Sikhism in Spain: स्पेन में सिख समुदाय, एक बढ़ता हुआ धार्मिक समूह और उनके अधिकारों की लड़ाई

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Sikhism in Spain: स्पेन में सिख समुदाय भले ही एक अल्पसंख्यक समूह हो, लेकिन यह तेजी से बढ़ता हुआ समुदाय है। आज के आंकड़ों के अनुसार, स्पेन में लगभग 26,000 सिख रहते हैं। इस समुदाय का इतिहास 1980 के दशक से शुरू होता है, जब कई सिख प्रवासी स्पेन आए थे, खासकर कृषि कार्य, निर्माण कार्य और व्यापार के लिए। हालांकि, सिखों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी है, लेकिन इसके साथ-साथ उन्हें सामाजिक और धार्मिक अधिकारों के लिए कई संघर्षों का सामना भी करना पड़ा है।

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सिखों का इतिहास और प्रवास- Sikhism in Spain

स्पेन में सिखों का प्रवास 1990 के दशक में तेजी से बढ़ा, खासकर तब जब स्पेन ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद कई प्रवासी श्रमिकों के लिए अवसर खोले। इस समय के दौरान, सिख समुदाय के लोग स्पेन के कृषि, पर्यटन और निर्माण उद्योगों में कार्यरत थे। इसके अलावा, कई सिखों ने भारतीय रेस्तरां भी खोले और स्थानीय समुदाय में अपनी पहचान बनाई। मुख्य रूप से, सिखों को स्पेन के प्रमुख शहरों जैसे बार्सिलोना, मैड्रिड, वेलेंसिया, अलीकांटे और बिलबाओ में बसते हुए देखा जाता है।

स्पेन में सिख समुदाय और उनके धार्मिक केंद्र

स्पेन में सिख समुदाय के बढ़ते प्रभाव के साथ ही धार्मिक केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें 12 गुरुद्वारे भी शामिल हैं। ये गुरुद्वारे न केवल सिखों के लिए धार्मिक स्थल हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने का भी काम करते हैं। यहां स्पेन के प्रमुख गुरुद्वारों की सूची दी गई है:

  1. गुरुद्वारा गुरु दर्शन साहिब – बार्सिलोना
  2. गुरुद्वारा नानकसर – बार्सिलोना
  3. गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह – एलिकांटे
  4. गुरुद्वारा भाई मर्दाना जी – ओलोट
  5. गुरुद्वारा सिख संगत – मलागा
  6. गुरुद्वारा सिख संगत – वालेंसिया
  7. गुरुद्वारा गुरु नानक एसोसिएशन – वालेंसिया
  8. गुरुद्वारा गुरु लाधो रे – सांता कोलोमा डे ग्रामेनेट
  9. गुरुद्वारा वालेंसिया – वालेंसिया
  10. गुरुद्वारा सिख कलगीधर साहिब दे नमक – नमक
  11. गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी – लोरेट डी मार्च
  12. गुरुद्वारा नानकसर – मैड्रिड

धार्मिक संघर्ष और भेदभाव

हालांकि सिख समुदाय ने स्पेन में अपना स्थान बनाना शुरू किया, लेकिन वे कई बार भेदभाव का शिकार भी हुए। 2019 में, एक सिख पायलट, कैप्टन सिमरन गुजराल के साथ एक नस्लीय भेदभाव का मामला सामने आया, जब उन्हें स्पेन के मैड्रिड एयरपोर्ट पर अपनी पगड़ी उतारने के लिए मजबूर किया गया। यह घटना उस समय हुई जब कैप्टन सिमरन एयर इंडिया की फ्लाइट AI136 लेकर दिल्ली से स्पेन लौट रहे थे। सिख धर्म में पगड़ी एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है, जिसे बिना किसी परिस्थिति के नहीं हटाया जा सकता। कैप्टन सिमरन ने इसे लेकर विरोध किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनकी नहीं सुनी और पगड़ी उतारने की जिद करते रहे।

कैप्टन सिमरन ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं स्पेन में अक्सर होती रहती हैं, और उन्होंने इस भेदभाव पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी से शिकायत की। इस मामले को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी पत्राचार किया गया, जिसमें सिखों के साथ पगड़ी को लेकर होने वाले दुर्व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

2023 का फुटबॉल मैच और पगड़ी विवाद

2023 में, स्पेन में एक और विवाद हुआ जब 15 वर्षीय सिख युवक गुरप्रीत सिंह को फुटबॉल मैच के दौरान अपनी पगड़ी उतारने के लिए कहा गया। रेफरी ने कहा कि खेल के नियमों के तहत टोपी पहनने की अनुमति नहीं है, इसलिए उसे अपनी पगड़ी उतारनी होगी। गुरप्रीत और उसकी टीम के साथी इस फैसले से असहमत थे, क्योंकि पगड़ी उनके धर्म का अहम हिस्सा थी। अंत में, टीम और गुरप्रीत ने इस आदेश का विरोध करते हुए मैच खेलने से मना कर दिया। इस घटना को लेकर क्लब और समाज के कई हिस्सों ने गुरप्रीत का समर्थन किया और उसे अपने धर्म के पालन में पूर्ण समर्थन दिया।

सिख और हिंदू समुदाय की मदद का उदाहरण

स्पेन में सिखों के संघर्ष के बीच, एक सकारात्मक और प्रेरणादायक घटना भी सामने आई है। 2022 में स्पेन के वेलेंसिया में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान, सिख और हिंदू समुदायों के स्वयंसेवकों ने मिलकर स्थानीय लोगों की मदद की। इस मानवीय पहल ने न केवल समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि यह साबित किया कि विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ मिलकर आपसी सहयोग और सहायता में विश्वास रखते हैं। इस घटना ने समुदायों के बीच एकता और मानवता के मूल्यों को प्रदर्शित किया।

स्पेन में सिखों के अधिकार और भविष्य

स्पेन में सिख समुदाय का भविष्य उज्जवल प्रतीत हो रहा है, हालांकि अभी भी उन्हें कई सामाजिक और धार्मिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सिखों के अधिकारों को लेकर सरकार और समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इस समुदाय ने अपनी मेहनत और दृढ़ता से स्पेन में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन उन्हें अब भी धार्मिक भेदभाव और सांस्कृतिक असहमति का सामना करना पड़ता है।

स्पेन में सिख समुदाय के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखें और समाज में उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। सिखों के साथ धार्मिक भेदभाव की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा, ताकि सिख समुदाय को सम्मान और समान अधिकार मिल सकें।

और पढ़ें: Sikhism in Uganda: युगांडा में सिख धर्म की कहानी! इतिहास, संघर्ष और सांस्कृतिक योगदान का दिलचस्प सफर

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