हरियाणा के शंकर चौक में गमलों के चोरी होने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में पर बवाल मचा हुआ है जहाँ एक तरफ पुलिस अपनी कार्यवाही में लगकर वीडियो में दिख रहे शख्स को गिरफ्तार कर इस बात की पुष्टि की है कि हमने मुख्य आरोपी को अपने कब्ज़े में लिया है. वहीँ दूसरी तरफ यूट्यूबर एल्विश यादव और पत्रकार और अनसीन इंडिया के कथित फाउंडर उत्कर्ष सिंह के बीच तू-तू, मैं-मैं का सिलसिला शुरू हो गया है. जहाँ उत्कर्ष सिंह एल्विश यादव पर ये इल्जाम लगाते हुए कि जिस किआ कार्निवल कार को वीडियो में देखा जा रहा है उन्ही की है उनको कॉल करके एक लाइव इंटरव्यू पर बुला रहे है कि अगर आप कि बात सच है तो आप लाइव टीवी पर आइये और सच क्या है ये बात सभी को बताइए.
पुलिस से मिली क्लीन चिट फिर भी मचा हंगामा
दरअसल, एल्विश यादव 9.21 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ एक सफल यूट्यूबर हैं. उनके ट्विटर पर भी 2 लाख से ज्यादा फैन फॉलोइंग है. बायो देखें तो उस पर सिर्फ हिंदू लिखा है. अब इतना बड़ा इन्फ्लुएंसर होने के बावजूद उनका नाम गमला चोरी घटना में आना वाकई हैरान करने वाली बात है.
हालाँकि इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा क्लीनचिट मिलने के बाद मामला शांत हो जाना चाहिए था. लेकिन उत्कर्ष सिंह नामक पत्रकार लगातार एल्विश पर आरोप मढ़े जा रहे हैं.
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उत्कर्ष ने वीडियो शेयर कर दिया सबूत
पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने एल्विश यादव की एक वीडियो शेयर कर ये बताया है की ये कार एल्विश यादव की ही है. जबकि दिखाए गए वीडियो में भी एल्विश जब अपनी गाड़ियों का नाम गिना रहे थे तो उन्होंने किआ कार्निवल का नाम लिया था और बाद में जब नंबर प्लेट की जांच पड़ताल की तो वो नंबर प्लेट उन्ही के किआ कार्निवल चार का था जो गाडी गमले चोरी होने वाले वीडियो में दिखाई जा रही है.
दोनों के बीच हुई बहस
उत्कर्ष सिंह ने एक वीडियो बनाते हुए साफ़ साफ़ कहा की वीडियो में दिखाई गयी गाड़ी एल्विश की ही है इस बात का प्रमाण देते हुए उत्कर्ष ने ये जानकारी दी कि “एल्विश यादव ने यूट्यूब पर 15 अगस्त 2022 को एक वीडियो डाली थी जिसमे वो साफ़ साफ़ ये कहते नज़र आ रहें हैं कि वो किआ कार्निवल मेरी ही गाड़ी है. जिसमे बैठकर वो राजस्थान के अलवर में अपने फँस से मिलने भी गया था.
और इसके अलावा एल्विश के दोस्त लव कटारिया ने एक वीडियो भी शेयर की थी जिसमे ये कहा कि गाडी की डिलीवरी सेम डे हो गयी”. और जब दोनों गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया गया तो दोनों का नंबर भी समे निकला. एल्विश यादव ने ट्वीट करते हुए ये लिखा कि “ भाई रेडी हो जाओ पैसे लेकर के. DEFAMATION केस इस ओं इट्स वे.
जिसपर उत्कर्ष ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “ लेकिन मेरे घर में गमले नहीं है. इस ट्वीट पर रिएक्शन देते हुए एल्विश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “तेरे पास तो घर भी नहीं है. और इस तरह से बहस का सिलासिला अब पत्रकारिता से उतारकर निजी स्तर पर आ गया.
उत्कर्ष ने लाइव इंटरव्यू के लिए दिया चैलेंज
बात को तूल तो तब मिला जब उत्कर्ष ने ट्वीट करते हुए ये चैलेंज किया कि “गुरुग्राम आ रहा हूँ. हिम्मत है तो Live इंटरव्यू दो और जनता के सामने मुझे झूठा साबित कर दो कि उस Kia Carnival से तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन अगर सिर्फ़ ट्विटर पर गीदड़भभकी देनी है तो कोई बात नहीं.
और जब इंटरव्यू के लिए एल्विश इधर उधर का बहाना देने लगे तो ट्वीट कर उत्कर्ष ने लिखा कि, “ एल्विश यादव Interview देने से डर गया. पहले बोला रात 9 बजे आओ, फिर बोला सुबह आओ. फिर बोला मैं गुरुग्राम से फ़रीदाबाद आ गया हूँ. फिर कहा गुरुग्राम की Ardee City पर आ जाओ. जब वहाँ जाने लगा तो कहता है कि कल या परसों आ जाओ. गाली-गलौज और देखने की धमकी अलग. बातचीत का पूरा ऑडीओ जल्द.
बातचीत का ऑडियो एल्विश ने खुद किया शेयर
ट्वीट करते हुए एल्विश ने लिखा कि “लो ऑडियो ये सेल्फ क्लेम्ड रिपोर्टर उत्कर्ष सिंह जैसे इनके घरवालों ने आगर टाइम पे थप्पड़ दिए होते तो आज ये हाल नी होता इनका.” और साथ ही ये भी ट्वीट किया कि, “मुझे एक बार कार में देखा गया था.
इसका मतलब यह नहीं है कि मैं इसका मालिक हूँ. कुछ गंदे दिमाग वाले लोग जिन्हें फर्जी बातें करने की आदत है, एक बार फिर एक नई कहानी के साथ फालतू बातें कर रहे हैं. मुझे भूल जाइए, वे देश या प्रधानमंत्री को भी नहीं छोड़ते। आप उनसे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकते.”
ट्विटर यूजर्स ने दिए रिएक्शन
वही इस पूरे मामले को लेकर ट्विटर यूजर्स का कहना है कि हिंदू हितों की बात करने के कारण एल्विश को टारगेट किया जा रहा है। रैंडम इंडियन नामक ट्विटर यूजर ने इसको लेकर कहा है, “वामपंथियों ने मिलकर एल्विश यादव को ट्रोल करना शुरू कर दिया है.
इसका कारण यह है कि वह एक हिंदू है जो युवाओं को गर्व से धर्म को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। एल्विश ने अपनी कार पर “हिंदू” लिखा है. एल्विश ने अपनी रैली में किसी की कार का इस्तेमाल किया था. यदि उस कार से कुछ गलत किया जाता है तो इसके लिए एल्विश कैसे जिम्मेदार है?”
इंटरव्यू से डर गया बडबोला एल्विश
इंटरव्यू के लिए इधर उधर घुमाने के बाद उत्कर्ष सिंह ने एक ट्वीट और पोस्ट के ज़रिये कहा कि, “वैसे तो मैं एल्विश यादव जैसे लोगों का Interview नहीं करता लेकिन मेरे वीडियो पर हुई कांट्रवर्सी के बाद इसका पक्ष जानना ज़रूरी था. लेकिन ये तो Interview के नाम पर ही भाग खड़ा हुआ.”
कौन है उत्कर्ष सिंह ?
एल्विश यादव के बारे में तो आप लोग जानते ही होंगे लेकिन आप शायद ही उत्कर्ष सिंह को जानते होंगे. उत्कर्ष सिंह अपना खुद का अनसीन इंडिया के नाम से एक चैनल चलते हैं और खुद को स्वतंत्र पत्रकारिता का प्रमाण देते हुए एक स्वतंत्र पत्रकार बताते हैं.
उत्कर्ष ज्यादातर डाक्युमेंट्री पर फोकस करते हैं. और हाल ही में इन्हें UP में Custodial डेथ पर प्रभावशाली डाक्युमेंट्री-सीरीज के लिए IIMCA ने इन्हें ‘JOURNALIST OF THE YEAR’ के पुरस्कार से नवाजा है.