Home Blog Page 44

Baba Siddiqui: बिहार में जन्मे सिद्दीकी का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन! जानिए बांद्रा से MLA और फिर मंत्री बनने तक का सफर

0
Baba Siddiqui's underworld connection
source: Google

NCP (अजीत गुट) के नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री बाबा सिद्दीकी (NCP leader Baba Siddiqui) की हत्या कर दी गई। शनिवार रात करीब 9:15 बजे मुंबई में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाबा सिद्दीकी की हत्या (Baba Siddiqui Murder) बात करें तो लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) ने इसकी जिम्मेदारी ली है। मुंबई की राजनीति में अपनी प्रसिद्ध भागीदारी के अलावा सिद्दीकी ने अपने सामाजिक और धर्मार्थ कार्यों के लिए भी लोकप्रियता हासिल की है। लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी के बाद उनकी इफ्तार पार्टी में सलमान खान और शाहरुख खान (Salman Khan and Shahrukh Khan) के फिर से शामिल होने से वे कई मौकों पर लोगों की नजरों में आए और उनके कार्यक्रम की अहमियत बढ़ गई। राजनीति से इतर भी इस क्षेत्र में उनका दबदबा था। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद ने भी उन्हें धमकियां भेजी थीं। बाबा सिद्दीकी के जन्म से लेकर बिहार में विधायक बनने तक के सफर के बारे में जानें।

और पढ़ें: Salman-Shah Rukh का पैचअप कराने वाले बाबा सिद्दीकी की हुई हत्या, बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी 

बाबा सिद्दीकी बिहार कनेक्शन – Baba Siddique Connection

बाबा सिद्दीकी का जन्म अब्दुल रहीम और रजिया सिद्दीकी के घर पटना, बिहार में हुआ था। बाबा अपने पिता की घड़ियों की मरम्मत में मदद करते थे। इसके बाद वे मुंबई चले गए। मुंबई के सेंट ऐनी हाई स्कूल में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एमएमके कॉलेज मुंबई से डिग्री हासिल की। ​​बाबा की पत्नी का नाम शाहजिम सिद्दीकी है। वे दो बच्चों के माता-पिता हैं। जीशान सिद्दीकी कांग्रेस के विधायक (Congress MLA Zeeshan Siddiqui) हैं और बेटी अर्शिया सिद्दीकी डॉक्टर हैं।

Baba Siddiqui's family
source: google

 स्टूडेंट पॉलिटिक्स  से MLA का सफर तय किया

बाबा सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। वे 1977 से 1980 तक कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI से जुड़े रहे। 1982 में वे बांद्रा यूथ कांग्रेस के महासचिव बने। 1988 में वे मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 1993 में वे BMC पार्षद चुने गए। बाबा पहली बार 1999 में कांग्रेस के टिकट पर बांद्रा पश्चिम सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद वे 2014 तक लगातार तीन बार विधायक रहे। 2004 से 2008 तक बाबा ने राज्य के श्रम और खाद्य मंत्री का पद भी संभाला। फिर भी 2014 में वे निर्वाचित नहीं हुए। उसी साल उन्हें मुंबई क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

इसी साल उन्हें मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया और 2019 में उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया। फरवरी 2024 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो गए। वे महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

दाऊद और बाबा सिद्दीकी के बीच लड़ाई- Fight between Dawood-Baba Siddiqui

बाबा सिद्दीकी को बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के बीच ब्रिज भी कहा जाता रहा है। इसके अलावा, उन पर दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से संबंध रखने का आरोप है। सामना की एक स्टोरी में दावा किया गया है कि बाबा सिद्दीकी और दाऊद के निजी सहयोगी अहमद लंगड़ा मुंबई में एक ज़मीन के टुकड़े को लेकर झगड़ रहे थे। इसके बाद छोटा शकील ने बाबा को इस स्थिति से दूर रहने की धमकी दी।

Fight between Dawood-Baba Siddiqui
source: google

बाबा ने इस बारे में मुंबई पुलिस को बताया। इसके बाद अहमद को मकोका के तहत हिरासत में ले लिया गया। दाऊद ने कथित तौर पर बाबा को फ़ोन पर धमकाते हुए कहा था- रामगोपाल वर्मा से बोलकर तुम्हारी फिल्म बनवा दूंगा, एक था MLA।

और पढ़ें: बॉलीवुड की वो लव स्टोरी जिसने मिट्टी मे मिला दी श्रॉफ खानदान की इज्जत,  मामला सुलझाने के लिए जैकी दादा को आना पड़ा बीच में

Salman-Shah Rukh का पैचअप कराने वाले बाबा सिद्दीकी की हुई हत्या, बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी

0
Baba Siddiqui vs Lawrence Bishnoi
Source: Google

बॉलीवुड में इस समय शोक की लहर है। हर साल ईद के मौके पर बड़ी इफ्तिहार पार्टी करने वाले सीनियर एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (NCP leader Baba Siddiqui Murder) की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उनकी हत्या मुंबई के बांद्रा ईस्ट में हुई, जिससे पूरे शहर में सनसनी फैल गई। बाबा, उनके बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी (zeeshan siddiqui) के दफ्तर के बाहर थे, तभी शूटरों ने उन पर फायरिंग कर दी। बाबा सिद्दीकी को इलाज के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। बाबा सिद्दीकी की हत्या के तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ रहे हैं। इस बीच लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है।

बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद सलमान गहरे सदमे में हैं, क्योंकि बाबा ने ही शाहरुख खान और सलमान खान के बीच सालों पुरानी लड़ाई को खत्म कर दोनों में सुलह कराई थी। हालांकि, बाबा सिद्दीकी की सलमान से गहरी दोस्ती को भी उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है।

और पढ़ें: बॉलीवुड की वो लव स्टोरी जिसने मिट्टी मे मिला दी श्रॉफ खानदान की इज्जत,  मामला सुलझाने के लिए जैकी दादा को आना पड़ा बीच में

सलमान-शाहरुख खान पैचअप- Salman-Shahrukh Khan Patch Up

साल 2008 में कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी के दौरान शाहरुख खान और सलमान खान के बीच झगड़ा (Fight Between Salman-Shahrukh Khan)हो गया था। दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। इसके बाद शाहरुख और सलमान खान ने 5 साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की। फिर साल 2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी (Baba Siddiqui’s Iftar Party) में दोनों की दोस्ती हो गई। रिपोर्ट्स की मानें तो बाबा ने पार्टी में शाहरुख खान को सलमान के पिता सलीम खान (Salman’s Father Salim Khan) के बगल में बैठाया था, ताकि दोनों का झगड़ा खत्म हो सके।

Baba Siddiqui patched up Salman Shahrukh
Source: Google

इस पार्टी में हुआ ये था कि सलमान के आने से पहले शाहरुख सलीम खान से बात कर रहे थे। तभी सलमान आते हैं और शाहरुख को गले लगा लेते हैं। इस तरह दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी खत्म हो जाती है और इस तरह से झगड़े को सुलझाने में बाबा सिद्दीकी का अहम योगदान रहा।

क्या सलमान से दोस्ती सिद्दीकी को भारी पड़ी?

दशहरा के दौरान सड़क पर सिद्दीकी की हत्या से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। सवाल ये है कि क्या बाबा सिद्दीकी को सलमान खान से करीबी रिश्ता रखने की कीमत चुकानी पड़ी? दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है। सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कथित सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि जो भी सलमान की मदद करेगा, उसे अपना हिसाब चुकाना होगा।

Baba Siddiqui vs Lawrence Bishnoi
Source: Google

सिद्दीकी को गोली मारने वाले दोनों संदिग्ध बिश्नोई गिरोह के थे

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिद्दीकी को गोली मारने के आरोप में हिरासत में लिए गए दोनों संदिग्धों ने बिश्नोई गैंग (Bishnoi Gang) के सदस्य होने का दावा किया है। इनमें से एक हरियाणा का गुरमेल सिंह नाम का बंदूकधारी है। दूसरा शूटर धर्मराज कश्यप यूपी का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए दोनों बंदूकधारियों ने कथित तौर पर कहा है कि वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हैं। वे एक-दो महीने पहले बाबा सिद्दीकी के घर की टोह लेने आए थे।

‘जो सलमान का दोस्त, वह लॉरेंस का दुश्मन’

दरअसल, पिछले साल न्यूज़18 इंडिया को दिए इंटरव्यू में लॉरेंस बिश्नोई के करीबी रोहित गोदारा ने कहा था कि सलमान खान के दोस्त सभी हमारे दुश्मन हैं। वहीं सलमान खान और बांद्रा ईस्ट के पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की दोस्ती जगजाहिर है। इस गिरोह को लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का भाई अनमोल चलाता है, जो अमेरिका में है। बिश्नोई फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। सलमान के घर फायरिंग के पीछे भी अनमोल की पहचान मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आई है। पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट अभी भी लंबित है।

और पढ़ें: वैनिटी में हिडन कैमरा! तमिल हीरोइन ने खोली इंडस्ट्री के मर्दों की पोल, जानिए चौंकाने वाला सच

जब करण जौहर खत्म करना चाहते थे. अनुष्का शर्मा का करियर

0
Anushka And Karan johar
Source: Google

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. अनुष्का शर्मा ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है. उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म बैंड बाजा बारात से की थी..करियर की शुरुआत से ही उन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता है. एक वक्त में आकर तो वह मेकर्स की पहली पसंद ही बन गई थी. लेकिन क्या आप जानते है कि फिल्म डायरेक्टर करण जौहर उनका करियर ख़त्म करना चाहते थे. अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते है उस वजह के बारे में बताते है.

खूब वायरल हुआ था वीडियो

वैसे तो आप सभी जानते है कि फिल्म डायरेक्टर करण जौहर ने इंडस्ट्री में कई स्टारकिड को लॉन्च किया है. उन पर कई बार नेपोटिज्म के आरोप लग चुके हैं. बहुत से लोग उन पर आरोप लगाते हैं कि वह फिल्मी सितारों के बच्चों को अपनी फिल्मों में कास्ट करते हैं. वही पिछले दिनों सोशल मीडिया पर करण जौहर का एक विडियो काफी वायरल हो रहा था. जिसमें करण इस बात का खुलासा करते नजर आ रहे थे, कि वह अनुष्का का करियर खत्म करना चाहते थे. क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि अनुष्का शर्मा आदित्य चोपड़ा की फिल्म रब ने बना दी जोड़ी में काम करें. गौरतलब है कि इस फिल्म में अनुष्का और शाहरुख की जोड़ी काफी पसंद की गई थी.

दरअसल, इस फिल्म में करण किसी और एक्ट्रेस को कास्ट करना चाहते थे. क्योंकि जब आदित्य चोपड़ा ने मुझे उनकी तस्वीर दिखाई, तो मैं ऐसा था, ‘नहीं, नहीं, पागल है क्या, तुम उसे साइन कर रहे हो, तुम पागल हो! आपको इस अनुष्का शर्मा को साइन करने की कोई जरूरत नहीं है’. इसलिए मैं अपनी मर्जी से रब ने बना दी जोड़ी नहीं देख रहा था. लेकिन जब मैंने बैंड बाजा बारात देखी, तो मैंने अनुष्का को फोन किया और मुझे लगा कि मुझे उनसे माफी मांगनी चाहिए और तारीफ करनी चाहिए. माफी क्योंकि मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई कि मैं ऐसा गजब का टैलेंट इंडस्ट्री में आने से रोक रहा था.

Also read: बॉलीवुड की वो लव स्टोरी जिसने मिट्टी मे मिला दी श्रॉफ खानदान की इज्जत,  मामला सुलझाने के लिए जैकी दादा को आना पड़ा बीच में.

कैसा रहा अनुष्का का फ़िल्मी करियर

अगर अनुष्का शर्मा के फ़िल्मी करियर की बात करे तो एक्ट्रेस ने अपने 16 साल के करियर में 19 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 13 फिल्में हिट रहीं. इनमें साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म संजू और ‘पीके’ थी. उनकी इस फिल्म ने दुनियाभर में 616 करोड़ की कमाई की थी. वही साल 2017 में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली से शादी करने के बाद अनुष्का के एक्टिंग करियर में ब्रेक लगा. वो बीते 6 साल से एक्टिंग से दूर हैं. हालांकि, इसके बावजूद अनुष्का की सोशल मीडिया फैन फॉलोइंग कोई फर्क नहीं पड़ा

Also Read : 5 प्रेमी, फिर की शादी पर जिंदगी भर रहीं तन्हां, ऐसी है रतन टाटा की EX लवर की लव-लाइफ .

दलित बच्चों को तालिबानी सजा, मारपीट कर सिर मुंडवाया, कालिख पोत गांव में घुमाया

0
UP
Source: Google

हर रोज देश के किसी-न-किसी कोने से रेप-बलात्कार, चोरी चाकरी, मारपीट की खबर सामने आती है. वही अब यूपी के बहराइच से एक नया मामला सामने आया है जहाँ गाँव के बच्चों पर पांच किलो मुर्गी का राशन चोरी का आरोप लगा था. इसके बाद मुर्गी फार्म संचालक नाजिम ने ये तालिबानी हरकत की जिसके बाद ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है

क्या है पूरा मामला जानें

हाल ही में यूपी के बहराइच से एक खबर सामने आई है. बहराइच के एक गांव के दबंगों ने भेड़ियों जैसी हरकत की है. जी हाँ, दरअसल गाँव के 3 बच्चो पर पांच किलो मुर्गी का राशन चोरी का आरोप लगा था. इसके बाद मुर्गी फार्म संचालक नाजिम ने गांव में बच्चों के मुंह पर कालिख पोती और फिर उनका सिर मुंडवाकर पुर गाँव में घुमाया गया. इस दौरान बच्चे नंगे बदन थे और उन्हें बिजली की केबिल से मारा भी जा रहा था. आरोपियों ने बच्चों के माथे पर मैं चोर हूं भी लिखा था. पीड़ितों में एक दलित समेत कुल तीन बच्चे शामिल हैं. यह घटना नानपारा के ताजपुर टेड़िया गांव की है. जिसके बाद गाँव के लोगो ने इस मामले की एफआईआर करवाई और मौके पर आई पुलिस ने बच्चों को हैवानों के चंगुल से छुड़ाया.

Also read: Afghanistan History: क्या हैं वो कारण जिन्होंने अफगानिस्तान को ‘साम्राज्यों का कब्रिस्तान’ बना दिया?

वही थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक उसने मुर्गी फार्म संचालक नाजिम ने बच्चों का गला दबाकर मारने का भी प्रयास किया. एसपी ग्रामीण के मुताबिक इस केस में तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. नाजिम के साथ उसका साथ देने वाले बेटे काजिम और इनायत को मामले में आरोपी बनाया गया है. इसके अलवा पुलिस ने इस केस में गांव के पूर्व प्रधान शानू को भी आरोपी बनाया है. उस पर पुलिस कार्रवाई रोकने का केस दर्ज किया गया है.

पीड़ित बच्चों के पिता

पीड़ित बच्चों में से एक के पिता का कहना है कि मेरा बच्चा फार्म पर काम करता था. उसने काम छोड़ दिया, इसलिए उसके साथ ये अत्याचार किया गया है. नाजिम चुपके से मेरे बेटे को गाँव के बहार लेकर गया जिसके बाद वो उसे मुर्ग्री फार्म ले गया और फिर चोरी का आरोप लगाकर उसके साथ पिटाई और दुर्व्यवहार किया गया. इस घटना के बाद हिंदू समुदाय में काफी रोष है.

Also Read: Solar Storm: अमेरिका पर मंडरा रहा है ब्लैकआउट का खतरा! 20 लाख घरों की बिजली गुल.

जानें कौन हैं IAS आम्रपाली काटा, जिनका तेलंगाना कैडर में बने रहने का अनुरोध कर दिया गया खारिज

0
IAS Amrapali Kata
Source: Google

आईएएस अधिकारी आम्रपाली काटा (IAS Amrapali Kata) के तेलंगाना कैडर (Telangana cadre) में बने रहने के अनुरोध को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। 2010 बैच की अधिकारी आम्रपाली पहले आंध्र प्रदेश कैडर (Andhra Pradesh Cadre) में थीं और उन्होंने तेलंगाना कैडर में तबादले के लिए आवेदन किया था। लेकिन केंद्र ने अनुरोध को खारिज कर दिया और उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर में वापस जाने का निर्देश दिया है। यह निर्णय दीपक खांडेकर समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया, जिसमें विभाजन के बाद कैडर आवंटन के नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।

और पढ़ें: Mahadev Betting App का मालिक दुबई में डिटेन! भारत लाने की प्रक्रिया शुरू, जानिए क्या था ये पूरा घोटाला?

आईएएस आम्रपाली काटा का तबादला- IAS Amrapali Kata transfer

राज्य के विभाजन के बाद सिविल सेवा अधिकारियों के आवंटन के लिए खांडकर समिति जिम्मेदार थी। हालांकि समिति ने प्रक्रिया के लिए स्थापित नियमों का पालन किया, लेकिन कई अधिकारियों ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में आपत्ति जताई, जिसमें तर्क दिया गया कि उन्हें तेलंगाना कैडर में रखा जाना चाहिए।

अनुरोध और उसकी अस्वीकृति

चूंकि यूपीएससी आवेदन में आम्रपाली काटा का स्थायी पता विशाखापत्तनम था, इसलिए उन्हें तेलंगाना कैडर में स्थानांतरण का अनुरोध करने के बाद से अंदरूनी सूत्र माना जाना चाहिए था। लेकिन उनके मामले पर विचार करने के बाद, खांडेकर समिति ने पाया कि आंध्र प्रदेश द्वारा उन्हें आवंटित किया जाना राज्य के 2014 के विभाजन के बाद लागू किए गए नियमों के अनुरूप था।

IAS Amrapali Kata
Source: Google

इनमें से कई पुलिसकर्मी आंध्र प्रदेश में नियुक्त किए गए थे, फिर भी उन्होंने तेलंगाना निवासी होने का दावा किया। संबंधित मामले में, अदालत ने तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार को आंध्र प्रदेश में रिपोर्ट करने का आदेश दिया, और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अब आम्रपाली के सामने भी ऐसी ही परिस्थितियाँ हैं, जिन्हें आंध्र प्रदेश में रिपोर्ट करने का अनुरोध किया गया है, जबकि वे मुख्य सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं।

आम्रपाली का स्थायी पता विशाखापत्तनम है

आम्रपाली ने बताया कि उनका स्थायी पता विशाखापत्तनम है। इसके आधार पर, प्रत्युष सिन्हा समिति ने खांडेकर समिति की सिफारिशों के अनुसार उन्हें आंध्र प्रदेश में फिर से तैनात किया। उन्होंने तेलंगाना में स्थानांतरित किए जाने की गुहार लगाई, लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। उच्च न्यायालय द्वारा खांडेकर और प्रत्युष सिन्हा समितियों के फैसलों को बरकरार रखने के बाद आम्रपाली के पास कोई अन्य कानूनी विकल्प नहीं है। इसलिए उन्हें तेलंगाना में उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाएगा और उनसे आंध्र प्रदेश में रिपोर्ट करने की अपेक्षा की जाएगी।

IAS Amrapali Kata
Source: Google

आम्रपाली ने तेलंगाना में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जैसे ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) की आयुक्त और प्रधानमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी। हालांकि, उनके मूल पते को ध्यान में रखते हुए, उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर में वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। अब उन्हें तेलंगाना से हटाकर आंध्र प्रदेश में उनकी नई भूमिका दी जाएगी

कौन है आम्रपाली काटा- Who is Amrapali Kata?

आम्रपाली काटा 2010 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। आम्रपाली का जन्म 4 नवंबर 1982 को आंध्र प्रदेश के शहर नरसापुरम में हुआ था। उन्होंने यहीं अपनी शिक्षा पूरी की। इसके बाद आम्रपाली ने मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग में आईआईटी बीटेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने आईआईएम बैंगलोर से पीजी डिप्लोमा किया। इस दौरान उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय निगमों से प्रस्ताव भी मिले।

हालांकि, उन्होंने कहीं नौकरी नहीं की और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। इसके बाद उन्होंने 2010 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 39वीं रैंकिंग हासिल की। ​​उन्हें पीएमओ में उप सचिव का पद सौंपा गया है। इससे पहले वह कैबिनेट सचिवालय में उप सचिव के पद पर कार्यरत थीं। आम्रपाली का गृहनगर विशाखापत्तनम है।

और पढ़ें: कोरियोग्राफर जानी मास्टर से भारत सरकार ने वापस लिया नेशनल अवॉर्ड, सेरेमनी में शामिल होने पर भी लगी रोक

Mahadev Betting App का मालिक दुबई में डिटेन! भारत लाने की प्रक्रिया शुरू, जानिए क्या था ये पूरा घोटाला?

0
Mahadev Betting App owner Saurabh Chandrakar
Source: Google

महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर (Mahadev Betting App owner Saurabh Chandrakar) को दुबई में हिरासत में लिया गया है। यह गिरफ्तारी इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के आधार पर की गई है, जिसे भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जारी किया था। सौरभ चंद्राकर पर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए करीब 6000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। महादेव ऐप (Mahadev App) को लेकर देश के कई राज्यों में केस दर्ज है। ईडी की जांच में पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप संयुक्त अरब अमीरात(United Arab Emirates) से संचालित होता है।

और पढ़ें: कोरियोग्राफर जानी मास्टर से भारत सरकार ने वापस लिया नेशनल अवॉर्ड, सेरेमनी में शामिल होने पर भी लगी रोक

महादेव ऐप अवैध सट्टेबाजी का प्लेटफ़ॉर्म- Mahadev App illegal betting platform

दरअसल यह ऐप अवैध सट्टेबाजी और जुआ खेलने की एक प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म था, जिसे चंद्राकर और उनके सहयोगी रवि उप्पल ने चलाया। इस पूरे स्कैम में हवाला नेटवर्क और फर्जी खातों के माध्यम से धन को छुपाने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद उनकी जल्द ही भारत प्रत्यर्पण की संभावना जताई जा रही है​।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Mojo Patrakar (@mojopatrakar)

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद से ही उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। सौरभ चंद्राकर (Saurabh Chandrakar Detention) को जल्द ही भारत लाया जाएगा। सौरभ चंद्राकर को दिसंबर 2023 में यूएई में हिरासत में लिया गया था, तब से वह दुबई पुलिस की हिरासत में है। कहा जा रहा है कि उसे भारत प्रत्यर्पित करने की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और अगले 10 दिनों में उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।

सौरभ पहले एक सामान्य जूस विक्रेता था

सौरभ चंद्राकर पर आरोप है कि उसने छह हजार करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की है। आरोपी सौरभ कुछ साल पहले तक जूस बेचने का काम करता था। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उसकी जूस की दुकान सौरभ चंद्राकर जूस फैक्ट्री थी। सड़क के किनारे दुकान होने के कारण उसकी आमदनी कम थी, इसलिए उसने अधिक पैसे कमाने के लिए जूस बार का विस्तार करना शुरू कर दिया। सौरभ को जुआ खेलने का भी शौक था; शुरुआत में ऑफलाइन पोकर खेलने के बाद कोरोना के कारण उसने इंटरनेट पोकर खेलना शुरू कर दिया। उसने और रवि उप्पल नाम के एक व्यक्ति ने लॉकडाउन के दौरान महादेव बेटिंग ऐप लॉन्च किया।

धोखाधड़ी का पूरा खाका तैयार किया

महादेव बेटिंग ऐप का उद्देश्य ऑनलाइन सट्टेबाजी (Online betting) है। ऐप के ज़रिए फ़ुटबॉल, टेनिस, क्रिकेट, बैडमिंटन और चुनाव समेत कई तरह के खेलों पर दांव लगाया जाता था। छत्तीसगढ़ में इस ऐप का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने लगा। इस प्रोग्राम का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने की एक व्यापक योजना बनाई गई। इस तरह से उसने 6000 करोड़ रुपये की ठगी की।

चंद्राकर को दुबई में नजरबंद किया गया था

चंद्राकर को पिछले साल दिसंबर में दुबई में नजरबंद कर दिया गया था। रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में दायर अपनी शुरुआती चार्जशीट में ईडी ने चंद्राकर, उप्पल और कई अन्य लोगों का नाम लिया था। चार्जशीट में सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर के बयान का हवाला दिया गया है, जिन्होंने कहा कि सौरभ 2019 में दुबई जाने से पहले छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपने भाई के साथ ‘जूस फैक्ट्री’ नाम से जूस की दुकान चलाता था।

और पढ़ें: जानें कौन हैं IAS आम्रपाली काटा, जिनका तेलंगाना कैडर में बने रहने का अनुरोध कर दिया गया खारिज

बॉलीवुड की वो लव स्टोरी जिसने मिट्टी मे मिला दी श्रॉफ खानदान की इज्जत,  मामला सुलझाने के लिए जैकी दादा को आना पड़ा बीच में

0
Ayesha Shroff and Sahil Khan's love story
Source: Google

बॉलीवुड में कई ऐसी प्रेम कहानियां (Bollywood Love Stories) रही हैं जिन्होंने प्यार की जगह बदनामी का नाम कमाया है। इन्हीं प्रेम कहानियों में से एक है टाइगर श्रॉफ की मां (Tiger Shroff’s Mother) की प्रेम कहानी। हालांकि इसे प्रेम कहानी कहना गलत होगा। क्योंकि इस कहानी ने श्रॉफ परिवार का तमाशा बना दिया था। दरअसल, हम बात कर रहे हैं साहिल खान और आयशा श्रॉफ की कथित प्रेम कहानी की। इनके रिश्ते में हुए विवाद ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं। बॉलीवुड में “स्टाइल” जैसी फिल्मों से मशहूर हुए साहिल खान का श्रॉफ परिवार से काफी करीबी रिश्ता था, खासकर टाइगर श्रॉफ की मां आयशा श्रॉफ से।

और पढ़ें: वैनिटी में हिडन कैमरा! तमिल हीरोइन ने खोली इंडस्ट्री के मर्दों की पोल, जानिए चौंकाने वाला सच

विवादों से घिरी रही साहिल और आयशा की लव स्टोरी- Sahil khan and Ayesha Shroff love story

साहिल खान और आयशा श्रॉफ (Sahil khan and Ayesha Shroff ) का नाम तब चर्चा में आया जब दोनों ने मिलकर एक प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। दोनों ने साथ में फिल्म प्रोजेक्ट पर काम किया और इस दौरान उनके बीच करीबी रिश्ता बन गया। ऐसी अफवाह थी कि उनके बीच सिर्फ प्रोफेशनल ही नहीं बल्कि पर्सनल रिश्ता भी है। हालांकि, यह रिश्ता धीरे-धीरे विवाद में बदल गया। जब उनका प्रोडक्शन वेंचर फेल हो गया तो दोनों के बीच मतभेद बढ़ गए और मामला कानूनी लड़ाई तक पहुंच गया। 2014 में आयशा ने साहिल खान पर 8 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी का आरोप लगाया। आयशा श्रॉफ ने साहिल खान पर धोखाधड़ी और पैसे न लौटाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया।

Ayesha Shroff and Sahil Khan's love story
Source: Google

पैसों को लेकर हुआ विवाद

आयशा ने दावा किया कि साहिल ने उनके पैसों का गलत इस्तेमाल किया। जवाब में साहिल ने दावा किया कि उनका और आयशा का रिश्ता सिर्फ़ कारोबारी नहीं बल्कि निजी रिश्ता था। उन्होंने इसे साबित करने के लिए कोर्ट में कई निजी संदेश और तस्वीरें भी पेश कीं। इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोरीं और इस बात को लेकर कई अटकलें लगाई गईं कि दोनों के बीच असल में क्या रिश्ता था। आयशा ने साहिल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका रिश्ता सिर्फ़ व्यावसायिक था और साहिल के आरोप बेबुनियाद थे। वहीं, जब आयशा इन सभी परेशानियों से गुज़र रही थीं, तब उनका परिवार टूटने की कगार पर था क्योंकि वह परिवार के साथ समय नहीं बिता पा रही थीं। हालांकि, इन मुश्किल समय में जैकी ने अपनी पत्नी का साथ दिया और पूरे मामले को शांत करवाया।

विवाद रोकने के लिए जैकी को आना पड़ा बीच में

अगर साहिल खान और आयशा विवाद के बारे में खबरों को सही माना जाए तो साहिल ने आयशा से उनकी निजी तस्वीरों के बदले में लाखों रुपए मांगे थे। जब चीजें नियंत्रण से बाहर होने लगीं तो जैकी ने अपने परिवार और अपनी पत्नी की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए साहिल खान से बात की और उसे अपने परिवार से दूर रहने की धमकी दी। जैकी के हस्तक्षेप ने साहिल और आयशा के विवाद को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। साहिल खान और आयशा दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गए।

Ayesha Shroff and Sahil Khan's love story
source: Google

और पढ़ें: कोरियोग्राफर जानी मास्टर से भारत सरकार ने वापस लिया नेशनल अवॉर्ड, सेरेमनी में शामिल होने पर भी लगी रोक

Afghanistan History: क्या हैं वो कारण जिन्होंने अफगानिस्तान को ‘साम्राज्यों का कब्रिस्तान’ बना दिया? यहां पढ़ें

0
Afghanistan graveyard of empires
Source: Google

अफ़ग़ानिस्तान को “साम्राज्यों का कब्रिस्तान” (Graveyard of Empires) इसलिए कहा जाता है क्योंकि कई शक्तिशाली साम्राज्यों और देशों ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया और इसे अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की, लेकिन अंततः विफल रहे। वहीं, अफ़ग़ानिस्तान में स्थानीय प्रतिरोध और बाहरी आक्रमणकारियों की विफलताओं ने इसे एक ऐसी जगह बना दिया है जहाँ प्रमुख शक्तियों को बार-बार हार का सामना करना पड़ा है। दूसरी ओर, देश अपनी कठिन भौगोलिक, सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण आक्रमणकारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र रहा है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

और पढ़ें: पाकिस्तान में आज भी मौजूद हैं भगत सिंह से जुड़ी निशानियां, जानें किस हाल में सहेज कर रखी गई हैं उनकी यादें

अफ़ग़ानिस्तान प्राचीन काल – History of Afghanistan

आर्य सभ्यता: अफ़ग़ानिस्तान का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है, जब यहाँ आर्य जातियाँ बसीं। यह क्षेत्र प्राचीन वेदिक आर्य सभ्यता का हिस्सा था।

हख़ामनी साम्राज्य (ईरानी साम्राज्य): लगभग 6वीं सदी ईसा पूर्व में यह क्षेत्र ईरानी हख़ामनी साम्राज्य के अंतर्गत आया। अफ़ग़ानिस्तान की भूमि इस साम्राज्य के लिए व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण केंद्र थी।

अलेक्ज़ेंडर का आक्रमण: 4वीं सदी ईसा पूर्व में, अलेक्ज़ेंडर महान ने अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया और इसे अपने साम्राज्य में शामिल किया। अलेक्ज़ेंडर के आक्रमण (Alexander’s Invasion) के बाद यहाँ ग्रीक प्रभाव देखा गया और कुछ समय के लिए ग्रीको-बैक्ट्रियन साम्राज्य स्थापित हुआ।

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी काल- Afghanistan Islamic period

7वीं शताब्दी में इस्लाम का आगमन हुआ और अफ़ग़ानिस्तान धीरे-धीरे इस्लामी शासन के अधीन आ गया। 10वीं सदी में ग़ज़नी का महमूद अफ़ग़ानिस्तान के प्रमुख शासक बने, जिन्होंने भारत पर कई आक्रमण किए और ग़ज़नवी साम्राज्य स्थापित किया। ग़ज़नवी साम्राज्य के बाद ग़ोरी वंश ने अफ़ग़ानिस्तान में शासन किया। ग़ोरी शासकों ने भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह तो हुई इतिहास की बात लेकिन अब आइए जानें कि अफगानिस्तान को “साम्राज्यों का कब्रिस्तान” क्यों कहा जाता है।

Afghanistan graveyard of empires
Source: Google

अफगानिस्तान “साम्राज्यों का कब्रिस्तान” – Afghanistan “Graveyard of Empires”

अफ़गानिस्तान का भूभाग पहाड़ी और दुर्गम है, जिससे इसे जीतना और नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है। पहाड़ों से घिरे इस देश में पारंपरिक सैन्य रणनीतियाँ अक्सर काम नहीं करती हैं, क्योंकि यह क्षेत्र लड़ाई के लिए अनुकूल नहीं है और स्थानीय लोग इस इलाके को बेहतर तरीके से जानते हैं।

स्थानीय उग्रवादियों का प्रतिरोध

अफगानिस्तान कुछ समय तक मुगलों के नियंत्रण में था, लेकिन इसे पूर्ण नियंत्रण में रखना उनके लिए कठिन साबित हुआ। इसके बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने 19वीं शताब्दी में कई बार अफगानिस्तान पर आक्रमण किया, लेकिन तीन एंग्लो-अफगान युद्धों (British-Afghan War) (1839-1842, 1878-1880 और 1919) के दौरान ब्रिटिश सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा और वे इस क्षेत्र पर कभी भी पूर्ण नियंत्रण नहीं कर पाए। फिर, 1979 में, सोवियत संघ ने अपने सैनिकों को अफगानिस्तान भेजा, लेकिन उन्हें 1989 में अफगान मुजाहिदीन और अन्य प्रतिरोध समूहों से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। आखिरकार, सोवियत संघ को वापस लौटना पड़ा और इसका एक बड़ा कारण अफगानिस्तान में हार थी।

Afghanistan graveyard of empires
Source: Google

तालिबान को हटाने के उद्देश्य से 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व में सैन्य हस्तक्षेप हुआ। हालांकि, 20 साल की लड़ाई के बाद तालिबान ने फिर से सत्ता हासिल कर ली और 2021 में अमेरिकी सेना और नाटो को वापस लौटना पड़ा। यह संघर्ष “साम्राज्यों के कब्रिस्तान” की छवि को और मजबूत करता है।

विदेशी हस्तक्षेप के दीर्घकालिक परिणाम

अफगानिस्तान में बाहरी हस्तक्षेप ने देश में अस्थिरता को बढ़ा दिया और बार-बार युद्धों ने इसे और कमजोर कर दिया। यह आक्रमणकारियों के लिए “कब्रिस्तान” साबित हुआ क्योंकि उन्होंने यहाँ बड़े संसाधनों का इस्तेमाल किया, लेकिन अंततः देश पर स्थिर नियंत्रण हासिल नहीं कर सके।

और पढ़ें: पाकिस्तान का वो गांव जो 1971 के युद्ध में उसने खो दिया था और अब बन चुका है भारत का हिस्सा 

Solar Storm: अमेरिका पर मंडरा रहा है ब्लैकआउट का खतरा! 20 लाख घरों की बिजली गुल

0
Solar storm Vs America
Source: Google

तूफान हेलेन के बाद अब तूफान मिल्टन (Hurricane Milton) ने अमेरिका को और मुश्किल में डाल दिया है। अमेरिका में भयानक तूफान देखने को मिला है। इससे भारी तबाही मची है। तूफान मिल्टन की वजह से अमेरिका (America) में 10 लोगों की मौत हो गई है। इस तूफान को लेकर सरकार पहले से ही सतर्क थी और लोगों को रेस्क्यू किया गया। 20 लाख घरों की बिजली गायब हैं। सैकड़ों लोगों ने शरण ली है। तूफान मिल्टन से पहले ही फ्लोरिडा राज्य के कई हिस्सों में बिजली कट गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) के अनुसार गुरुवार (11 अक्टूबर 2024) को एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया। एजेंसियों को चिंता है कि इससे तूफान हेलेन और मिल्टन से निपटने के लिए किए जा रहे रिकवरी प्रयास प्रभावित हो सकते हैं।

और पढ़ें: इजरायल एंबेसी के जवान दिल्ली में क्यों लेना चाहते हैं ट्रेनिंग? दूतावास ने पुलिस से मांगी जगह, जानें वजह

अमेरिका में भयानक तूफान- Hurricane Milton in America

अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा तूफ़ान “मिल्टन” फ्लोरिडा के सिएस्टा शहर के पास आया। माना जा रहा है कि यह सदी का सबसे भयानक तूफ़ान है। अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। फ्लोरिडा में तूफ़ान ने तबाही का मंज़र छोड़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तूफ़ान “मिल्टन” ने सैकड़ों घरों को तबाह कर दिया है। इसके अलावा, 20 लाख से ज़्यादा घरों की बिजली चली गई है।

पृथ्वी से टकरा सकता सौर तूफान- Solar storm vs Earth

दूसरी ओर, एजेंसियों ने कहा कि बड़े पैमाने पर सौर विस्फोटों के परिणामस्वरूप विनाशकारी सौर तूफान आएंगे जो पृथ्वी से टकरा सकता है और विनाशकारी क्षति का कारण बन सकते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वैश्विक चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूर्य कभी भी फट सकता है और अगर इससे होने वाला तूफान ग्रह पर आता है तो पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बाधित हो जाएगा। नतीजतन, रेडियो और बिजली दोनों ब्लैकआउट की संभावना बनी हुई है। इंटरनेट, कंप्यूटर और मोबाइल सेवाएं काम करना बंद कर सकती हैं। पृथ्वी पर भूकंप और समुद्र में तूफान का निर्माण दोनों ही संभावित परिणाम हैं।

क्या भारत पर भी पड़ेगा असर?

लद्दाख में अपने बेस से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सौर गतिविधियों के साथ-साथ सूर्य पर होने वाली गतिविधियों पर भी नज़र रखता है। केंद्र से सबसे ताज़ा अपडेट के अनुसार, एक सौर तूफान आने वाला है जो भारतीय उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए उन पर नज़र रखना ज़रूरी है। नासा के वैज्ञानिकों ने भी चेतावनी जारी की है कि भारत सौर तूफान से प्रभावित हो सकता है। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम का दावा है कि कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्रों और सामग्रियों के मिश्रण से उत्पन्न गर्मी के कारण सूर्य में विस्फोट होता है। विस्फोट के बाद 250 से 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाला सौर तूफान उठता है, जो पृथ्वी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

उत्तरी गोलार्ध में दिखेगा अरोरा

मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि अक्टूबर में एक सौर तूफान आया था। सूर्य की सतह पर दो बहुत बड़े विस्फोट हुए। वैज्ञानिकों ने इन दो सौर ज्वालाओं को X7 और X9 नाम दिया। कोरोनल मास इजेक्शन शब्द का इस्तेमाल सूर्य (CME) में विस्फोटक स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है। सूर्य ने सात वर्षों में सबसे शक्तिशाली विस्फोट का अनुभव किया है, जिसे X9 के रूप में जाना जाता है। अपनी गर्मी के कारण, ये दोनों सौर तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं और एक और सौर विस्फोट का कारण बन सकते हैं। हम इस विस्फोट के परिणामस्वरूप बनने वाले तूफान को भू-चुंबकीय तूफान (G3) के रूप में संदर्भित करेंगे। पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह G3 तूफान के प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं। आप आकाश में ऑरोरा या रंगीन प्रकाश प्रदर्शन भी देख सकते हैं।

और पढ़ें: इजरायल-लेबनान यु्द्ध के बीच भारतीय युद्धपोत पहुंचे ईरान, जानें क्या हैं इसके पीछे की वजह

5 प्रेमी, फिर की शादी पर जिंदगी भर रहीं तन्हां, ऐसी है रतन टाटा की EX लवर की लव-लाइफ

0
Simi Grewaal
Source: Google

बिज़नेस टाइकून रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनकी मौत की खबर सुन हर कोई शोक में है. उनकी यह कमी को कोई पूरी नहीं कर सकता. लेकिन उनके कई किस्से आज भी चर्चा में है. उनके परिवार से लेकर उनकी लव लाइफ के किस्सों को दुनिया ने जाना और पढ़ा, लेकिन क्या आप उनकी गर्लफ्रेंड की लवलाइफ के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते बॉलीवुड की उस हसीना के बारे में, जिसको नाम दिया गया ‘द लेडी इन व्हाइट’.

कौन है वो एक्ट्रेस जिसको नाम दिया गया ‘द लेडी इन व्हाइट’

बॉलीवुड में आज कई ऐसी एक्ट्रेस हैं जो अपनी एक्टिंग और ख़ूबसूरती के साथ अपनी लव लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में रही थी. ऐसी ही एक एक्ट्रेस जिन्होंने दुनिया की परवाह नहीं की और आज से 50 साल पहले भी ऐसे बोल्ड सीन्स दिए की देखने वाले भी हैरान रह गए. वो खूबसूरत होने के साथ एलिगेंट और डीसेंट नजर आती थीं. हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे है उनके 5-5 कथित अफेयर्स की चर्चाएं आज भी होती है. जिसमें रतन टाटा का नाम भी शामिल है. ये एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि सिमी ग्रेवाल हैं. ‘द लेडी इन व्हाइट’ सिमी ग्रेवाल ने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्मों से नहीं बल्कि अंग्रेजी फिल्म ‘टार्जन गोज टू इंडिया’ से की थी.

वही एक इंटरव्यू में सिमी ग्रेवाल ने बताया था कि जब वो 5 साल की थी तब उन्होंने स्टार राज कपूर की एक फिल्म आवारा देखी और इसके बाद उनके अंदर फिल्मों में करियर बनने की लत लग गई. सिमी एक्टिंग में ही करियर बनाना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता को ये मंजूर नहीं था. सिमी स्वाभाव से जिद्दी थी और जिद्द मनवाने के लिए भूख हडताल पर बैठ गईं. पिता की बेटी की जिद्द के आगे एक नहीं चली और सिर्फ 15 साल की उम्र में वह मुंबई आ गई और फिल्मे करने लगी. उन्होंने राज कपूर और सत्यजीत रे जैसे शानदार निर्देशकों के साथ काम किया.

also read: PM मोदी का दिया गिफ्ट भी नहीं संभाल सकी युनूस सरकार, जेशोरेश्वरी मंदिर से देवी काली का मुकुट चोरी.

शादी के बाद भी रही अकेले

सादे लिभास में नजर आने वाली सिमी ग्रेवाल की पर्सनल लाइफ की बात करे तो उनका नाम कभी राज कपूर के साथ तो कभी मनमोहन देसाई के साथ जोड़ा गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कि उस दौर में कई फिल्मी मैग्जीन्स ने राज कपूर के साथ उनके अफेयर के किस्सों को छापा था. 1981 में मनमोहन देसाई के साथ उनका नाम तब जुड़ा जब उनकी एक फिल्म में वह कैमियो रोल में नजर आईं. उनके सीरियस अफेयर्स की बातें सिमी ने अपने ही शो में फैंस के साथ शेयर की थी, जिसमें अपनी जिंदगी राज भी खोले थे. इंटरव्यू में उन्होंने ये खुलासा किया था कि 17 का उम्र में उन्होंने पहली बार प्यार हुआ था और ये रिश्ता 3 साल तक रहा था. इसके बाद मंसूर अली खान पटौदी के साथ उन्हें प्यार हुआ. दोनों एक-दूसरे प्यार में पागल थे. पटौदी साहब सिमी को लेकर सीरियस थे और इसलिए उन्हें अपने घरवालों से मिलवाने का फैसला भी कर चुके थे. लेकिन इसी बीच उनकी मुलाकात शर्मिला से हुई और फिर दोनों के रास्ते जुदा हो गए.

तीसरा वो शख्स जिसको सिमी ने अपना हमसफर बनाया. 1970 रवि मोहन से उन्होंने शादी कर ली. ये शादी महज 3 साल में ही टूट गयी. खूबसूरत और बिंदास एक्ट्रेस के पास न पैसे की कमी है ना शोहरत की. 75 साल की सिमी ग्रेवाल के पास सब कुछ है, अगर कुछ नहीं है तो औलाद का सुख नहीं है. सिमी को बच्चा ना होने का अफसोस रहता है. इसके अलवा सिमी ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा अफसोस है कि मेरा कोई बच्चा नहीं है. मैं एक अनाथालय से एक बेटी गोद लेने वाली थी, लेकिन वो मुझे नहीं मिल पाई दरअसल, जिस बच्ची को में गोद लेने वाली थी उसके घरवालों ने उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया था. नियम के हिसाब से मुझे उसकी फोटो न्यूजपेपर में छपवानी पड़ी. 3 महीने तक किसी ने बच्चे की सुध नहीं ली लेकिन जैसे ही मुझे उसकी कस्टडी मिलने वाली थी, बच्ची के माता-पिता सामने आ गए…मेरा दिल टूट गया’.

also read : Ratan Tata Quotes in Hindi: रतन टाटा की इन बातों को जीवन में उतार लिया तो बदल जाएगी आपकी जिंदगी. 

वर्क फ्रंट पर सिमी ग्रेवाल

अगर सिमी ग्रेवाल के वर्कफ्रंट की बात करें वह अपने सेलिब्रिटी टॉक शो, रेन्जेव्यू विद सिमी ग्रेवाल के लिए पॉपुलर हैं.