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मोहम्मद जुबैर के एक्स प्रोफाइल से ब्लू टिक हटा, जानें क्या है पूरा मामला

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Mohammed Zubair Twitter account, journalist Mohammed Zubair
Source: Google

Mohammed Zubair Twitter account: भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं। सरकार ने अपनी बेबाक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए मशहूर पत्रकार मोहम्मद जुबैर से जुड़ी जानकारी मांगी है। इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ने उनके प्रोफाइल से ब्लू टिक हटा दिया, जबकि उनके पास @प्रीमियम सब्सक्रिप्शन था। यह कदम सिर्फ़ तकनीकी खामी नहीं है, बल्कि आलोचकों का मानना ​​है कि यह स्वतंत्र पत्रकारों को चुप कराने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।

और पढ़ें: ओवैसी के 15 मिनट वाले विवादित बयान पर उज्जैन साधु-संतों का कड़ा विरोध, कार्रवाई की मांग तेज

X ने मेल लिख दी जानकारी- Mohammed Zubair Twitter account

इस मामले में X की तरफ से पत्रकार मोहम्मद जुबैर को एक मेल आया था जिसमें लिखा था कि,

“प्रिय एक्स उपयोगकर्ता, हम आपको यह सूचित करने के लिए लिख रहे हैं कि एक्स को आपके एक्स अकाउंट, @zoo_bear के बारे में एक कानूनी प्रक्रिया प्राप्त हुई है। यह कानूनी प्रक्रिया एक्स को आपके अकाउंट से संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने के लिए बाध्य करती है। हमारे मुख्य मूल्यों में से एक है उपयोगकर्ता की आवाज़ की रक्षा करना और उसका सम्मान करना। तदनुसार, हमारी नीति है कि हम उपयोगकर्ताओं को उनके खाते की जानकारी के लिए अनुरोध किए जाने पर प्रकटीकरण से पहले सूचित करें, जब तक कि हमें ऐसा करने से प्रतिबंधित न किया जाए।”

“हम आपको कोई कानूनी सलाह नहीं दे सकते, लेकिन हमारा सुझाव है कि आप इस मामले में स्वयं कानूनी सलाह ले सकते हैं। इस नोटिस का जवाब देने के लिए कृपया सीधे इस ईमेल का उत्तर दें या हमें x-legal@x.com पर ईमेल करें।”

सच्चाई बोलने वालों पर हमला

जुबैर का मामला सिर्फ़ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। यह उन सभी आवाज़ों का मसला है जो सच को सामने लाने का साहस रखती हैं। जब सत्ता सच से डरती है तो सबसे पहला हमला अभिव्यक्ति की आज़ादी पर होता है। आलोचकों का कहना है कि यह घटना लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस की आज़ादी पर हमला है। झूठ और ग़लत सूचना के ख़िलाफ़ खड़े होने वाले जुबैर जैसे पत्रकार सत्ता के लिए असुविधाजनक हो सकते हैं। लेकिन ऐसे कदम सिर्फ़ व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं बल्कि व्यापक लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमज़ोर करते हैं।

ब्लू टिक हटाना: एक रणनीति या तकनीकी चूक?

जुबैर का ब्लू टिक हटाने का एक्स का फैसला महज संयोग नहीं लगता। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सरकार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। जुबैर के पास एक्स पर प्रीमियम सब्सक्रिप्शन होने के बावजूद यह कार्रवाई की गई, जो सवाल खड़े करती है। किसी तकनीकी गड़बड़ी से ज्यादा, यह स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ सेंसरशिप और दबाव बढ़ाने की रणनीति लगती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के विचारों से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए प्रभावित हुए बिना अपना निर्णय स्वयं लें और निष्पक्ष तरीके से अपनी सरकार पर अपनी राय दें।

और पढ़ें: ‘BJP-NCP की मीटिंग में मौजूद थे गौतम अडानी…’ महाराष्ट्र चुनाव के बीच अजित पवार ने अपने बयान से मचाई हलचल

सलमान खान ने शाहरुख पर तानी बंदूक, फिर चला दी थी गोली, सेट पर नजारा देख फूल गए थे सबके हाथ-पैर

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Salman Khan And Shahrukh Khan, Bollywood Star
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Bollywood Star Salman and Shahrukh: सलमान खान और शाहरुख़ ख़ान दोनों ही बॉलीवुड के दो सबसे बड़े और मशहूर एक्टर्स हैं. दोनों का फिल्म इंडस्ट्री में लंबा और सफल करियर रहा है, और वे न केवल अपनी अदाकारी के लिए बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ और उनके बीच की दोस्ती और विवादों के कारण भी चर्चा में रहते हैं. लेकिन क्या आप इस बात के बारें में जानते है कि सलमान खान ने शाहरुख पर तानी बंदूक, फिर चला दी थी गोली अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं.

सलमान खान ने शाहरुख पर तानी बंदूक

बॉलीवुड स्टार सलमान खान और शाहरुख खान की ‘करण अर्जुन’ बॉलीवुड की मास्टरपीस फिल्मों में से एक है. साल 1995 में रिलीज के बाद फिल्म ने बॉक्स ऑफिस गर्दा उड़ा दिया था और ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. इस मूवी का डायरेक्शन राकेश रोशन ने किया था. फिल्म ‘करण अर्जुन’ की कामयाबी ने फिल्ममेकर का बॉलीवुड में कद ऊंचा कर दिया है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि ‘करण अर्जुन’ की शूटिंग के दौरान सलमान और शाहरुख ने मिलकर ऐसा प्रैंक किया था कि राकेश रोशन के हाथ-पैर फूल गए थे.

दरअसल फिल्म ‘करण अर्जुन’ के डायरेक्टर राकेश रोशन ने हाल ही में Galatta India को दिए इंटरव्यू में एक मजेदार किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि शूटिंग के बाद एक शाम पूरी टीम इकट्ठा हुई थी और सलमान ने मजाक में शाहरुख खान पर गोली चला दी थी. राकेश रोशन ने किस्सा याद करते हुए बताया, ‘हम सभी लोग हर शाम को शूटिंग के बाद बहुत मस्ती करते थे. पूरी यूनिट एक साथ बैठती थी. सलमान आया और उन्होंने मजाक में गोली चला दी और शाहरुख खान गिर गए.’

कैसा था राकेश रोशन का रिएक्शन?             

आगे बात करते हुए राकेश रोशन ने बताया कि उस वक्त उनका रिएक्शन कैसा था. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा ये क्या किया? ये क्या हुआ? पहले उन्होंने एक-दूसरे से बहस की, फिर पूरा नाटक किया और हम सब बैठे हुए थे.’ जब शाहरुख फर्श से उठे तो डायरेक्टर ने उन्हें प्रैंक को लेकर सावधान रहने को कहा और साथ ही चेतावनी दी कि स्थिति गंभीर भी हो सकती थी. उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है, मैंने कहा था कि ऐसे मत किया करो यार. ये कोई मजाक है? यह बहुत गंभीर बात है. किसी को शॉक लग सकता है और सेट कोई पर मर भी सकता है, लेकिन उस समय वे बच्चे थे.’

दोबारा रिलीज के लिए तैयार है ‘करण अर्जुन’

बता दें, कि राकेश रोशन के डायरेक्शन में बनी ‘करण अर्जुन’ की रिलीज को 30 साल पूरे होने वाले हैं. इस खास मौके पर फिल्म को दोबारा सिनेमाघरों में रिलीज करने का फैसला किया गया है. ‘करण अर्जुन’ 22 नवंबर, 2024 को दस्तक देगी. इसके अलावा सलमान खान अपनी सामाजिक सेवाओं के लिए भी जाने जाते हैं. उनका “Being Human” चैरिटी संगठन कई समाजिक कार्यों में संलिप्त है. वही शाहरुख़ खान को उनके रोमांटिक किरदारों और अभिनय की विशेष शैली के लिए बहुत सराहा जाता है. वे दुनिया भर में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े एंटरटेनर के रूप में पहचाने जाते हैं. उनका “SRK” के नाम से एक विशेष आकर्षण है, और उनकी फिल्मों का क्रेज आज भी कायम है.

सलमान और शाहरुख़ के रिश्ते

सलमान खान और शाहरुख़ खान के बीच कभी दोस्ती तो कभी विवाद की बातें भी सामने आई हैं. दोनों के बीच 2008 में एक विवाद हुआ था, जब शाहरुख़ के जन्मदिन पर सलमान ने कुछ नकारात्मक टिप्पणी की थी. इसके बाद दोनों के बीच कई सालों तक खटास रही, लेकिन बाद में दोनों ने सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे से माफी मांगी और उनके रिश्ते में सुधार हुआ. आजकल दोनों के बीच दोस्ती की मिसाल दी जाती है, और वे अक्सर एक-दूसरे के साथ काम करते हैं. सलमान खान ने शाहरुख़ खान की फिल्म “जीरो” में एक कैमियो किया था, जबकि शाहरुख़ खान ने “टाइगर ज़िंदा है” में सलमान के साथ स्पेशल अपीयरेंस दिया था. उनकी दोस्ती अब काफी मजबूत मानी जाती है, और दोनों की आपसी समर्थन से बॉलीवुड की एक नई तस्वीर बन रही है.

शादी के 29 साल बाद एआर रहमान-सायरा बानो क्यों ले रहे हैं तलाक?

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A.R. Rahman, Saira Banu
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AR Rahman’s divorce : बॉलीवुड सिंगर और कंपोजर ए. आर. रहमान (A. R. Rahman) एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार, गीतकार और संगीत निर्माता हैं. उन्हें “म्यूज़िक के भगवान” के रूप में भी जाना जाता है और उनकी संगीत रचनाएँ बॉलीवुड, हॉलीवुड, और दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हैं. वही  एआर रहमान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो तलाक ले रहे हैं.

शादी के 29 साल बाद एआर रहमान ले रहे तलाक

हाल ही सिनेमा जगत से ये हैरान करने वाली खबर आई, कहा जा रहा है कि  एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो तलाक ले रहे हैं. जिसको सुनने के बाद पहले लोगों के लगा कि ये फेक न्यूज है, लेकिन जैसे-जैसे कपल और उनके बच्चों के रिएक्शन आने लगे, तो लोगों को दुखी मन से मानना पड़ा कि हां ये खबर सच है. शादी के 29 साल बाद एआर रहमान और सायरा बानो ने रिश्ता को खत्म करने के फैसला किया है. दोनों के बीच कुछ सालों से रिश्ता ठीक नहीं चल रहा था, जिसके बाद उन्होंने अलग होने का ये फैसला किया.

सायरा बानो की वकील के मुताबिक, कई सालों तक शादी के बंधन में रहने के बाद मानसिक तनाव के चलते दोनों ने अपने रास्ते अलग करने का यह मुश्किल फैसला लिया है. एआर रहमान ने भी इस मामले पर रिएक्ट किया है. एआर रहमान ने 1995 में सायरा बानो से अरेंज मैरिज की थी. शादी के बाद 3 बच्चे भी हुए, लेकिन जिंदगी में एक दर्दनाक मोड आया और अलग होने का फैसला कपल को करना पड़ा.

एआर रहमान के तलाक का कारण

फेमस सिंगर और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान के तलाक का कारण क्या है ये इस पोस्ट में साफ साफ नहीं बताया गया है. बस इस बात की ओर इशारा किया गया है कि दोनों के बीच काफी वक्त से तनाव चल रहा है. दोनों ने ही इसे काफी ठीक करने की कोशिश की लेकिन चीजें सुलझती नहीं दिखीं तो अब शादी के 29 साल बाद एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा ने अलग होने का फैसला लिया. दोनों के तीन बच्चे हैं. खातीजा, रहीमा और अमीन. बड़ी बेटी खातिजा ने मई 2022 को रियासद्दीन शेख मोहम्मद संग निकाह किया.

आगे पढ़े : Aaj Ka Rashifal: मेष, सिंह, कुंभ राशि वालों कैसा रहेगा आज दिन .

क्या करती है सायरा बानो

ए. आर. रहमान की पत्नी, सायरा बानो, एक गृहिणी हैं और वे बिजनेसमैन फैमिली से आती हैं. सायरा की दो बहनें भी हैं. सायरा की सगी बहन मेहर की शादी साउथ के फेमस एक्टर राशिन रहमान से हुई है. हालांकि सायरा बानो के बारे में बहुत अधिक सार्वजनिक जानकारी नहीं है, वे हमेशा अपने परिवार और ए. आर. रहमान के साथ उनका समर्थन करने में सक्रिय रही हैं. इसके अलवा ए.आर.रहमान को उनके संगीत के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2 ऑस्कर पुरस्कार, 2 ग्रैमी पुरस्कार, 1 गोल्डन ग्लोब, और 15 फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं. उन्होंने “रोजा”, “दिल से”, “ताल”, “रंग दे बसंती”, “जय हो”, “स्लमडॉग मिलियनेयर” जैसे कई हिट फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया.

आगे पढ़े : Diesel Price Today: भारत में पेट्रोल की कीमत .

Diesel Price Today

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Fuel prices, Daily Fuel price
Source: Google

Diesel Price Today: दिल्ली में डीज़ल औसत कीमत 87.67 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. दिल्ली में कल, 22-11-2024 को भी डीज़ल की कीमत इतनी ही थी. यानी कल से लेकर अबतक दिल्ली में डीज़ल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वही देश के कई हिस्सों में डीजल की क़ीमतों में बदलाव देखने को मिला है।

पहले पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में हर पखवाड़े संशोधन किया जाता था. इसका मतलब है कि पेट्रोल की कीमत और डीज़ल की कीमत हर महीने की पहली और 16 तारीख को बदल जाती थी. हालांकि, जून, 2017 से एक नई योजना लागू की गई, जिसके तहत हर रोज़ सुबह 6 बजे पेट्रोल की कीमतों को संशोधित किया जाता है. डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग के तहत पेट्रोल और डीज़ल की दरों को नियमित आधार पर संशोधित किया जा रहा है.

Diesel Price Today (20 November, 2024) – City wise list

City Diesel Price (₹/L) Change (₹/L)*
Uttarakhand 89.46 0.00
Patna 92.37 -0.28
Pune 84.35 -0.24
Mumbai 89.97 0.00
Salem 93.51 -0.13
Mysore 88.56 0.00
Nagpur 91.00 0.00
Nashik 91.00 0.63
Raipur 90.43 0.14
Rajkot 92.56 0.01
Ranchi 92.56 0.00
Thiruvananthapuram 96.18 0.00

Aaj Ka Rashifal: मेष, सिंह, कुंभ राशि वालों कैसा रहेगा आज दिन

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Zoadic Sign, Today Horscope
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Today’s Horoscope:  बुधवार का दिन विशेष है. आज के दिन ग्रहों की चाल को देखते हुए कुछ राशियों के जीवन में खुशियों का आगमन होगा. मेष राशि वालों को कार्य क्षेत्र में लाभ होने की संभावना है, जानें अन्य राशियों का हाल यहां पढ़ें अपना आज का राशिफल.

इन राशियों का आज का दिन कैसा रहेगा यहाँ पढ़े 

मेष राशि – आज का दिन आपके लिए मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का है. आप अपने आंतरिक विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे. ध्यान और योग के माध्यम से आप मानसिक स्थिति को संतुलित रख सकते हैं. परिवार में शांति और सुख का वातावरण रहेगा आप अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। घर में किसी के साथ हल्की सी बहस हो सकती है, लेकिन स्थिति जल्दी ठीक हो जाएगी. इसके अलावा काम के प्रति आपका समर्पण और मेहनत रंग लाएगी आपके प्रयासों को सराहा जाएगा, जिससे आपकी नौकरी में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं. आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी.

वृषभ राशि – वृषभ राशि के जातकों के लिए कल दिन मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है. दिन की शुरुआत कमजोर रहेगी. धन प्राप्ति के मार्ग सुगम रहेंगे. परस्पर सहयोग की भावना आपके मन में बनी रहेगी. आप कार्यक्षेत्र में किसी काम को लेकर अपने बॉस से बातचीत कर सकते हैं.  आपकी दी गई सलाह उनके खूब काम आएगी. पारिवारिक समस्याओं पर आप मिल बैठकर चर्चा करेंगे. किसी कानूनी मामले में आपको ढील नहीं देनी है.

मिथुन राशि –मिथुन राशि के जो जातक राजनीति में कार्यरत हैं, उनके लिए कल दिन अच्छा रहेगा. आपको जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने से बचना होगा. व्यापार कर रहे लोगों को तरक्की मिलेगी. आपकी कोई मन की इच्छा पूरी हो सकती है. परिवार में किसी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. आपको अपने कामों को लेकर योजना बनाकर चलने की आवश्यकता है. आपको अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा रखना होगा.

कर्क राशि – कर्क राशि के जातकों को अपनी सेहत पर पूरा ध्यान देना होगा. आपको अपने परिवार में सदस्यो की जरूरतों पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है. कार्य क्षेत्र में आपको कामों को लेकर योजना बनाकर चलानी होगी. आपके बॉस आपसे किसी जरूरी मीटिंग के लिए बातचीत कर सकते हैं. आप अपने घर की साज-सज्जा पर पूरा ध्यान देंगे. परिवार मे  किसी सदस्य से यदि नाराजगी चल रही थी, तो आप उसे दुर करने के लिए आगे बढ़ेंगे.

सिंह राशि – आज आप अपने आंतरिक विचारों पर गहरे ध्यान देंगे और आत्मनिरीक्षण करने की स्थिति में होंगे. मानसिक शांति के लिए ध्यान, प्रार्थना या योग का सहारा ले सकते हैं. परिवार के साथ अच्छा समय बिताने के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा. आपके आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से परिवार के सदस्य भी खुश रहेंगे. कार्यक्षेत्र में नई योजनाओं पर विचार करने और उन्हें लागू करने का समय है. यदि आप अपनी मेहनत और क्षमता को सही दिशा में लगाते हैं, तो आने वाले दिनों में आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. वरिष्ठों से सहयोग मिलने की संभावना है.

आगे पढ़े : अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर ‘मुकद्दर का सिकंदर’ के 48 साल: जानिए फिल्म से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स .

कन्या राशि- आज आप आत्ममंथन और आत्मसाक्षात्कार की दिशा में कुछ कदम बढ़ा सकते हैं. किसी आध्यात्मिक गुरु या मार्गदर्शक से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है. ध्यान और साधना से मानसिक शांति मिलेगी. इसके अलवा परिवार में आपसी संबंधों में थोड़ा तनाव हो सकता है, लेकिन अगर आप अपने शब्दों और व्यवहार पर ध्यान देंगे तो स्थिति को सुलझा सकते हैं. किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है, इसलिए उनका ख्याल रखें.

तुला राशि – आज का दिन आपके लिए mixed रहेगा व्यक्तिगत और कार्य जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन धैर्य और समझदारी से आप इन पर काबू पा सकते हैं. इसके अलावा आज पारिवारिक और वैवाहिक संबंधों में थोड़ी सी खटास आ सकती है. किसी प्रिय व्यक्ति से छोटी-मोटी बहस हो सकती है, लेकिन समय के साथ स्थिति सामान्य हो जाएगी. आप अपने रिश्तों में तालमेल बनाने के लिए समय दें और संवाद बढ़ाएं.

वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि के जातकों को व्यर्थ की भाग दौड़ लगी रहेगी. आपके खर्च भी बढ़ेंगे. कार्य क्षेत्र में कोई काम में आपसे गड़बड़ी हो सकती हैं. आपको किसी लेनदेन से संबंधित मामलो पर पूरा ध्यान देना होगा. आपको अपने पिताजी की कोई बात बुरी लग सकती है. संतान पक्ष की ओर से आपको  कोई खुशखबरी सुनने को मिलेगी. आपको अपने आसपास रह रहे लोगों से दूरी बनाकर रखनी होगी.

धनु राशि – आज का दिन आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आ सकता है, लेकिन यदि आप सावधानी और समझदारी से काम लेते हैं, वही व्यक्तिगत जीवन आज पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी. यदि आप शादीशुदा हैं, तो अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे पल बिता सकते हैं. सिंगल लोग भी नए रिश्तों की शुरुआत के लिए तैयार हो सकते हैं. इसके अलवा करियर में कुछ नए अवसर आ सकते हैं.

मकर राशि – आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा, लेकिन कुछ छोटे-छोटे अवसर आपके रास्ते में आ सकते हैं जिन्हें पहचानकर आप लाभ उठा सकते हैं. थोड़ी सी सावधानी और समझदारी से आप दिन को बेहतर बना सकते हैं.

व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो परिवार और रिश्तों में सामंजस्य बना रहेगा. आपके परिवार के सदस्य आपसे सहमत हो सकते हैं और आपके विचारों का समर्थन कर सकते हैं, इसके अलवा करियर में आपको नए अवसर मिल सकते हैं, लेकिन यह अवसर आपके द्वारा किए गए प्रयासों पर निर्भर करेंगे.

कुंभ राशि – आज का दिन आपके लिए आत्म-विश्लेषण और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए उपयुक्त है. ध्यान और साधना में मन लगेगा, जिससे आपको आंतरिक शांति मिलेगी. वही  परिवार में कोई महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है, जिससे कुछ बदलाव की आवश्यकता महसूस होगी. आपके विचार और सुझाव परिवार के अन्य सदस्य के लिए सहायक हो सकते हैं. घर के माहौल में सौहार्द रहेगा, लेकिन छोटी-मोटी बातों को लेकर असहमति हो सकती है.

मीन राशि – आज का दिन आपके लिए बहुत ही शुभ और सकारात्मक रहेगा आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आप जो भी कार्य करेंगे, उसमें सफलता मिलने के अच्छे आसार हैं. आज आपके पारिवारिक जीवन में खुशी और संतोष रहेगा. आपके परिवार के सदस्य आपके विचारों का समर्थन करेंगे और एकजुटता बनी रहेगी. वही कामकाजी जीवन में आज आपके अच्छे प्रयासों का परिणाम मिलेगा अगर आप नई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, तो सफलता मिलने के प्रबल संकेत हैं.

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अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर ‘मुकद्दर का सिकंदर’ के 48 साल: जानिए फिल्म से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स

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Muqaddar Ka Sikandar, Amitabh Bachchan & Vinod Khanna
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Facts About Muqaddar Ka Sikandar: अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आइकॉनिक फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’ (Muqaddar Ka Sikandar) की रिलीज को 48 साल पूरे हो चुके हैं। 27 अक्टूबर 1978 को रिलीज हुई यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई थी। डायरेक्टर प्रकाश मेहरा की इस मल्टीस्टारर फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना (Vinod Khanna), रेखा (Rekha) और राकेश रोशन जैसे सितारे मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म ने 1978 में इतिहास रच दिया और दिवाली ब्लॉकबस्टर के रूप में अपनी पहचान बनाई।

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मुकद्दर का सिकंदर’ न सिर्फ 70 के दशक की यादगार फिल्म थी, बल्कि यह अमिताभ बच्चन के करियर का भी अहम अध्याय साबित हुई। यह फिल्म आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में खास जगह रखती है। कहानी, अभिनय और संगीत की वजह से यह ब्लॉकबस्टर फिल्म सिनेमा इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। आइए आपको बताते हैं फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से:

अमिताभ-रेखा की जोड़ी का जादू Muqaddar Ka Sikandar facts

70 के दशक में अमिताभ बच्चन का सितारा बुलंदियों पर था। हालांकि, पर्दे पर उनकी कई एक्ट्रेसेस के साथ जोड़ी हिट रही, लेकिन रेखा के साथ उनकी केमिस्ट्री को दर्शक खासतौर पर पसंद करते थे। ‘मुकद्दर का सिकंदर’ में भी उनकी और रेखा की जोड़ी ने खूब सुर्खियां बटोरीं। फिल्म का एक लव मेकिंग सीन खासा चर्चित रहा, लेकिन इसने जया बच्चन (Jaya Bachchan) के दिल को गहरी चोट पहुंचाई थी।

जया की आंखों में आए आंसू

रेखा ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि फिल्म के ट्रायल शो के दौरान जया बच्चन, अमिताभ के माता-पिता के साथ फिल्म देखने आई थीं। जब स्क्रीन पर अमिताभ और रेखा का लव सीन आया, तो जया की आंखों में आंसू थे। यह दृश्य रेखा ने प्रोडक्शन रूम से देखा था। इसके बाद बॉलीवुड में चर्चाएं शुरू हो गईं कि अमिताभ ने रेखा के साथ काम न करने का फैसला कर लिया है। हालांकि, तीनों कलाकार आखिरी बार फिल्म ‘सिलसिला’ में साथ नजर आए थे।

Muqaddar Ka Sikandar, Amitabh Bachchan & Rekha
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विनोद खन्ना के साथ हुआ हादसा

फिल्म से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा खुद अमिताभ बच्चन ने शेयर किया था। एक सीन में उन्हें विनोद खन्ना की तरफ गिलास फेंकना था और विनोद को नीचे झुकना था। लेकिन शूटिंग के दौरान जब प्रकाश मेहरा ने इशारा किया तो विनोद खन्ना समय रहते नीचे नहीं झुक पाए। गिलास सीधा उनकी ठोड़ी पर लगा और उनका चेहरा लहूलुहान हो गया। इस घटना से अमिताभ बच्चन बेहद दुखी हुए और उन्होंने विनोद खन्ना से कई बार माफ़ी भी मांगी।

Muqaddar Ka Sikandar, Amitabh Bachchan & Vinod Khanna
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1978 की सबसे बड़ी हिट

‘मुकद्दर का सिकंदर’ उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। यह न केवल दिवाली ब्लॉकबस्टर थी, बल्कि 70 के दशक की तीसरी सबसे बड़ी कमाई करने वाली फिल्म भी रही। इससे पहले ‘शोले’ और ‘बॉबी’ ने यह रिकॉर्ड बनाया था। फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल की। सोवियत संघ में इसे जबरदस्त लोकप्रियता मिली।

नौ कैटेगरीज में हुई नामांकित

26वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में इसे नौ कैटेगरीज में नामांकित किया गया, जिसमें बेस्ट मूवी भी शामिल थी। हालांकि, यह फिल्म किसी भी कैटेगरी में अवॉर्ड जीतने में नाकाम रही। बावजूद इसके, फिल्म की सफलता और दर्शकों का प्यार इसे एक क्लासिक का दर्जा दिलाने में कामयाब रहा।

फिल्म का रीमेक भी बना 

‘मुकद्दर का सिकंदर’ की लोकप्रियता इतनी थी कि इसे अन्य भाषाओं में भी बनाया गया। 1980 में इसका तेलुगु रीमेक ‘प्रेमा तरंगलु’ और 1981 में तमिल रीमेक ‘अमारा कावियाम’ रिलीज हुए।

अमिताभ और विनोद खन्ना की आखिरी फिल्म

यह फिल्म अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की जोड़ी की आखिरी फिल्म थी। दोनों कलाकारों की केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आई, लेकिन इसके बाद वे कभी किसी फिल्म में साथ नजर नहीं आए।

और पढ़ें: इस वजह से मिथुन चक्रवर्ती धर्मेंद्र को मानते हैं अपना गुरु, इस फिल्म के बाद से बढ़ गया था दोनों में याराना

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SBI Interest Rates on Retail Domestic Term Deposits (Below Rs. 3 crore)

General Public Senior Citizen
Tenors Existing Rates for Public w.e.f. 15/05/2024 Revised Rates for Public w.e.f. 15/06/2024 Existing Rates for Senior Citizen w.e.f. 15/05/2024 Revised Rates for Senior Citizen w.e.f. 15/06/2024
7 days to 45 days 3.50 3.50 4.00 4.00
46 days to 179 days 5.50 5.50 6.00 6.00
180 days to 210 days 6.00 6.25 6.50 6.75
211 days to less than 1 year 6.25 6.50 6.75 7.00
1 Year to less than 2 years 6.80 6.80 7.30 7.30
2 years to less than 3 years 7.00 7.00 7.50 7.50
3 years to less than 5 years 6.75 6.75 7.25 7.25
5 years and up to 10 years 6.50 6.50 7.50* 7.50*

*Including additional premium of 50 bps under ”SBI We-care” deposit scheme.

“The specific tenor scheme of “400 days” (Amrit Kalash) at Rate of Interest of 7.10 % w.e.f. 12- April- 2023. Senior Citizens are eligible for rate of interest of 7.60%. The Scheme will be valid till 31st March 2025.”

“The specific tenor scheme of “444 days” (Amrit Vrishti) at Rate of Interest 7.25 %  is effective from  15th July 2024 and  Senior Citizens are offered a Rate of interest 7.75%. The Scheme will be valid till 31st March 2025”

SBI GREEN RUPEE TERM DEPOSIT is available for three specific tenors of 1111, 1777 & 2222 days, at 10 bps below Card Rate for Retail deposits.

Sarvottam (Non-Callable) Domestic Retail Term Deposits (above ₹1 crore to less than ₹3 crores) (Pre-Mature Payment not allowed):

• 30 bps over card rate for tenor 1 year
• 40 bps over card rate for tenor 2 years

Interest Rates on Domestic Bulk Term Deposits (Rs. 3 Crores and above)

General Public Senior Citizen
Tenors Existing Rates for Public w.e.f. 15/05/2024 Revised Rates for Public w.e.f. 15/06/2024 Existing Rates for Senior Citizen w.e.f. 15/05/2024 Revised Rates for Senior Citizen  w.e.f. 15/06/2024
7 days to 45 days 5.25 5.25 5.75 5.75
46 days to 179 days 6.25 6.25 6.75 6.75
180 days to 210 days 6.60 6.60 7.10 7.10
211 days to less than 1 year 6.75 6.75 7.25 7.25
1 Year to less than 2 years 7.00 7.00 7.50 7.50
2 years to less than 3 years 7.00 7.00 7.50 7.50
3 years to less than 5 years 6.25 6.50 6.75 7.00
5 years and up to 10 years 6.00 6.25 6.50 6.75

 

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लाहौरी राम बाली: पंजाब में आंबेडकर की विरासत को संजोने वाले एक महान व्यक्तित्व

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Lahori Ram Bali biography, Dr. Bhimrao Ambedkar
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Lahori Ram Bali biography: लाहौरी राम बाली, जिन्हें एल.आर. बाली के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख अंबेडकरवादी नेता थे जिन्होंने पंजाब में डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा और उनके मिशन को बढ़ावा दिया। उनका जन्म 20 जुलाई 1930 को पंजाब के नवांशहर जिले में हुआ था। अपने 93 साल के जीवन में उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान दिया।

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प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि (Lahori Ram Bali biography)

बाली का जन्म प्रेमी देवी और भगवान दास के घर हुआ था। उनके दादा चौधरी इंदर राम आदि धर्म आंदोलन के संस्थापक बाबू मंगूराम मुगोवालिया के करीबी सहयोगी थे। उनका बचपन ऐसे माहौल में बीता, जहां सामाजिक सुधार और समानता के लिए संघर्ष को प्राथमिकता दी जाती थी। यही वजह थी कि बाली का झुकाव शुरू से ही सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की ओर था।

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डॉ. आंबेडकर से प्रेरणा

बाली ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर से प्राप्त की और भारत के विभाजन के बाद दिल्ली आ गए। मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद बाली ने 1947 में दिल्ली में सरकारी गवर्नमेंट प्रेस में नौकरी की। दिल्ली में ही उन्हें डॉ. आंबेडकर से व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर मिला। इस मुलाकात ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने आंबेडकर के मिशन को अपनाने का संकल्प लिया।

सामाजिक और राजनीतिक योगदान

डॉ. आंबेडकर की मृत्यु के बाद बाली ने अपनी नौकरी छोड़ दी और सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने चरण दास निधारक के साथ मिलकर शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन को पुनर्जीवित किया और पंजाब में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना की।

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बाली ने जालंधर में आंबेडकर भवन का निर्माण करवाया, जो आंबेडकरवादी आंदोलन का केंद्र बन गया। उन्होंने आंबेडकर भवन ट्रस्ट, आंबेडकर मिशन सोसाइटी, ऑल इंडिया समता सैनिक दल और बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं की स्थापना की और इनका नेतृत्व किया।

‘भीम पत्रिका’ का प्रकाशन

1958 में, बाली ने ‘भीम पत्रिका’ नामक मासिक पत्रिका की शुरुआत की। यह पत्रिका उर्दू और पंजाबी में प्रकाशित होती थी। 1965 से इसे हिंदी और अंग्रेजी में भी प्रकाशित किया जाने लगा। ‘भीम पत्रिका पब्लिकेशंस’ ने डॉ. आंबेडकर के लेखन और भाषणों को प्रकाशित कर समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया। बाली ने आंबेडकरवादी साहित्य पर कई पुस्तिकाएं भी प्रकाशित कीं।

राजनीतिक सक्रियता

जालंधर में जिस स्थान पर डॉ. अंबेडकर ने 27 अक्टूबर, 1951 को अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था, वहां बाली ने अंबेडकर भवन का निर्माण करवाया। उन्होंने अंबेडकर भवन ट्रस्ट, अंबेडकर मिशन सोसाइटी, अखिल भारतीय सैनिक दल और भारतीय बौद्ध सोसाइटी के पंजाब प्रभागों का गठन किया और जीवन भर इन सभी का नेतृत्व किया। 1957 में दूसरे आम चुनाव से पहले पंजाब के त्वरित दौरे पर ले जाने के बाद बाली ने अंबेडकर के बेटे यशवंत अंबेडकर को 1962 के आम चुनाव में होशियारपुर से लोकसभा के लिए खड़ा होने के लिए राजी किया। 1957 के चुनाव में बाली ने खुद कांग्रेस के उम्मीदवार और बाद में केंद्रीय मंत्री स्वर्ण सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा। 1963 में, वे धम्म का प्रसार करने और अंबेडकरवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बौद्ध बन गए।

भाषाई कौशल और विचारधारा

बाली पंजाबी, हिंदी, उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेज़ी भाषाओं में पारंगत थे। उनकी भाषाई दक्षता और विचारधारा ने उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाया। वे अपने मुखर विचारों और अंबेडकरवादी सिद्धांतों के प्रचार के लिए जाने जाते थे।

मृत्यु और विरासत

लाहौरी राम बाली का 6 जुलाई 2023 को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही सामाजिक न्याय के एक महान स्तंभ ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बाली ने अपना जीवन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकर के मिशन को समर्पित कर दिया। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने पंजाब में अंबेडकरवादी आंदोलन को एक नई दिशा दी।

लाहौरी राम बाली का जीवन डॉ. अंबेडकर की विचारधारा का जीवंत उदाहरण है। उनका योगदान समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने अपने जीवन का हर पल समानता, मानवता और न्याय के लिए समर्पित कर दिया। उनके कार्य और विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं और उनकी विरासत हमेशा अमर रहेगी।

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गुरुद्वारा नानक झिरा साहिब: दक्षिण भारत का ऐतिहासिक और पवित्र तीर्थ स्थल

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Gurudwara Nanak Jhira Sahib, guru nanak
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Gurudwara Nanak Jhira Sahib: दक्षिण भारत में कर्नाटक राज्य के बीदर जिले में स्थित गुरुद्वारा नानक झिरा साहिब (Karnataka Historical Gurudwara Jhira Sahib) सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल है। यह गुरुद्वारा न केवल अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) द्वारा यहाँ किए गए एक चमत्कार से भी जुड़ा है, जिसने हजारों लोगों के जीवन को बदल दिया। खूबसूरत पहाड़ियों और शांत वातावरण से घिरा यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का आध्यात्मिक केंद्र है, जहाँ लोग आस्था और शांति की तलाश में आते हैं। कहा जाता है कि इस धार्मिक स्थल का महत्व सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की दूसरी उदासी (धार्मिक यात्रा) से जुड़ा है।

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इतिहास की झलक- Gurudwara Nanak Jhira Sahib

1514 के आसपास गुरु नानक देव जी अपनी दूसरी उदासी के दौरान नागपुर, खंडवा और नर्मदा नदी पर स्थित प्राचीन ओंकारेश्वर मंदिर गए। वहां से वे नांदेड़, हैदराबाद और गोलकुंडा होते हुए बीदर पहुंचे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई मुस्लिम संतों से भी मुलाकात की। फिर जलालुद्दीन तथा याकूब अली से मिलने बीदर आए।

Guru Nanak dev, Gurudwara Nanak Jhira Sahib
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बीदर में खारे पानी की समस्या

गुरु साहिब भाई मरदाना के साथ बीदर के बाहरी इलाके में रुके जहाँ अब नानक झिरा गुरुद्वारा स्थित है, पास में मुस्लिम फ़कीरों की झोपड़ियाँ थीं जो गुरु देव से शिक्षा और उपदेश प्राप्त करने के लिए बहुत उत्सुक थे। जल्द ही यह खबर पूरे बीदर और उसके आस-पास के इलाकों में फैल गई और उत्तर से पवित्र संत और लोग बड़ी संख्या में गुरु देव के पास आने लगे।

बीदर पहुंचने पर स्थानीय निवासियों ने गुरु साहिब जी को अपनी पीड़ा सुनाई। उस समय इलाके में पानी की बहुत बड़ी समस्या थी। लोगों ने कुएं खोदे थे, लेकिन उनमें से दूषित और खारा पानी ही निकलता था। गुरु नानक देव जी ने इस समस्या के समाधान के लिए ईश्वर का ध्यान किया और एक पहाड़ी के कोने पर अपने पैर के अंगूठे से मलबा हटाया। चमत्कारिक रूप से वहां से ठंडे और मीठे पानी का एक झरना निकलने लगा। इस घटना के कारण इस स्थान का नाम “नानक झिरा” पड़ा।

गुरुद्वारा की विशेषताएं

इस घटना के बाद से यह स्थान नानक झिरा के नाम से जाना जाने लगा (Gurudwara Nanak Jhira Sahib)। उस धारा के किनारे एक सुंदर गुरुद्वारा बनाया गया। यहां का प्रमुख आकर्षण “अमृत कुंड” है, जहां से मीठे पानी का प्रवाह आज भी निरंतर जारी है। श्रद्धालु इस जल को अपने साथ घर ले जाते हैं और इसे औषधीय गुणों वाला मानते हैं।

Gurudwara Nanak Jhira Sahib, guru nanak
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इसके अलावा, यहां 24 घंटे चलने वाला लंगर (सामुदायिक रसोई) गुरु साहिब जी की करुणा और सेवा भावना का प्रतीक है। इस गुरुद्वारे में एक संग्रहालय भी स्थित है, जो नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित है। यहां से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर गुरुद्वारा माई भाग्गो जी भी स्थित है, जो एक और ऐतिहासिक स्थल है।

आधुनिक योगदान

गुरुद्वारा नानक झिरा साहिब (Gurudwara Nanak Jhira Sahib) के पास ही ‘गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज’ भी स्थापित किया गया है। यह संस्थान तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करके देश को नए कौशल से जोड़ने और प्रगति की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सभी के लिए खुले दरवाजे

गुरुद्वारा नानक झिरा साहिब हर धर्म और समुदाय के लोगों का स्वागत करता है। लोग अपनी आस्था और विश्वास के साथ यहां दर्शन करने आते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का भी केंद्र है।

परिवहन सुविधाएँ

दक्षिण भारत में स्थित इस गुरुद्वारे तक पहुँचना बहुत आसान है। बेंगलुरु से ट्रेन और फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा यह स्थान सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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भारतीय तटरक्षक बल ने पाकिस्तानी जहाज को खदेड़ते हुए मछुआरों को बचाया, जानें क्या है पूरा मामला

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Indian Coast Guard,India & Pakistan
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भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने अपनी सतर्कता और दृढ़ निश्चय का एक और बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) के चंगुल से बचाया। यह घटना 17 नवंबर को हुई, जब भारतीय मछुआरों की नाव ‘काल भैरव’ को पाकिस्तानी जहाज ‘नुसरत’ (Pakistani ship ‘Nusrat’) ने अपने कब्जे में ले लिया था। भारतीय तटरक्षक बल की तत्परता और साहसिक कार्रवाई ने न केवल भारतीय मछुआरों को बचाया, बल्कि पाकिस्तान की नापाक कोशिशों को भी नाकाम कर दिया।

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ये है पूरा मामला- Indian Coast Guard

रविवार को भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा (India–Pakistan maritime border) के पास नो फिशिंग जोन से भारतीय तटरक्षक जहाज को एक आपातकालीन कॉल मिली। कॉल में बताया गया कि पीएमएसए जहाज ने सात भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया है। घटना सुबह करीब साढ़े तीन बजे की है। भारतीय तटरक्षक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने जहाज अग्रवाल को मौके पर भेजा। अग्रवाल ने जब पाकिस्तानी जहाज को भारतीय मछुआरों को ले जाते देखा तो उसने बिना देर किए उनका पीछा करना शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय जहाज ने पाकिस्तानी जहाज को साफ संदेश दे दिया कि वह किसी भी हालत में भारतीय मछुआरों को अपनी हिरासत में नहीं रख सकता।

साहसिक ऑपरेशन

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के एक अधिकारी ने बताया कि जहाज अगरीम ने पीएमएसए जहाज नुसरत का जमकर पीछा किया। इस दौरान पाकिस्तानी जहाज को साफ तौर पर बता दिया गया कि भारतीय जलक्षेत्र में मछुआरों का अपहरण अस्वीकार्य है। जब नुसरत को लगा कि भारतीय तटरक्षक बल की रणनीति और साहस के आगे वह सफल नहीं हो सकता तो उसने मछुआरों को छोड़ दिया।

यह पूरी घटना भारतीय तटरक्षक बल की तत्परता और पड़ोसी देश के गलत इरादों के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें समुद्र के बीचों-बीच इस दुस्साहसिक पीछा को देखा जा सकता है।

मछुआरों की सुरक्षित वापसी

सभी सातों भारतीय मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया गया और उन्हें तटरक्षक जहाज अग्रमान द्वारा गुजरात के ओखा बंदरगाह ले जाया गया। मछुआरों ने राहत की सांस ली और कहा कि उन्हें कोई शारीरिक चोट या नुकसान नहीं पहुंचा है।

भारतीय तटरक्षक ने मछुआरों को सुरक्षित निकाला

बता दें, काल भैरव उस मछली पकड़ने वाली नाव का नाम था जिसे पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने जब्त कर लिया था। क्षतिग्रस्त होने के कारण काल ​​भैरव नाव समुद्र में डूब गई। सोमवार को, भारतीय जहाज ओखा हार्बर वापस आ गया, जहाँ ICG, राज्य पुलिस, खुफिया सेवाएँ और मत्स्य अधिकारियों ने टकराव की परिस्थितियों और उसके बाद किए गए बचाव प्रयासों की संयुक्त जाँच करने के लिए सहयोग किया।

पाकिस्तानी जहाज की हरकतें चिंताजनक

इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की हरकतों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय तटरक्षक बल ने न सिर्फ मछुआरों को बचाया बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारतीय जलक्षेत्र में किसी भी तरह की अनधिकृत गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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