जिस जाकिर नाइक को भारत समेत 5 देशों ने किया बैन, वो कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मगुरु फीफा विश्‍वकप में देगा प्रवचन

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कतर  हुआ बायकॉट का शिकार 

कतर पहला मुस्लिम देश है जिसने फीफा विश्‍वकप का आयोजन किया है। लेकिन फीफा विश्‍वकप की मेजबानी करने वाले कतर देश को बायकॉट का सामना करना पड़ रहा है और इस बायकॉट का ट्रेंड भारत के भगोड़े उपदेशक जाकिर नाइक को इस फुटबॉल विश्‍वकप में बुलाये जाने के बाद शुरू हुआ है।

जानिए कौन है जाकिर नाइक


जाकिर नाइक भारत का वांटेड है और उसक जन्म साल 1965 में मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके डोंगरी में हुआ. नाइक के घर में कई लोग डॉक्टर हैं। उनके पिता और भाई दोनों डॉक्टर हैं। एक समय पर वो भी डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे थे लेकिन साल 1991 में अपनी मेडिकल प्रेक्टिस छोड़ दी थी और उसके बाद उन्होने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। उनकी फाउंडेशन और स्कूल सरकार की ओर से सील किया जा चुका है। वहीं अब भारत समेत 5 देशों में उस पर बैन किया गया है . 

ओसामा बिन लादेन का  किया था समर्थन

जाकिर नाइक एक लोकप्रिय टीवी चैनल पीस टीवी है जो कि अब भारत और बांग्लादेश में प्रतिबंधित है। क्योंकि इस चैनल के जरिये उन्होंने इस्लामी कट्टरवाद और नफरत फैलाने जैसे भाषण दिया साथ ही उन पर  पर मनी-लॉन्ड्रिंग अपराधों के आरोप लगाया गया है। इसी के साथ उनपर एक आतंकवादी हमदर्द होने का आरोप है। आरोप है कि उसने खुले तौर पर आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का समर्थन किया है वहीं जब भारत में जाकिर नाइक पर कार्रवाई शुरू हुई तो उसने देश छोड़कर  पहले ब्रिटेन गया और यहाँ की सरकार ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसके बाद उसने मलेशिया का रूख किया। मलेशिया पहुंचने के बाद उसने बीते तीन सालों से अपना ठिकाना बना रखा है। वहीं भारत में  जाकिर के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया और उनके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया है।

धर्म परिवर्तन करवाना है मकसद

जाकिर नाइक के कतर पहुंचने के बाद वो इस्‍लाम का प्रचार करने में जुट गए हैं. वहीं कहा जा रहा है की इस कतर विश्‍वकप का इस्‍तेमाल गैर मुस्लिमों के धर्म परिवर्तन करना है और इसके लिए ही जाकिर नाइक को यहां पर बुलाया गया है. वहीं फुटबॉल देखने के लिए लाखों की तादाद में फैन्‍स पहुंच रहे हैं और कतर इसका इस्‍तेमाल धर्म परिवर्तन कराने के मौके के रूप में देख रहा है।

कतर का शाही परिवार भी है शामिल


साल 2019 में भी कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने दोहा में निजी रूप से जाकिर नाइक का स्‍वागत किया था। वहीं इस बार भी जाकिर नाइक का कतर पहुंचने पर स्‍वागत किया गया. इसकी वजह यह है कि कतर का शाही परिवार और अल थानी पिछले कई दशक से कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहा है.

धर्म परिवर्तन का चल रहा है अभियान 

रिपोर्ट के अनुसार, फीफा वर्ल्‍ड कप में कतर ने मिशन दवाह के लिए व्‍यापक अभियान चलाने की योजना बनाई है। कतर के अधिकारियों और सरकार की ओर से वित्‍तपोषित संस्‍थाओं ने कम से कम 2 हजार वालंटियर्स को भर्ती की है. जो दुनियाभर से पहुंचे फुटबॉल प्रशंसकों के बीच इस्‍लाम का संदेश देंगे। 

आपको बता दें, जाकिर नाइक इन दिनों दुनियाभर में इस्‍लाम को फैलाने में लगा हुआ है। वहीं इस रिपोर्ट के अनुसार, जाकिर नाइक की वजह से नार्वे के 2 हजार लोग पहले ही दवाह आंदोलन के प्रभाव में आकर मुसलमान बन चुके हैं।

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