया कि यह देनदार की अचल संपत्ति यानी बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने के लिए उपयुक्त मामला है।

हिमाचल भवन को भी किया कुर्क

यह मामला एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम से जुड़ा है, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से भी विवाद खड़ा हो गया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने दिल्ली के मंडी हाउस स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश राज्य सरकार द्वारा सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का बकाया न चुकाने के कारण दिया गया है। 2009 में सेली हाइड्रो कंपनी को एक प्रोजेक्ट मिला था, जिसके लिए उसने हिमाचल सरकार को 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम दिया था। हालांकि, प्रोजेक्ट बंद होने के बाद सरकार ने कंपनी से मिले 64 करोड़ रुपये जब्त कर लिए।

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आर्बिट्रेशन कोर्ट में चुनौती

कंपनी ने इस फैसले को आर्बिट्रेशन कोर्ट में चुनौती दी और आर्बिट्रेशन कोर्ट ने सरकार को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ 64 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया। लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस आदेश का पालन नहीं किया है। अब कंपनी पर सरकार का करीब 150 करोड़ रुपये बकाया है और कोर्ट ने इस बकाया के एवज में हिमाचल भवन को कुर्क करने और नीलाम करने का आदेश दिया है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।

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अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अदालत में बड़े आरोप, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

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Gautam Adani charged in US,Gautam Adani SEC report
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Gautam Adani charged in US: भारत के प्रमुख उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में गौतम अडानी (Indian billionaire Gautam Adani) समेत सात अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को इन आरोपों की घोषणा करते हुए कहा कि सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी।

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अमेरिकी अदालत में सुनवाई और गिरफ्तारी वारंट– Gautam Adani charged in US

अमेरिकी अदालत में सुनवाई के बाद गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। आरोप है कि अडानी समूह (Adani Group vs US court) ने झूठे और भ्रामक बयानों के जरिए अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से धन जुटाया और उस धन का इस्तेमाल रिश्वतखोरी के लिए किया।

Gautam Adani charged in US, Adani Group
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रिश्वत और लाभ योजना

अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अडानी समूह ने करीब 265 मिलियन डॉलर (2237 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी। अभियोग में दावा किया गया है कि इन अनुबंधों से दो दशकों में 2 बिलियन डॉलर (16882 करोड़ रुपये) का लाभ अर्जित होने की उम्मीद थी। अडानी और अन्य ने इस योजना में ‘न्यूमेरो यूनो’ और ‘द बिग मैन’ जैसे कोड नामों का इस्तेमाल किया।

भतीजे और अन्य अधिकारियों पर भी आरोप

गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी और विनीत एस जैन जैसे अन्य अधिकारियों पर भी आरोप लगाया गया है। उन पर अडानी ग्रीन एनर्जी के लिए 3 बिलियन डॉलर से अधिक के ऋण और बॉन्ड प्राप्त करते समय रिश्वत छिपाने का आरोप है।

Gautam Adani charged in US, Sagar Adani
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600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड रद्द

अभियोग से कुछ घंटे पहले ही अडानी समूह (Gautam Adani charged in US) ने अमेरिकी बाजार में 600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड पेश किया था, जिसे तीन गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया था। हालांकि, इन आरोपों के सामने आने के बाद इस बॉन्ड को रद्द कर दिया गया।

डोनाल्ड ट्रंप से संबंधों का जिक्र

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी ने ग्रीन एनर्जी में निवेश की घोषणा करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी। ट्रंप ने ऊर्जा कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाने का वादा किया था, जिससे इन कंपनियों के लिए संघीय भूमि पर ड्रिलिंग और पाइपलाइन बनाना आसान हो जाएगा।

विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत आरोप

यह मामला अमेरिका के ‘विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम’ के अंतर्गत आता है, जो विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वतखोरी के खिलाफ सख्त प्रावधान करता है।

अडानी समूह की प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति

इन आरोपों के बाद, अडानी समूह ने अमेरिका में अपने बॉन्ड रद्द कर दिए। इससे कंपनी की छवि और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अब यह देखना बाकी है कि अडानी समूह और अन्य आरोपी अदालत में इन आरोपों का सामना करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

अभियोग में नामित लोग

अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, मामले में नामित आठ व्यक्तियों की सूची जारी की गई है:

  • गौतम एस. अदानी (आयु: 62, भारत)
  • सागर एस. अदानी (आयु: 30, भारत)
  • विनीत एस. जैन (आयु: 53, भारत)
  • रंजीत गुप्ता (आयु: 54, भारत)
  • सिरिल कैबनेस (आयु: 50, फ्रांस/ऑस्ट्रेलिया)
  • सौरभ अग्रवाल (आयु: 48, भारत)
  • दीपक मल्होत्रा ​​(आयु: 45, भारत)
  • रूपेश अग्रवाल (आयु: 50, भारत)

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भारत में क्रिकेट के इन सितारों की बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है

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भारत के क्रिकेट खिलाड़ी विश्वभर में प्रसिद्ध हैं और क्रिकेट के खेल में उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भारतीय क्रिकेटरों ने कई बड़े टूर्नामेंट्स में भारत को जीत दिलाई है और क्रिकेट के इतिहास में अपने योगदान से शानदार छाप छोड़ी है। तो चलिए आपको इस लेख में इस लोकप्रिय खेल के कुछ प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताते हैं. जिन्होंने  अपने करियर में शानदार खेल प्रदर्शन कर दुनियाभर में नाम कमाया हैं.

भारत के क्रिकेट खिलाड़ी विश्वभर में प्रसिद्ध

1. विराट कोहली

  • विराट कोहली भारत के सबसे प्रमुख क्रिकेटरों में से एक हैं। वे एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं और कई रिकॉर्ड्स के धारक हैं। कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं, और उनका खेल दुनिया भर में सराहा जाता है।

2. रोहित शर्मा

  • रोहित शर्मा एक और प्रमुख भारतीय बल्लेबाज हैं, जो विशेष रूप से लिमिटेड ओवर क्रिकेट में अपनी धाक जमाए हुए हैं। वे एकदिवसीय क्रिकेट में तीन दोहरे शतक बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं।

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3. महेंद्र सिंह धोनी (एमएस धोनी)

  • एमएस धोनी ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। वे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में एकदिवसीय वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीते हैं।

4. सचिन तेंदुलकर

  • सचिन तेंदुलकर को “क्रिकेट का भगवान” कहा जाता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं और 100 शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर हैं। उनका करियर 24 सालों तक चला और उन्होंने भारत को कई यादगार जीत दिलाई।

5. युवराज सिंह

  • युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के एक स्टार ऑलराउंडर हैं। 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में उनके द्वारा किया गया प्रदर्शन विशेष रूप से यादगार है, जहाँ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ छह गेंदों पर छह छक्के लगाए।

6. कुलदीप यादव

  • कुलदीप यादव एक प्रमुख भारतीय स्पिन गेंदबाज हैं। वे विशेष रूप से उनकी चाइनामैन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने भारतीय टीम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

7. भुवनेश्वर कुमार

  • भुवनेश्वर कुमार एक बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं, जो स्विंग गेंदबाजी में माहिर हैं। उन्होंने भारत के लिए कई मैचों में अहम योगदान दिया है।

ये कुछ प्रमुख भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बना चुके हैं। भारत में क्रिकेट के इन सितारों की बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है।

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