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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण था सिखों का योगदान, जानिए उनके संघर्ष, बलिदान और सैन्य सेवा की कहानी

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Sikh contribution in Indian Independence, Sikh regiment
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Sikh contribution in Indian Independence: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सिख समुदाय का योगदान अविस्मरणीय और प्रेरणादायक है। उनकी वीरता, संघर्ष और बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। इसके अलावा सिख सैनिकों ने भारतीय सेना में अपनी बहादुरी से देश की सुरक्षा और संप्रभुता को मजबूत किया। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके संघर्ष, बलिदान और सैन्य सेवा ने स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत किया और स्वतंत्र भारत की नींव रखी।

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स्वतंत्रता संग्राम में सिखों का संघर्ष और बलिदान- Sikh contribution in Indian Independence

स्वतंत्रता संग्राम में सिखों का योगदान 19वीं सदी में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ़ उनकी शुरुआती लड़ाइयों से शुरू होता है। सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह ने ब्रिटिश विस्तार को चुनौती दी और पंजाब को स्वतंत्र रखा। उनके बाद भी सिखों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ विद्रोह जारी रखा।

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  • गदर पार्टी का आंदोलन
    1913 में अमेरिका में बनी ग़दर पार्टी ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ विद्रोह की योजना बनाई। इस आंदोलन में सिख क्रांतिकारियों ने अहम भूमिका निभाई। सुखदेव थापर, भगत सिंह और उधम सिंह जैसे कई सिख स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी।
  • भगत सिंह और उनकी क्रांतिकारी सोच
    सिख क्रांतिकारी भगत सिंह (Bhagat Singh) ने ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ़ संघर्ष का नेतृत्व किया। लाहौर षडयंत्र मामले में फंसे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को फांसी दे दी गई। भगत सिंह के बलिदान ने लाखों भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड
    1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh massacre) में सैकड़ों निर्दोष सिख मारे गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी।
  • उधम सिंह का प्रतिशोध
    उधम सिंह (Udham Singh), जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड में सैकड़ों सिखों और अन्य भारतीयों की हत्या देखी थी, ने 1940 में ब्रिटेन में जनरल माइकल ओ’डायर को गोली मारकर उनकी मौत का बदला लिया। उनका बलिदान ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बना।

भारतीय सेना में सिख रेजिमेंट का योगदान

भारतीय सेना में सिख रेजिमेंट अपनी वीरता और अनुशासन के लिए जानी जाती है (Sikh regiment contribution in Indian army)। यह रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी और सुशोभित रेजिमेंटों में से एक है।

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सारागढ़ी की लड़ाई (1897): सिखों की वीरता की सबसे अद्भुत कहानियों में से एक सारागढ़ी की लड़ाई है। 12 सितंबर 1897 को, 36वीं सिख रेजिमेंट के 21 सैनिकों ने लगभग 10,000 अफगान सैनिकों का सामना किया। हवलदार ईशर सिंह के नेतृत्व में इन सैनिकों ने आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी और वीरगति को प्राप्त हुए। यह लड़ाई साहस और बलिदान का प्रतीक है।

आधुनिक भारतीय सेना में सिखों की भूमिका

आज भी सिख समुदाय भारतीय सेना में बहादुरी के प्रतीक हैं। सिख रेजिमेंट ने 1947, 1965, और 1971 के भारत-पाक युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी वीरता ने कई सैन्य अभियानों को सफल बनाया।

प्रेरणादायक नेतृत्व

स्वतंत्र भारत में सिख नेताओं ने राजनीति, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। सिख गुरुओं की शिक्षाओं ने भारतीय समाज को भाईचारे, सेवा और मानवता का संदेश दिया।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सिख समुदाय का योगदान (Sikh contribution in Indian Independence) उनके अद्वितीय साहस, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। उनके संघर्ष ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उनकी सैन्य सेवा ने स्वतंत्र भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को मजबूत किया। सिख स्वतंत्रता सेनानियों और सैनिकों की कहानियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

सिखों का योगदान भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है, और उनका बलिदान हमेशा याद किया जाएगा।

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90 के दशक की यादों का तोहफा: सलमान खान और करिश्मा कपूर की सुपरहिट फिल्म ‘बीवी नं. 1’ बड़े पर्दे पर लौटने को तैयार

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Salman Khan and Karisma Kapoor, superhit film Biwi No.1
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Facts about Bibi No.1 Movie: बॉलीवुड में 90 के दशक की फिल्मों (Bollywood’s 90s film) का जादू हमेशा से कायम रहा है और अब इन फिल्मों को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज करने का नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में सलमान खान और करिश्मा कपूर (Salman Khan and Karisma Kapoor) की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बीवी नंबर 1’ को एक बार फिर बड़े पर्दे पर लाया जा रहा है। यह फिल्म 29 नवंबर को सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज होगी। 1999 में रिलीज हुई इस फिल्म ने अपनी कहानी, संगीत और दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया था।

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1999 में हिट हुई थी ‘बीवी नं. 1’ (Facts about Bibi No.1 Movie)

1999 में रिलीज हुई डेविड धवन निर्देशित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था। खास बात यह है कि यह फिल्म उसी समय रिलीज हुई थी जब क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा था। इसके बावजूद फिल्म ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया।

फिल्म को वासु भगनानी ने प्रोड्यूस किया था और इसका बजट 12 करोड़ रुपये था। रिलीज के बाद इसने लगभग 52 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस समय के हिसाब से बेहद बड़ी उपलब्धि थी।

10 सुपरस्टार्स ने बांधा था समां

‘बीवी नं. 1’ में कुल 10 बड़े सितारे थे, जिनमें सलमान खान, करिश्मा कपूर, सुष्मिता सेन, अनिल कपूर, तब्बू, सैफ अली खान, अमिताभ बच्चन, हिमानी शिवपुरी, राजीव वर्मा और गुड्डी मारूती शामिल थे।

Salman Khan and Karisma Kapoor, superhit film Biwi No.1
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फिल्म का निर्देशन शानदार था और इसकी कहानी, स्क्रीनप्ले और कलाकारों की परफॉर्मेंस की क्रिटिक्स ने भी जमकर तारीफ की थी। खास तौर पर करिश्मा कपूर और सुष्मिता सेन की एक्टिंग को सराहा गया था।

तमिल फिल्म का रीमेक

खबरों की मानें तो, ‘बीवी नं. 1’ (superhit film Biwi No.1) 1995 में आई तमिल फिल्म ‘साथी लीलावती’ का हिंदी रीमेक थी। हालांकि, इसे हिंदी सिनेमा के दर्शकों के अनुरूप ढालकर प्रस्तुत किया गया था।

अनु मलिक का संगीत और समीर के गीत

फिल्म का संगीत अनु मलिक ने दिया था और इसके गीत समीर ने लिखे थे। फिल्म के गाने सुपरहिट रहे, खास तौर पर चुनरी चुनरी गाना बेहद लोकप्रिय हुआ। यह गाना आज भी दर्शकों की पसंद बना हुआ है और इसे सुष्मिता सेन पर फिल्माया गया था।

Salman Khan and Karisma Kapoor, superhit film Biwi No.1
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1999 की टॉप कमाऊ फिल्में

1999 का साल सलमान खान के लिए बॉक्स ऑफिस पर शानदार रहा। इस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्में थीं:

  1. हम साथ-साथ हैं: 81.71 करोड़
  2. बीवी नं. 1: 52 करोड़
  3. हम दिल दे चुके सनम: 51.38 करोड़
  4. ताल: 51.15 करोड़
  5. हम आपके दिल में रहते हैं: 36.65 करोड़

फैंस के लिए तोहफा

‘बीवी नं. 1’ की री-रिलीज़ (Biwi No.1 re release date) न केवल 90 के दशक की यादें ताजा करेगी, बल्कि उन दर्शकों के लिए खास तोहफा होगी जिन्होंने उस दौर की फिल्मों को बड़े पर्दे पर देखने का आनंद उठाया था। री-रिलीज़ के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि आज के जमाने के दर्शक इस फिल्म को कैसा रिस्पॉन्स देते हैं और क्या यह फिल्म दोबारा बॉक्स ऑफिस पर वही धमाल मचाने में कामयाब होती है।

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ऐसा रहा मिडिल क्लास से लग्जरी लाइफ तक का R Madhavan का सफर, करोड़ों के मालिक हैं एक्टर

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R Madhavan Net worth, Bollywood
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R Madhavan Net worth: बॉलीवुड और साउथ सिनेमा के मशहूर एक्टर आर माधवन (R Madhavan films) का एक मध्यम वर्गीय परिवार से आलीशान जिंदगी तक का सफर बेहद प्रेरणादायक है। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले माधवन ने न सिर्फ सिनेमा में अपनी पहचान बनाई बल्कि अपनी बहुमुखी प्रतिभा और सूझबूझ से कई क्षेत्रों में सफलता भी हासिल की। आज अभिनेता बेशक करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं लेकिन फिर भी वह साधारण जीवन जीना पसंद करते हैं।

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डबल इनकम वाले परिवार से की शुरुआत

आर माधवन ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर अपने बचपन के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि वह डबल इनकम वाले परिवार से आते हैं। उनके पिता टाटा स्टील में और मां बैंक ऑफ इंडिया में काम करती थीं। दोनों की आमदनी लगभग एक जैसी थी और इस वजह से उनका बचपन काफी आराम से बीता।

माधव ने एक किस्सा शेयर किया जब उनके पिता कोई भी महंगी चीज खरीदने से मना कर देते थे। उनके पिता कहते थे, “मैं तुम्हारी मां की सैलरी को बोनस के तौर पर देखता हूं और मुझे लंबे समय तक कमाते रहना है।” ये बातें उनके परिवार में अक्सर होती रहती थीं, लेकिन इन अनुभवों ने माधवन को बचत और खर्च का महत्व समझाया।

फिल्मी करियर और कमाई- R Madhavan Net worth

आर माधवन ने अपने करियर की शुरुआत 1993 में की थी (R Madhavan bollywood career), लेकिन उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ 2001 में रिलीज हुई थी। आज 31 साल के फिल्मी सफर के बाद माधवन ने अपनी मेहनत से करीब 115 करोड़ रुपये की नेटवर्थ बनाई है।

R Madhavan Net worth, Bollywood
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उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा उनकी फिल्मों, विज्ञापनों और प्रोडक्शन वेंचर्स से आता है। वह फिल्मों में होने वाले मुनाफे के साथ-साथ फीस में भी हिस्सा लेते हैं। माधवन विज्ञापनों के लिए मोटी फीस लेते हैं। माधवन की मासिक आय औसतन 1 करोड़ रुपये और सालाना आय 12 करोड़ रुपये है।

निवेश और संपत्ति

माधवन न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक समझदार निवेशक भी हैं। उनके निजी निवेश की कीमत करीब 64 करोड़ रुपये है। उन्होंने चेन्नई में एक आलीशान घर खरीदा है जिसकी कीमत करीब 18 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उन्होंने मुंबई और दूसरे शहरों में कमर्शियल प्रॉपर्टी में भी निवेश किया है।

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लग्जरी कार कलेक्शन

माधवन को लग्जरी कारों का शौक है (R Madhavan Luxury car collection)। उनके पास कई शानदार गाड़ियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • रेंज रोवर स्पोर्ट्स (1.1 करोड़ रुपये)
  • मर्सिडीज बेंज GL350 CDI (80 लाख रुपये)
  • BMW 730D (3 करोड़ रुपये)

आगामी फ़िल्में

आर माधवन जल्द ही ‘Adhirshtasaali’ में नज़र आएंगे। इस फ़िल्म में उनके साथ मैडोना सेबेस्टियन, राधिका सरथकुमार और साई मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे। फ़िल्म का निर्देशन मिथ्रन जवाहर ने किया है और इसका पोस्टर हाल ही में रिलीज़ किया गया था।

माधवन की बढ़ती नेट वर्थ

माधवन की संपत्ति (R Madhavan Net worth) पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ी है। 2016 में उनकी नेट वर्थ 9 मिलियन डॉलर थी, जो 2020 तक 14.2 मिलियन डॉलर से ऊपर पहुँच गई।

आर माधवन न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि एक निर्माता, लेखक और थिएटर कलाकार भी हैं। उनकी शानदार जीवनशैली और निवेश कौशल उन्हें एक आदर्श सेलिब्रिटी बनाते हैं। उनकी सफलता, सादगी और कड़ी मेहनत का सफर कई लोगों के लिए प्रेरणा है।

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2024 के लिए autoX अवार्ड्स: भारत की सर्वश्रेष्ठ कारें और बाइक चुनी गईं

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Top 10 Machines of the year, AutoX Awards
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Top 10 Machines of the year: नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में, autoX अवार्ड्स 2024 के विजेताओं की घोषणा की गई। इस साल, भारत में लॉन्च हुई कारों और बाइकों का कठोर परीक्षण करने के बाद, सबसे बेहतरीन मशीनों को चुना गया। यह वार्षिक autoX Mega Test भारत में ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बेहतरीन इंजीनियरिंग और प्रदर्शन का उत्सव है।

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autoX Mega Test: क्या है यह प्रक्रिया? (Top 10 Machines of the year)

autoX हर साल भारत में लॉन्च हुई नई कारों और बाइकों का परीक्षण करता है। इस प्रक्रिया में, पिछले बारह महीनों में लॉन्च किए गए सभी वाहनों को गुणवत्ता, आराम, डिज़ाइन, मूल्य, परिष्कृतता और व्यावहारिकता जैसे मापदंडों पर परखा जाता है। इसके साथ ही, वाहनों के X-Factor – यानी वह विशेष गुण, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है – पर भी ध्यान दिया जाता है।
परीक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लैप टाइम है, जो वाहनों की पावर, हाई-स्पीड स्थिरता, ब्रेकिंग और हैंडलिंग जैसे तकनीकी पहलुओं को जांचने के लिए एक मानकीकृत विधि प्रदान करता है।

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autoX का उद्देश्य इस पूरी प्रक्रिया को यथासंभव वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाना है। परीक्षण बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (BIC) में किया जाता है, क्योंकि यह भारत में एकमात्र स्थान है जहाँ हर वाहन को नियंत्रित वातावरण में उसकी सीमाओं तक परखा जा सकता है।

2024 के सर्वश्रेष्ठ वाहनों का चयन कैसे होता है?

autoX की टीम में 100 से अधिक वर्षों का संयुक्त अनुभव रखने वाले अनुभवी रोड टेस्टर्स शामिल हैं। ये विशेषज्ञ हर वाहन को विभिन्न मापदंडों पर स्कोर देते हैं।
अंतिम परिणामों में किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से बचने के लिए स्कोर का औसत निकाला जाता है। autoX ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाए रखने के लिए अंक सार्वजनिक किए हैं।

इस साल की टॉप 5 कारों में शामिल हैं:

  • MG Windsor EV: इलेक्ट्रिक वाहनों में अपनी शानदार प्रदर्शन क्षमता के लिए।
  • Hyundai Creta: भारतीय बाजार में अपनी व्यावहारिकता और आरामदायक डिजाइन के लिए।
  • BYD Seal: पर्यावरण के अनुकूल और तकनीकी दृष्टिकोण से उन्नत।
  • Mahindra Thar Roxx: ऑफ-रोड प्रेमियों के लिए एक मजबूत विकल्प।
  • Maruti Suzuki Swift: वर्षों से अपनी लोकप्रियता और विश्वसनीयता बनाए रखते हुए।

शीर्ष 3 बाइकों में शामिल हैं:

  • Aprilia RS 457: स्पोर्ट्स बाइक की परफॉर्मेंस का नया मानक।
  • BMW R 1300 GS: लंबी यात्राओं के लिए आदर्श एडवेंचर बाइक।
  • Royal Enfield Himalayan 450: एक मजबूत और भरोसेमंद विकल्प।
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परफॉर्मेंस कैटेगरी

Performance Car of the Year: Ferrari Roma Spider – अपनी गति और डिजाइन के लिए बेजोड़।

Performance Bike of the Year: Kawasaki ZX-6R – सबसे तेज और प्रभावशाली।

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कनाडा की रिपोर्ट पर भारत की फटकार के बाद ट्रूडो सरकार बैकफुट पर, जानें क्या है पूरा मामला

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India vs Canada latest updates, India Prime Minister Narendra Modi
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India vs Canada latest updates: नई दिल्ली की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कनाडा की जस्टिन ट्रूडो (Canada PM Justin Trudeau) सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी है। कनाडा सरकार ने एक बयान जारी कर उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया है, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) को कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ा गया है।

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कनाडा का आधिकारिक बयान- India vs Canada latest updates

कनाडा के प्रिवी काउंसिल ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी (India Prime Minister Narendra Modi), जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) और अजीत डोभाल के खिलाफ किसी भी गंभीर आपराधिक गतिविधि का कोई प्रमाण नहीं है। बयान में रिपोर्ट्स को “अटकलबाजी और गलत” करार देते हुए कहा गया कि भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों को कनाडा में किसी भी आपराधिक गतिविधि से जोड़ने का कोई आधार नहीं है।

बयान में उल्लेख किया गया कि, “14 अक्टूबर को, आरसीएमपी और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया। हालांकि, कनाडा सरकार के पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी, जयशंकर, या एनएसए डोभाल का इससे कोई संबंध है।”

भारत का कड़ा प्रतिरोध

भारत ने इन आरोपों को “बदनाम करने वाला अभियान” करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि ऐसे निराधार आरोप न केवल हास्यास्पद हैं, बल्कि भारत-कनाडा (India vs Canada) के पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ सकते हैं।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम आमतौर पर मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन कनाडाई मीडिया में चलाए जा रहे इन हास्यास्पद बयानों को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए। यह बदनाम करने वाला अभियान हमारे संबंधों को और नुकसान पहुंचाता है।”

कनाडाई मीडिया का दावा और भारत का जवाब

कनाडाई मीडिया हाउस ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री जयशंकर को इस हत्या की साजिश की जानकारी थी।

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भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया। भारत ने कहा कि यह अभियान कनाडाई अधिकारियों द्वारा उग्रवाद और भारत विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई न करने की असफलता को छिपाने का प्रयास है।

कनाडा और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंध

पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आई है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या (Murder of Hardeep Singh Nijjar) में भारत का हाथ हो सकता है। भारत ने इन आरोपों को बेतुका और तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया।

भारत ने कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद और भारत विरोधी गतिविधियों पर अपनी चिंता बार-बार व्यक्त की है। भारत ने कनाडा पर आरोप लगाया है कि उसने अपने देश में उग्रवादी और चरमपंथी तत्वों को आश्रय दिया है, जो भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं।

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गाजियाबाद में फर्जी आईपीएस अधिकारी गिरफ्तार, पुलिस जांच में खुले कई चौंकाने वाले राज

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Ghaziabad fake IPS Anil Katiyal, Ghaziabad
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Ghaziabad Fake IPS Arrested: गाजियाबाद में पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बनकर अधिकारियों से मिला और अपने दोस्त को छुड़ाने की कोशिश की। जांच के दौरान आरोपी की पृष्ठभूमि और उसके फर्जीवाड़े को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं। फिलहाल साहिबाबाद पुलिस ने फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल (68) और उसके साथी विनोद कपूर (69) को गिरफ्तार किया है।

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धोखाधड़ी की शुरुआत- Ghaziabad Fake IPS Arrested

आरोपी का नाम अनिल कटियाल (Ghaziabad fake IPS Anil Katiyal) है और उसने खुद को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताया। उसने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और अपने दोस्त विनोद कपूर निवासी गुरुग्राम को छुड़ाने की गुहार लगाई, जिसे इंदिरापुरम पुलिस ने 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है।

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पुलिस को शक हुआ

आरोपी के बयानों और उसकी कहानी में अंतर को देखते हुए पुलिस ने उसकी पृष्ठभूमि की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि अनिल कटियाल नाम का कोई आईपीएस अधिकारी असल में है ही नहीं।

गिरफ्तारी और अन्य खुलासे

पुलिस ने आरोपी अनिल कटियाल (Ghaziabad fake IPS Anil Katiyal) और उसके साथी विनोद कपूर को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा और डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिश पाटिल से मिलकर विनोद कपूर को फायदा पहुंचाने की कोशिश की थी।

अनिल कटियाल की पृष्ठभूमि- Fake IPS Anil Katiyal background story

पुलिस के मुताबिक, अनिल कटियाल के पिता चेतराम कटियाल आईआरएस अधिकारी थे। अनिल ने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल और सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की। उन्होंने 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में वे अमेरिका के येल विश्वविद्यालय से पीएचडी करने चले गए, लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।

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निजी क्षेत्र में ऊंचे पदों पर काम किया

पीएचडी छोड़ने के बाद अनिल ने हिंदुस्तान लीवर, यामाहा और वोडाफोन जैसी कंपनियों में ऊंचे पदों पर काम किया। वे 2015 में वोडाफोन कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट अफेयर्स) के पद से रिटायर हुए।

फर्जी पहचान का फायदा

निजी क्षेत्र में काम करने के दौरान अनिल कई वरिष्ठ अधिकारियों, खासकर पुलिस अधिकारियों के संपर्क में आए। इन संबंधों का फायदा उठाकर उन्होंने खुद को रिटायर्ड आईपीएस और गृह मंत्रालय का सलाहकार बताकर कई बार अपने काम निकलवाए।

विदेश मंत्री से संपर्क करने का प्रयास

अनिल कटियाल का दावा है कि दुबई के अरबपति रियल एस्टेट कारोबारी राज साहनी से भी उनके संबंध हैं, जो धोखाधड़ी के मामले में फरवरी से यूएई की जेल में बंद हैं। राज साहनी को बचाने के लिए आरोपी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को मैसेज भेजकर खुद को उनका सहपाठी बताया और मिलने का समय मांगा। वह उनसे मिलकर दुबई के कारोबारी राज साहनी और उसके बेटों को जेल से बाहर निकलवाना चाहता था।

दिल्ली में बार का लाइसेंस लिया

व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि हाल ही में अनिल ने खुद को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस बताकर एक निजी कंपनी के लिए बार का लाइसेंस हासिल किया। इसी तरह वह दिल्ली के आरटीओ, आबकारी विभाग के अफसरों को भी खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताकर कई बार फायदा उठा चुका है।

मैं ठग नहीं हूं”

गिरफ्तारी के बाद अनिल कटियाल ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह कोई ठग नहीं है। हालांकि, जब उससे फर्जी आईपीएस होने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कौन हूं।”

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कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई US के भूतिया जेल में कैद, जानें ‘स्क्विरल केज जेल’ का रहस्यमय इतिहास

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Anmol Bishnoi, Squirrel Cage Jail
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Anmol Bishnoi Squirrel Cage Jail: कई संगीन अपराधों के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई (Lawrence Bishnoi brother Anmol Bishnoi) इस समय अमेरिका में है। कई हाई-प्रोफाइल मामलों में वांछित 26 वर्षीय अनमोल बिश्नोई वर्तमान में आयोवा के पोट्टावट्टामी काउंटी जेल में है, जिसे ‘स्क्विरल केज जेल’ के नाम से जाना जाता है। यह जेल न केवल अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए बल्कि अपने भूतिया और रहस्यमयी इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है।

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अनमोल बिश्नोई: अपराध और गिरफ्तारी (Anmol Bishnoi Squirrel Cage Jail)

अनमोल बिश्नोई हाल ही में अमेरिका में अवैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश, और अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी जैसे गंभीर अपराधों का आरोपी है। इन घटनाओं ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है।

‘स्क्विरल केज जेल’ का इतिहास- Mysterious history of Squirrel Cage Jail

1885 में निर्मित ‘स्क्विरल केज जेल’ (Anmol Bishnoi Squirrel Cage Jail) आयोवा में स्थित है। इसे एक चर्च के पुराने मुर्दाघर के मैदान पर बनाया गया था। इसकी गोलाकार संरचना और रिवॉल्विंग सेल इसे खास बनाते हैं। यह अमेरिका में बची हुई तीन ऐसी जेलों में से एक है, जहां कैदियों को रखने के लिए घूमने वाले सेल्स का उपयोग किया गया था। इन सेल्स का डिजाइन इस तरह बनाया गया था कि जेलर आसानी से कैदियों तक पहुंच सके।
1969 तक जेल के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली यह संरचना अब एक संग्रहालय में बदल दी गई है, जहां इसके रहस्यमय इतिहास को संरक्षित किया गया है।

Anmol Bishnoi, Squirrel Cage Jail
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डरावनी घटनाएं और भूतिया कथाएं

स्क्विरल केज जेल (US Squirrel Cage Jail) को लेकर कई गार्ड्स और कर्मचारियों का दावा है कि उन्होंने भूतिया आवाज़ें और अजीबोगरीब फुसफुसाहटें सुनी हैं। कई बार जेल के दरवाज़े अपने आप हिलते हुए देखे गए हैं और काली परछाइयाँ दिखने की घटनाएँ भी हुई हैं। संग्रहालय प्रबंधक ने भी ऐसी घटनाओं का अनुभव किया है।

कैदियों और मौतों का इतिहास

इस जेल में कई मौतें हुई हैं, जो इसके डरावने इतिहास को और गहराई देती हैं।

  • एक कैदी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई।
  • दूसरे कैदी ने छत से गिरकर अपनी जान दे दी।
  • एक और कैदी ने आत्महत्या कर ली।
  • इसके अलावा, एक गार्ड की गोली लगने से मौत हो गई थी।
Anmol Bishnoi, Squirrel Cage Jail
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जेल की दीवारों पर कई कुख्यात कैदियों के हस्ताक्षर और तारीखें मौजूद हैं, जो इसके खौफनाक अतीत के प्रमाण हैं।

पैरानॉर्मल विशेषज्ञों की जांच

इस जेल में पैरानॉर्मल विशेषज्ञों ने कई जांच की हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक वॉयस फेनोमेनो (ईवीपी) और छाया के अस्पष्टीकृत साक्ष्य शामिल हैं। इन विशेषज्ञों ने उन क्षेत्रों में विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (ईएमएफ) विसंगतियों को दर्ज किया है जहां किसी इंसान के मौजूद होने की संभावना नहीं थी। यह तथ्य इस जेल के रहस्य को और बढ़ाता है।

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गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी के आरोप: SEC चार्जशीट से जानिए क्या है ये पूरा मामला?

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Gautam Adani SEC report: अडानी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन माने जाने वाले भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Adani Group founder Gautam Adani) इस समय गंभीर विवाद में हैं। अमेरिकी कोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के मुताबिक अडानी ने भारत में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2,250 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। यह मामला तब सामने आया जब अडानी ग्रुप ने इन परियोजनाओं के लिए अमेरिकी निवेशकों से फंड जुटाया और अमेरिकी Securities and Exchange Commission (SEC) ने इसकी जांच शुरू की।

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अडानी ग्रुप का भ्रष्टाचार में कथित दखल- Gautam Adani SEC report

SEC के आरोपों के अनुसार, अडानी समूह और अमेरिकी कंपनी Azure Power ने मिलकर भारत सरकार के स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सौर ऊर्जा के लिए अनुबंध हासिल किए। लेकिन समस्या यह थी कि इन परियोजनाओं के लिए बिजली खरीदने के लिए एसईसीआई को भारत की राज्य सरकारों और बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) से समर्थन नहीं मिल रहा था। जब ये अनुबंध भारी घाटे की स्थिति में थे, तो अडानी समूह और Azure ने रिश्वत का सहारा लिया (Gautam Adani charged in US)।

SEC ने लगाए गंभीर आरोप

एसईसी ने आरोप लगाया कि अडानी और उनके परिवार के सदस्य, जैसे सागर अडानी ने रिश्वत देने और उनके माध्यम से ये परियोजनाएँ हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया। यह भी आरोप है कि अडानी समूह ने पूरी प्रक्रिया के दौरान निवेशकों से यह बात छिपाई कि इन परियोजनाओं को हासिल करने के लिए रिश्वत दी गई थी, जबकि कंपनी ने अपनी ईमानदारी का दावा किया।

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SEC के आरोप और कार्रवाई

SEC (Gautam Adani SEC report) का दावा है कि 2021 में अडानी ग्रुप ने 750 मिलियन डॉलर की बॉंड बिक्री की, जिसमें निवेशकों से यह कहा गया था कि कंपनी भ्रष्टाचार से बचने की नीति अपनाती है। लेकिन वास्तविकता यह थी कि अडानी और सागर अडानी ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी, जिससे उन्हें बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स हासिल हुए। SEC ने इस मामले में अडानी ग्रुप और Azure Power दोनों के खिलाफ चार मुख्य आरोप लगाए हैं, जिसमें Securities Act और Exchange Act के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं।

रिश्वत के पैटर्न और साजिश

साल 2014 में भारत सरकार ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की योजना बनाई थी, जिसमें से 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से आने की बात थी। SECI ने 12 गीगावाट सौर ऊर्जा खरीदने के लिए एक स्पेशल टेंडर जारी किया था। अडानी ग्रुप और Azure ने इस टेंडर में भाग लिया और ठेका जीतने के बाद, दोनों कंपनियों ने भारत के राज्य सरकारों को रिश्वत देने की योजना बनाई। SEC के अनुसार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में DISCOMs को रिश्वत दी गई ताकि वे अडानी और Azure से ऊर्जा खरीदने के लिए सहमति दें।

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अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद में अडानी ग्रुप ने अपनी सफाई पेश की है (Gautam Adani accused of bribery)। ग्रुप का कहना है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं और जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें निर्दोष माना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा पारदर्शिता और नियामक नियमों का पालन किया है। कंपनी का दावा है कि अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी ने उनके बोर्ड के सदस्यों के खिलाफ आरोप दायर किए हैं, लेकिन ये केवल आरोप हैं और अडानी ग्रुप कानूनी उपायों का सहारा लेगा।

अडानी ग्रीन एनर्जी का इतिहास

गौतम अडानी ने 1988 में अडानी ग्रुप की स्थापना की थी और 2015 में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की शुरुआत की। अडानी ग्रीन का उद्देश्य था सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनना। 2025 तक अडानी ग्रीन ने यह लक्ष्य रखा था कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनेगी। 2019 में अडानी ग्रीन ने 10 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा और इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की।

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Puneet Superstar: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यूट्यूबर का पिटाई का वीडियो, रोते हुए मांगी माफी

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Puneet Superstar Viral Video: सोशल मीडिया पर अजीबोगरीब कंटेंट अपलोड कर मशहूर हुए पुनीत सुपरस्टार इन दिनों अपनी पिटाई वाले वीडियो को लेकर चर्चा में हैं। जी हां, अक्सर अजीबोगरीब हरकतें करने वाले पुनीत सुपरस्टार का पिटाई वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स यूट्यूबर को थप्पड़ मार रहा है और पुनीत वीडियो में रोते हुए माफी मांगते भी नजर आ रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।

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वायरल वीडियो में क्या है? (Puneet Superstar Beaten Video Viral)

इस वीडियो में दो लोग पुनीत सुपरस्टार की पिटाई करते दिख रहे हैं। इनमें से एक व्यक्ति का आरोप है कि पुनीत ने प्रमोशन के लिए पैसे लिए थे, लेकिन काम पूरा नहीं किया। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि पुनीत को माफी मांगनी पड़ी और उन्हें उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया गया।

पिटाई के दौरान पुनीत बार-बार माफी मांगते हुए कहते हैं, “भाई मैं माफी मांगता हूं। मैंने जो किया वो गलत था।” यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी।

वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल- Puneet Superstar Viral Video

हालांकि, इस वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर मशहूर होने के लिए स्क्रिप्टेड वीडियो बनाने का चलन कोई नई बात नहीं है। पुनीत सुपरस्टार ने भी इस वीडियो को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि यह वीडियो कोई वास्तविक घटना है या फिर महज पब्लिसिटी स्टंट।

पुनीत सुपरस्टार की अजीबोगरीब हरकतें

पुनीत सुपरस्टार अपने अजीबोगरीब और विचित्र वीडियो से प्रसिद्धि पाने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकते हैं (Puneet Superstar video)। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर कई ऐसे वीडियो हैं, जो आम समझ से परे हैं। एक वीडियो में वह नींबू के साथ नाले का पानी पीते नजर आए, तो दूसरे में वह गाय का गोबर खाते नजर आए।

यह पहली बार नहीं है जब उनके वीडियो वायरल (Puneet Superstar Video Viral) हुए हैं। उनकी हरकतें न सिर्फ चर्चा का विषय बनती हैं, बल्कि कई बार उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है।

बिग बॉस में भी मचाई थी सनसनी

पुनीत सुपरस्टार ने बिग बॉस ओटीटी में भी हिस्सा लिया था। हालांकि, वहां भी उनका सफर विवादों से भरा रहा। महज 12 घंटे के अंदर उन्होंने बिग बॉस के घर में सबका जीना दुश्वार कर दिया और सेट पर तहस-नहस कर दिया। उनकी हरकतों की वजह से न सिर्फ वह शो से जल्दी बाहर हो गए, बल्कि सोशल मीडिया पर भी वह और ज्यादा लोकप्रिय हो गए।

पुनीत की शख्सियत और उनके वीडियो उन्हें खबरों में बनाए रखते हैं, लेकिन उनके कामों से अक्सर सवाल उठते हैं कि क्या प्रसिद्धि पाने के लिए किसी भी हद तक जाना सही है।

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एक्शन-ड्रामा के पुराने दिनों की याद दिलाती है अजय देवगन की साइकोलॉजिकल थ्रिलर ‘नाम’

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Ajay Devgn Naam Film Review: अजय देवगन बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध और सफल एक्टर्स में से एक माने जाते हैं. उन्होंने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में “फूल और कांटे” से की थी, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिला था. जिसके बाद अजय देवगन ने कई सुपरहिट फिल्मो में काम किया है. लेकिन क्या आप है अजय देवगन की साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म ‘नाम’ के बारें में जो एक्शन-ड्रामा के पुराने दिनों की याद दिलाती है. अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं.

अजय देवगन की साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म

अजय देवगन का एक्टिंग शैली गंभीर और प्रभावशाली रही है, और उन्हें एक्शन और ड्रामा फिल्मों में विशेष पहचान मिली है. उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया है लेकिन हम जिस फिल्म की बात कर रहे है वो फिल्म नाम है जो बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर अनीस बज्मी की साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है जो आपको समय में पीछे ले जाएगी. इस फिल्म में बॉलीवुड स्टार अजय देवगन, समीरा रेड्डी, भूमिका चावला और राहुल देव हैं. यह फिल्म बनने के 10 साल बाद रिलीज हुई है,  जिसमें एक्शन, ड्रामा, रोमांस और कॉमेडी का ऐसा तड़का लगा है जो पुराने दिनों की आपको याद दिला देगी.

इस फिल्म की बात करें तो तकनीकी मोर्चे पर अनीस बज्मी ने अच्छा काम किया है. इस फिल्म में अजय देवगन ने हर किरदार को बखूबी निभाया है. समीरा रेड्डी और भूमिका चावला ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ जस्टिस किया है. फिल्म में खलनायक के रूप में राहुल देव और यशपाल शर्मा का काम काबिलेतारीफ है. राजपाल यादव, विजय राज और अन्य सपोर्टिंग कैरेक्टर्स ने अपने-अपने किरदारों को बेहतरीन ढंग से निभाया है. ये फिल्म भले ही काफी लंबे वक्त बाद रिलीज हो रही है लेकिन आपको एंटरटेनमेंट का फुल ऑन डोज देगी.

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फिल्म की कहानी क्या बताती है

फिल्म डायरेक्टर अनीस बज्मी और हुमायूं मिर्जा द्वारा लिखित ‘नाम’ एक एंटरटेनिंग फिल्म है. यह फिल्म शेखर की कहानी बताती है कि एक गैंगवॉर के दौरान मानसिक रूप से बीमार पड़ने के बाद मनाली में नए सिरे से शुरुआत करता है. अब उसकी एक पत्नी और बेटी है. हालांकि तीन साल बाद उसका अतीत सामने आ जाता है, जिसके बाद वो उस लाइफ के बारे में जानने के लिए मुंबई चला जाता है जिसे वह भूल चुका है. क्या वह सच्चाई को बेहतर ढंग से जान पाएगा? अभी और कितने रहस्य खुलने बाकी हैं? ‘नाम’ के दो घंटे के रनटाइम में इन्हीं प्रश्नों के जवाब मिलेंगे.

वर्क फ्रंट पर अजय देवगन

वही अगर अजय के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आखिरी बार सिघंम रिटर्न्स में नजर आये थे. इसके अलवा अजय देवगन इन दिनों ‘सन ऑफ सरदार 2’ के शूटिंग में बिजी हैं.

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