जो राधा कृष्ण में भेद बुद्धि रखते हैं उनका क्या होता है? प्रेमानंद जी महाराज से जानिए   

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भगवान कृष्ण और राधा के बारे में कहा जाता है कि वो अलग नहीं बल्कि एक हैं और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। राधा के बिना कृष्ण का अस्तित्व नहीं है और कृष्ण के बिना राधा का अस्तित्व नहीं है। दोनों एक दूसरे को पूर्ण करते हैं और कहा जाता है कि अगर आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं तो आपको कृष्ण के साथ-साथ राधा राधा का नाम जपना चाहिए इससे आपकी बात जल्दी भगवान कृष्ण तक पहुंच जाएगी वहीं अगर आप राधा के भक्त हैं तो आपको भगवान कृष्ण का नाम जपना चाहिए। हालांकि राधा नाम से ही कृष्ण से प्रेम होने लगता है, ठीक वैसे ही जैसे कृष्ण नाम से ही राधा से प्रेम होने लगता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दोनों के नामों में भेद करते हैं, यहां तक ​​कि उनके एक होने को भी नकारते हैं और कृष्ण और राधा में भेद करते हैं, ऐसे लोगों को एक बार वृंदावन के श्रीहित प्रेमानंद महाराज से सुनना चाहिए कि कृष्ण और राधा में भेद करने वालों का क्या हाल होता है।

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कृष्ण और राधा में भेद करने वालों को लगता है पाप

श्रीहित प्रेमानंद महाराज राधा रानी के बहुत बड़े भक्त हैं और वो ये बर्दाश्त नहीं कर पाते कि कोई उनकी राधा रानी का अपमान करे। हाल ही में महाराज जी ने प्रवचन में बताया कि जो व्यक्ति राधा कृष्ण का भेदभाव से वर्णन करता है, उसे तब तक काल सूत्र नामक नरक में डाला जाता है जब तक सूर्य और चंद्रमा विद्यमान रहते हैं। महाराज जी ने राधा कृष्ण में भेदभाव करने वाले व्यक्ति को नराधम और नीच कहा है। इसके अलावा ऐसे लोगों को सात पीढ़ी पीछे और सात पीढ़ी आगे तक नरक मिलता है। जब कोई राधा किशोरी के बारे में इधर-उधर की बातें करता है तो उसके द्वारा किए गए सभी अच्छे कर्म एक झटके में नष्ट हो जाते हैं। जो व्यक्ति अज्ञानता के कारण राधा रानी की निंदा करता है, उसके करोड़ो जन्मों के अच्छे कर्म नष्ट हो जाते हैं और वह लंबे समय तक घोर नरक भोगता है। इसलिए किसी को भी प्रियतम राधा कृष्ण के विषय में इधर-उधर की बातें नहीं करनी चाहिए। महाराज जी कहते हैं कि अगर हम शस्त्रों की बात करें तो ये सभी बातें ब्रह्म वैवर्त पुराण में लिखी हैं।

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