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अब क्या होगा अशोक तंवर का? हरियाणा चुनाव से 2 दिन पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल

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haryana politics vs Ashok Tanwa
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हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly Elections) की कुल 90 सीटों में से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा राज्य में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है, जबकि दो सीटें इनेलो के खाते में गई हैं। मंगलवार को घोषित हरियाणा के चुनाव नतीजों ने सबको सही साबित कर दिया है, क्योंकि हरियाणा एग्जिट पोल (Haryana Exit Poll) ने कांग्रेस की जीत पक्की बताई थी। वहीं, मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस ने दलबदलुओं का जोरदार स्वागत किया। इनमें भाजपा की चुनावी रैली से सीधे कांग्रेस में शामिल होने वाले अशोक तंवर (Ashok Tanwar) का नाम सुर्खियों में है। हालांकि, अब बड़ा सवाल यह है कि अब अशोक तंवर का क्या होगा?

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कांग्रेस द्वारा अशोक तंवर का गर्मजोशी से स्वागत – Ashok Tanwar warmly welcomed by Congress

हरियाणा चुनाव में जीत की संभावनाओं से उत्साहित कांग्रेस ने जब चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले अशोक तंवर को वापस लाया तो इसे भी पार्टी का अति आत्मविश्वास और अहंकार ही माना गया। राहुल गांधी ने भी अशोक तंवर का स्वागत किया। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लेकिन मंगलवार को आए नतीजों ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

 haryana politics vs Ashok Tanwa
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दरअसल कांग्रेस में शामिल होने से कुछ घंटे पहले सिरसा के पूर्व सांसद तंवर ने सफीदों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार किया था और मतदाताओं से भाजपा को तीसरी बार सत्ता में लाने का आह्वान किया था, जो मंगलवार आए नतीजों के साथ आखिरकार हकीकत में बदल गया।

तंवर को कभी राहुल का करीबी माना जाता था

दरअसल, तंवर दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के संपर्क में थे और एक दिन पहले ही उनकी पार्टी में वापसी का रास्ता साफ हो गया था। राहुल गांधी जैसे ही अपना भाषण खत्म कर रहे थे, मंच से घोषणा की गई कि कुछ मिनट प्रतीक्षा करें। इसके तुरंत बाद तंवर (48) मंच पर आए और घोषणा की गई कि आज उनकी घर वापसी हो गई है। तंवर को कभी राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। दलित समुदाय के नेता तंवर की कांग्रेस में वापसी से पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद थी।

अशोक तंवर का बीजेपी संग इतिहास Ashok Tanwar’s history with BJP

इसी साल तंवर भाजपा के सदस्य बने। वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद के चलते उन्होंने 2019 में पार्टी छोड़ दी थी। 5 अक्टूबर को शाम 6 बजे होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले ही वे पार्टी के सदस्य बने। 5 अक्टूबर को तंवर ने ‘X’ पर पोस्ट किया था कि उन्होंने सफीदों (जींद) से भाजपा प्रत्याशी राजकुमार गौतम के समर्थन में आयोजित जन आशीर्वाद रैली में उपस्थित लोगों को संबोधित किया था और उनसे भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए कमल के फूल का बटन दबाने का आग्रह किया था। बाद में तंवर ने यह पोस्ट हटा दी।

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पुराने दल-बदलु हैं तंवर

अप्रैल 2022 में अशोक तंवर आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य बन गए। आप में शामिल होने से पहले उन्होंने कुछ समय तृणमूल कांग्रेस में बिताया। मई में भाजपा में शामिल होने के बाद तंवर ने सिरसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस की कुमारी शैलजा के खिलाफ चुनाव लड़ा। भाजपा ने सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर तंवर को मैदान में उतारा।

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BYD eMax 7 MPV: Price List, Features, Battery Options

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BYD eMax 7 Price List

BYD eMAX7 is launched at a price of Rs. 26.90 lakhs. BYD provides an 8-year/1.6 lakh km standard battery warranty, while the motors get an 8-year/1/5 lakh km warranty.

BYD eMax 7 Price List

Pricing of the BYD eMax 7:

  • Premium 6 seater – 55.4 KWH – Rs. 26,90,000
  • Premium 7 seater – 55.4 KWH – Rs. 27,50,000
  • Superior 6 seater – 71.8 KWH – Rs. 29,30,000
  • Superior 7 seater – 71.8 KWH – Rs. 29,90,000

BYD eMax 7 is the facelift for the e6 MPV
Top-spec Superior trim gets ADAS suite, panoramic sunroof
Premium trim gets 55.4kWh battery (420km range)
Superior trim gets 71.8kWh battery (530km range)

Each variant of the eMax 7 gets a battery pack option: the Premium has a 55.4kWh unit with an NEDC range of 420km, while the Superior has a 71.8kWh unit with 530km of range. While the Premium trim gets 163hp and a claimed 0-100kph time of 10.1 seconds, the Superior has 204hp and a claimed 0-100kph time of 8.6 seconds; however, both get 310Nm. That’s quite a significant step up from the 95hp and 180Nm outputs of the outgoing e6 MPV. BYD claims a top speed of 180kph for both variants of the eMax 7.

Some salient points of the car

  1. The car is India’s first 6/7 seater electric MPV
  2. Power – 150 KW and Torque – 310 nm
  3. Battery capacity – 55.4/71.8 KWH battery, Claimed Range – 420/530 kms
  4. 8 in 1 power train
  5. Blade battery
  6. Ventilated Front Seats
  7. Power adjusted for driver and co-driver
  8. Flat bed boot when seats are folded
  9. NFC key card for the key
  10. Panoramic Glass roof
  11. All three row AC vents
  12. 12.8 inch infotainment screen
  13. 360 camera
  14. ADAS
  15. 6 airbags standard
  16. V2L is provided
  17. Warranty is standard – 8 years and 1,60,000 kms

Some things which are a miss

  1. Lack of buttons majority things are controlled by screen
  2. Instrument cluster is not digital.

किसी का अंतर 1 लाख तो किसी का अंतर मात्र 32 वोट, ये हैं Haryana Election में सबसे ज्यादा और सबसे कम अंतर से जीतने वाले उम्मीदवार

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Devendra Atri and Mamman Khan
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हरियाणा चुनाव (Haryana election) के नतीजे आ गए हैं और एक बार फिर बीजेपी (BJP) राज्य में अपनी सरकार बनाने में सफल रही है। बीजेपी 48 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। वहीं, हरियाणा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी (congress candidate) मामन खान (Maman Khan) को सबसे बड़ी जीत मिली है। फिरोजपुर झिरका सीट से मम्मन खान को 130497 वोट मिले हैं। नूंह दंगों (Nuh riots) में गिरफ्तार हुए मामन खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 98441 वोटों से हराया। उनके मुकाबले बीजेपी के नसीम अहमद को सिर्फ 32056 वोट मिले। वहीं अगर सबसे कम अंतर वाली जीत की बात करें तो उचाना कलां में बीजेपी कैंडिडेट (BJP Candidate) देवेंद्र अत्री (Devendra Atri) सबसे कम वोटों से जीते हैं।

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फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान को नूंह में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन आरोपों के बावजूद मामन खान सबसे ज़्यादा अंतर से जीत कर विजेता बने। हालांकि, उनकी पार्टी हरियाणा में सरकार नहीं बना सकी।

मामन खान रिकॉर्ड तोड़ विक्ट्री- Maman Khan Record Breaking Victory

मामन खान को 1,30,497 वोट मिले, जबकि नसीम अहमद को सिर्फ 32 हजार 56 वोट मिले। इसके अलावा इनेलो उम्मीदवार मोहम्मद हबीब को सिर्फ 15,638 वोट मिले। इस सीट पर जेजेपी उम्मीदवार जान मोहम्मद को सिर्फ 720 वोट मिले और वह 5वें नंबर पर रहे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार वसीम जफर को नोटा से भी कम वोट मिले। जहां नोटा को 439 वोट मिले, वहीं आप उम्मीदवार को सिर्फ 234 वोट मिले।

Mamman Khan
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BJP के देवेंद्र अत्री की जीत

इसके अलावा उचाना कलां से भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री सबसे कम अंतर से जीते। देवेंद्र अत्री ने इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह को 32 वोटों से हराया। बृजेंद्र सिंह को 48,936 वोट मिले, जबकि देवेंद्र अत्री को 48,968 वोट मिले। इसके अलावा इस सीट पर सबसे चर्चित नाम पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का रहा, जो इस बार पांचवें नंबर पर रहे। दुष्यंत को महज 7,950 वोट मिले। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पवन फौजी आठवें नंबर पर रहे।

Devendra Atri
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हरियाणा में चुनाव परिणाम क्या रहे?

हरियाणा में इस बार भाजपा ने लगातार तीन चुनाव जीते हैं, क्योंकि उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। इस बार भाजपा ने 48 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस सिर्फ़ 37 सीटें ही जीत पाई। इस चुनाव में जनता ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया। जेजेपी और चंद्रशेखर की पार्टी एएसपी ने गठबंधन किया था। इसके बाद भी दोनों में से किसी ने खाता नहीं खोला।

इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया। पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही। हालांकि, अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट से हार गए। INLD और BSP ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके बाद भी बसपा अपना खाता नहीं खोल पाई। राज्य में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है। इनमें हिसार से सावित्री जिंदल, गन्नौर से देवेंद्र कादयान और बहादुरगढ़ से राजेश जून ने जीत दर्ज की है।

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जब बॉबी देओल की पत्नी तान्या और करीना के बीच हुई अनबन, सेट पर मच गया था हंगामा

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Bobby Deol's wife Tanya and Kareena fight
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बॉलीवुड में अभिनेत्रियों के बीच झगड़े आम बात है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई अभिनेत्री लीड एक्टर की पत्नी से झगड़ पड़ी हो? अगर नहीं, तो आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। दरअसल, हम बात कर रहे हैं करीना कपूर और बॉबी देओल की पत्नी तान्या देओल (Kareena kapoor Bobby Deol wife Tanya) के बीच झगड़े की। इन दोनों के बीच की लड़ाई अक्सर अफवाहों और गॉसिप का हिस्सा रही है। आइए आपको बताते हैं पूरा किस्सा।

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जब तान्या और करीना के बीच हुई अनबन (Kareena Bobby Deol wife Tanya fight)

कम ही लोग जानते हैं कि करीना को बॉबी देओल (Bobby Deol) की पत्नी तान्या देओल से सख्त नफरत है, जिसकी वजह से उनकी और बॉबी की दोस्ती में दरार आ गई है। यह 2001 में फिल्म अजनबी की मेकिंग के दौरान हुआ था। इस फिल्म में करीना कपूर खान ने बॉबी देओल की पत्नी का किरदार निभाया था। करीना और बॉबी के अलावा इस फिल्म में बिपाशा बसु और अक्षय कुमार भी मुख्य भूमिका में थे।

Bobby Deol's wife Tanya and Kareena fight
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करीना और तान्या के बीच झगड़ा

फिल्म अजनबी की शूटिंग के दौरान बिपाशा बसु और करीना कपूर के बीच झगड़ा हो गया था। दोनों के बीच लंबे समय से दुश्मनी थी, लेकिन बॉबी की पत्नी तान्या बिपाशा के साथ उनके झगड़े में शामिल हो गईं। आईबीटी की एक स्टोरी के मुताबिक, तान्या अजनबी के सेट पर बिपाशा बसु के आउटफिट में मदद कर रही थीं, जिससे करीना की मां नाराज हो गईं और दोनों के बीच झगड़ा हो गया।

Bobby Deol's wife Tanya and Kareena fight
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करीना की मां से झगड़ा

वहीं, बबीता शॉट के दौरान बॉबी को टारगेट करती थीं। बॉबी ने पहले तो इसे नजरअंदाज किया, लेकिन उनकी पत्नी इसे बर्दाश्त नहीं कर पाईं। इसके बाद तान्या ने बबीता को डांटा और उनके साथ बदतमीजी करने लगीं। यह सब देखकर करीना भड़क गईं और लड़ाई में शामिल हो गईं। फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें बॉबी की पत्नी तान्या से दिक्कत थी क्योंकि वह मेरी मां से ठीक से बात नहीं कर रही थीं, जो मुझे पसंद नहीं था।

जब करीना ने लिया बॉबी से बदला

तान्या देओल को बबीता का इतनी छोटी सी बात पर भड़कना समझ में नहीं आया। इसके बाद तान्या ने करीना की मां बबीता को फटकार लगाई। इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, थप्पड़ मारने की यह घटना इंडस्ट्री में सबसे चर्चित है। इसने काफी विवाद भी पैदा किया। आरोप है कि दोनों पक्षों के बीच अपमानजनक भाषा का आदान-प्रदान हुआ। हालांकि, थप्पड़ मारने की घटना को कभी किसी ने नहीं उठाया। हालांकि, करीना ने लंबे समय बाद बॉबी देओल से बदला लिया। आपको बता दें कि बॉबी देओल इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब वी मेट’ में मुख्य किरदार निभाने वाले थे। लेकिन करीना कपूर की वजह से शाहिद कपूर ने उनकी जगह ले ली।

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Ankit Kumar Awasthi: करोड़ों का पैकेज छोड़कर अफसर बने थे, अब अचानक छोड़ दी सरकारी नौकरी,  जानें क्यों?

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Ankit Kumar Awasthi vs govt job
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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। इस खबर के मुताबिक राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के एक अधिकारी ने दो साल बाद अचानक इस्तीफा दे दिया। अब सरकारी नौकरी छोड़ना कोई मजाक नहीं है। लेकिन यहां सवाल उठता है कि आखिर इतना बड़ा पद छोड़ने वाला यह अधिकारी कौन था और पद छोड़ने के पीछे क्या वजह थी। दरअसल हम बात कर रहे हैं अंकित कुमार अवस्थी (Ankit Kumar Awasthi) की, जिन्होंने करोड़ों का पैकेज छोड़कर जयपुर में आबकारी अधिकारी (Excise Officer in Jaipur) के तौर पर सरकारी नौकरी चुनी और अचानक सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला किया।

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इस वजह से छोड़नी पड़ी नौकरी- Ankit Kumar Awasthi quit job

मीडिया से बातचीत में अंकित कुमार अवस्थी ने बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों की वजह से सरकारी नौकरी छोड़ी थी। अंकित ने दावा किया कि जब उन्होंने वैशाली नगर में करोड़ों रुपये का घर बनवाया तो लोग उनके बारे में अपमानजनक बातें करने लगे। अंकित का दावा है कि अफ़वाहें फैलीं कि उन्हें आबकारी अधिकारी के तौर पर मोटी तनख्वाह मिल रही है। उन्हें यह चिंता होने लगी कि लोग उनकी मेहनत की कमाई को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जोड़ देंगे, भले ही उन्होंने इसका कुछ भी इस्तेमाल किया हो। यही वजह है कि उन्होंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया।

अंकित ने दिया करोड़ों का टैक्स

सरकारी नौकरी के अलावा अंकित कुमार कई तरह के काम करते हैं। वे यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर युवाओं को सलाह देते हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर उनके करीब एक करोड़ फॉलोअर्स हैं। अंकित ने बताया कि वे 2011 से शिक्षक हैं और उन्होंने दिल्ली और कोटा जैसे कई ऑनलाइन शिक्षण संस्थानों में बच्चों को पढ़ाया है। कोरोना से पहले उन्होंने एक करोड़ रुपए टैक्स भी भरा था।

इसलिए बने सरकारी अफसर

अंकित का दावा है कि वह कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और कोचिंग सेंटर के ज़रिए हर साल करीब 5 करोड़ रुपए कमा रहे थे, लेकिन एक दिन एक बच्चे की बात ने उन्हें सरकारी सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया कि बच्चों को निर्देश देते समय उन्होंने अपने स्वर्ण पदक का जिक्र किया था। इस पर एक बच्चे ने जवाब दिया, “कभी खुद का एग्जाम निकाल पाए तो बताएं।” यही बात उन्हें चुभ गई, उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की परीक्षा देने का फैसला किया क्योंकि इससे उन्हें दुख पहुंचा। उन्होंने परीक्षा पास की और उनका चयन हुआ। नतीजतन, उनके परिवार के कई सदस्य अधिकारी बन गए। अंकित अब आरएएस में शामिल होने और छोड़ने की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। वह बच्चों को समझाते हैं कि सरकार के लिए काम करना ही सब कुछ नहीं है।

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वैनिटी में हिडन कैमरा! तमिल हीरोइन ने खोली इंडस्ट्री के मर्दों की पोल, जानिए चौंकाने वाला सच

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Tamil actress Radhika Sarathkumar
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जस्टिस हेमा कमेटी (Justice Hema Committee) की रिपोर्ट जारी होने के बाद, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कई साउथ अभिनेत्रियों ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए हैं। प्रतिदिन नए मामले सामने आने के साथ, ये खुलासे चौंकाने वाले हैं। महिलाओं के अलावा, कुछ पुरुष कलाकारों पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। इसी बीच ऋषि कपूर की पुरानी फिल्म ‘नसीब अपना अपना’ में नजर आ चुकी तमिल अभिनेत्री राधिका सरथकुमार (Tamil heroine Radhika Sarathkumar) का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है।

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राधिका सरथकुमार के चौंकाने वाले खुलासे- Radhika Sarathkumar shocking revelations

केरल में काम के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर वैनिटी वाहन में छिपे हुए कैमरे पाए जाने का दावा किया। सरथकुमार के अनुसार, क्रू के सदस्य डेटा इकट्ठा करने के लिए महिलाओं के नए कपड़े बदलते समय चुपके से उनका वीडियो बनाते थे। उन्होंने यह भी बताया कि सेट पर कुछ लोगों को लड़कियों के न्यूड वीडियो फोन पर देखते हुए पकड़ा था। जब उन्होंने इस बारे में सवाल किया, तो पता चला कि ये वीडियो वैनिटी वैन में छिपे कैमरों के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए थे।

वैनिटी वैन में कैमरे लगे थे

राधिका ने एशियानेट न्यूज़ के नमस्ते केरला से कहा, जब मैं केरला में सेट पर थी, तो मैंने देखा कि लोग एक जगह पर इकट्ठे होकर कुछ देख रहे थे और हंस रहे थे। जब मैं पास गई, तो वे एक वीडियो देख रहे थे। मैंने क्रू मेंबर से पूछा कि ये लोग क्या देख रहे थे? मुझे बताया गया कि वैनिटी वैन में कैमरे लगे हैं और वे कैमरे महिलाओं के कपड़े बदलते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस आर्टिस्ट का नाम टाइप करें और आपको उनके कपड़े बदलते हुए वीडियो मिल जाएँगे। मैंने वह वीडियो भी देखा।”

वैनिटी वैन में जाने से डरती थीं

हालांकि, एक्ट्रेस ने यह नहीं बताया कि यह घटना कहां हुई थी। उन्होंने कहा, ‘अगर हम ऊपर थूकेंगे तो यह हमारे ऊपर गिरेगा, इसलिए मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहती।’ राधिका ने याद किया कि वह इस घटना से काफी परेशान थीं और अपने वैनिटी रूम में जाने से डरती थीं। उन्होंने आगे कहा, ‘यह सिस्टम सही नहीं है। घटना के बाद मैंने बाकी फीमेल एक्टर्स को छिपे हुए कैमरों के बारे में बताया। घटना के बाद मुझे अपनी वैनिटी वैन में जाने से डर लगने लगा। यह हमारे लिए कपड़े बदलने, आराम करने और खाना खाने की निजी जगह है।

कई मलयालम अभिनेताओं और निर्देशकों ने आरोप लगाया

इसके बाद उन्होंने टीम से धमकी दी और छिपे हुए कैमरों के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने जवाब दिया, “वे इस पर गौर करेंगे।” हाल ही में कई मलयालम अभिनेत्रियाँ यौन उत्पीड़न के अपने भयावह अनुभवों के बारे में बात करने के लिए सामने आई हैं। अभिनेता जयसूर्या और एडावेला बाबू, मलयालम फिल्म निर्देशक रंजीत और सीपीआई (एम) विधायक और अभिनेता मुकेश उन लोगों में शामिल हैं जिन पर मौखिक और यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, यौन उत्पीड़न के आरोप में बड़ी संख्या में अन्य लोग भी सामने आए हैं।

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Piro Preman: जानिए एक दलित यौनकर्मी और पंजाबी कवि के बारे में जिन्होंने पितृसत्ता को दी चुनौती

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Punjabi poet Piro Preman
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पंजाब के इतिहास (punjab history) में कई ऐसे पन्ने हैं जो समय के साथ धूल खा रहे हैं। लेकिन आज हम उन दबी हुई किताबों से एक खास किस्सा लेकर आए हैं जिसके बारे में बहुत कम या शायद कोई नहीं जानता। दरअसल आज हम आपको पीरो प्रेमन (Piro Preman) के बारे में बताएंगे, जो एक दलित यौनकर्मी और पंजाबी कवि थीं, जिन्होंने 19वीं सदी में अपनी कविताओं और लेखन के ज़रिए पितृसत्ता, धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक असमानताओं को चुनौती दी थी। उनका जीवन और कार्य पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के संघर्ष और आत्म-सशक्तिकरण का प्रतीक है।

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पीरो प्रेमन का जीवन- Life of Piro Preman

पीरो प्रेमन का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था और उनका शुरुआती जीवन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा था। उन्हें जबरन सेक्स वर्क में धकेला गया, लेकिन उन्होंने इस पेशे में रहते हुए भी अपने अस्तित्व और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से उन्होंने न केवल समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को उजागर किया बल्कि पितृसत्ता और धार्मिक पाखंड को भी चुनौती दी।

Life of Piro Preman
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उनका साहित्य और विचारधारा

पीरो प्रेमन की कविताएँ (Poems by Piro Preman) पितृसत्ता, धार्मिक पाखंड और सामाजिक असमानताओं के ख़िलाफ़ विद्रोह की आवाज़ थीं। उनकी रचनाओं में महिलाओं की कामुकता, दलित पहचान और सामाजिक शोषण के विषय प्रमुखता से उभर कर आते हैं। उनके काम ने उस समय की रूढ़िवादी मानसिकता को चुनौती दी और उन्होंने महिलाओं के आत्म-सशक्तिकरण की बात की।

उनकी रचनाएँ पितृसत्ता के खिलाफ़ एक सशक्त आवाज़ थीं, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर महिलाओं के शोषण और संघर्ष को सामने लाया। उनकी कविताएँ अक्सर महिलाओं की आज़ादी और उनके अधिकारों की बात करती हैं, जो उस समय की सामाजिक व्यवस्था में महिलाओं के लिए एक विद्रोही विचारधारा थी।

पितृसत्ता को चुनौती

अपनी कविताओं के माध्यम से पीरो प्रेमन ने समाज में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव और शोषण को चुनौती दी। उन्होंने न केवल पुरुष प्रधान समाज पर सवाल उठाए बल्कि धार्मिक संस्थाओं के पाखंड को भी उजागर किया। उनकी रचनाओं में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि उन्होंने उस समय के समाज में व्याप्त जातिगत और लैंगिक असमानताओं के खिलाफ आवाज उठाई।

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उनके योगदान का महत्व

दलित साहित्य और नारीवाद में पीरो प्रेमन का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने उस समय के समाज में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के अधिकारों और स्थिति के बारे में सवाल उठाए, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता था। उनकी रचनाएँ बताती हैं कि समाज के सबसे निचले स्तर पर भी व्यक्ति अपनी आवाज़ उठा सकता है और समाज के गलत मूल्यों को चुनौती दे सकता है। उनका जीवन और कार्य हमें यह प्रेरणा देते हैं कि सशक्तिकरण केवल बाहरी परिस्थितियों से नहीं आता है, बल्कि व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और सोच से आता है।

पीरो का असली नाम

पीरो के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, लेकिन जसबीर सिंह के अनुसार गुलाबदास के डेरे में ही उनका कविता के प्रति रुझान हुआ और उनका नाम पीरो प्रेमन रखा गया। इतिहासकार डॉ. राज कुमार हंस ने बीबीसी को बताया, पीरो उनका असली नाम नहीं था। उनका असली नाम आयशा था, लेकिन जब वो गुलाबदास के संपर्क में आईं और डेरे में रहने लगीं, तो वो इतनी प्रतिभाशाली और ज्ञानी थीं कि उन्हें पीर का दर्जा दिया गया। लेकिन चूंकि वो एक महिला थीं, इसलिए उनका नाम पीर से बदलकर पीरो रख दिया गया। उन्हें पीरो प्रेमन इसलिए कहा गया क्योंकि वो सिर्फ़ पीर ही नहीं थीं बल्कि एक महान प्रेमन भी थीं। और किसकी प्रेमन थीं वो, गुलाबदास की और भगवान की।”

कुल मिलाकर कहें तो पीरो प्रेमन एक क्रांतिकारी कवियित्री थीं जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से न केवल पितृसत्तात्मक और जातिवादी समाज को चुनौती दी बल्कि अपने जीवन संघर्षों के माध्यम से यह भी साबित किया कि व्यक्ति अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ सकता है। उनके साहित्य ने तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था में एक नई सोच और विद्रोह की भावना को जन्म दिया।

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Jhansi News: कुत्ते का अंतिम संस्कार कर अस्थियों को गंगा में किया गया विसर्जित, इसके पीछे की वजह आपको हैरान कर देगी

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Jhansi dog's last rites
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बेजुबान जानवरों की दोस्ती कितनी प्यारी होती है, यह आपको झांसी से आई हालिया खबर जानकर पता चलेगा। यहां एक परिवार ने अपने कुत्ते का पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार (Jhansi dog’s funeral) किया, जो बिल्कुल इंसानों के अंतिम संस्कार की तरह किया गया। इस घटना में कुत्ते की अस्थियां गंगा नदी में विसर्जित की गईं और फिर परिवार ने तेरहवीं की रस्म भी आयोजित की। दरअसल, शादी के बाद जब इस शख्स को संतान नहीं हुई तो उसने दो बेजुबान जानवरों को अपना बेटा और बेटी मानकर पाला। अब जब बेटे जैसे बेजुबान जानवर की मौत हो गई तो शख्स ने कुत्ते की तेरहवीं की रस्म पूरे रीति-रिवाज के साथ की। यह घटना हमारे समाज में पालतू जानवरों के प्रति गहरे भावनात्मक लगाव और उन्हें परिवार का अभिन्न अंग होने की भावना को दर्शाती है।

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ये हैं पूरा मामला – Jhansi dog’s funeral case

रक्सा थाना क्षेत्र के सुजवाह गांव निवासी 55 वर्षीय संजीव परिहार अपनी 50 वर्षीय पत्नी माला के साथ रहते हैं। दंपती के कोई संतान न होने पर संजीव ने 13 वर्ष पूर्व दो पैवेलियन पपी, एक नर कुत्ता बिट्टू और एक मादा कुत्ती पायल खरीदे थे। दोनों पति-पत्नी बिट्टू और पायल को अपने बच्चों की तरह पालते थे। 24 सितंबर की दोपहर बिट्टू और पायल घर से कुछ दूर टहल रहे थे। इसी दौरान गांव के कुछ आवारा कुत्तों ने दोनों को घेर लिया। दोनों की आवारा कुत्तों से भिड़ंत हो गई। इसमें मादा कुत्ती पायल तो भागकर घर वापस आ गई, लेकिन बिट्टू गंभीर रूप से घायल हो गया।

Jhansi dog's last rites
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बच नहीं पाया बिट्टू

संजीव ने कुत्ते को इलाज के लिए झांसी भी पहुंचाया, लेकिन बिट्टू को नहीं बचाया जा सका। बिट्टू की मौत से दुखी पति-पत्नी पूरी शाम रोते रहे। संजीव ने भारी मन से कुत्ते बिट्टू को दफना दिया और उस दिन घर में खाना नहीं बना। संजीव ने उसी दिन तेरहवीं करने का फैसला किया। वह कुत्ते की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने प्रयागराज चले गए। प्रयागराज से लौटने के बाद उन्होंने कुत्ते की तेरहवीं की रस्म पूरी की। स्थानीय लोगों और उनके रिश्तेदारों ने मिलकर एक हजार लोगों के लिए खाना पकाया। इससे पूड़ी, कई तरह की मिठाइयां और सब्जियां बनाई गईं। कुत्ते की तेरहवीं की चर्चा मोहल्ले में आम हो गई है।

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बिट्टू के बिना ज़िंदगी सूनी-सूनी

पेशे से किसान संजीव कहते हैं कि जिस तरह से उन्होंने बिट्टू की परवरिश की, बिट्टू के हमेशा के लिए चले जाने के बाद अब घर सूना लगता है। बिट्टू की यादें उन्हें ताउम्र सताती रहेंगी। पड़ोसी भी कहते हैं कि संजीव ने मूक जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार किया है। उन्होंने दोनों कुत्तों को अपने बच्चों से बढ़कर पाला। इसके बाद एक कुत्ते की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। 50 की उम्र में मूक जानवरों के लिए ऐसा प्यार मैंने पहले कभी नहीं देखा।

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क्या आप जानते हैं सपने में साधु दिखें तो इसका क्या मतलब होता है? यहां पढ़ें ये ड्रीम शुभ है या अशुभ

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see sadhu in dream
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स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ सपने ऐसे होते हैं जो हमें आंतरिक खुशी या संतुष्टि देते हैं। लेकिन कई बार हमें ऐसे सपने भी आते हैं जो हमें पूरे दिन चिंता में डालते रहते हैं। वहीं कुछ सपने आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में आगाह करते हैं, जैसे सपने में साधु देखना (seeing sadhu dream)। यह एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक अनुभव हो सकता है। यह सपना आपकी आंतरिक चेतना, आध्यात्मिकता और जीवन के गहरे अर्थों को समझने की आवश्यकता की ओर इशारा कर सकता है। साधु या संत का सपना देखने का अलग-अलग संदर्भों में अलग-अलग अर्थ हो सकता है, जो आपकी वर्तमान मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर निर्भर करता है।

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सपने में साधु देखना- Seeing Sadhu Dream

साधु अक्सर आध्यात्मिकता, ज्ञान और आंतरिक शांति के प्रतीक होते हैं। यदि आप अपने सपने में साधु को देखते हैं, तो यह संकेत दे सकता है कि आप अपने जीवन में कुछ आध्यात्मिक मार्गदर्शन या ज्ञान की तलाश कर रहे हैं। यह सपना आपको अपने भीतर देखने और जीवन के गहरे अर्थों को समझने के लिए प्रेरित कर सकता है।

saint dream
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शांति और मानसिक शुद्धता

साधु का जीवन सादगी, शांति और त्याग का प्रतीक है। ऐसा सपना देखने का मतलब हो सकता है कि आपको अपने जीवन में शांति और मानसिक शुद्धता की आवश्यकता है। यह सपना सुझाव दे सकता है कि आपको अपना ध्यान भौतिक चीजों से हटाकर आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति पर केंद्रित करना चाहिए।

समस्या समाधान या सलाह

स्वप्न शास्त्र (dream astrology) के अनुसार, साधु अक्सर सपने में सलाहकार या मार्गदर्शक के रूप में दिखाई देते हैं। यदि आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं या किसी निर्णय को लेकर उलझन में हैं, तो साधु का सपना देखना संकेत दे सकता है कि आपको धैर्य और संतुलन के साथ आगे बढ़ना चाहिए। वे आपको सलाह देने वाले प्रतीक हो सकते हैं कि आपके जीवन में कोई समाधान या मार्गदर्शन उपलब्ध है।

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आध्यात्मिक जागरूकता

साधु का सपना देखना यह भी संकेत दे सकता है कि आपकी आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ रही है। यह सपना आपको ध्यान, योग या कोई अन्य आध्यात्मिक अभ्यास करने के लिए प्रेरित कर सकता है ताकि आप अपने जीवन में संतुलन और शांति पा सकें।

वैराग्य और त्याग

यदि सपने में साधु सुझाव देता है कि आपको किसी चीज़ से खुद को त्यागना या अलग करना चाहिए, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आप अपने जीवन में कुछ शारीरिक या मानसिक बाधाओं को दूर करने की ओर बढ़ रहे हैं। यह सपना त्याग, ध्यान और एक संन्यासी के जीवन की ओर इशारा कर सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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भगोड़े जाकिर नाइक ने महिलाओं की शादी को लेकर की बेहद घटिया टिप्पणी, कहा- ‘मर्द की दूसरी बीवी बनो या फिर…’

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Muslim preacher Zakir Naik
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भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक (Islamic preacher Zakir Naik) को अपने भाषणों के जरिए नफरत फैलाने के आरोप में कई देशों में बैन किया जा चुका है। जाकिर फिलहाल पाकिस्तान (Pakistan) में है। पाकिस्तानी सरकार के मेहमान के तौर पर जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में बेतुके भाषण दे रहा है। हाल ही में महिलाओं की शादी से जुड़ा उसका एक बेतुका बयान सामने आया है, जिसका पाकिस्तान के लोगों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। दरअसल, पाकिस्तान के कराची में एक इस्लामिक कॉन्फ्रेंस के दौरान उसने एक पश्तो लड़की के सवालों का जवाब नहीं दिया और उसके सवाल को गलत साबित करने की कोशिश की। आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।

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महिलाओं की शादी पर बोला नाइक – Zakir Naik controversial statement on women

अगर किसी महिला को शादी के लिए कोई अच्छा पुरुष साथी न मिले तो उसे क्या करना चाहिए? पाकिस्तान में एक व्याख्यान के दौरान जाकिर नाइक से यह सवाल पूछा गया था। जवाब में, जाकिर नाइक ने बहुत ही घटिया जवाब (Zakir Naik statement on women) दिया जिसे न केवल महिलाएं बल्कि सभी प्रगतिशील लोग खारिज कर देंगे। उसने इसे महिलाओं का मध्यकालीन दृष्टिकोण बताया। साद कैसर नाम के एक पाकिस्तानी अकाउंट ने एक्स पर यह वीडियो पोस्ट किया।

बिना शादी वाली महिलाओं को कहा बाजारू

जाकिर नाइक ने कहा, ‘अगर किसी महिला को शादी के लिए कोई पुरुष नहीं मिल पाता है, तो उसके पास दो विकल्प होते हैं। पहला विकल्प है कि वह ऐसे पुरुष से शादी कर ले, जिसकी पहले से पत्नी हो, या फिर वह बाजारू औरत बन जाए।’ उन्होंने वेश्याओं की तुलना सार्वजनिक संपत्ति से करते हुए कहा कि ‘ऐसी महिलाओं के लिए मेरे पास इससे बेहतर कोई शब्द नहीं है।’

जाकिर नाइक ने कहा, अगर आप किसी अच्छी महिला से पूछें कि आपको शादी के लिए ऐसा कोई आदमी नहीं मिल रहा है जिसकी कोई पत्नी न हो, तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप या तो बाजारू औरत बन सकती हैं या किसी ऐसे आदमी से शादी कर सकती हैं जो पहले से शादीशुदा हो। एक अच्छी महिला आपको बताएगी कि उसे पहली पसंद पसंद है।”

विरोध में पाकिस्तानी

महिलाओं पर जाकिर नाइक की अपमानजनक टिप्पणियों (Zakir Naik controversial statement on women) के खिलाफ खुद पाकिस्तानी लोग विरोध कर रहे हैं। साद कैसर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, जाकिर नाइक लगातार आपत्तिजनक बयान दे रहा है। उसे किसने आमंत्रित किया? कृपया अगली बार ऐसे अज्ञानी लोगों को न बुलाएँ। फौजिया नाम की यूजर ने लिखा, क्या उसका मतलब यह है कि जो भी महिला शादी नहीं करना चाहती, वह सार्वजनिक संपत्ति है? इस व्यक्ति को सभ्य व्यक्ति कैसे माना जा सकता है, धार्मिक विद्वान तो दूर की बात है। ऐसा लगता है कि वह तालिबानी मानसिकता का है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

ज़ाकिर नाइक का वीडियो अब इंटरनेट पर लोकप्रिय हो गया है और उसके रवैये की कड़ी आलोचना हो रही है। बॉम्बे में जन्मे इस्लामिक उपदेशक नाइक पर आतंकवाद को प्रायोजित करने, मनी लॉन्ड्रिंग और नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने जैसे गंभीर आरोप हैं। नतीजतन, भारत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है।

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