क्या APJ अब्दुल कलाम की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बन पाई थीं Sonia Gandhi? जानिए क्या है सच्चाई…

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साल 2004 था और उस साल एक राजनीतिक बहस ने बवाल का रूप ले लिया था। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तब पीएम बनाए जाने को लेकर काफी बवाल हुआ था सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों में। और तो और बाद के वक्त में तो इस बहस और बवाल में देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का भी जिक्र किया। आखिर क्यों कलाम का जिक्र आया? और सोनिया गांधी से जुड़ी क्या है ये पूरी स्टोरी? जानेंगे इसे पूरे डीटेल में…

क्या कलाम ने किया था विरोध?

दरअसल सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने के म़ुद्दे को सभी नेताओं ने खूब उछाला था और तब मनमोहन सिंह को सोनिया ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इस दौरान तो चर्चा ये भी थी कि सोनिया को प्रधानमंत्री बनाए जाने का पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी विरोध किया था। लेकिन गौर करने वाली बात ये भी है कि कलाम के द्वारा उन तमाम चर्चाओं पर विराम भी लगा दिया गया था। दरअसल, चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी कि कलाम ने 2004 में सोनिया के पीएम बनने पर ऐतराज जताया था, लेकिन कलाम ने इन चर्चाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए विराम लगाया था।

ये है पूरा सच…

बताया जाता है कि सोनिया गांधी के पीएम बनने पर कलाम को कोई ऐतराज नहीं था। वो तो पॉलिटिकल प्रेशर के बाद भी सोनिया को पीएम पद की शपथ दिलाने के लिए रेडी थे। कलाम के मुताबिक उनके सामने संवैधानिक रूप से मान्य सोनिया ही एकमात्र ऑप्शन थी और उन्होंने ये भी कहा था कि मनमोहन सिंह का नाम सुनकर उनको बड़ी हैरानी हुई।

इस तरह के खुलासे कलाम ने अपनी बुक ‘टर्निग पॉइंट्स’ में किया है, जो कि उन्हीं की बुक ‘विंग्स ऑफ फायर’ का दूसरा संस्करण है। बुक में कलाम ने सोनिया के पीएम पद को ठुकराने का जिक्र किया है और UPA सरकार के साथ तनाव वाले संबंध के बारे में बताया है। उन्होंने लिखा है कि मई 2004 में जो चुनाव हुआ उसके बाद उनसे मिलने सोनिया गांधी आई थीं। उन्हें पीएम बनाए जाने को लेकर प्रेजिडेंट हाउस की तरफ से लेटर तैयार कर लिया गया था। 

मनमोहन के नाम पर हैरान हुए थे कलाम

कलाम का कहना था कि पीएम बनने का दावा सोनिया गांधी ने खुद पेश किया होता, तो मेरे पास उनकी नियुक्ति के सिवाए कोई और ऑप्शन नहीं होता। उन्होंने लिखा है कि जब सोनिया गांधी मनमोहन सिंह को 18 मई 2004 को लेकर आईं, तो इस पर मुझे आश्चर्य हुआ। मुझे कई पार्टी के समर्थन के पत्र सोनिया गांधी ने दिखाए। जिस पर मैंने उनसे कहा कि उनकी सुविधा के हिसाब से वो शपथ दिलाने के लिए रेडी हैं।

कलाम आगे लिखते हैं कि सोनिया गांधी ने बताया कि मनमोहन सिंह को वो पीएम के पद पर मनोनीत करना चाहती हैं और ये मेरे लिए आश्चर्य की बात थी। राष्ट्रपति भवन के सचिवालय को फिर से लेटर तैयार करना पड़ा।

गौर करने वाली बात तो ये है कि कलाम के इस खुलासे से पहले तक कई पॉलिटिकल पार्टियां अक्सर ये प्रचारित करती रहती थीं कि सोनिया गाधी पीएम तो बनना चाहतीं थीं लेकिन प्रेसिडेंट कलाम ने उनके विदेशी मूल का मुद्दा उठाया और कहा था कि उन्हें संवैधानिक मशविरा करना होगा फिर मनमोहन सिंह का नाम सोनिया गाधी ने सुझाया था।

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