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Expensive foods: ये हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे फूड, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

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World most expensive foods
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दुनिया में कुछ खाद्य पदार्थ इतने दुर्लभ और खास होते हैं कि उनकी कीमत लाखों में होती है। ये महंगे खाद्य पदार्थ न केवल अपनी दुर्लभता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि इनके उत्पादन और खरीद की प्रक्रिया भी बेहद जटिल है। इन महंगे खाद्य पदार्थों (Expensive foods) की कीमत उनकी दुर्लभता, विशेष उत्पादन प्रक्रिया और मांग के कारण बहुत अधिक है। ये खाद्य पदार्थ विशेष रूप से अमीरों और लग्जरी लाइफस्टाइल वाले लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और इन्हें खाने का अनुभव अपने आप में एक अनोखी और खास बात मानी जाती है। आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे खाद्य पदार्थों (world five most expensive foods) के बारे में, जिनकी कीमत लाखों में है।

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व्हाइट ट्रफल्स (White Truffles)

कीमत: $2,000 से $4,000 प्रति पाउंड

स्थान: मुख्य रूप से इटली और फ्रांस

सफेद ट्रफल को ‘मशरूम का राजा’ कहा जाता है और यह विशेष रूप से इटली और फ्रांस के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। इसकी दुर्लभता और इसे खोजने में कठिनाई के कारण इसकी कीमत आसमान छूती है। सफेद ट्रफल की गंध और स्वाद बेहद खास माना जाता है, जो किसी भी डिश को शानदार बना देता है।

White Truffles
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ब्लूफिन ट्यूना (Bluefin Tuna)

कीमत: $3,000 प्रति पाउंड तक, एक मछली की कीमत $1.8 मिलियन तक हो सकती है

स्थान: जापान

ब्लूफिन टूना जापान में बहुत लोकप्रिय है, खासकर सुशी और साशिमी के लिए। इसकी मांग बहुत ज़्यादा है, यही वजह है कि इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। टोक्यो के एक मछली बाज़ार में दुनिया की सबसे महंगी ब्लूफिन टूना लगभग 1.8 मिलियन डॉलर में बिकी।

Bluefin Tuna
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केसर (Saffron)

कीमत: $500 से $5,000 प्रति पाउंड

स्थान: ईरान, भारत (कश्मीर), स्पेन

केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है, जिसे ‘लाल सोना’ भी कहा जाता है। इसे खास तौर पर केसर के फूलों के कलंक से तैयार किया जाता है और इसे हाथ से इकट्ठा करना बेहद मुश्किल है। 75,000 केसर के फूलों से सिर्फ़ एक पाउंड केसर प्राप्त होता है, जो इसे बेहद महंगा और दुर्लभ बनाता है।

Saffron
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कोपी लुवाक कॉफी (Kopi Luwak Coffee)

कीमत: $500 से $1,300 प्रति किलोग्राम

स्थान: इंडोनेशिया

इसे दुनिया की सबसे महंगी और अनोखी कॉफी माना जाता है। इसे बनाने के लिए इंडोनेशिया में पाए जाने वाले जीव सिवेट बिल्ली द्वारा खाए गए कॉफी बीन्स का इस्तेमाल किया जाता है। सिवेट के पाचन तंत्र से गुजरने के बाद, ये बीन्स एक खास स्वाद प्राप्त कर लेते हैं, जो इस कॉफी को असाधारण और महंगी बनाता है।

Kopi Luwak Coffee
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स्वैलो नेस्ट सूप (Swallow’s Nest Soup)

कीमत: $3,000 से $10,000 प्रति किलोग्राम

स्थान: दक्षिण पूर्व एशिया, मुख्य रूप से चीन

स्वैलो नेस्ट सूप को बनाने के लिए स्विफ्टलेट पक्षी के घोंसलों का उपयोग किया जाता है, जो उनकी लार से बनाया जाता है। ये घोंसले चीन और अन्य एशियाई देशों में बहुत महंगे हैं, खासकर उनके औषधीय और पोषण गुणों के कारण। इसका उपयोग विशेष रूप से अमीर लोग अपने स्वास्थ्य के लिए करते हैं।

Swallow's Nest Soup
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सपने में अनजान चेहरे देखने का क्या मतलब होता है? यहां पढ़ें क्या यह सपना शुभ है या अशुभ

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सपनों में अनजान चेहरे देखना (Seeing unknown faces in dreams) एक दिलचस्प और उत्सुक अनुभव हो सकता है। यह घटना अक्सर लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि इन अजीब चेहरों का उनके जीवन से क्या संबंध हो सकता है। दूसरी ओर, सपनों में अनजान चेहरे देखना कई संभावनाओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है – यह आपके अवचेतन मन में अनुभवों और लोगों का प्रतिबिंब हो सकता है, आपके जीवन में बदलाव और नए अवसरों का संकेत हो सकता है, या आपके व्यक्तित्व के छिपे हुए पहलुओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है। आइए जानते हैं कि सपनों में अनजान चेहरों का क्या मतलब हो सकता है और इसके पीछे क्या संभावित मनोवैज्ञानिक और प्रतीकात्मक अर्थ हो सकते हैं:

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व्यक्तित्व के अलग-अलग पहलू- Seeing unknown faces in dreams

अनजान चेहरे आपके व्यक्तित्व के अलग-अलग पहलुओं का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सपनों में हम अक्सर अपनी असली पहचान या अपने व्यक्तित्व के छिपे हुए हिस्सों का सामना करते हैं जिनसे हम जागते समय परिचित नहीं होते हैं। ये अजीब चेहरे आपके कुछ ऐसे पहलुओं को दर्शा सकते हैं जिन्हें आपने अभी तक पहचाना नहीं है या जो आपके अवचेतन में छिपे हुए हैं।

Seeing unknown in dreams
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मनोवैज्ञानिक व्याख्या

सपने हमारे अवचेतन मन (subconscious mind) का प्रतिबिंब होते हैं। अनजान चेहरे अवचेतन से संबंधित हो सकते हैं, जहाँ हम हर दिन अनगिनत चेहरे और जानकारी देखते हैं, लेकिन उन्हें सीधे याद नहीं रखते हैं। ये चेहरे ऐसे लोगों के हो सकते हैं जिन्हें आपने जीवन में कहीं देखा है (जैसे भीड़ में, सोशल मीडिया पर या टीवी पर) लेकिन जिन्हें आप जाग्रत अवस्था में नहीं पहचानते हैं।

भविष्यवाणी या अंतर्ज्ञान

कुछ लोगों का मानना ​​है कि सपनों में अनजान चेहरे भविष्य की ओर इशारा कर सकते हैं। ये चेहरे ऐसे लोगों के हो सकते हैं जिनसे आप भविष्य में मिलने वाले हैं या जो आपके जीवन में कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। कई बार सपनों को भविष्य की घटनाओं या परिस्थितियों की भविष्यवाणी माना जाता है। अनजान चेहरे संकेत दे सकते हैं कि आप किसी नए व्यक्ति से मिलेंगे जिसका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

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सांकेतिक या आध्यात्मिक दृष्टिकोण

सपनों को कभी-कभी आध्यात्मिक संदेश के रूप में देखा जाता है। अनजान चेहरों को देखना आपके जीवन में आने वाली नई संभावनाओं, लोगों या अवसरों का संकेत हो सकता है। यह इस बात का प्रतीक हो सकता है कि आपके जीवन में कोई नया व्यक्ति या रिश्ता आने वाला है, जिसका आपकी सोच और जीवन के अनुभवों पर असर पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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Lawrence Bishnoi Gang: दाऊद इब्राहिम के नक्शे कदम पर लॉरेंस बिश्नोई! गैंग में शामिल है 700 से ज्यादा शूटर

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Lawrence Bishnoi vs Dawood Ibrahim
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पहले सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) और अब बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui), लॉरेंस बिश्नोई और उसका गिरोह (Lawrence Bishnoi Gang) अब अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की राह पर है। लॉरेंस बिश्नोई और उसका आतंक उसी तरह फैल रहा है जैसे 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Underworld Don Dawood Ibrahim) का था। उसकी गतिविधियों को देखते हुए अब उसे दाऊद इब्राहिम जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से जोड़ा जा रहा है। माना जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गिरोह में 700 से ज़्यादा शूटरों को प्रशिक्षित किया है, जो भारत के 11 राज्यों में आतंक फैलाने में सक्रिय हैं।

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लॉरेंस बिश्नोई: शुरुआती जीवन और अपराध की दुनिया में प्रवेश- Lawrence Bishnoi Life

लॉरेंस बिश्नोई राजस्थान के एक गांव में पैदा हुआ था और बिश्नोई समुदाय (Bishnoi community) से ताल्लुक रखता है। अपने शुरुआती जीवन में वह एक साधारण छात्र था, लेकिन कॉलेज के दिनों में वह अपराध की दुनिया में चला गया। उसे पहली बार पहचान तब मिली जब उसने कॉलेज के राजनीतिक चुनावों में हिस्सा लिया और यहीं से उसके अपराध का सफर शुरू हुआ।

दाऊद इब्राहिम के नक्शे कदम पर- Dawood Ibrahim vs Lawrence Bishnoi

लॉरेंस बिश्नोई की कार्यप्रणाली और उसके अपराधों का विस्तार उसे भारत के सबसे कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ता है। बिश्नोई के अपराधों में हत्या, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की तस्करी और संगठित अपराध शामिल हैं। बिश्नोई का गिरोह पूरे देश में फैला हुआ है, खासकर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में। उसके गिरोह के शूटर हाई-प्रोफाइल अपराधों में शामिल रहे हैं। दाऊद इब्राहिम की तरह, बिश्नोई का गिरोह भी एक अंतरराज्यीय नेटवर्क पर आधारित है, जिसके गुर्गे विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं। वे उसकी ओर से हाई-प्रोफाइल हत्याएं, जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

Lawrence Bishnoi
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700 शूटरों का नेटवर्क

खबरों की मानें तो, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गिरोह में 700 से ज़्यादा शार्पशूटरों को रखा हुआ है, जो अलग-अलग राज्यों में सक्रिय हैं। इन शूटरों को संगठित अपराध करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और ये विभिन्न अपराधों में शामिल होते हैं, जैसे बिश्नोई के गिरोह ने कई बार निजी दुश्मनी के चलते हत्या की वारदातों को अंजाम दिया है। कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों की हत्याओं में बिश्नोई का नाम सामने आया है। इसके अलावा बड़े व्यापारियों और प्रभावशाली लोगों से फिरौती मांगने के मामले भी बिश्नोई के गिरोह से जुड़े हुए हैं।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या- Siddhu Moosewala murder

लॉरेंस बिश्नोई का नाम तब चर्चा में आया जब पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में उसका नाम आया। इस हत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी और बिश्नोई गैंग की धमक और भी बढ़ गई। अब हाल ही में महाराष्ट्र के मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में बिश्नोई गैंग (Baba Siddiqui Murder) की संलिप्तता सामने आई है।

Lawrence Bishnoi
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जेल के अंदर से अपराध

दाऊद इब्राहिम की तरह ही, बिश्नोई जेल में रहते हुए भी अपने आपराधिक नेटवर्क को संचालित करता रहा है। लॉरेंस बिश्नोई वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल(Sabarmati Jail in Gujarat) में बंद है, लेकिन उसके गिरोह का संचालन वह जेल के अंदर से ही करता है। उसे हाई-सिक्योरिटी जेल में रखा गया है, फिर भी उसके गिरोह के अपराध देशभर में जारी हैं। उसके गिरोह का संचालन मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, और अन्य तरीकों से जेल के अंदर से ही होता है।

बता दें, NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से की है।

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Diwali 2024 Date: दिवाली कब है, 31 अक्टूबर या 1 नवंबर?  यहां से दूर कीजिए तिथि का कंफ्यूजन

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Kab hai diwali 2024
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भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली (Diwali Festival) आने में अब बस आधा महीना ही बचा है। हर साल दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या (Amavasya) तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। क्योंकि इस साल अमावस्या दो दिन पड़ रही है। जिसके कारण असमंजस की स्थिति है। कुछ लोग कह रहे हैं कि दिवाली 31 अक्टूबर को होगी, जबकि कुछ लोग कह रहे हैं कि दिवाली 1 नवंबर को होगी, लेकिन परेशान न हों, आज हम आपकी सारी उलझन दूर कर देंगे और आपको बताएंगे कि इस साल दिवाली कब है (Kab hai diwali)?

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दिवाली क्यों मनाते हैं? (Diwali 2024 Date)

पौराणिक ग्रंथों में दिवाली के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह त्यौहार भगवान राम के अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने रावण को हराया था और 14 साल के वनवास से वापस लौटे थे। इसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हालाँकि, इस बार इसकी तिथि (Diwali Date) को लेकर असमंजस की स्थिति है, आइए इसे दूर करते हैं।

Kab hai diwali
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कार्तिक अमावस्या की तिथि? (Date of Kartik Amavasya)

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दिवाली का वार्षिक उत्सव इस बार दो दिन पड़ रहा है। इस बार अमावस्या तिथि (Amavasya Tithi) 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर 2024, शुक्रवार को शाम 6:17 बजे तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाने का सुझाव दे रहे हैं, जबकि कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने का सुझाव दे रहे हैं।

कब मनाया जाएगा दिवाली का त्योहार?- Diwali Festival Date

हिंदू धर्म में उदयातिथि पर पूजा करना वैध है, लेकिन प्रदोषव्यापिनी अमावस्या वह दिन है जिस दिन दिवाली की पूजा हमेशा की जाती है। इसका उदयातिथि से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इस साल दिवाली का उत्सव धर्म और शास्त्र के अनुसार गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 6:27 बजे से शुरू होकर रात 8:32 बजे तक रहेगा। वहीं, दिवाली पर पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:39 बजे से शुरू होकर रात 12:31 बजे तक रहेगा।

प्रदोष काल-17: 35 से 20:11 तक

वृषभ काल-18: 21से 20:17 तक

diwali puja
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दिवाली कैलेंडर 2024 (Diwali Calendar)

29 अक्टूबर दिन मंगलवार को धनतेरस मनाया जाएगा।

30 अक्टूबर दिन बुधवार को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली की पूजा होगी।

31 अक्टूबर दिन गुरुवार को दीपावली लक्ष्मी पूजा होगी।

2 नवंबर दिन शनिवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी।

3 नवंबर दिन रविवार को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा।

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100 रुपये से भी कम थी पहली सैलरी, आज हैं सबसे महंगे सुपरस्टार, 36 सालों में बना ली 2900 करोड़ की संपत्ति

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Salman Khan
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आज के समय में बॉलीवुड में कई बड़े स्टार्स हैं, जो एक फिल्म के लिए करोड़ो रूपए की फ़ीस चार्ज करते है. उन्हें किसी फिल्म के लिए कास्ट कर पाना हर प्रोड्यूसर के बस की बात नहीं है. हम जिस बॉलीवुड स्टार की बात कर रहे है ये कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड स्टार सलामन खान है. जिनकी सैलरी महज 100 रूपए से भी कम थी. लेकिन आज के समय में उनकी गिनती बॉलीवुड के सुपरस्टार में होती है.

100 रुपये से भी कम थी पहली सैलरी

बॉलीवुड स्टार सलमान खान आज किसी पहचान के मोहताज़ नहीं हैं. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मे दी है. सलमान खान ने अपने करियर की शुरुआत साल १९98 में फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ से की थी. हालांकि, वह इस फिल्म में सपोर्टिंग रोल में नजर आए थे. इसके बाद सलमान खान के फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ लीड में नज़र आये, जिसने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया था. फिल्म डायरेक्टर सूरज बड़जात्या के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ उस साल की हाईएस्ट ग्रोसिंग फिल्म साबित हुई थी.

लेकिन क्या आप जानते हैं? सलमान खान की पहली सैलरी 100 रुपये भी नहीं थी, जी हाँ, कुछ समय पहले सलमान खान ने अपनी पहली सैलरी का खुलासा किया था. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया था कि, ‘मेरी पहली सैलरी, मुझे लगता है कि लगभग 75 रुपये थी. मैं ताज होटल में किसी शो में बैकग्राउंड में डांस किया था. वहां पर मेरे एक दोस्त डांस कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे भी बुला लिया था. फिर यह बढ़कर 750 रुपये हो गया, जब मैंने कैंपा कोला के ऐड के लिए काम किया था. इसके बाद यह लंबे समय तक 1500 रुपये रहा. फिर मुझे फिल्म मैंने प्यार किया के लिए 31,000 रुपये मिले थे, जो बाद में बढ़कर 75,000 रुपये हो गए.’

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सबसे महंगे सुपरस्टार सलमान खान

सलमान खान बॉलीवुड का भाईजान कहा जाता है. सलमान खान बॉलीवुड के सबसे महंगे सुपरस्टार्स में से एक हैं. उन्हें किसी फिल्म के लिए कास्ट कर पाना हर प्रोड्यूसर के बस की बात नहीं है. सलमान खान का स्टारडम ऐसा है कि 58 साल की उम्र में भी वह सिर्फ और सिर्फ हीरो का रोल करते हैं और एक फिल्म के लिए करोड़ों की फीस लेते हैं. इसके अलवा सलमान खान बिज़नेस की दुनिया में भी छाए हुए है. सलमान खान ने पिछले 36 सालों में शोहरत के साथ दौलत भी जमकर कमाई है. सलमान खान की कुल सम्पति 2900 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.

वर्क फ्रंट पर सलमान खान

वही अगर सलमान खान के वर्क फ्रंट की बात करें तो सलमान खान अपनी अपकमिंग फिल्म ‘सिकंदर’ की शूटिंग में बिजी हैं. इसमें उनके साथ रश्मिका मंदाना नजर आएंगी. यह मूवी अगले साल ईद के मौके पर सिनेमाघरों में दस्तक देगी. वही इन दिनों सलमान खान हाल ही में शुरू हुए बिगबॉस सीजन 17 को होस्ट करते नजर आ रहे है. इसके अलवा सलमान खान के हाथ कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं.

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Cooch Behar: बीजेपी सांसद अनंत महाराज ने आश्रम में घुसकर साधु संग की मारपीट, टीएमसी नेता ने की उचित कार्रवाई की मांग

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BJP MP Anant Maharaj
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कूचबिहार (Cooch Behar) से एक बेहद तनावपूर्ण खबर आ रही है। ये खबर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाती नजर आ रही है। दरअसल बीजेपी (BJP) के राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद अनंत महाराज (Anant Maharaj) पर आश्रम में घुसकर साधु की पिटाई करने का आरोप लगा है। जिसके बाद इलाके में बेहद तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। इलाके के ग्रामीण सड़कों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सड़क पर टायर जलाकर और नारेबाजी कर विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सांसद अनंत महाराज की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वे प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। वहीं टीएमसी ने इस पूरे मामले में बीजेपी को भी घेरा है।

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ये है पूरा मामला- MP Anant Maharaj controversy

आरोप है कि रविवार की शाम अनंत महाराज सीताई स्थित रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम (Ramakrishna Vivekananda Seva Ashram) आए थे। इस दौरान आश्रम के साधु विज्ञानानंद तीर्थ महाराज से धार्मिक चर्चा को लेकर अनंत झगड़ा करने लगे। आरोप है कि अनंत महाराज ने साधु को धक्का दिया और मारपीट की। इस दौरान अनंत महाराज के कई सहयोगी भी उनके साथ थे। आरोप है कि साधु की पिटाई करने के बाद अनंत महाराज आश्रम से चले गए। जब ​​ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने सीताई- माथाभांगा राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन कर अनंत महाराज की गिरफ्तारी की मांग की। सीताई थाना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामले को शांत कराया।

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टीएमसी नेता ने बीजेपी को घेरा

इस पूरे मामले को लेकर अब टीएमसी बीजेपी पर हमलावर है। इस मामले को लेकर टीएमसी की ओर से बयान जारी किया गया है। दरअसल, इस पूरे मामले पर टीएमसी नेता और उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा (TMC leader Udayan Guha )ने घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस से उचित कार्रवाई करने को कहा है।

बीजेपी सांसद ने भी आरोपों को लेकर दिया बयान- BJP MP Anant Maharaj statement

आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस पूरे मेल को लेकर बीजेपी सांसद अनंत महाराज का बयान सामने आया है। साधु पर लगे मारपीट के आरोपों पर बीजेपी सांसद अनंत महाराज (BJP MP Anant Maharaj) ने कहा कि मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वे आश्रम गए थे और महाराज का नाम, पहचान और शैक्षणिक योग्यता पूछ रहे थे लेकिन उन्होंने गुस्से में बताने से इनकार कर दिया। सांसद ने कहा कि बाद में साधु ने कुछ स्थानीय ग्रामीणों को गुमराह किया जिसकी वजह से विरोध हो रहा है।

BJP MP Anant Maharaj
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1992 की वो सुपरहिट फिल्म, 2 सुपरस्टार जब पड़े थे अमिताभ-धर्मेंद्र पर भारी

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Madhuri and Anil
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बॉलीवुड में आज कई ऐसे सुपरस्टार है जिन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मे दी है और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. वही साल 1992 की वो सुपरहिट फिल्म जिसमें दो सुपरस्टार की केमिस्ट्री ने लोगों को दीवाना बना दिया था. फिल्म ने सिनेमाघरों मे दस्तक देते ही धमाल मचा दिया था. हम जिस फिल्म की बात कर रहे है ये कोई और नहीं बल्कि फिल्म बेटा हैं. इस फिल्म में बॉलीवुड स्टार अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने लीड रोल निभाया था.

बॉक्स ऑफिस पर धमाल

1992 की सुपरहिट फिल्म बेटा इस फिल्म में अनिल कपूर संग माधुरी दीक्षित की जोड़ी को काफी पसंद किया था. इस फिल्म ने अनिल कपूर के करियर को नई दिशा दी थी. कमाई के मामले में भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस को हिला कर रख दिया था. फिल्म के गाने भी काफी हिट हुए थे. आज भी लोग इस फिल्म को देखना पसंद करते हैं. इस फिल्म ने कई बड़े स्टार शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन को भी मात दे दी थी. इस फिल्म में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित के अलावा अनुपम खेर, अरुणा ईरानी और आकाश खुराना ने अहम भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे बेटे का किरदार निभाया था जो अपनी मां की बातों पर आंख बंद करके विश्वास करता है. अनिल की मां का रोल अरुणा ईरानी ने निभाया था.

वही 90 के दशक में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी को काफी पसंद किया जाता था. दोनों जिस फिल्म में नजर आते थे, वो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया करती थी. इसी साल बॉलीवुड स्टार गोविंदा, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्मों ने भी सिनेमाघरों में दस्तक दी थी. लेकिन अनिल कपूर की इस फिल्म ने सभी फिल्मों को पछाड़ दिया था और बॉक्स ऑफिस पर अपनी धाक जमाई थी. अनिल कपूर इस साल अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और शाहरुख खान सभी पर भारी पड़े थे. इसके अलवा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ने 20 करोड़ का कलेक्शन किया था.

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अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित का वर्कफ्रंट

अगर अनिल कपूर के वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्हें आखिरी बार द नाइट मैनेजर में देखा गया था, जिसमें आदित्य रॉय कपूर और शोबिता धुलिपाला मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इसके अलवा अनिल कपूर ने हालिया बिगबॉस ott होस्ट किया था. वही माधुरी दीक्षित के वर्कफ्रंट की बात करें तो माधुरी को आखिरी बार आनंद तिवारी द्वारा निर्देशित और सुमित बथेजा द्वारा लिखित पारिवारिक मनोरंजक फिल्म ‘माजा मा’ में देखा गया थ. इसके अलावा एक्ट्रेस फिल्म भूल भुलैया में नज़र आएँगी.

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Bahraich Durga Immersion Violence
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यूपी के बहराइच में रविवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बवाल (Bahraich Durga Immersion Violence) हो गया। पुलिस ने बताया कि हरदी इलाके के महाराजगंज बाजार में रविवार को देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान फायरिंग और पथराव हुआ। इस घटना में एक युवक की जान चली गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के विरोध में बड़ी संख्या में लोगों ने जिला अस्पताल के बाहर युवक का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने लखनऊ में जारी बयान में कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल एसपी वृंदा शुक्ला ने लापरवाही के आरोप में हरदी थाने के एसओ और महसी के चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया है।

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बहराइच दुर्गा विसर्जन हिंसा का कारण- Bahraich Durga Immersion Violence

बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर की शाम को एक खास समुदाय के घर से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकला। दावा है कि इस दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ, जो हिंसक झड़प में बदल गया। जब किसी ने छतों से पत्थर फेंकने की कोशिशों का विरोध किया, तो दूसरे ने फायरिंग कर दी, जिसमें राम गोपाल मिश्रा नाम के एक युवक को गोली लग गई। इस घटना में 15 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए। घायलों को अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने राम गोपाल को मृत घोषित कर दिया।

हिंसा बढ़ने पर पुलिस बल सड़क पर उतरा

राम गोपाल मिश्रा की मौत की खबर फैलते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया। लोग सार्वजनिक स्थानों पर निकल आए। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं शुरू हो गईं। भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए और राम गोपाल के शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रख दिया। कई जगहों पर विसर्जन जुलूस को रोक दिया गया। लोग लगातार आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने हाईवे बंद करवा दिया। गांव के बाद शहर की स्थिति भी बेहद तनावपूर्ण हो गई।

सीएम योगी ने क्या कहा?

घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने लखनऊ में बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

ग्रामीणों ने क्या बताया?

ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को जब महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे से रेहुआ मंसूर गांव में मूर्ति विसर्जन जुलूस जा रहा था, तो दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने उस स्थान पर डीजे बजाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद विवाद बढ़ गया और पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। हिंदू पक्ष के एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं।

थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी निलंबित

बीते दिन जिले में हालात इतने बिगड़ गए कि खुद जिला प्रबंधक और एसपी वृंदा शुक्ला को हेलमेट पहनकर सड़क पर उतरना पड़ा। देर रात को ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। डीएम मोनिका रानी के मुताबिक एफआईआर में करीब 25 लोगों के नाम दर्ज हैं और मारपीट में शामिल हर व्यक्ति को कड़ी सजा मिलेगी। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है और जांच के बाद ही उसकी पहचान और मकसद का पता चलेगा। एसपी ने उसी समय घोषणा की कि महसी चौकी इंचार्ज और थाना इंचार्ज दोनों को अपने कर्तव्यों की अनदेखी करने के लिए निलंबित कर दिया गया है। हम इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। फिलहाल इस मामले में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

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गोरखपुर में सस्पेंड सिपाही ने डॉक्टर का फोड़ा सिर: एक दिन पहले क्लीनिक में हुआ था विवाद, अगले दिन हथौड़े से किया हमला

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Gorakhpur Suspended constable and doctor controversy
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गोरखपुर जिले के कैंट थाना क्षेत्र के छात्र संघ चौराहे के पास डॉ. अनुज सरकार (Gorakhpur Gastroenterologist Dr Anuj) की गैस्ट्रोलॉजी क्लीनिक पर मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यहां एक निलंबित सिपाही ने अस्पताल संचालक डॉ. अनुज सरकारी पर हथौड़े से हमला कर दिया। जिससे डॉ. अनुज सरकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका सिर फट गया। वारदात को अंजाम देने के बाद दरोगा मौके से फरार हो गया। हालांकि पुलिस ने आरोपी पंकज कुमार (Gorakhpur suspended Constable Pankaj Kumar) निवासी मंझरिया गंगा, खलीलाबाद, संत कबीर नगर को शनिवार को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। सिपाही की पत्नी ने एसएसपी से मिलकर पति को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। वहीं, सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक सिपाही के प्रति लोगों की हमदर्दी साफ दिखाई दे रही है।

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पत्नी के इलाज को लेकर हुआ था विवाद- Gorakhpur Gastroenterologist Dr Anuj Controversy

घटना शुक्रवार दोपहर कैंट इलाके के स्टूडेंट यूनियन स्क्वायर स्थित गैस्ट्रो लिवर अस्पताल (Gastro and Liver clinic) की है। सिपाही एक दिन पहले अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए डॉ. अनुज सरकार के पास गया था। इस दौरान किसी बात को लेकर उसका डॉक्टर से झगड़ा हो गया। बताया जाता है कि इस दौरान डॉक्टर के स्टाफ ने सिपाही की जमकर पिटाई कर दी। पुलिस से भी बात की गई, लेकिन वे पहले ही स्थिति को संभाल चुके थे। इससे सिपाही भड़क गया और दूसरे दिन शुक्रवार को हथौड़ा लेकर डॉक्टर के अस्पताल पहुंचा और उस पर हमला कर दिया।

सूचना मिलते ही एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर खुद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसएसपी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके निर्देश भी दिए।

गैरहाजिर रहने के कारण निलंबित था सिपाही

पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी सिपाही पंकज चौधरी संत कबीर नगर जिले के मंझरिया गंगा गांव का रहने वाला है। वह फिलहाल बलिया पुलिस लाइन में तैनात था, लेकिन एक साल से गैरहाजिर रहने के कारण उसे निलंबित कर दिया गया था। वहीं, बताया जा रहा है कि सिपाही पंकज चौधरी की पत्नी काफी समय से बीमार चल रही है। पत्नी के इलाज के चलते वह गैरहाजिर था।

ये है पूरा मामला

खबरों की मानें तो, पंकज गुरुवार को अपनी पत्नी अदिति का चेकअप कराने गैस्ट्रो लिवर अस्पताल गया था। यहां अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर उसका डॉ. अनुज से विवाद हो गया। दरअसल पंकज ने अल्ट्रासाउंड की फीस को लेकर डॉक्टर से सवाल किया कि खलीलाबाद में इसकी फीस 800 रुपये है, लेकिन यहां 1100 रुपये क्यों लिए जा रहे हैं। इस पर डॉक्टर भड़क गए और दोनों के बीच हाथापाई हो गई। बहस बढ़ने पर डॉक्टर को कुर्सी से धक्का दे दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने सिपाही पर हमला कर दिया। इस दौरान पंकज के सिर में भी चोट आई है।

पंकज की पत्नी संग भी हुआ दुर्व्यवहा

इसी बीच पंकज की पत्नी अदिति डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारियों के आगे हाथ जोड़कर और पैरों में गिरकर विनती करती रही कि उसके पति को छोड़ दिया जाए। उसका चार साल का बेटा शिवम अपने पिता को पिटता देख रोने लगा, लेकिन फिर भी डॉक्टर और उसके स्टाफ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे उसके पति को पीटते रहे। अदिति ने आरोप लगाया कि पति को बचाने के दौरान स्टाफ ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया।

अगले दिन कांस्टेबल पंकज हथौड़ा लेकर पहुंचा

पंकज को अपने बेटे और पत्नी के सामने पिटाई से बहुत अपमान महसूस हुआ। वह इतना आहत हुआ कि उसने डॉक्टर से बदला लेने की सोची। इसके बाद शुक्रवार को पंकज ने फिर हिंसा का रास्ता अपनाया। सुबह 11 बजे पंकज छात्र संघ चौराहे पर बस से उतरा। उसके हाथ में एक थैला था, जिसमें उसने हथौड़ा छिपा रखा था। घटना से गुस्साया सिपाही शुक्रवार को एक बार फिर अस्पताल पहुंचा और चैंबर में घुसकर डॉ. अनुज सरकारी के सिर पर हथौड़े से हमला कर दिया।

सिपाही के खिलाफ केस दर्ज

इस अप्रत्याशित हमले में डॉक्टर अनुज गंभीर रूप से घायल हो गए। पंकज को तुरंत पीआरवी सिपाहियों ने काबू में किया और फिर हथौड़ा पकड़ लिया। डॉक्टर खतरे से बाहर है। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर और कैंट थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने इलाके का मुआयना किया और डॉ. अनुज सरकार के परिजनों से बात की। उनके बड़े भाई द्वारा संचालित दाउदपुर अस्पताल में डॉ. अनुज का इलाज चल रहा है। पंकज चौधरी को पुलिस ने हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक डॉ. अनुज सरकार की तहरीर पर आरोपी सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

सोशल मीडिया पर भी घटना की चर्चा

शनिवार को सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर चर्चा हो रही है। ज्यादातर लोगों ने कांस्टेबल के पक्ष में और डॉक्टर के खिलाफ प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने तो यहां तक ​​लिखा कि गोरखपुर के बेलगाम डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं कई लोगों ने कहा कि डॉक्टर का व्यवहार ठीक नहीं है, इसी वजह से यह घटना हुई।

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Cyber Attack on Iran: जानें इजरायल ने ईरान पर कब-कब किए साइबर हमले, यहां पढ़ें पूरा कच्चा चिट्ठा

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Cyber Attack on Iran
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इजरायल से तनाव के बीच ईरान को शनिवार को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिसमें उसके परमाणु संयंत्रों को भी निशाना बनाया गया। इस साइबर हमले से ईरानी सरकार की तीनों शाखाएँ प्रभावित हुई हैं। वैसे, पिछले कुछ दशकों में ईरान पर साइबर हमलों (Cyber Attack on Iran) की कई घटनाएँ हुई हैं, जिनमें कभी इजरायल तो कभी अमेरिका का नाम भी आता रहा है। इन साइबर हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु और सैन्य क्षमताओं को कमज़ोर करना या उसे ख़तरनाक तकनीक तक पहुँचने से रोकना था। आइए हम आपको बताते हैं कि कब-कब इजरायल ने ईरान पर साइबर हमले किए। इन हमलों में ‘स्टक्सनेट’, ‘स्टार्स’ और ‘वाइपर’ जैसे कोड नाम शामिल हैं।

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स्टक्सनेट (Stuxnet) – 2010

स्टक्सनेट दुनिया का पहला ज्ञात साइबर हथियार था, जिसे इज़राइल और अमेरिका ने मिलकर विकसित किया था। इसका उद्देश्य ईरान के नतांज़ परमाणु संयंत्र में स्थापित सेंट्रीफ्यूज को निशाना बनाना था, जिसका उपयोग यूरेनियम संवर्धन के लिए किया जाता था। स्टक्सनेट वायरस ने सेंट्रीफ्यूज को धीमा करके या तेज़ करके नुकसान पहुँचाया, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे चला गया।

Stuxnet cyber Attack
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  • यह वायरस मुख्य रूप से विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित करता था और बिना किसी बाहरी इंटरनेट कनेक्शन के भी काम कर सकता था।
  • यह अटैक बेहद जटिल और परिष्कृत था, जो साइबर युद्ध के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

स्टार्स (Stars) – 2011

2011 में ईरान ने दावा किया था कि उसके औद्योगिक सिस्टम पर एक और साइबर हमला हुआ था, जिसे उसने ‘स्टार्स’ नाम दिया था। हालांकि यह हमला स्टक्सनेट जितना प्रभावी नहीं था, लेकिन ईरान ने इसे एक बड़ा ख़तरा माना।

  • ‘स्टार्स’ नामक वायरस को ईरान के अधिकारियों ने एक कम प्रभावशाली हमले के रूप में वर्गीकृत किया, लेकिन इसने देश की साइबर सुरक्षा कमजोरियों को उजागर किया।

वाइपर (Wiper) – 2012

वाइपर एक और खतरनाक साइबर हमला था जिसने ईरान के तेल उद्योग को प्रभावित किया। इस हमले ने ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी और उसके मंत्रालय के कंप्यूटर सिस्टम को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया।

  • वाइपर ने कंप्यूटरों की हार्ड ड्राइव को पूरी तरह से मिटा दिया, जिससे डेटा की स्थायी हानि हुई।
  • यह अटैक तेल उद्योग को निशाना बनाने वाला था, जिसने ईरान की आर्थिक स्थिति पर असर डाला।

शामून (Shamoon) – 2012 और 2016

शमून वाइपर जैसा ही एक और बड़ा साइबर हमला था। यह हमला मुख्य रूप से सऊदी अरामको पर केंद्रित था, लेकिन इसे ईरान के खिलाफ़ सीधे जवाब के रूप में देखा गया। शमून ने सऊदी अरब और ईरान के बीच बढ़ते साइबर युद्ध की ओर इशारा किया।

Shamoon Cyber Attack
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  • यह मैलवेयर तेल उद्योग की कंपनियों पर हमला करता था और डेटा को मिटा देता था।
  • शामून का नया संस्करण 2016 में फिर से सामने आया, जिससे यह साबित हुआ कि साइबर अटैक की घटनाएँ लगातार हो रही थीं।

डूज़ू (Duzu) और अन्य साइबर हमले

इसके अलावा, ईरान पर डुज़ू और अन्य अज्ञात साइबर हथियारों का उपयोग करके कई छोटे और बड़े साइबर हमले किए गए हैं। इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु, रक्षा और आर्थिक प्रणालियों को नुकसान पहुँचाना था।

बता दें, ईरान पर हुए साइबर हमलों में सबसे प्रमुख भूमिका इजरायल की मानी जाती है और कई बार इसमें अमेरिका का भी हाथ रहा है। स्टक्सनेट, स्टार्स, वाइपर और शमून जैसे साइबर हथियारों का ईरान के संवेदनशील परमाणु और औद्योगिक ढांचों पर गहरा असर पड़ा है। इन हमलों ने साइबर युद्ध को एक नया आयाम दिया और देशों के बीच पारंपरिक युद्ध की जगह एक नई तरह की लड़ाई की शुरुआत की।

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