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जानें कौन है Laapataa Ladies में खलनायक के पिता का किरदार निभाने वाले अर्जुन सिंह? फिल्म के ऑस्कर में शामिल होने पर जताई खुशी

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Laapataa Ladies
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आमिर खान और किरण राव प्रोडक्शन की फिल्म ‘लापता लेडीज’ की सफलता के चर्चे अब ऑस्कर तक पहुंच गए हैं। फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया था। रिलीज होते ही फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की और अब 29 फिल्मों को पछाड़कर ऑस्कर में प्रवेश कर चुकी है। बेहद कम बजट में बनी इस फिल्म में अर्जुन सिंह ने विलेन के पिता का किरदार निभाया है। अर्जुन सिंह जिला सहकारी बैंक की कोतवाली देहात शाखा के शाखा प्रबंधक हैं। उन्हें बधाई देने वालों की कतार लगी हुई है। इस फिल्म की सफलता से अर्जुन सिंह भी काफी खुश हैं।

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लखीमपुर खीरी के रहने वाले अर्जुन सिंह

मूल रूप से लखीमपुर खीरी के रहने वाले अर्जुन सिंह ने दावा किया कि वे हमेशा से ही रंगमंच और कला से जुड़े रहे हैं। एक रंगमंच कलाकार के रूप में, उन्होंने स्कूल और कॉलेज के दौरान कई नाटकों में भाग लिया। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मेरा सौभाग्य था कि मुझे आमिर खान प्रोडक्शन हाउस की किरण राव द्वारा निर्देशित फिल्म लापता लेडीज में काम करने का मौका मिला।’

Arjun Singh
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आपको बता दें कि, इस फिल्म में उन्होंने प्रदीप कुमार के पिता हर्ष कुमार का किरदार निभाया था। उन्होंने फिल्म में उनके किरदार के रूप में लगभग आठ से दस मिनट बिताए। फिल्म डिवीजन ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर पहले बनी एक डॉक्यूमेंट्री में अर्जुन सिंह ने वीर चंद्र के गुरु की भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि अगर ‘मुझे अच्छी फिल्में मिलती रहीं तो मैं निस्संदेह यह काम करना जारी रखूंगा।’

लापता लेडीज को मिलेगा ऑस्कर

अब अगर फिल्म की बात करें तो फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने आमिर खान द्वारा निर्मित और उनकी पूर्व पत्नी किरण राव द्वारा निर्देशित फिल्म ‘लापता लेडीज’ को आधिकारिक रूप से ऑस्कर 2025 के लिए चुना है। इस खबर के आने के बाद से ही सिने प्रेमियों में खुशी का माहौल है। नेटिज़ेंस ने ऑस्कर 2025 में ‘लापता लेडीज’ के प्रवेश पर खुशी व्यक्त की है।

13 सदस्यों की चयन समिति ने किया ‘लापता लेडीज’ का चयन 

आमिर खान और किरण राव की इस फिल्म में रवि किशन, छाया कदम, स्पर्श श्रीवास्तव, नितांशी गोयल और प्रतिभा रांटा अहम भूमिका में हैं। फिल्म जाह्नु बरुआ (असम डायरेक्टर) की अगुआई में 13 लोगों की चयन समिति ने ऑस्कर 2025 के लिए फिल्म का चयन किया। वहीं, आमिर खान और किरण राव ने फिल्म के ऑस्कर में शामिल होने के साथ ही एक बयान भी जारी किया।

किरण राव ने कहा- मैं बहुत सम्मानित और खुश हूं 

किरण राणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ऑस्कर में अपनी फिल्म की एंट्री पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, ‘मैं बहुत सम्मानित और खुश हूं कि हमारी फिल्म ‘ लापता लेडीज’ को एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में चुना गया है।

 

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आमिर खान बोले- किरण और उनकी टीम पर गर्व है

‘मिसिंग लेडीज़’ के अभिनेता और निर्माता आमिर खान ने कहा, ‘हम सभी इस खबर से बहुत खुश हैं। मुझे किरण और उनकी पूरी टीम पर बहुत गर्व है। मैं फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन समिति को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए हमारी फिल्म को चुना।’

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हरियाणा में क्यों बढ़ रहा है युवाओं के बीच विदेश जाने का चलन, करनाल में मिले सबसे ज्यादा डंकी के आंकड़े

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dunki trend among Haryana youth
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पंजाब के युवाओं में विदेश जाकर बसने का चलन कितना लोकप्रिय है, यह बताने की जरूरत नहीं है। पंजाब के हर 10 परिवारों में से 7 बच्चे या तो कनाडा या अमेरिका चले गए हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह चलन अब हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है। हरियाणा के युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इनमें से कुछ वैध तरीके से तो कुछ अवैध तरीके से यानी डंकी के जरिए विदेश जा रहे हैं, जो जानलेवा साबित हो रहा है। विदेश जाकर डॉलर कमाने का सपना देखकर हरियाणा के युवा न सिर्फ लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, बल्कि जीवन में संघर्षों का भी सामना कर रहे हैं। पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवाओं में विदेश जाकर जल्दी पैसा कमाने का जुनून दिखाई दे रहा है। इसके पीछे कई मुख्य कारण हैं। आइए आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।

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करनाल के 300 लोग गए है डंकी से विदेश

जब भी डंकी के साथ विदेश यात्रा की बात आती है, तो करनाल का नाम ज़रूर आता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि करनाल जिले के हर गांव से लगभग बीस युवा विदेश गए हैं। करनाल के गगसीना गांव के सबसे ज़्यादा युवा देश छोड़कर गए हैं। गांव वालों के मुताबिक, गांव के 300 से ज़्यादा युवा देश छोड़कर गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर डंकी के ज़रिए गए हैं। बेशक, गांव का हर युवा अपनी मंज़िल पर पहुंच चुका है, लेकिन करनाल के अलावा दूसरे जिलों के कई युवा अपनी मंज़िल पर पहुंचने से पहले ही जिंदगी से हार जाते हैं। और यह सब डंकी पर विदेश यात्रा करने वाले युवाओं के साथ होता है।

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क्या होता है डंकी?

डंकी के रास्ते से विदेश जाना मतलब अवैध तरीके से विदेश जाना। इसमें 30 से 60 लाख रुपए का खर्च आता है। डंकी के रास्ते से विदेश जाना काफी जोखिम भरा है। इसमें आप विदेश जाने के लिए अपने घर से निकलते हैं, लेकिन आपको नहीं पता होता कि आप विदेश कब पहुंचेंगे। विदेश पहुंचने में 10 दिन से लेकर एक महीना या फिर एक महीने से लेकर एक साल भी लग सकता है। और इसमें आप बीच रास्ते में अपनी जान भी गंवा सकते हैं। आप एजेंट से फ्लाइट से जाने के लिए राजी हो जाते हैं। लेकिन आपको आधा सफर पैदल, नदी पार करके और बस से तय करना पड़ता है। रास्ते में खाना मिलना भी मुश्किल होता है। ऊपर से मौसमी कीड़े-मकौड़ों और जंगली जानवरों के काटने का डर भी रहता है। और इन सबके बाद अगर आप विदेश पहुंच भी गए तो विदेशी पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद तय होता है कि आपको विदेशी देश में शरण मिलेगी या नहीं।

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हर साल दर्ज हो रहा मामला

डंकी रूट के बारे में करनाल की एएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि पुलिस उनके पास आने वाले किसी भी मामले की तुरंत जांच करती है और आरोपियों के नेटवर्क से संपर्क करती है। एएसपी के अनुसार, पिछले तीन सालों में डंकी के जरिए लोगों को विदेश भेजने के कई मामले सामने आए हैं। 2021 में 63, 2022 में 101 और 2023 में अब तक लोगों को विदेश भेजने के 47 मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस की जांच जारी है।

रोज़गार की तलाश में विदेशों का रुख

विदेश यात्रा की कोशिश कर रहे युवाओं से लेकर गांव के बुजुर्गों और वीजा विशेषज्ञों तक, सभी इस बात पर सहमत हैं कि ज़्यादातर युवा काम की तलाश में विदेश जाते हैं। जबकि कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि देश की तेज़ जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोज़गारी बढ़ेगी, वहीं कुछ का मानना ​​है कि सरकार को भारत में युवाओं के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करने चाहिए ताकि उन्हें दूसरे देशों में भागना न पड़े। कम से कम उस अवैध तरीके से तो नहीं, जैसा कि डंकी।

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अगर सपने में दिख जाए ये चीज तो समझ लीजिए आने वाले हैं आपके अच्छे दिन, हो सकती है आपके घर में धन की वर्षा

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स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ सपने ऐसे होते हैं जो हमें आंतरिक खुशी या संतुष्टि देते हैं। वहीं कई बार हमें ऐसे सपने भी आते हैं जिनकी वजह से हम पूरा दिन परेशान रहते हैं। लेकिन हमें किसी भी सपने का मतलब जाने बिना उसे लेकर बेवजह परेशान नहीं होना चाहिए। लेकिन ये भी सच है कि इन सपनों का मतलब खुद से जानना मुश्किल होता है, ऐसे में हमें स्वप्न शास्त्र की मदद लेनी चाहिए। आज स्वप्न शास्त्र के जरिए हम आपको उन सपनों के बारे में बताएंगे जो संकेत देते हैं कि आपके अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं और घर में साल भर सुख-शांति रहने वाली है।

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हमें सपने क्यों आते हैं?

लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कि हमें सपने क्यों आते हैं। हमारा शरीर पांच महाभूतों से बना है: आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी। इन पांच महाभूतों को जीवन शक्ति कहा जाता है। आत्मा जीवन शक्ति के ऊपर निवास करती है। जब हम नींद की अवस्था में होते हैं तो हमारा शरीर सो जाता है लेकिन हमारी आत्मा जागृत अवस्था में रहती है और वह ब्रह्मांड में घूमती रहती है। हमारी जागृत आत्मा की प्रेरणा से हमारी बुद्धि तीन प्रकार की होती है। चेतन, अवचेतन और अतिचेतन, जो अतीत में हमारे द्वारा किए गए कार्य और वर्तमान में हम जो कार्य कर रहे हैं, उन्हें जोड़कर सपनों के माध्यम से संकेत देते हैं कि भविष्य कैसा होगा। यदि हम अच्छे कर्म करते हैं तो अच्छे सपने साकार होते हैं; यदि हम बुरे कर्म करते हैं तो बुरे सपने ही फलित होते हैं।

सोना

अगर आपको सपने में सोना दिखाई दे तो समझ लीजिए कि सब ठीक हो गया है। सपने में सोना देखना बहुत शुभ माना जाता है। इसे आपके जीवन में देवी लक्ष्मी के आने का संकेत माना जाता है और अगर आपको सपने में सोना दिखाई दे तो इसका मतलब है कि जल्द ही आपके घर में धन की वर्षा होने वाली है।

Gold and Indian Women
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सांप

एक आम गलत धारणा है कि सपने में सांप देखना अशुभ होता है, लेकिन यह सच नहीं है। सांप देखना सौभाग्य भी है। यह सब आपके सपने में सांप देखने के आस-पास की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, सपने में सांप को उसके बिल के पास देखना भी धन प्राप्ति के लिए शुभ होता है।

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दीपक

स्वप्न शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में दीपक का विशेष महत्व है और हर त्यौहार पर दीये जरूर जलाए जाते हैं। अगर आपको सपने में जलता हुआ दीपक दिखाई दे तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के अच्छे दिन आने वाले हैं और उसे लंबे समय से चली आ रही किसी आर्थिक समस्या से मुक्ति मिल सकती है।

उल्लू

उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है और मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसे में अगर आपको सपने में उल्लू दिखाई दे तो आपको भी समझ लेना चाहिए कि आपके जीवन में धन लाभ होने की संभावना है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा आप पर हो सकती है। स्वप्न शास्त्र में उल्लू देखना बहुत शुभ माना जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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इस ड्रग ने सिलिकॉन वैली में मचा दी है सनसनी! अब तक 8 CEO दे चुके हैं इस्तीफा

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Silicon Valley CEOs
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सैन फ्रांसिस्को स्थित ब्लूमटेक के सीईओ और सह-संस्थापक ऑस्टेन ऑलरेड के एक ट्वीट ने इस  समय सिलिकॉन वैली में हलचल मचा दी है। ऑस्टेन ऑलरेड ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आठ सिलिकॉन वैली के सीईओ ने साइकेडेलिक ड्रग्स के साथ प्रयोग करने के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी। उनका दावा है कि सिलिकॉन वैली के जिन संस्थापकों को मैं जानता हूँ, जो साइकेडेलिक सेल्फ-डिस्कवरी ट्रिप पर गए थे, उनमें से लगभग 100% ने एक साल के भीतर सीईओ के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी। लेकिन यह ड्रग क्या था और ऐसा क्या हो गया कि लोग सीईओ जैसे बड़े पद से इस्तीफा दे रहे हैं। आईए आपको बताते हैं विस्तार से।

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कौन सा ड्रग्स लेकर सीईओ छोड़ रहे पद?

सैन फ्रांसिस्को स्थित ब्लूमटेक के सीईओ और सह-संस्थापक ऑस्टेन ऑलरेड के अनुसार, साइकेडेलिक ड्रग प्रयोगों में शामिल होने के बाद सिलिकॉन वैली के आठ सीईओ ने इस्तीफा दे दिया है। ऑलरेड ने एक ट्वीट में दावा किया कि प्रमुख अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट व्यवसायों के शीर्ष अधिकारियों ने साइकेडेलिक अनुभवों के परिणामस्वरूप अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।

ऑलरेड के मुताबिक सिलिकॉन वैली के कई संस्थापकों ने कथित तौर पर सेल्फ-डिस्कवरी के लिए साइकेडेलिक्स लिया है। एक साल के भीतर, उनमें से सभी ने अपनी नौकरी छोड़ दी। यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है, उन्होंने कहा। ब्लूमटेक के सीईओ ने अपने स्वयं के पोस्ट पर उपयोगकर्ता एशले वेंस द्वारा की गई टिप्पणी के जवाब में दावा किया कि उन्हें एक वेंचर कैपिटलिस्ट द्वारा सूचित किया गया था कि अयाहुस्का वह कारण था जिसके कारण कई प्रतिभाशाली संस्थापक कंपनी छोड़ गए थे।

वहीं जब उनसे पूछा गया, “आपको लगता है कि अब कितने लोग खुश हैं?” तो उन्होंने जवाब दिया कि उनमें से चार अपनी भूमिकाओं से हटने के बाद संतुष्ट दिखाई दिए।

क्या है साइकेडेलिक ड्रग?

साइकेडेलिक दवाओं का उपयोग विभिन्न संस्कृतियों में आध्यात्मिक या उपचारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। इस ड्रग का उपयोग हाल ही में चिकित्सीय रूप से किया गया है, विशेष रूप से सेल्फ डिस्कवरी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए। यह दवा अवसाद के साथ-साथ कई अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोगी है।

नेटिज़ेंस की प्रतिक्रियाएँ:

ऑलरेड के पोस्ट पर एक एक्स उपयोगकर्ता ने लिखा, अगर महत्वाकांक्षा आपको लगातार दुखी बनाती है, तो साइकेडेलिक्स आपको यह समझने में मदद करते हैं कि आप क्या कीमत चुका रहे हैं। आप इसके लिए स्वाद खो देते हैं। कभी-कभी लोग सफल होने के लिए प्रेरित होते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सफलता उन्हें “काफी अच्छा” बना देगी, और इस तरह की दवाएँ भ्रम को तोड़ देती हैं।

एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, अगर आपके जीवन के अन्य हिस्से संतोषजनक नहीं हैं, तो सीईओ बनना निरर्थक है। यह तब स्पष्ट हो जाता है जब आपके पास गहरे (और अक्सर दर्दनाक) अनुभव होते हैं। तब नौकरी छोड़ना स्वाभाविक अगला कदम बन जाता है। जीवन स्थिति के बारे में नहीं है।

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‘राम तेरी गंगा मैली’ के बनने के पीछे ये है पूरी कहानी, झरने वाले सीन का आइडिया यहां से लिया गया था

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Ram Teri Ganga Maili
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‘राम तेरी गंगा मैली’ 80 के दशक की एक ऐसी फिल्म थी जो न सिर्फ सुपरहिट रही बल्कि इस फिल्म के सीन और डायलॉग आज भी दर्शकों के बीच पॉपुलर हैं। राज कपूर के निर्देशन में बनी यह फिल्म उनके करियर की सुपरहिट फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में राज कपूर के बेटे राजीव कपूर और मंदाकिनी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। यह फिल्म रिलीज होते ही सुपरहिट हो गई और बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की। लेकिन इस बेहतरीन फिल्म को बनाने के लिए राज कपूर को काफी मेहनत करनी पड़ी थी और आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि उन्हें यह फिल्म बनाने का ख्याल कैसे आया।

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वहीं, फिल्म में मुख्य किरदार कोई और नहीं बल्कि राज कपूर थे। उन्हें पद्मिनी के साथ देखा गया था। चलिए अब हम आपको फिल्म के निर्माण की कहानी बताते हैं।

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मॉस्को में हुई थी पद्मिनी से मुलाकात

राज कपूर की पहली मुलाक़ात मॉस्को में अभिनेत्री पद्मिनी से हुई थी। वहाँ उनके अभिनय ने उन्हें प्रेरित किया। निजी कारणों से, नरगिस 1956 में चोरी चोरी के बाद राज कपूर के साथ काम नहीं करना चाहती थीं। राज कपूर की कुछ फ़िल्में अच्छी नहीं चल रही थीं और उनका आत्मविश्वास कम होने लगा था। राज कपूर की मुलाक़ात पद्मिनी से एक मुश्किल समय में हुई और उन्होंने उन्हें वह आत्मविश्वास दिया जिसकी उन्हें ज़रूरत थी।

जिस देश में गंगा बहती है में किया काम

पद्मिनी और राज कपूर ने मिलकर फिल्म जिस देश में गंगा बहती है बनाई थी। राज कपूर की कई फिल्में असफल होने के कारण वे पद्मिनी के साथ काम करने से कतरा रहे थे। जब यह फिल्म आई तो इसने जबरदस्त धमाल मचा दिया। इसके गाने भी लोगों को खूब पसंद आए। कहा जाता है कि भारतीय फिल्म उद्योग में कभी भी किसी महिला मुख्य अभिनेत्री को इतनी हिम्मत के साथ नहीं दिखाया गया। इसके बाद, दोनों ने कई शानदार ब्लॉकबस्टर फिल्में निर्देशित कीं।

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इस सीन से मिला आइडिया

एक सीन में पद्मिनी के किरदार कम्मो को काली साड़ी पहने हुए झरने में नहाते हुए दिखाया गया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि अभिनेत्रियों द्वारा झरने के नीचे नहाने का चलन इसी फिल्म से शुरू हुआ। कई सालों बाद फ़िल्मफ़ेयर को दिए गए एक इंटरव्यू में जब इस सीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बिल्कुल भी हिम्मत वाला नहीं था। झरने वाले सीन ने राज कपूर को बहुत प्रेरित किया, जिन्होंने अपनी फ़िल्म इसी पर आधारित करने का फ़ैसला किया। फिल्म का नाम था राम तेरी गंगा मैली। इस फिल्म में एक मशहूर झरने वाला सीन था जिसमें मंदाकिनी सफेद साड़ी पहने झरने के नीचे खड़ी नजर आई थीं। इस सीन ने फैंस के बीच जबरदस्त क्रेज पैदा किया था।

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इस धर्म के लोग सबसे ज्यादा बेरोजगार, पढ़े-लिखे लोगों को भी नहीं मिल रही नौकरी, आंकड़े देख हैरान रह जाएंगे आप

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भारत जैसे देश में बेरोजगारी हमेशा से एक चुनौती रही है। कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर कोई बेरोजगारी का ठोस समाधान निकालने में कहीं न कहीं विफल रहा है। अगर बेरोजगारी के आंकड़ों पर गौर करें तो धर्म-जाति बनाम बेरोजगारी को लेकर एक नया पैटर्न देखने को मिलता है, जो काफी हैरान करने वाला है। दरअसल, हाल ही में रोजगार के आंकड़ों पर पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की नई रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में जुलाई 2023 से जून 2024 तक के आंकड़े हैं। रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान बेरोजगारी दर न तो बढ़ी है और न ही घटी है। लेकिन चिंता की बात यह है कि देश में पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है और अलग-अलग धर्मों में बेरोजगारी दर भी काफी अलग-अलग है।

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शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी!

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत के 83% बेरोज़गार युवा होंगे। इसके अलावा, पिछले 20 वर्षों में, बेरोज़गारों में शिक्षित व्यक्तियों का अनुपात लगभग दोगुना हो गया है। ILO के एक अनुमान के अनुसार, बेरोज़गारों में शिक्षित व्यक्तियों का प्रतिशत 2000 में 35.2% से बढ़कर 2022 में 65.7% हो गया। ILO के अनुसार, भारतीय युवाओं के सामने सबसे बड़ा मुद्दा – विशेष रूप से वे जो स्नातक हैं – बेरोज़गारी है, जो समय के साथ लगातार बढ़ रही है। PLFS की वार्षिक रिपोर्ट दर्शाती है कि शिक्षा के स्तर के साथ बेरोज़गारी बढ़ती है। यह दर्शाता है कि जो लोग बिल्कुल भी स्कूल नहीं जा पाते हैं उनके लिए बेरोज़गारी दर 0.2% है। हालांकि, अपनी शिक्षा का 12वां वर्ष पूरा करने वाले छात्रों की बेरोज़गारी दर इससे कम है।

this religion people are most unemployed
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जाति-धर्म का रिपोर्ट कार्ड

सर्वेक्षण के अनुसार, सिख धर्म का पालन करने वालों की देश में सबसे अधिक बेरोज़गारी दर है। 2023-2024 में बेरोज़गारी दर हिंदुओं के लिए 3.1%, मुसलमानों के लिए 3.2%, सिखों के लिए 5.8% और ईसाइयों के लिए 4.7% थी। इसके अलावा, 42% सिख, 37% मुसलमान, 45% ईसाई और 45% हिंदू रोज़गार में हैं। हालांकि, यह रुझान दर्शाता है कि रोज़गार या नौकरी चाहने वालों के मामले में मुसलमान वह समूह है जो सबसे अधिक बढ़ा है। 2022-2023 में 32.5% मुसलमान कार्यरत थे या सक्रिय रूप से रोज़गार की तलाश कर रहे थे। इसके विपरीत, 2023-2024 में 38% से अधिक मुसलमान ऐसे ही होंगे। इसी तरह, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 53% सदस्य कार्यरत थे या सक्रिय रूप से रोज़गार की तलाश कर रहे थे। इसके विपरीत, अनुसूचित जाति (एससी) के 44% और 45% लोग कार्यरत थे।

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रिपोर्ट में लिखी गईं ये खास बात…

रिपोर्ट बताती है कि कुल आबादी में से जिनके पास नौकरी थी, उनमें से 58.4% के पास अपनी नौकरी थी। जबकि, नियमित वेतन पाने वाले सिर्फ़ 21.7% लोग थे। वहीं, 19.8% दिहाड़ी मजदूर थे। वहीं, 15 से 29 साल के युवाओं में बेरोज़गारी दर थोड़ी बढ़ी है। इस उम्र के युवाओं में बेरोज़गारी दर 2022-23 में 10% थी, जो 2023-24 में बढ़कर 10.2% हो गई। शहरी इलाकों में यह 14.7% और ग्रामीण इलाकों में 8.5% रही।

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क्या खत्म हो जाएगा Beer Biceps का करियर? Ranveer Allahbadia के दो यूट्यूब चैनल हुए डिलीट

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Ranveer Allahbadia YouTube channels deleted
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पॉपुलर यूट्यूबर और इन्फ्लुएंसर रणवीर अल्लाहबादिया का करियर इस समय अपने चरम पर था। उनके पॉडकास्ट हिट हो रहे थे…बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज भी उनके शो पर आ रहे थे लेकिन अब सब खत्म हो गया है। दरअसल हम ये सब इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रणवीर अल्लाहबादिया साइबर अटैक का शिकार हो गए हैं। इसके चलते उनके दो यूट्यूब चैनल हैक हो गए हैं और हैकर्स ने चैनल का नाम बदलकर टेस्ला और ट्रंप कर दिया है। उनके दोनों चैनलों के वीडियो डिलीट कर दिए गए हैं और यूट्यूब ने इन चैनलों को फिलहाल रिमूव कर दिया है।

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सर्च करने पर चैनल नहीं हो रहा शो

इससे पहले, जब इस चैनल को सर्च किया गया था, तो YouTube यह संदेश दिखा रहा था कि इस चैनल को चैनल को नीति उल्लंघन के कारण हटा दिया गया है। अब, जब इस चैनल को सर्च किया गया, तो यह दिखा रहा है कि यह पेज उपलब्ध नहीं है। इसके लिए खेद है। कुछ और सर्च करने का प्रयास करें।

 

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ये 2 चैनल हुए डिलीट

यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया का ‘बीयर बाइसेप्स’ नाम से यूट्यूब चैनल था। इस पर सेलेब्स और कई राजनेताओं के इंटरव्यू पोस्ट किए जाते थे जिन्हें खूब व्यूज भी मिलते थे। लेकिन अब उनका यूट्यूब चैनल हैक हो गया है। यह घटना तड़के यानी 25 सितंबर को हुई। हैकर ने अकाउंट हैक कर उसका नाम बदलकर ‘@Tesla.event.trump_2024’ कर दिया। इतना ही नहीं, उनके दूसरे चैनल ‘बीयर बाइसेप्स’ का नाम बदलकर ‘@Elon.trump.tesla_live2024’ कर दिया।

हैकर्स ने व्यूअर्स को किया डबल रिटर्न का फर्जी वादा

हैकर ने एक भ्रामक लाइवस्ट्रीम (लोगों को गलत जानकारी देने वाले वीडियो) का इस्तेमाल किया, जिसमें एलन मस्क का AI-जनरेटेड अवतार दिखाया गया था। इस लाइवस्ट्रीम में हैकर्स ने दर्शकों से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए कहा और साथ ही दोगुना रिटर्न देने का झूठा वादा भी किया।

रणवीर अल्लाहबादिया ने इंस्टाग्राम पर दी जानकारी

रणवीर अल्लाहबादिया ने इस दुखद घटना के बारे में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक स्टोरी शेयर की। उन्होंने बर्गर और फ्राइज़ की तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “अपने दो मुख्य चैनलों को हैक करने का जश्न अपने पसंदीदा खाने के साथ मना रहा हूं। शाकाहारी बर्गर। बीयर बाइसेप्स की मौत मिली डाइट की मौत से। मैं मुंबई वापस आ गया हूं।”

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रणवीर अल्लाहबादिया को हुई करियर की चिंता

इसके बाद उन्होंने अपनी अगली इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी एक तस्वीर शेयर की। इस फोटो में वह आंखों पर स्लीपिंग मास्क लगाए मुस्कुराते नजर आ रहे हैं। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘क्या यह मेरे यूट्यूब करियर का अंत है? आप सभी को जानकर अच्छा लगा।’ आपको बता दें, रणवीर अल्लाहबादिया और उनकी टीम इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। ये लोग यूट्यूब के संपर्क में हैं और चैनल को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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किस तरह के वीडियो बनाते हैं अल्लाहबादिया?

रणवीर अल्लाहबादिया ने 22 साल की उम्र में अपना यूट्यूब करियर शुरू किया था। शुरुआत में वे फैशन से जुड़े वीडियो बनाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने पॉडकास्ट बनाना शुरू कर दिया। उनके कुछ पॉडकास्ट काफी लोकप्रिय हुए। अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट वीडियो में अलग-अलग इंडस्ट्री के कई दिग्गज नज़र आ चुके हैं। इसमें युवराज सिंह, केएल राहुल और अभिनव बिंद्रा जैसे खिलाड़ी से लेकर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार, करीना कपूर, टाइगर श्रॉफ, जॉन अब्राहम और कई अन्य बड़े नाम शामिल हैं।

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Bigg Boss 18: हो गया कंफर्म इन स्टार्स की एंट्री हुई पक्की

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रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी 3’ इस बार दर्शकों को रिझाने में नाकामयाब रहा. इस बार न होस्ट पसंद आया और न ही कंटेस्टेंट्स जिसके बाद अब बिग बॉस सीजन 18 छोटे पर्दे और ओटीटी पर दस्तक देने वाले हैं. Bigg Boss सीजन 18 के होस्ट भी इस बार बॉलीवुड स्टार सलमान खान ही रहने वाले है. ये शो 6 अक्टूबर को टेलिकास्ट होगा. जिसका पहला प्रोमो एयर हो चुका है. साथ ही बिग बॉस सीजन 18 में जो चेहरे घर में नजर आएंगे वो नाम भी कन्फर्म हो चुके है. तो  चलिए जानते है इस लेख में उन स्टार्स के बारे में जानते है. जो बिगबॉस सीजन 18 का हिस्सा बनाने जा रहे है.

कौन-कौन से 10 खिलाड़ियों का आना कंफर्म हो चुका है. 

हर साल की तरह इस साल भी Bigg Boss का सीजन 18 कलर्स टीवी पर जल्द ही शुरू होने वाला है. ‘बिग बॉस 18’ को लेकर फैंस की एक्साइटमेंट भी बढ़ती जा रही है. वही बिग बॉस सीजन 18 में जो स्टार्स घर में नजर आएंगे. उनमें निया शर्मा, शोएब इब्राहिम, धीरज धूपर, नायरा बनर्जी, शिल्पा शिरोडकर, मीरा देओस्थले, सायली सोलंकी, शांतिप्रिया, अविनाश मिश्रा, देब चंद्रिमा सिंह रॉय, चाहत पांडे, शहजाद धामी, जान खान, करण वीर मेहरा, रित्विक धनंजय, कर्म राजपाल और पद्मिनी कोल्हापुरी का नाम कंफर्म है.

इस लिस्ट में टीवी सीरियल एक्ट्रेस निया शर्मा का बतौर कंटेस्टें आना पक्का है. हालांकि निया शर्मा इस शो में कुछ घंटों के लिए गेस्ट के रूप में जरूर आई थीं. लेकिन अब बतौर कंटेस्टेंट पहली बार इस शो में हिस्सा ले रही हैं.

इस लिस्ट में दूसरा नाम बिगबॉस विनर दीपिका कक्कड़ के पति शोएब इब्राहिम का है. शोएब टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ में दीपिका के ऑनस्क्रीन पति का किरदार निभा चुके हैं.

इस लिस्ट में तीसरा नाम मॉडल एक्टर शहजाद धामी का है. शहजाद मॉडल और एक्टर के अलावा फिटनेस फ्रीक भी हैं. इसके साथ ही उनका स्टाइल काफी ज्यादा चर्चा में रहता है.

इस शो में चौथा नाम एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी का है. इनकी एंट्री सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है. पद्मिनी कोल्हापुरी बीते दौर की एक फेमस एक्ट्रेस हैं और बॉलीवुड की नामचीन शख्सियत हैं.

अगला नाम साउथ एक्ट्रेस नायरा बनर्जी का आता है. नायरा बनर्जी तेलुगू, तमिल और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं हैं और इस बार सलमान खान के शो का हिस्सा बनने वाली हैं.

टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ और ‘कुंडली भाग्य’ में नजर आ चुके एक्टर धीरज धूपर को कौन नहीं जानता. इनकी फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है. इनका भी शो में आना कंफर्म है.

‘इश्कबाज’ और ‘ये तेरी गलियां’ शोज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले अविनाश मिश्रा भी इस बार ‘बिग बॉस 18’ का हिस्सा बनने वाले हैं.

तेलुगु फिल्म स्टार महेश बाबू की साली और अमृता शिरोडकर की बहन और दमदार एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर का भी इस शो में आना पक्का माना जा रहा है. इन्होंने बॉलीवुड में 80 से 90 के दशक में काम किया था.

वही कई सारे शोज में बतौर एंकर नजर आ चुके टीवी के फेमस स्टार ऋत्विक धनजानी भी ‘बिग बॉस 18’ में नजर आने वाले हैं.

इसके अलवा डेली सोप ‘पवित्र रिश्ता’ और ‘तेरा क्या होगा’ जैसे शोज में नजर आ चुके एक्टर करण वीर मेहरा भी बिगबॉस सीजन 18 में बतौर कंटेस्टें नजर आने वाले है.

मुकाबला कैसा होगा

बिग बॉस सीजन 18 के कंटेस्टें के इन नामों को देखते हुए लग रहा है कि इस बार बिग बॉस के घर में मुकाबला दिलचस्प होगा. खिलाड़ियों के बीच काफी ज्यादा बवाल देखने को मिलेगा की आप सोच भी नहीं सकते है.

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क्या है ये डिजिटल अरेस्ट का झोल, जानिए कॉल आने पर पीड़ित के साथ क्या होता है?

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इन दिनों देश में एक के बाद एक डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं। खासकर यह मामला उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। हाल ही में मेरठ में एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से 1.73 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। ठगों ने बैंक कर्मचारी को करीब 4 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इसी तरह मेरठ के सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले बुजुर्ग सूरज प्रकाश से भी ठगी की जाती है। एक दिन उनके पास फोन आता है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया जाता है और उन्हें चार दिन तक घर में डिजिटल अरेस्ट में रखा जाता है। इस दौरान उनसे 1 करोड़ 73 लाख रुपये की ठगी की जाती है। इससे पहले डिजिटल अरेस्ट का मामला तब लाइमलाइट में आया था जब पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका टंडन को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया था और उनसे 2.81 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि आखिर लोग डिजिटली अरेस्ट कैसे हो जाते हैं और जालसाजों की कॉल क्यों नहीं काट पाते। आइए इस लेख में आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

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क्या है डिजिटल अरेस्ट?

सबसे पहले जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट क्या है। इस तरह की धोखाधड़ी दरअसल काफी नई है। सबसे पहले पीड़ित को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बुलाया जाता है और कैमरे के सामने घंटों या दिन बिताने के लिए मजबूर किया जाता है या बहकाया जाता है। जब कोई आम आदमी ऐसी चालों में फंस जाता है, तो उसे डिजिटल रूप से कैद कर लिया जाता है। इस दौरान स्कैमर्स पीड़ित से कई तरह की निजी जानकारी ले लेते हैं ताकि उनका बैंक अकाउंट खाली किया जा सके।

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इस वजह से नहीं काट पाते फोन

इस मामले में सवाल यह है कि ठगी का शिकार व्यक्ति अपना फोन क्यों नहीं काटता, जबकि ठगी करने वाले उसे ठग रहे होते हैं। इसके अलावा, यह भी गौर करने वाली बात होती है कि कैसे कोई व्यक्ति कई दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रह सकता है। असल में ठगी करने वालों का जाल शिकार को डरा देता है। सरल शब्दों में कहें तो, कल्पना करें कि ठगी करने वाला व्यक्ति किसी को फोन करता है और खुद को आयकर एजेंसी या पुलिस स्टेशन से होने का दावा करता है, और उन्हें बताता है कि उनके नाम पर ठगी की जा रही है।

इसके बाद ठगी करने वाला व्यक्ति उन्हें बताता है कि जब तक हमारी टीम आपसे पूछताछ करने के लिए नहीं आती, तब तक आप हमारे अधिकारियों के सामने बैठे रहेंगे और हम आपको वीडियो कॉल कर रहे हैं।

सब कुछ सच लगता है

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो कॉल के दौरान ही व्यक्ति को पुलिस स्टेशन से कॉल आती है। साथ ही व्यक्ति को आश्चर्य होता है कि आखिर मामला क्या है, क्योंकि उसने कुछ गलत नहीं किया है और अधिकारी उसे केवल कैमरे के सामने रहने के लिए कह रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग पुलिस के डर से कैमरे से दूर जाने से इनकार कर देते हैं। इस कारण से लोग डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार हो जाते हैं। भारत में हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। इसने बड़े शहरों में खास तौर पर पढ़े-लिखे लोगों को निशाना बनाया है, अपराधियों ने पीड़ितों को डिजिटल तरीके से हिरासत में लिया है और उनके खातों से लाखों रुपये उड़ा लिए हैं।

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ऐसे होता है डिजिटल अरेस्ट

-आपके फोन पर एक व्हाट्सएप कॉल आएगा।

– कॉल का बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन जैसा दिखेगा।

– फिर आपको मनी लॉन्ड्रिंग, परिवार के किसी सदस्य के बलात्कार में शामिल होने आदि की धमकी दी जाएगी।

-वे आधार कार्ड सहित बैंक खाते का विवरण मांगेंगे।

– आपको बताया जाएगा कि आप डिजिटल अरेस्ट हैं और आपको अपने घर में ही रहना होगा।

– आपको गिरफ्तार करने और बैंक खाता जब्त करने की धमकी दी जाएगी।

– आपसे एक फर्जी ऐप डाउनलोड करवाया जाएगा और एक फॉर्म भरा जाएगा।

– जुर्माने के नाम पर डमी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे।

 कॉल आने पर क्या करें

– अनजान नंबर से आने वाली व्हाट्सएप कॉल को न उठाएं।

– अगर आप कॉल उठा भी लें तो अपनी निजी जानकारी शेयर न करें।

– अगर कोई आपको या आपके परिवार के सदस्यों को धमका रहा है कि आप मुसीबत में फंस जाएंगे तो साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।

– अगर कोई आपसे डिजिटल गिरफ्तारी की बात करता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन से मदद लें।

– किसी के झांसे में आकर पैसे ट्रांसफर न करें। साइबर अपराधियों का यही मकसद होता है।

– ध्यान रखें कि पुलिस, ईडी या कोई भी सरकारी एजेंसी ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करती।

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क्या है कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर जमीन घोटाले का केस 

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को MUDA लैंड स्कैम में हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इस मामले में हाई कोर्ट से गवर्नर के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई है. कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने कहा- ‘याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है. केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है.’ बता दें कि इस मामले में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं. ताकि सीबीआई निष्पक्ष जांच कर पाए.

क्या है MUDA लैंड स्कैम जानें

दरअसल, ये मामला जमीन के एक टुकड़े का है. जिसकी लम्बाई चौड़ाई 3.14 एकड़ में है, जो सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है. बीजेपी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर लगातार हमलावर है और उन्होंने सीएम सिद्धारमैया के इस्ताफे की मांग की है. वही  कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की परमिशन दी थी. राज्यपाल के आदेश को CM सिद्धारमैया ने 19 अगस्त को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

अब हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने पर सिद्धारमैया ने कहा कि उनका सच जरूर सबके सामने आएगा. सिद्धारमैया ने कहा, “मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं. आखिर में सच सामने आएगा. सच की ही जीत होगी.” उन्होंने ये भी कहा कि PM मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बदले की भावना से राजनीति कर रही है. हाँलांकि, सिद्धारमैया का कहना है कि यह जमीन उनकी पत्नी पर्वती के भाई ने उन्हें गिफ्ट में दी है. MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था.

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साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान Urban Development Institute मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने किसानों से कुछ जमीन रिहायशी इलाके में डेवलप करने के लिए ली थी. इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत अधिग्रहीत भूमि मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई. इस बीच 1992 में MUDA ने इस जमीन को डीनोटिफाई कर कृषि भूमि से अलग कर दिया.

सिद्धारमैया पर कई आरोप भी लगे हैं कहा तो ये भी जा रहा कि सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत केसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है. वही स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM के पद पर रहे. भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हों, लेकिन उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की. सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी.

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सिद्धारमैया ने आरोपों पर क्या कहा

बता दें, यह पूरा मामला जमीन से जुड़ा हुआ है. जो की CM की पत्नी ने नाम पर है. इस मामले पर लगातार BJP सरकार कर्नाटक सरकार पर तंज कास रही है. और सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. इन्ही आरोपों पर अब सिद्धारमैया ने कहा- 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था. मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है.