क्या जदयू में मचे विवाद के कारण आरसीपी सिंह ने छोड़ा अध्यक्ष पद? नीतीश ने दी सफाई

Table of Content

बिहार में मौजूदा समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है। तमाम मुद्दों पर एनडीए गठबंधन के घटक दल एक दूसरे के विरोध में है। सरकार में आंतरिक कलह की खबरें आये दिन सामने आती रहती है। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के अंदरखाने भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। पार्टी को 8 महीनें में दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष मिला है। 

नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह को दिसंबर 2020 में जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। अब जदयू के दिग्गज नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए है। खबरों की मानें तो जदयू के अंदरखाने चल रही आंतरिक कलह के कारण आरसीपी सिंह को पद से हाथ धोना पड़ा। 

तो वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग आरसीपी सिंह को मोदी कैबिनेट में मिली जगह को कारण बता रहे हैं। दरअसल, मोदी कैबिनेट में जदयू के कोटे से आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं। अब इन सभी मामलों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है, उन्होंने राजनीतिक गलियारों में चल रही बयानबाजियों पर विराम लगा दिया है।

पार्टी में नहीं है कोई विवाद

सीएम नीतीश कुमार ने कहा, हमारी पार्टी में कोई विवाद नहीं है। ललन सिंह का पार्टी से पुराना नाता है, सभी ने राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ललन जी हमारी पार्टी के बहुत वरिष्ठ साथी हैं। शुरू से ही साथ रहे हैं। नीतीश ने कहा कि आरसीपी सिंह ने आज की बैठक में खुद ही कहा और ललन जी का प्रस्ताव भी रखा। जिसे सर्वसम्मति से सब लोगों ने उसे स्वीकार किया।

ललन सिंह ने दिया बयान

दरअसल, बिहार की राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी कि जदयू के अंदरखाने चल रही आंतरिक कलह के कारण आरसीपी सिंह ने अध्यक्ष पद छोड़ा, जिसके बाद पार्टी की कमान जदयू के दिग्गज नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को सौंपी गई।

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का कमान संभालते ही ललन सिंह ने कहा, आरसीपी सिंह पहले पार्टी का काम देख रहे थे, उस काम को उन्होंने जहां तक पहुंचाया उसे आगे ले जाना और बिहार के गांवों व अन्य प्रदेशों तक पहुंचाना पार्टी की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, सभी नेताओं और महत्वपूर्ण साथियों से विचारविमर्श के आधार पर संगठन को मजबूत किया जाएगा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आरसीपी सिंह ने छोड़ा पद

बताते चले कि बीते शुक्रवार को दिल्ली में हुई जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश कुमार समेत आरसीपी सिंह, केसी त्यागी, ललन सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, पार्टी के लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य और राज्य इकाइयों के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूदगी में राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पद छोड़ा और ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी गई।

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds