जब दलितों के हाथों में रहीं सत्ता की कमान, जानिए कब-कब दलित बने मुख्यमंत्री?

Table of Content

पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सीएम पद पर हैं और उनके सीएम बनने की चर्चा काफी ज्यादा है। एक चर्चा ये भी हैं कि चन्नी दलित सिख यानी रामदसिया सीएम है। आज हम आपको उन शख्सियत के बारे में बताएंगे, जो कि दलित है और सीएम पद पर बैठे और राज्य की कमान अपने हाथों में ली। 

चलिए लिस्ट को शुरू करते हैं…

दामोदरम संजीवय्या

दलित समुदाय से सीएम बनने वाले संजीवय्या पहले शख्स थे। जनवरी 1960 से मार्च 1962 तक आंध्र प्रदेश में वो इस पद पर रहकर काम करते रहे। साल 1962 में कांग्रेस के पहले दलित प्रमुख संजीवय्या ही रहे। साल 1960 के दशक के आखिर में कांग्रेस ने दलितों इसके अलावा पिछड़े लोगों के बीच में अपनी पकड़ कायम करने के लिए एक से एक कदम उठाए जिसकी वजह से कांग्रेस ने 1960 में सीएम पद दामोदरम संजीवय्या को दे दिया। बाद में वो केंद्र में मंत्री बन गए। संजीवय्या लाल बहादुर शास्त्री के कैबिनेट में  श्रम और रोजगार मंत्री के पद रहे।

भोला पासवान

अगला नाम हैं स्वतंत्रता सेनानी  रहे भोला पासवान शास्त्री का, जिन्होंने साल 1968 से 1971 तक बिहार राज्य के सीएम पद को संभाला। बिहार में दलित सीएम के तौर पर वो पहले शख्स थे और तीन दफा वो सीएम बनाए गए। पूर्णिया जिले में पैदा हुए भोला पासवान की पकड़ जाटव समाज में अच्छी है। पहले वो सिर्फ तीन महीने के लिए सीएम रहे, फिर 13 दिन और एक बार 7 महीने के लिए वो इस पद पर काम करते रहे।

राम सुंदर दास

जमीनी तौर पर बिहार के पूर्व सीएम राम सुंदर दास अच्छी पकड़ रखने वाले नेता रहे थे। साल 1977 में पार्टी की हार के बाद भी राम सुंदर दास की जीत हुई। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के वो करीब माने जाते रहे।

मायावती

लिस्ट में अगला नाम है मायावती का। दलित समुदाय से आई बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख को कौन नहीं जानता, जिनका दलित वोटों पर एक वक्त एकक्षत्र प्रभाव रहा। मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश की सीएम रही और पहली दलित महिला रही जो कि सीएम बनीं। पहली बार साल 1995 में  मायावती सीएम बनी। जब साल 2007 का विधानसभा हुआ तब तो मायावती के सितारे खूब चमके उस दौरान उन्होंने 206 सीटों पर अपनी जीत हासिल की थी। 

सुशील कुमार शिंदे

अगला नाम है कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे जो दलित समुदाय से आते हैं और जिन्होंने साल 2003 में महाराष्ट्र के सीएम के पद को तो संभाला ही इसके साथ उनको केंद्र में मंत्री पद भी दिया गया। शिंदे महाराष्ट्र के पहले दलित सीएम रहे।  वैसे उनका कार्यकाल लगभग एक साल का रहा और फिर साल 2004 में उनको आंध्र प्रदेश राज्य का गवर्नर नियुक्त कर दिया गया। फिर आया साल 2006 जब मनमोहन सिंह की सरकार में उनको पद दिया गया ऊर्जा मंत्री का और फिर गृह मंत्री का पद भी उनको दिया गया। 

जीतन राम मांझी

अगले पॉलिटिशियन का नाम है जीतन राम मांझी, जो दलित हैं और बिहार के सीएम पद पर बैठ चुके हैं। साल 2014 के मई से लेकर फरवरी 2015 तक इस पद पर कायम रहे। बिहार के तीसरे दलित सीएम मांझी रहे।

जगन्नाथ पहाड़िया

जून 1980 से जुलाई 1981 तक दलित नेता जगन्नाथ पहाड़िया ने राजस्थान राज्य के सीएम रहे और राज्य के पहले दलित सीएम वही रहे थे। भरतपुर में  पैदा हुए जन्में कांग्रेस नेता पहाड़िया। वो हरियाणा और बिहार गवर्नर पद पर भी रहे। इसके अलावा चार बार लोकसभा और चार बार विधानसभा चुनाव भी जीते। 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds