Nepal violence News: नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन ने तूल पकड़ा, काठमांडू में हिंसा और कर्फ्यू लागू

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Nepal violence News: नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन एक नया मोड़ लेता हुआ नजर आ रहा है, जिससे देश की राजधानी काठमांडू में तनाव बढ़ गया है। शुक्रवार (29 मार्च) को राजशाही के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद हालात बेकाबू हो गए। इस झड़प में एक टीवी कैमरामैन सहित दो लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसके बाद, काठमांडू में सेना को तैनात किया गया और कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया।

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राजशाही के पुनर्निर्माण की मांग- Nepal violence News

यह आंदोलन पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के समर्थकों द्वारा चलाया जा रहा है, जो 2008 में समाप्त हुई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राजशाही की वापसी के लिए सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के बाद से स्थिति बिगड़ गई है और राजशाही के वापस लौटने से देश की स्थिति बेहतर हो सकती है।

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वाम मोर्चे का विरोध और चेतावनी

वहीं, नेपाल के वाम मोर्चे ने इस आंदोलन के खिलाफ रैली की और पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र को चेतावनी दी कि यदि वह सिंहासन वापस प्राप्त करने की कोशिश करेंगे तो यह उनके लिए महंगी साबित हो सकती है। रैली में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और माधव कुमार नेपाल समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया। वाम मोर्चे ने राजशाही समर्थक ताकतों के उभार को केपी शर्मा ओली की सरकार का परिणाम बताया और इसे उनके कुशासन का परिणाम करार दिया।

हिंसा और झड़पों का उभार

शुक्रवार को सुबह से ही राजशाही समर्थक तिनकुने इलाके में एकत्र होने लगे थे। करीब 11:30 बजे प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च करना शुरू किया, जिससे पुलिस को उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो झड़प शुरू हो गई। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, दुकानों में लूटपाट की और एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला किया। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को काठमांडू में कर्फ्यू लगाने का आदेश देना पड़ा।

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हादसा और जनहानि

इस हिंसा में एक चैनल के लिए रिपोर्टिंग कर रहे कैमरामैन सुरेश रजक की भी मौत हो गई। इसके अलावा, 30 लोग घायल हुए, जिनमें से आधे पुलिसकर्मी थे। झड़पों के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक घर को आग लगा दी और कई वाहनों को भी जला दिया। इसके अलावा, बाणेश्वर में सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट्स पार्टी के कार्यालय पर हमला किया और चाबाहिल में भटभटेनी सुपरमार्केट को लूट लिया। कांतिपुर टेलीविजन और अन्नपूर्णा पोस्ट अखबार के कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की गई।

कर्फ्यू और प्रशासन की कार्रवाई

काठमांडू जिला प्रशासन ने शांतिनगर पुल और मनोहरा नदी पुल के बीच के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया। कर्फ्यू का दायरा तिनकुने, कोटेश्वर, बाणेश्वर चौक और गौशाला तक फैला हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डे तक जाने वाले यात्रियों को अपना टिकट दिखाने पर जाने की अनुमति दी गई।

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