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Rajasthan News: झुंझुनूं में कड़ी सुरक्षा के बीच दलित दूल्हे की बिंदौरी निकाली गई, सि...

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Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मेहाड़ा थाना क्षेत्र के गोविंदासपुरा गांव में दलित दूल्हे की बिंदौरी भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई। गांव में दूल्हे की बिंदौरी को लेकर मिली धमकियों के बाद पुलिस ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए। 15 फरवरी को हुई इस बिंदौरी में 4 थानों की पुलिस और 60 जवान तैनात रहे, जिससे पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया गया।

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घोड़ी पर नहीं बैठने देने की मिली थी धमकी- Rajasthan News

थानाधिकारी भजनाराम ने बताया कि गोविंदासपुरा के निवासी राकेश कुमार, पुत्र मदनलाल की शादी 15 फरवरी को तय थी। शादी से पहले 9 फरवरी को हुए लग्न-टीका कार्यक्रम के दौरान कुछ युवकों ने परिवार को धमकी दी कि शादी के दिन राकेश की बिंदौरी घोड़ी पर नहीं निकाली जाएगी। इस धमकी से परिवार चिंतित हो गया और उन्होंने तुरंत मेहाड़ा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई।

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पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था

शिकायत के बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर 15 से अधिक लोगों को पाबंद किया और पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए रखी। इसके बावजूद परिजनों को झगड़े की आशंका बनी रही, जिसके चलते वे झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी से मिले और सुरक्षा की मांग की। एसपी के निर्देश पर मेहाड़ा, खेतड़ी, खेतड़ी नगर, और बबाई थानों की पुलिस के अलावा पुलिस लाइन से क्यूआरटी टीम को तैनात किया गया।

सुरक्षा घेरे में दूल्हे की बिंदौरी

60 पुलिस जवानों की निगरानी में दूल्हा राकेश कुमार घोड़ी पर सवार होकर पूरे गांव में निकला। कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी बिंदौरी शांतिपूर्वक निकाली गई और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। इसके बाद बारात हरियाणा के नारनौल के शोभापुर के लिए रवाना हो गई।

पुलिस प्रशासन की सतर्कता

थानाधिकारी भजनाराम ने बताया कि दूल्हे के परिवार में पांच भाई हैं और राकेश गुरुग्राम (हरियाणा) की एक निजी कंपनी में काम करता है। उसके पिता मदनलाल मजदूरी करते हैं।

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इससे पहले, स्वर्ण जाति के कुछ युवकों ने राकेश और उसके परिवार को धमकाया था कि वे घोड़ी पर सवार होकर बिंदौरी न निकालें। इस घटना के बाद पुलिस ने गांव में पहुंचकर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को पाबंद किया और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए निगरानी बढ़ा दी।

समाज में बदलाव का संकेत

झुंझुनूं जिले में इस घटना ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक नई मिसाल कायम की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी समुदाय के अधिकारों का हनन न हो, प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता ने यह संदेश दिया कि जातिगत भेदभाव और धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस घटना के बाद इलाके में चर्चा है कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए, जिससे हर वर्ग के नागरिक अपने अधिकारों का निर्भीकता से उपयोग कर सकें।

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Premananda Maharaj Padyatra Update: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा फिर होगी शुरू! ब...

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Premananda Maharaj Padyatra Update: श्रीकृष्ण शरणम् से श्री हित राधा केली कुंज तक जाने वाली रात्रि पदयात्रा को फिर से शुरू किया जा सकता है। रविवार को एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशू शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर पदयात्रा को रोकने के लिए माफी मांगी और उसी मार्ग से दोबारा यात्रा शुरू करने की अपील की।

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विरोध के बाद पदयात्रा हुई थी स्थगित- Premananda Maharaj Padyatra Update

एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने रात्रि में निकलने वाली पदयात्रा के दौरान बैंड बजाने और आतिशबाजी करने पर आपत्ति जताई थी। इस विरोध के चलते संत प्रेमानंद महाराज ने यात्रा को रोक दिया और आश्रम जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपना लिया। उन्होंने रमणरेती पुलिस चौकी होते हुए यात्रा करना शुरू कर दिया, जिससे दूर-दराज से आने वाले भक्तों को दर्शन में कठिनाई होने लगी। भक्तों में इस निर्णय को लेकर नाराजगी देखी गई और वे प्रशासन से इस विषय में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे थे।

सोसाइटी अध्यक्ष की पहल

रविवार को एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष केली कुंज पहुंचे और संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। सोसाइटी अध्यक्ष ने बताया कि कुछ यूट्यूबरों ने कॉलोनीवासियों को भड़काया और उन्हें महाराज से सीधे बातचीत का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब विरोध करने वाले लोग भी पश्चाताप कर रहे हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार करने में हिचक रहे हैं। उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से अनुरोध किया कि यात्रा फिर से उसी मार्ग से शुरू की जाए।

प्रेमानंद महाराज की प्रतिक्रिया

संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि उनका उद्देश्य सभी को सुख पहुंचाना है और यदि किसी को उनकी यात्रा से असुविधा हुई, तो उन्होंने स्वयं ही मार्ग बदल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रजवासियों के प्रति अपराध करने से भगवत प्राप्ति में बाधा आती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘भजन मार्ग’ पर जारी वीडियो में उन्होंने कहा कि ब्रजवासी भगवान के निज पार्षद होते हैं, इसलिए उनके प्रति दोष दृष्टि रखना आध्यात्मिक उन्नति में बाधा बन सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि कोई व्यक्ति ब्रजवासियों के प्रति अपराध कर ले तो भी उसे परम पद प्राप्त नहीं होगा। यह संदेश उन सभी भक्तों के लिए है जो ब्रजधाम में श्रद्धा रखते हैं और इस पवित्र भूमि पर सम्मानपूर्वक आचरण करना चाहते हैं।

भक्तों के लिए खुशखबरी: पदयात्रा फिर होगी शुरू

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘भजन मार्ग’ पर एक नया वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें संत प्रेमानंद महाराज ने पुष्टि की कि वे आज रात 2 बजे से फिर से पदयात्रा शुरू करेंगे। यह खबर सुनते ही भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गई और यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भक्तगण एक बार फिर इस आध्यात्मिक पदयात्रा का हिस्सा बन सकेंगे और अपने श्रद्धेय संत से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे।

रात्रि पदयात्रा को लेकर हुए विवाद का समाधान निकलने के बाद अब भक्तों को फिर से संत प्रेमानंद महाराज के सानिध्य में यात्रा करने का अवसर मिलेगा। सोसाइटी अध्यक्ष द्वारा माफी मांगने और संत प्रेमानंद महाराज द्वारा यात्रा पुनः शुरू करने की घोषणा से वातावरण में सकारात्मकता लौट आई है।

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Rajasthan ACB News: राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई, अरबपति निकला PW...

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Rajasthan ACB News: राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की छापेमारी में लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियर दीपक कुमार मित्तल के पास अघोषित संपत्ति का बड़ा खुलासा हुआ है। अब तक की जांच में मित्तल की आय से 205 प्रतिशत अधिक संपत्ति का पता चला है। जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित उनके छह ठिकानों से 17 प्लॉट, 50 लाख रुपये नकद, सोना-चांदी और अन्य निवेश मिले हैं।

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ऑपरेशन ‘बेफिक्र’ में ACB का बड़ा खुलासा- Rajasthan ACB News

एंटी करप्शन ब्यूरो को इनपुट मिला था कि XEN (एक्सक्यूटिव इंजीनियर) दीपक कुमार मित्तल बेफिक्र होकर रिश्वत लेता है। इसकी पुष्टि के बाद ACB ने ‘ऑपरेशन बेफिक्र’ लॉन्च किया। जैसे ही ACB को खबर मिली कि मित्तल के पास 50 लाख रुपये की रिश्वत पहुंची है और वह जल्द ही इन पैसों से जमीन खरीदने वाला है, तब एजेंसी ने उसके ठिकानों पर छापा मार दिया।

बेनामी संपत्ति और बैंक खाते

ACB जांच में अब तक 5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति सामने आई है। इसके अलावा, उसके तीन बैंक लॉकर्स भी सील किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि मित्तल ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी भारी मात्रा में बेनामी संपत्ति खरीदी है। ACB अब उसके परिजनों की आय और संपत्तियों की जांच कर रही है।

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महंगे प्लॉट और भारी कैश बरामद

  • जयपुर: 1 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत के 4 प्लॉट मिले।
  • उदयपुर: 1.50 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत के 10 प्लॉट मिले।
  • ब्यावर और अजमेर: लाखों रुपये की कीमत के 3 प्लॉट मिले।
  • घर से बरामद संपत्ति: जयपुर के बरकत नगर स्थित घर से 50 लाख रुपये नकद, आधा किलो सोना और डेढ़ किलो चांदी बरामद हुई।
  • बैंक खाते और निवेश: आरोपी इंजीनियर के पास 18 बैंक खाते हैं, जिनमें करीब 40 लाख रुपये जमा हैं। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में 50 लाख रुपये का निवेश पाया गया।

परिवार की लग्जरी लाइफस्टाइल

आरोपी इंजीनियर का बेटा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से MBBS कर रहा है, जबकि बेटी राजस्थान के चूरू से MD कर रही है। परिवार की लग्जरी जीवनशैली को देखते हुए ACB उनके अन्य खर्चों और आय के स्रोतों की भी जांच कर रही है।

ACB की कार्रवाई जारी, और खुलासों की उम्मीद

ACB के डीजी रवि प्रकाश मेहराड़ ने बताया कि इनपुट के आधार पर गोपनीय जांच करवाई गई थी, जिसके बाद यह छापा मारा गया। अभी कार्रवाई जारी है और आने वाले दिनों में और भी संपत्तियों के खुलासे की संभावना है।

इस छापेमारी ने राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB की सक्रियता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिरकार मित्तल ने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की और किन लोगों से उसकी सांठगांठ थी।

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Bhubaneswar KIIT Controversy: KIIT में नेपाली छात्रा की आत्महत्या के बाद बवाल, छात्रो...

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Bhubaneswar KIIT Controversy: भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में सोमवार को भारी विरोध प्रदर्शन हुआ, जब विश्वविद्यालय के छात्रावास के अंदर नेपाल की एक छात्रा की कथित आत्महत्या की खबर सामने आई। तीसरे वर्ष की बीटेक छात्रा प्रकृति लामसाल रविवार शाम को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गई। इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ा दिया और छात्रों में आक्रोश फैला दिया।

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छात्रों का आरोप: विश्वविद्यालय मामले को दबा रहा- Bhubaneswar KIIT Controversy

नेपाल के नागरिकों सहित कई प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं और मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेपाली छात्रों को परिसर खाली करने का निर्देश मनमाने ढंग से दिया गया। छात्रों ने निष्पक्ष जांच और पारदर्शिता की मांग की है।

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मामले में पूर्व प्रेमी पर आरोप

प्रकृति के दोस्तों का आरोप है कि उसने अपने पूर्व प्रेमी अद्विक श्रीवास्तव द्वारा कथित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की। मृतका के भाई ने भी इसी आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। अद्विक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

छात्रों का उग्र प्रदर्शन

सैकड़ों छात्रों ने परिसर में एकत्र होकर “हमें न्याय चाहिए” के नारे लगाए और विश्वविद्यालय प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर प्रसारित कई वीडियो में छात्रों को विश्वविद्यालय अधिकारियों से भिड़ते हुए देखा गया। एक वायरल वीडियो में विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों को छात्रों पर चिल्लाते हुए सुना गया। एक महिला अधिकारी कहती नजर आई, “हम 40,000 से अधिक छात्रों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं और पढ़ा रहे हैं।” वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा, “यह आपके देश के बजट से भी अधिक है।” हालांकि, इंडिया टुडे स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर सका।

पुलिस बल तैनात, तनावपूर्ण माहौल

प्रदर्शनों के बढ़ते दायरे को देखते हुए परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालात को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।

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KIIT का बयान और नेपाली छात्रों की निकासी

KIIT प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, “बी-टेक के तृतीय वर्ष में पढ़ने वाली एक नेपाली छात्रा ने छात्रावास में आत्महत्या कर ली। ऐसा संदेह है कि वह विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र के साथ प्रेम संबंध में थी और किसी कारणवश यह कदम उठाया होगा।”

विश्वविद्यालय प्रशासन ने नेपाल से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय बंद करने और उन्हें परिसर खाली करने का निर्देश दिया।

KIIT में हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले और छात्रों की नाराजगी के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। आत्महत्या की इस दुखद घटना की जांच और इससे जुड़े सभी पहलुओं को सामने लाना आवश्यक है ताकि किसी भी तरह की लापरवाही उजागर हो सके और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

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King of Jordan: जानिए कौन हैं अरब के ताकतवर शासक अब्दुल्ला द्वितीय! पैगंबर के वंशज, अ...

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King of Jordan: जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय हाल ही में व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की। अब्दुल्ला द्वितीय को जॉर्डन में आधुनिकता और प्रगति लाने का श्रेय दिया जाता है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि ने जॉर्डन को क्षेत्रीय स्थिरता के केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

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शाही वंश और पारिवारिक पृष्ठभूमि- King of Jordan

राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन, पैगंबर मोहम्मद के 43वीं पीढ़ी के वंशज हैं। वह अपने पिता हुसैन के बाद जॉर्डन के शासक बने और अपनी प्रभावशाली नेतृत्व शैली से देश में अनेक सुधार लागू किए। उनकी पत्नी रानी रानिया और उनकी बेटी को कभी बुर्के में नहीं देखा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह महिलाओं के अधिकारों को लेकर उदारवादी सोच रखते हैं।

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शिक्षा और सैन्य प्रशिक्षण

किंग अब्दुल्ला ने 1980 में इंग्लैंड के प्रसिद्ध सैंडहर्स्ट रॉयल मिलिट्री अकादमी से स्नातक किया। इसके बाद, उन्होंने ब्रिटिश और जॉर्डन सशस्त्र बलों के साथ भी काम किया। उनका सैन्य अनुभव उनकी नेतृत्व क्षमता को और अधिक मजबूत बनाता है। वह अमेरिकी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्नातकोत्तर शिक्षा भी प्राप्त कर चुके हैं।

व्यक्तिगत जीवन और विवाह

साल 1993 में उन्होंने कुवैत की फिलिस्तीनी मूल की रानिया अलयासीन से शादी की। रानी रानिया साल 1991 में कुवैत से भागकर जॉर्डन के अम्मान शहर में बस गई थीं। अपनी सादगी और सामाजिक कार्यों के लिए रानी रानिया को पूरी दुनिया में जाना जाता है।

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आर्थिक स्थिति और संपत्ति

‘द गार्जियन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजा अब्दुल्ला द्वितीय के पास 100 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति है। हालांकि, उनकी कुल संपत्ति के बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वह अरब जगत के एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली परिवार से आते हैं। इसके अलावा, उनके पास कई विदेशी संपत्तियां भी बताई जाती हैं, जिनमें अमेरिका और यूरोप के कई शहरों में घर और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं।

अमेरिका से संबंध और अंतरराष्ट्रीय भूमिका

हाल ही में, राजा अब्दुल्लाह द्वितीय ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह बैठक अमेरिका और जॉर्डन के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

राजा अब्दुल्लाह द्वितीय न केवल जॉर्डन के शासक हैं बल्कि वह पूरे अरब जगत में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं। उनकी आधुनिक सोच, वैश्विक राजनीति में भूमिका और देश के विकास में योगदान उन्हें अन्य अरब नेताओं से अलग बनाता है। उनके नेतृत्व में जॉर्डन निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

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Danielle McLaughlin Rape Case: 8 साल बाद मिला इंसाफ! गोवा अदालत ने आयरिश टूरिस्ट के र...

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Danielle McLaughlin Rape Case: आखिरकार 8 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद आयरिश मूल की टूरिस्ट डैनिएल मैकलॉक्लिन को इंसाफ मिल गया। गोवा की मडगांव प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने 2017 में हुए इस दर्दनाक मामले में विकट भगत नामक आरोपी को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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कैसे हुआ था यह अपराध? (Danielle McLaughlin Rape Case)

25 वर्षीय डैनिएल मैकलॉक्लिन मूल रूप से आयरलैंड की रहने वाली थी, लेकिन उसके पास ब्रिटेन और आयरलैंड दोनों देशों की नागरिकता थी। वह अपनी एक दोस्त के साथ फरवरी 2017 में गोवा घूमने आई थी। 13 मार्च की शाम को वह पालोलिम बीच के पास एक गांव में होली पार्टी सेलिब्रेट करने गई थी। लेकिन देर रात जब वह अकेले अपने होटल की ओर लौट रही थी, तब यह घटना हुई।

14 मार्च 2017 की सुबह कानाकोना के देवबाग बीच के पास उसकी निर्वस्त्र लाश मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि उसकी मौत गले में दबाव और ब्रेन हैमरेज के कारण हुई थी।

आरोपी विकट भगत का आपराधिक इतिहास

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि डैनिएल की भारत आने के बाद विकट भगत नाम के शख्स से दोस्ती हो गई थी। कई जगहों पर दोनों को साथ घूमते हुए देखा गया था। हालांकि, पुलिस के अनुसार विकट भगत एक कुख्यात अपराधी था, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। डैनिएल को शायद इस बारे में जानकारी नहीं थी और यही उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।

पुलिस जांच में यह सामने आया कि विकट भगत ने सुनसान इलाके में मौका देखकर पहले डैनिएल के साथ दुष्कर्म किया और फिर पकड़े जाने के डर से पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।

8 साल बाद आया फैसला

डैनिएल मैकलॉक्लिन के परिवार और दोस्तों के लिए यह 8 साल का लंबा और कठिन सफर रहा। उनके लिए यह लड़ाई सिर्फ न्याय की नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का एक अहम मुद्दा थी।

मडगांव प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस जघन्य अपराध में विकट भगत को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह अपराध न केवल वीभत्स था, बल्कि इससे समाज में भय का माहौल भी बना। इसलिए अपराधी को कोई रियायत नहीं दी जा सकती।

इस फैसले का प्रभाव

यह फैसला भारत में विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है। इस मामले ने एक बार फिर से देश में महिला सुरक्षा की स्थिति को उजागर किया है। हालांकि, इस कठोर सजा से एक संदेश जरूर जाएगा कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध करने वालों को कानून से कोई राहत नहीं मिलेगी।

डैनिएल मैकलॉक्लिन के परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया और उम्मीद की कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी। भारत में न्याय प्रक्रिया की धीमी गति के बावजूद यह फैसला दर्शाता है कि न्याय देर से सही, लेकिन मिलता जरूर है।

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US Airstrike Syria: अमेरिकी सेना की एयर स्ट्राइक में अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन का ...

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US Airstrike Syria: उत्तर-पश्चिमी सीरिया में अमेरिकी सेना ने एक सटीक हवाई हमले में अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन हुर्र-अल-दीन के एक वरिष्ठ कमांडर को मार गिराया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने रविवार को जारी बयान में इस हमले की पुष्टि की। सेना के मुताबिक, यह ऑपरेटिव आतंकी संगठन में वित्त और रसद मामलों का वरिष्ठ अधिकारी था। यह हमला क्षेत्र में आतंकवाद को बाधित करने और अमेरिका व उसके सहयोगियों की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया।

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आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी सेना का बड़ा कदम US Airstrike Syria

सेंट्रल कमांड ने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवादियों द्वारा अमेरिका, उसके सहयोगी देशों और सैन्य कर्मियों पर संभावित हमलों को रोकने के लिए किया गया था। अमेरिकी सेना की इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ चल रही वैश्विक मुहिम का हिस्सा बताया जा रहा है। यह हमला अमेरिका की उस नीति को भी दर्शाता है, जिसमें वह आतंकवादियों को उनके ठिकानों पर ही खत्म करने का प्रयास करता है।

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सेंट्रल कमांड का बयान

सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने इस ऑपरेशन को लेकर कहा, “हम अपनी मातृभूमि और क्षेत्र में अमेरिका, उसके सहयोगी और साझेदार कर्मियों की रक्षा के लिए आतंकवादियों का लगातार पीछा करना जारी रखेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह हमला केवल एक शुरुआत है और आतंकवाद को खत्म करने के लिए अमेरिका की कार्रवाई जारी रहेगी।

इराक में भी आतंकियों पर हमला

यह हमला इराक के रावा इलाके में इराकी सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हवाई हमले के तीन दिन बाद हुआ, जिसमें ISIS के पांच ऑपरेटिव मारे गए थे। यह दर्शाता है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं और आतंकी संगठनों को कमजोर करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं।

US Airstrike Syria Al QaedaUS Airstrike Syria Al Qaeda
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सीरिया में बढ़े अमेरिकी हमले

पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी सेना ने सीरिया में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं। इससे पहले 30 जनवरी को अमेरिकी सेना ने उत्तरी-पश्चिमी सीरिया में एक एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें हुर्र-अल-दीन के एक अन्य वरिष्ठ कमांडर मुहम्मद सलाह अल-जबीर मारा गया था। इस हमले के बाद आतंकवादी संगठनों में हलचल मच गई थी।

हुर्र-अल-दीन पर अमेरिका की सख्ती

हुर्र-अल-दीन को अमेरिका ने 2019 में एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था और इसके कई सदस्यों पर इनाम भी रखा गया है। यह संगठन सीरिया में अल-कायदा से संबद्ध है और विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। अमेरिकी सेना का मानना है कि इस तरह के ऑपरेशनों से आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर किया जा सकता है।

अमेरिकी सेना की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ उसकी कठोर नीति को दर्शाती है। अमेरिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवादी संगठनों को पनपने नहीं देगा और वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाता रहेगा। इस हमले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और कड़े कदम उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

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Elon Musk’s DOGE funding News: पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के बाद बड़ा फैसला, च...

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Elon Musk’s DOGE funding News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के कुछ ही दिनों बाद एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (DOGE) ने सरकारी खर्चों में भारी कटौती की घोषणा की है, जिसमें भारत के चुनावों में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग भी शामिल है। इसके अलावा, बांग्लादेश और नेपाल सहित कई अन्य देशों की फंडिंग भी रोक दी गई है।

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ट्रंप के फैसले से कटी चुनावी फंडिंग- Elon Musk’s DOGE funding News

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मशहूर उद्योगपति और टेस्ला-एक्स के मालिक एलन मस्क को DOGE विभाग का प्रमुख नियुक्त किया था। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य सरकारी खर्चों में कमी करना और फिजूलखर्ची को रोकना है। शनिवार को इस विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर विभिन्न परियोजनाओं की फंडिंग में कटौती की जानकारी दी। इसमें भारत में चुनावों से जुड़ी फंडिंग का जिक्र भी किया गया, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

Elon Musk's DOGE funding News PM Modi
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बीजेपी ने जताई चिंता, ‘बाहरी हस्तक्षेप’ बताया

अमेरिकी सरकार द्वारा भारत की चुनावी प्रक्रिया में दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे भारत के चुनावों में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि इस राशि का असल लाभार्थी कौन था और क्या यह भारतीय लोकतंत्र के लिए उचित था?

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मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, “चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को नहीं!” उन्होंने इस फंडिंग को संप्रग (यूपीए) सरकार की कथित नीति से जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को संस्थानों में घुसपैठ करने में मदद मिली थी।

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा और मस्क से मुलाकात

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क से भी मुलाकात की थी। मस्क ने अपने परिवार के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की और दोनों ने अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की। इस यात्रा के तुरंत बाद DOGE द्वारा भारत समेत कई देशों के लिए फंडिंग में कटौती किए जाने से विभिन्न राजनीतिक अटकलों को बल मिला है।

बांग्लादेश और नेपाल की फंडिंग भी बंद

DOGE विभाग ने न केवल भारत बल्कि बांग्लादेश और नेपाल की कई परियोजनाओं की फंडिंग को भी बंद करने का ऐलान किया है। अमेरिकी पोस्ट के अनुसार, बांग्लादेश में ‘राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने’ के लिए दी जाने वाली 2.9 करोड़ डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया गया है। वहीं, नेपाल में ‘राजकोषीय संघवाद’ के लिए 2 करोड़ डॉलर और ‘जैव विविधता संरक्षण’ के लिए 1.9 करोड़ डॉलर की फंडिंग भी रोक दी गई है।

अन्य देशों की फंडिंग पर भी चला ‘हथौड़ा’

DOGE विभाग ने सिर्फ भारत, बांग्लादेश और नेपाल ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों की परियोजनाओं की फंडिंग पर भी कैंची चला दी है।

  • मोज़ाम्बिक: ‘स्वैच्छिक चिकित्सा पुरुष खतना’ के लिए 1 करोड़ डॉलर की फंडिंग रोक दी गई।
  • कंबोडिया: ‘स्वतंत्र आवाज को मजबूत करने’ के लिए 23 लाख डॉलर की फंडिंग भी कट गई।
  • सर्बिया: ‘सार्वजनिक खरीद में सुधार’ के लिए 1.4 करोड़ डॉलर की फंडिंग को भी रोक दिया गया।
  • एशिया: ‘सीखने के परिणामों में सुधार’ के लिए 4.7 करोड़ डॉलर की फंडिंग को भी समाप्त कर दिया गया।

USAID की वेबसाइट हुई बंद, बड़ा बदलाव संभव

इस पूरे घटनाक्रम से पहले ही अमेरिकी एजेंसी USAID ने अपने सभी मानवीय कार्यों को रोकने की घोषणा कर दी थी। 7 फरवरी को एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, USAID अधिकारियों ने बताया कि दुनियाभर में इसके सभी मानवीय कार्य रोक दिए गए हैं। मस्क की इस घोषणा के बाद एजेंसी की वेबसाइट को भी बंद कर दिया गया था। वहीं, ट्रंप की ओर से नामित एक न्यायाधीश ने एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दिया, जिससे राष्ट्रपति और विभाग को 2,200 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेजने से रोक दिया गया।

अमेरिकी सरकार द्वारा भारत में चुनावी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग पर रोक लगाना एक बड़ा कदम है, जो प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के बाद आया है। बीजेपी ने इसे बाहरी हस्तक्षेप के रूप में देखा है, जबकि इस कटौती का असल प्रभाव आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। इसके अलावा, बांग्लादेश, नेपाल और अन्य देशों की फंडिंग पर भी रोक लगाने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका अपने सरकारी खर्चों में बड़े बदलाव करने की दिशा में बढ़ रहा है?

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New Delhi Railway Incident: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत खिड़की-गेट से ...

New Delhi Railway Incident: शनिवार रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 10 महिलाओं, 3 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते है।

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जानें क्या है पूरा मामला ? 

बीती रात प्रयागराज महाकुंभ में जा रहे यात्रीयो की भीड़ के कारण शनिवार रात नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 10 महिलाओं और 3 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो हाई है। घायलों को इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वही दिल्ली के एलजी ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। इससे पहले पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया।

आपको बता दें, इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस की ओर से जारी की गई। डीसीपी ने बताया कि सीएमआई के अनुसार स्टेशन पर हर घंटे 1,500 जनरल टिकटों की भी बिक्री हुई और ये यात्री भी प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए। इसके चलते प्लेटफॉर्म 14 और प्लेटफॉर्म 16 पर एस्कलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनें

दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि बचाव कार्य में मदद के लिए अधिकारियों ने तुरंत मौके पर बचाव दल और दमकल की चार गाड़ियों को भेजा गया। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि भारी भीड़ के कारण कुछ यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दे दिया, जिससे कुछ यात्रियों को चोटें आईं। प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
वहीं, सोशल मीडिया पोस्ट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा कि स्टेशन पर हालात नियंत्रण में हैं। दिल्ली पुलिस और सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल के जवान मौके पर हैं। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

तेजस्वी यादव ने घटना पर दुख जताया और रेलवे स्टेशन पर की गई व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए. तेजस्वी यादव ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से मची अव्यवस्था और असामयिक मौतों से मन दुखी है. इतने सरकारी संसाधनों के बावजूद भगदड़ में श्रद्धालु अपनी जान गंवा रहे हैं और डबल इंजन की सरकार इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर लीपापोती कर पीआर करने में व्यस्त है. आम लोगों और श्रद्धालुओं की बजाय सरकार का ध्यान मीडिया मैनेजमेंट, वीआईपी लोगों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं तक सीमित है.” उन्होंने आगे कहा कि दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.

Sikhism in Kenya: केन्या में सिख समुदाय का ऐतिहासिक सफर!  प्रवास से समृद्धि तक, संघर्...

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Sikhism in Kenya: केन्या में सिख समुदाय की अनुमानित संख्या लगभग 20,000 है। यह समुदाय दशकों से यहां बसा हुआ है और इसने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। केन्या में कई गुरुद्वारे स्थित हैं, जो सिख समुदाय की धार्मिक आस्था और एकजुटता का प्रतीक हैं।

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केन्या में सिखों का आगमन और इतिहास- Sikhism in Kenya

सिखों का पूर्वी अफ्रीका में आगमन 1890 के दशक में शुरू हुआ। उस समय भारतीय उपमहाद्वीप से कई लोग रेलवे निर्माण परियोजनाओं के तहत काम करने के लिए यहां आए थे। सिखों को उनकी मजदूरी, ईमानदारी, कड़ी मेहनत और कुशलता के लिए जाना जाता था। उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से खुद को एक सम्मानित समुदाय के रूप में स्थापित किया।

 

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केन्या में सिखों की प्रमुख भूमिका तब शुरू हुई जब ब्रिटिश सरकार ने युगांडा रेलवे निर्माण के लिए भारत से मजदूरों और कारीगरों को बुलाया। सिखों को कुशल बढ़ई, लोहार और राजमिस्त्री के रूप में जाना जाता था। रेलवे के निर्माण के दौरान कई शेरों के हमलों और कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने अपना काम जारी रखा और रेलवे को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई।

सिखों को उनकी बहादुरी और अनुशासन के कारण जल्द ही पुलिस बलों और प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया गया। उन्होंने पूर्वी अफ्रीका में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सिख समुदाय का विस्तार और योगदान

रेलवे निर्माण पूरा होने के बाद, कई सिख वापस भारत लौट गए, लेकिन कई अन्य केन्या में ही बस गए। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में काम किया, जिनमें शामिल हैं:

  • निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग
  • फर्नीचर निर्माण
  • कृषि और व्यापार
  • स्वास्थ्य सेवाएं
  • शिक्षा और प्रशासन

सिख समुदाय ने गुरुद्वारों का निर्माण किया, जो न केवल धार्मिक गतिविधियों के केंद्र बने बल्कि सामाजिक मेलजोल और शिक्षा का भी केंद्र बने। कई खालसा स्कूलों की स्थापना की गई, जिनमें सभी जातियों और धर्मों के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी।

केन्या में सिखों का धार्मिक जीवन

केन्या में सिखों ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखा है। उन्होंने कई गुरुद्वारे बनाए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:

  1. ईस्ट अफ्रीका रामगढ़िया बोर्ड
  2. सीरी गुरुद्वारा बाजार
  3. नामधारी संगत
  4. सीरी गुरु सिंह सभा
  5. बाल्मीकि मंदिर
  6. रामगढ़िया रेलवे गुरुद्वारा

गुरुद्वारे केवल पूजा स्थलों के रूप में सीमित नहीं हैं; ये सामुदायिक सभाओं, शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए भी उपयोग किए जाते हैं।

सिखों का आर्थिक और सामाजिक योगदान

सिखों ने केन्या की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने कौशल और ज्ञान का उपयोग करके कई क्षेत्रों में योगदान दिया, जैसे:

  • इंजीनियरिंग और मैकेनिक्स: सिखों ने शुरुआती दिनों में बैलगाड़ियों और फिर मोटर वाहनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: सिखों ने अस्पतालों, क्लीनिकों और डिस्पेंसरियों की स्थापना की, जिससे स्थानीय समुदाय को स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं।
  • शिक्षा: सिख समुदाय ने कई विद्यालय और कॉलेज स्थापित किए, जिससे हजारों विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला।
  • खेल: सिखों ने हॉकी, क्रिकेट, टेबल टेनिस और अन्य खेलों में भाग लिया और कई प्रतियोगिताएं जीतीं।

राजनीतिक और सामाजिक जीवन में भूमिका

सिख समुदाय ने केन्या की राजनीति में भी योगदान दिया है। नैरोबी सिटी काउंसिल में सिखों ने उच्च पदों पर कार्य किया। नैरोबी के पहले एशियाई डिप्टी मेयर भी एक सिख थे (अल्डरमैन मोहन सिंह)।

हालांकि, राजनीति में उनकी भागीदारी सीमित रही है। अधिकांश सिखों ने खुद को व्यापार और प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रखा है।

सिखों का वर्तमान और भविष्य

आज, केन्या में सिख समुदाय एक मध्यम आय वर्ग के रूप में स्थापित है। वे अब व्यवसाय, चिकित्सा, शिक्षा, इंजीनियरिंग और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। केन्या में सिख समुदाय सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है।

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