हर साल की तरह इस साल भी दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाई जायेंगी. इस बार यह तिथि 1 नवम्बर को पड़ रही है. वही हर साल की तरह दिवाली सेलिब्रेशन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. घर सजाए जा रहे हैं. रोशनी के लिए झालर, दीये लगाए जा रहे हैं. तरह-तरह के स्वीट्स और रंगोली को लेकर भी अलग-अलग प्लान बनाए जा रहे हैं. ऐसे में गिफ्ट्स का भी ट्रेंड चल रहा है और आप भी यह सोच रहे है कि इस दीवाली क्या गिफ्ट देना चाहिए तो इस लेख में हम आपको दिवाली गिफ्ट्स आइडियाज के बारे में बताएंगे.
Evil Eye गिफ्ट हैंपर – बुरी नज़र का क्रिस्टल हैम्पर जिसमें बुरी नज़र का पेड़, गणेश प्रतिमा, बुरी नज़र का शुभ लाभ हैंगिंग और चिप्स की बोतल शामिल है. यह हैम्पर सुरक्षा प्रदान करता है, बुरी नज़र से बचाता है और सौभाग्य लाता है.
क्रिस्टल गिफ्ट हैंपर – इस गिफ्ट हैंपर में आपको लक्ष्मी, गणेश की मूर्तियाँ, गार्नेट चिप्स के साथ कमल, एक हरा एवेंट्यूरिन पेड़, एक हरा जेड कछुआ, एक स्वस्तिक, एक फूल शुभ लाभ, एक धन जार, एक पीली मोमबत्ती और 4 चेहरे वाला दीया है मिलता है. जिसे आप अपने किसी खास को दें सकते है.
पर्सनलाइज गिफ्ट्स – अगर आपके पास अच्छा-खासा पैसा हो तो आप अपने करीबियों के लिए पर्सनलाइज गिफ्ट भी तैयार करवा सकते हैं. जैसे किसी को ज्वेलरी दे सकते हैं या किसी तरह की एसेसरी गिफ्ट कर सकते हैं. इससे उनकी दिवाली मस्त हो जाएगी.
इंडोर प्लांट्स – अगर आप कम बजट में कुछ अच्छा गिफ्ट देना चाहते है तो आप अपने करीबियों को एयर प्यूरीफाइंग इंडोर प्लांट्स गिफ्ट कर सकते हैं. ये एक अच्छा आप्शन साबित हो सकता हैं.
चांदी का सिक्का – दिवाली को धन और समृद्धि वाला त्योहार माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में चांदी को मां लक्ष्मी के आशीर्वाद का प्रतीक माना गया है. ऐसे में चांदी के सिक्के का महत्व बढ़ जाता है.
रंग बिरंगी लाइट्स और दिवाली के दीये – दिवाली के दौरान हर कोई दीये जलाता है. इसलिए, आप अपने दिवाली गिफ्ट हैम्पर में दीये और रंग बिरंगी लाइट लैंप भी दे सकते है.
स्किन केयर– अगर आप अपनी महिला मित्र को दिवाली गिफ्ट देने का सोच रहे है तो आप स्किन केयर किट भी दे सकते है. ये एक अच्छा आप्शन हो सकता है. क्योंकि सभी महिलाओं को अपनी स्किन की देखभाल करना बहुत पसंद होता है.
भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट नए स्तर पर पहुंच गई है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हाल ही में भारत सरकार (Government of India) ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित (Canadian diplomats expelled) कर दिया है। इससे पहले भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) और कुछ अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाया गया था। राजनयिकों की ‘सुरक्षा सुनिश्चित करने’ के लिए यह फैसला लिया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canada Prime Minister Justin Trudeau) ने भारत के इस कदम को एक गलती बताया है। इतना ही नहीं ट्रूडो ने अब दूसरे देशों को भारत के खिलाफ लामबंद करने की मुहिम शुरू कर दी है। इस सिलसिले में उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से बात की है।
कनाडा- भारत में बिगड़े रिश्ते- Canada-India relations deteriorated
भारत-कनाडा संबंध एक बार फिर खराब हो गए हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने राजनयिकों और उच्चायुक्तों को वापस बुलाए जाने के बीच भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रूडो के अनुसार, सुरक्षा अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ सहयोग करने के कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि भारत ने यह मानकर “गलती” की है कि कनाडाई लोगों के खिलाफ अवैध गतिविधि हो सकती है।
ट्रूडो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बीच बातचीत
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (British Prime Minister Keir Starmer) ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडा के नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान से संबंधित हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बातचीत की और मजबूत संबंधों पर सहमति जताई।
ट्रूडो ने भारत के खिलाफ उगला जहर
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अनुसार, “मैं समझता हूँ कि आप में से कई लोग नाराज़, परेशान और डरे हुए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। हालाँकि कनाडा और भारत के बीच व्यापार, वाणिज्यिक और लोगों के बीच संपर्क का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन इस समय हम जो देख रहे हैं वह असहनीय है। कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरी तरह से सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी इसका सम्मान करेगी। प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं उन सभी को सांत्वना दूँ जो मानते हैं कि सुरक्षा को ख़तरा है। हालाँकि, बाकी सब से ऊपर, मेरा दायित्व कार्रवाई करना है।”
कनाडा से बिगड़ते रिश्तों पर विपक्ष का बयान
इस बीच विपक्ष ने कनाडा के साथ बिगड़ते रिश्तों पर बयान दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-कनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बेहद संवेदनशील और नाजुक मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और अन्य दलों के नेताओं को विश्वास में लेंगे।
भारत ने वापस बुलाए उच्चायुक्त
इससे पहले भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की थी। भारत ने यह कार्रवाई सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर (Sikh separatist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए की है।
भारत ने लिया था यह फैसला
बता दें, भारत सरकार ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। उन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर, 2024 को रात 11:59 बजे तक भारत छोड़ना है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये राजनयिक प्रथम सचिव लैन रॉस, उप उच्चायुक्त मैरी कैथरीन जोली, कार्यवाहक उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट और स्टीवर्ट रॉस व्हीलर हैं। प्रथम सचिव पाउला ओरजुएला, प्रथम सचिव एडम जेम्स चूइपका और प्रथम सचिव डेविड ट्राइट्स।
आजकल सोशल मीडिया पर एक गोल-मटोल बच्चा काफी पॉपुलर हो रहा है। ये बच्चा खुद को बलराम का अवतार और भगवान कृष्ण का भक्त बताता है। उसकी भक्ति देखकर हजारों लोग उसके साथ जुड़ रहे हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं अभिनव अरोड़ा (Youngest Baba Abhinav Arora)की। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अभिनव अरोड़ा को ‘यंगेस्ट बाबा’ के तौर पर पहचान दिलाने के पीछे एक सोची-समझी मार्केटिंग रणनीति थी, जिसे उनके पिता तरुण राज अरोड़ा (Abhinav Arora father Tarun Raj Arora) ने बेहद कुशलता से अंजाम दिया। तभी तो इतने कम समय में अभिनव अरोड़ा का नाम लोगों के बीच पॉपुलर हो रहा है। इस बात का खुलासा Only Desi नाम के यूट्यूब चैनल पर हुआ है।
Only Desi नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अभिनव अरोड़ा के बारे में दो वीडियो पोस्ट किए गए हैं। इन्हें देखने के बाद आपको समझ में आ जाएगा कि अभिनव एक सामान्य बच्चा है लेकिन उसके पिता ने इस सामान्य बच्चे को बाबा बनाने के लिए बहुत मेहनत की है। Only Desi के मुताबिक, अभिनव अरोड़ा को “यंगेस्ट बाबा” के रूप में स्थापित करने के पीछे उनके पिता की बेहद कुशल मार्केटिंग और ब्रांडिंग रणनीति थी। यह एक सोच-समझकर बनाई गई योजना थी, जिसमें सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग, और पीआर का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया, जिससे अभिनव अरोड़ा आज एक प्रमुख धार्मिक शख्सियत के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
ब्रांडिंग और छवि निर्माण
अभिनव अरोड़ा की छवि को उनके पिता ने एक ब्रांड के रूप में पेश किया। उन्होंने अभिनव को “यंगेस्ट बाबा” के रूप में स्थापित किया, ताकि युवा पीढ़ी भी उनसे जुड़ सके। यह एक ऐसी छवि है, जिसे धार्मिक जगत में नया और अनूठा माना गया, जिससे युवा और वृद्ध दोनों का ध्यान आकर्षित हुआ।
सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग
अभिनव अरोड़ा के पिता ने उनकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का बहुत प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया। अभिनव की तस्वीरें, वीडियो, प्रवचन और विचारों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर साझा किया गया। इसके जरिए उन्होंने एक बड़ा ऑनलाइन फॉलोइंग तैयार किया, जो खासकर युवाओं के बीच प्रभावी साबित हुआ।
इसके अलावा उन्होंने वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज (Premananda Maharaj) की भी मदद ली। दरअसल, अभिनव के पिता उसे महाराज के पास ले गए और उनसे कहा कि उनके बच्चे का झुकाव अति भक्ति की ओर है और हमें क्या करना चाहिए। गौरतलब है कि अभिनव के पिता इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि अगर वह प्रेमानंद महाराज के पास जाएंगे तो उनके बेटे की मार्केटिंग अपने आप ही बेहतर हो जाएगी और लोग उनके बेटे को एक सच्चे भक्त के रूप में भी देखेंगे।
अभिनव के पिता ने उनके प्रवचनों और कार्यक्रमों का बड़े स्तर पर प्रचार किया। उन्हें धार्मिक समारोहों और बड़े-बड़े आयोजनों में शामिल किया गया, ताकि वे लोगों के सामने सीधे आ सकें और अपनी पहचान बना सकें। इसके जरिए अभिनव को एक व्यापक प्लेटफॉर्म मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी।
संत श्रीरामभद्राचार्य महाराज और अभिनव अरोड़ा कान्ट्रवर्सी
संतों से मिलना और मंच पर नाचना-गाना अभिनव को महंगा साबित हो रहा है। दरअसल हाल ही में अभिनव अरोड़ा और संत श्री राम भद्राचार्य महाराज (Saint Shri Ram Bhadracharya Maharaj) को लेकर एक विवाद सामने आया है। दरअसल हुआ ये कि अभिनव अरोड़ा संत श्री राम भद्राचार्य महाराज की कथा में पहुंचे थे इस दौरान वो मंच पर चढ़कर श्री राम के नारे लगाने लगे जिसके बाद भद्राचार्य महाराज ने अभिनव को डांटा और मंच से नीचे उतरने को कहा। इसके बाद अभिनव अरोड़ा को काफी ट्रोल किया गया। लोग कह रहे हैं कि अभिनव के पिता खुद उसे मशहूर संतों के साथ रील बनाने के लिए उकसाते हैं और यहां भी अभिनव अरोड़ा को उनके पिता ने ही इशारा किया था कि वो भद्राचार्य महाराज के कथा कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र बनें ताकि उनकी रील सोशल मीडिया पर वायरल हो जाए और उनके लाखों फॉलोअर्स जुड़ जाएं।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया क्यों डांटा अभिनव को
यूट्यूबर अभिनव अरोड़ा को मंच से उतारे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग के बीच उन्होंने सफाई दी है कि उन्होंने अरोड़ा को मंच से उतरने के लिए क्यों कहा। उन्होंने कहा कि मर्यादा का उल्लंघन करने के कारण यह फैसला लिया गया। उन्होंने अभिनव अरोड़ा के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि संतों के पास जाकर नाचना-कूदना उनका स्वभाव है। वह गलत व्यवहार करते हैं। श्री राम भद्राचार्य महाराज ने इसे गलत बताया है।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, “मेरी कथा गंभीर विषय पर थी। अभिनव का स्वभाव है कि वह संतों के पास जाता है और नाचता-कूदता है। वह चंचल और शरारती व्यवहार करता है। इसलिए मुझे उसे उतारना पड़ा। यह मेरी गरिमा का मामला है, लेकिन मुझे उससे कोई शिकायत नहीं है।”
मीडिया कवरेज और पीआर रणनीति-Abhinav Arora brand marketing
वहीं दूसरी ओर अभिनव अरोड़ा के पिता ने मीडिया और पीआर एजेंसियों का इस्तेमाल करके अभिनव की छवि बनाने में अहम भूमिका निभाई। अख़बारों, टीवी चैनलों और ऑनलाइन मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अभिनव के बारे में खबरें और लेख प्रकाशित हुए, जिससे उनकी पहचान और मज़बूत हुई। इतना ही नहीं, अब हर दूसरे-तीसरे पॉडकास्ट में अभिनव नज़र आते हैं और कहते हैं कि वे बचपन से ही कृष्ण के भक्त थे।
आम बच्चे से बना खास बच्चा
अभिनव के पिता की बात करें तो वो एक जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर हैं। अभिनव के पिता तरुण राज अरोड़ा (Abhinav’s father Tarun Raj Arora) का कहना है कि जब से अभिनव ने होश संभाला है, वह खिलौनों से खेलना नहीं जानता था। उसका झुकाव शुरू से ही लड्डू गोपाल की तरफ रहा है। लेकिन ये बात पूरी तरह झूठ है क्योंकि अभिनव के पिता तरुण एक बिजनेस मैन भी रहे हैं। उन्होंने फालूदा एक्सप्रेस नाम से आइसक्रीम ठेले की कंपनी खोली थी और कुछ हद तक अभिनव इस कंपनी का ब्रांड फेस भी था। हालांकि इस कंपनी पर धोखाधड़ी और पैसे को लेकर कई आरोप लगे थे। इसके बाद अभिनव ने अपने बच्चे को अपना बिजनेस प्रोडक्ट बनाकर मार्केट में पेश किया। ये सारी बातें Only Desi यूट्यूब से ही सामने आईं।
यूट्यूब चैनल पर यह भी खुलासा किया गया कि अभिनव पहले एक सामान्य बच्चे की तरह रहता था। वह सामान्य कपड़े पहनता था और सामान्य खिलौनों से खेलता था, लेकिन फिर धीरे-धीरे अभिनव एक सामान्य बच्चे से बदलकर यंगेस्ट बाबा बन गया।
हर साल की तरह इस साल भी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाएंगा और इस बार यह तिथि 20 अक्टूबर को पड़ रही है. बता दें कि हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं मान्यता है. कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए रखा था. वहीं इस दिन पति अपनी जीवनसंगिनी को करवा चौथ पर तोहफा देते हैं.
करवा चौथ गिफ्ट्स आइडियाज
पुरुषों को गिफ्ट खरीदते वक्त अक्सर कन्फ्यूजन हो जाती है कि आखिर ऐसा क्या दें कि उनकी लाइफ पार्टनर को पसंद आए. गिफ्ट ऐसा होना चाहिए जिसे देखकर वाइफ के चेहरा खुशी से खिल उठे तो चलिए आपको इस लेख में करवा चौथ गिफ्ट्स आइडियाज के बारे में बताते हैं.
मेकअप कॉम्बो – करवा चौथ के लिए आप अपनी वाइफ के लिए आप एक अच्छा मेकअप का कॉम्बो तैयार करवाकर दे सकते हैं. इसमें आप सोलह श्रृंगार चीजें जरूर रखवाएं. भले ही ये आज के वक्त में सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ज्यादातर लड़कियां अपने पति से महंगे गिफ्ट की बजाय उनसे मिली सुहाग की चीजों को देखकर ज्यादा खुश होती हैं.
फ्लावर्स और चॉकलेट – करवा चौथ के लिए वाइफ को गिफ्ट देना है तो उनके लिए पसंदीदा फ्लेवर्स की कुछ चॉकलेट्स का पैक तैयार करवाएं इसके अलावा आप एक गुलाब का फूल या फिर पूरा वंच खरीद सकते हैं.
हेल्दी चीजों का कॉम्बो सेट – करवा चौथ पर आपकी वाइफ को हेल्दी चीजों का कॉम्बो सेट दे सकते हैं. अगर आपकी पत्नी फिटनेस फ्रीक हैं तो उनको उनके वर्कआउट से जुड़ी चीजें गिफ्ट कर सकते हैं.
ट्रेंडी ज्वेलरी – अगर कुछ कॉमन गिफ्ट की बात करें तो आप अपनी वाइफ को ट्रेंडी ज्वेलरी का सेट दे सकते हैं या फिर आपकी वाइफ को गोल्ड, सिल्वर, डायमंड जो भी पसंद हो उसकी रिंग, ईयररिंग आदि गिफ्ट करें.
साड़ी – आप अपनी वाइफ को एक शानदार साड़ी भी दे सकते है. जिसे पहनकर वो बेहद खूबसूरत लगेगी. ये आपकी पत्नी के लिए Best Karva Chauth Gift हो सकता है.
स्किन केयर – आप अपनी वाइफ को स्किन केयर किट भी दे सकते है. ये एक अच्छा आप्शन हो सकता है. क्योंकि सभी महिलाओं को अपनी स्किन की देखभाल करना बहुत पसंद होता है.
परफ्यूम – इस करवा चौथ आप अपनी पत्नी को परफ्यूम दे सकते हैं जिसे वो पसंद करती है या अभी हाल फ़िलहाल में खरीदना चाहती हैं. इसको आप चुपचाप ड्रेसिंग में रख दें तो फिर देखें इस परफ्यूम का कमाल.
हर साल की तरह इस साल करवा चौथ व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा. करवा चौथ सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को कई नियम के साथ किया जाता है. सुहागिनें पति की लंबी आयु,सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को निर्जला रखती हैं. रात को चांद को देखकर उपवास खोलती हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि करवा चौथ का व्रत किन्हें नहीं रखना चाहिए. अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि किन महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए, किन्हें नहीं रखना चाहिए.
इन महिलाओं को नहीं करना चाहिए करवाचौथ का व्रत
गर्भावस्था में न रखें व्रत
गर्भवती महिलाओ को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इन्हें हार्मोनल चेंजेस कहा जाता है. इस दौरान व्रत रखना न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि कोख में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. व्रत निर्जला रखा जाता है, यानी पानी तक नहीं पिया जाता. मगर, इस अवस्था में माँ और बच्चे के पोषण आहार बेहद जरूरी है.
स्तनपान कराने वाली महिलाएं
ऐसी महिलाएं जो बच्चों को ब्रैस्ट फीडिंग करवाती हैं, उन्हें भी यह कठिन व्रत नहीं रखना चाहिए. इसकी स्पष्ट वजह है कि मां से ही बच्चे को पोषण मिलता है.
डायबिटीज से पीडि़त महिलाएं
जिन महिलाओं को डायबिटीज यानी शुगर है, उन्हें भी व्रत नहीं करना चाहिए. उपवास में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं रहता. शुगर लेवल ज्यादा कम होना भी बहुत खतरनाक हो सकता है.
किडनी की बीमारी
जिन महिलाओं को किडनी से जुड़ी समस्या है, वे भी व्रत न रखें. पूरे दिन बिना पानी के रहने की वजह से किडनी पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
क्रॉनिक बीमारियां
जिन महिलाओं को कैंसर या कोई अन्य क्रॉनिक बीमारी है, वे भी व्रत न रखें. उपवास करने की वजह से उनकी सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में दवा न लेने की भूल तो बिल्कुल भी न करें.
जिन महिलाओ को बीपी जैसी बीमारी हो वे महिलाए भी इस व्रत को एवाइड करें. इसके अलवा जिन महिलाओं का वजन ज्यादा कम हो या एनीमिया जैसी कोई डेफिशिएंसी डिजीज हो, उनके लिए भी उपवास करना ठीक नहीं है.
पेट से जुड़ी समस्या
जिन महिलाओं को पीत, अल्सर या गंभीर एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए. ज्यादा समय तक खाली पेट रहने से ये समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं.
दिल की बीमारी
जिन महिलाओं को हार्ट से जुड़ी कोई परेशानी हो, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए. पूरे दिन बिना खाना और पानी के रहने से धमनियां सिकुड़ जाती है, जिसकी वजह से बीपी बढ़ता है. ये कंडीशन घातक साबित हो सकती है.
शारीरिक कमजोरी
जिन महिलाओं का वजन ज्यादा कम हो या एनीमिया जैसी कोई डेफिशिएंसी डिजीज हो, उनके लिए भी उपवास करना ठीक नहीं है.
पंजाब के अलावा देश के कई इलाकों को “मिनी पंजाब” (Mini Punjab) के नाम से भी जाना जाता है, में कई किसान अपनी पारंपरिक खेती (Farming) को छोड़कर नई तकनीक और नवाचारों के जरिए सफल हो रहे हैं। ये किसान आधुनिक खेती के जरिए सालाना करोड़ों रुपए का टर्नओवर कमा रहे हैं। यहां हम ऐसे ही 5 दमदार किसानों के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर खेती के नए तरीके अपनाए और आज उनकी सफलता की कहानियां प्रेरणादायी बन गई हैं।
भंवर सिंह मंडीवाल: बागवानी और जैविक खेती से 3 करोड़ का टर्नओवर-Farmer Bhanwar Singh Mandiwal
राजस्थान के जयपुर में रहने वाले भंवर सिंह मंडीवाल ने सिंगापुर में अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक खेती शुरू की है। भंवर सिंह मंडीवाल करीब 4 साल पहले तक सिंगापुर में एक जापानी कंपनी में काम करते थे। नौकरी करते हुए वे 15 लाख रुपए कमाते थे, वहीं अब वे 20 लाख रुपए तक कमा लेते हैं। उन्होंने अपनी जमीन पर सब्जी और फलों की खेती शुरू की और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। जैविक खेती की बढ़ती मांग के साथ, उनकी उपज पूरे देश में बिकती है और आज उनके खेत का सालाना कारोबार 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
अमनप्रीत सिंह: हाईटेक डेयरी और पशुपालन से 8 करोड़ का टर्नओवर-Farmer Amanpreet Singh
अमनप्रीत सिंह ने इंजीनियरिंग सेक्टर में नौकरी छोड़कर डेयरी उद्योग और पशुपालन में कदम रखा। उन्होंने अपने फार्म में हाईटेक डेयरी फार्मिंग और आधुनिक पशुपालन तकनीकों का इस्तेमाल किया। उनकी डेयरी से उत्पादित दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की मांग राज्य के साथ-साथ अन्य शहरों में भी है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी सालाना टर्नओवर करीब 8 करोड़ रुपये है।
फूलचंद बैरवा: ड्रिप सिंचाई से कमाए 2 करोड़-Farmer Phoolchand Bairwa
राजस्थान जोबनेर के बोबास गांव के फूलचंद बैरवा एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने पारंपरिक सिंचाई पद्धति को छोड़कर ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाई और कम पानी में अधिक उत्पादन का तरीका खोज निकाला। उन्होंने मुख्य रूप से सब्जियाँ और मसाले उगाना शुरू किया। उनकी तकनीक की वजह से उत्पादन क्षमता बढ़ी और उन्होंने पूरे देश में अपना बाज़ार स्थापित कर लिया। उनकी खेती का सालाना टर्नओवर लाखों में है।
जसपाल सिंह: जैविक सब्जी की खेती से कमाए 1.8 करोड़ रुपये- Jaspal Singh
जसपाल सिंह ने अपनी पारंपरिक खेती को छोड़कर जैविक सब्जियों की खेती शुरू की। उन्होंने अपने खेत में केवल जैविक खाद का इस्तेमाल किया और रसायनों का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया। उनकी उपज की गुणवत्ता के कारण उनकी सब्जियाँ बड़े शहरों में ऊँचे दामों पर बिकती हैं। हालांकि, वह सबसे ज्यादा फूलगोभी की खेती करते हैं। वह फूलगोभी की “मैनर” किस्म की खेती करते हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 1.5 लाख रुपए तक की कमाई होती है।
रामवीर सिंह: हाइड्रोपोनिक्स खेती से 1.5 करोड़ रुपए का टर्नओवर- FarmerRamveerSingh
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रामवीर सिंह के पास अपना खेत नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने घर को ही वर्टिकल फार्म में बदल दिया। हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती शुरू करने वाले रामवीर सिंह का सालाना टर्नओवर करीब 70 लाख रुपये है। रामवीर ने बताया कि इस तकनीक से सब्जियां और फल उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती और कीट-पतंगों और बीमारियों का खतरा भी नहीं रहता। पूरी तरह पानी पर आधारित इस तकनीक से आम खेती के मुकाबले करीब 90 फीसदी पानी की बचत होती है।
इन 5 दमदार किसानों ने साबित कर दिया है कि पारंपरिक खेती के अलावा अगर आधुनिक तकनीक और इनोवेशन अपनाए जाएं तो खेती से करोड़ों का टर्नओवर कमाया जा सकता है। ये किसान न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं कि आधुनिक खेती से कैसे सफलता हासिल की जा सकती है।
फिल्म “तेरे नाम” (2003) सलमान खान (Salman Khan) के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिसने उनके ठहरे हुए करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में सलमान खान का करियर बहुत अच्छा नहीं चल रहा था। इस समय उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही थीं और उनके स्टारडम पर भी सवाल उठ रहे थे। ऐसे में सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित “तेरे नाम” (Movie Tere Naam) ने सलमान के करियर को फिर से नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इस फिल्म से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातें हैं, जिनमें से एक यह है कि कादर खान के बेटे और डेजी शाह भी इस फिल्म का हिस्सा थे, हालांकि उनकी भूमिकाएं मुख्य नहीं थीं।
सलमान के करियर में “तेरे नाम” का महत्व-Salman Khan Film Tere Naam
“तेरे नाम” में सलमान खान ने ऐसा किरदार निभाया जिसने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। फिल्म में उनका किरदार राधे मोहन का था जो एक परेशान और आक्रामक युवक है जो प्यार में दुखी होने के बाद मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है। इस किरदार में सलमान की अभिनय क्षमता और भावनात्मक दृश्यों ने आलोचकों और दर्शकों दोनों का दिल जीत लिया।
उस समय तक सलमान की छवि एक रोमांटिक हीरो की थी, लेकिन ‘तेरे नाम’ ने उनके अभिनय में गहराई और संवेदनशीलता दिखाई। यह फिल्म न केवल हिट हुई, बल्कि सलमान की प्रतिभा और स्टारडम को भी नई दिशा दी। उनके नए हेयरस्टाइल और लुक ने भी उन्हें युवाओं के बीच और भी लोकप्रिय बना दिया।
कादर खान के बेटे का किरदार- Kader Khan Son Sarfaraz Khan
आइये आपको इस फिल्म में कादर खान के बेटे की उनकी भूमिका के बारे में बताते हैं। सरफराज खान ने कुछ फिल्मों में सहायक भूमिकाएं की हैं लेकिन “तेरे नाम” में उनकी भूमिका विशेष रूप से याद की जाती है क्योंकि इस फिल्म ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से प्रभावित किया था।
कादर खान के बेटे सरफराज खान (Kader Khan Son Sarfaraz Khan) ने इस फिल्म में एक छोटी लेकिन यादगार भूमिका निभाई थी। उन्होंने फिल्म में अटेंडेंट ‘आशितोष’ का किरदार निभाया था, जो एक मानसिक अस्पताल में रहता है। सरफराज खान ने इस फिल्म में सलमान खान के साथ कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों में अभिनय किया, जिसने दर्शकों को काफी भावुक कर दिया।
डेजी शाह का योगदान-Daisy Shah in Tere Naam
डेजी शाह की बात करें तो एक्ट्रेस जो बाद में सलमान खान के साथ “जय हो” (2014) जैसी फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री के रूप में नज़र आईं, उन्होंने “तेरे नाम” में कोरियोग्राफर की सहायक के रूप में काम किया। उस समय, डेजी शाह (Choreographer Daisy Shah) फिल्म इंडस्ट्री में बैकग्राउंड डांसर और कोरियोग्राफी सहायक थीं। उन्होंने “तेरे नाम” के गानों में बैकग्राउंड डांसर के रूप में भी काम किया। सलमान खान के साथ काम करने के बाद, डेजी शाह को फिल्मों में अभिनय करने के अवसर मिले और उन्होंने “जय हो” से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
‘तेरे नाम’ ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया। इसने न केवल सलमान खान के करियर को नई गति दी बल्कि उन्हें एक गंभीर और दमदार अभिनेता के रूप में भी स्थापित किया। फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और आलोचकों की प्रशंसा ने सलमान को बॉलीवुड के शीर्ष सितारों में फिर से स्थापित कर दिया।
दुनिया में कुछ खाद्य पदार्थ इतने दुर्लभ और खास होते हैं कि उनकी कीमत लाखों में होती है। ये महंगे खाद्य पदार्थ न केवल अपनी दुर्लभता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि इनके उत्पादन और खरीद की प्रक्रिया भी बेहद जटिल है। इन महंगे खाद्य पदार्थों (Expensive foods) की कीमत उनकी दुर्लभता, विशेष उत्पादन प्रक्रिया और मांग के कारण बहुत अधिक है। ये खाद्य पदार्थ विशेष रूप से अमीरों और लग्जरी लाइफस्टाइल वाले लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और इन्हें खाने का अनुभव अपने आप में एक अनोखी और खास बात मानी जाती है। आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे खाद्य पदार्थों (world five most expensive foods) के बारे में, जिनकी कीमत लाखों में है।
सफेद ट्रफल को ‘मशरूम का राजा’ कहा जाता है और यह विशेष रूप से इटली और फ्रांस के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। इसकी दुर्लभता और इसे खोजने में कठिनाई के कारण इसकी कीमत आसमान छूती है। सफेद ट्रफल की गंध और स्वाद बेहद खास माना जाता है, जो किसी भी डिश को शानदार बना देता है।
ब्लूफिन ट्यूना (Bluefin Tuna)
कीमत: $3,000 प्रति पाउंड तक, एक मछली की कीमत $1.8 मिलियन तक हो सकती है
स्थान: जापान
ब्लूफिन टूना जापान में बहुत लोकप्रिय है, खासकर सुशी और साशिमी के लिए। इसकी मांग बहुत ज़्यादा है, यही वजह है कि इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। टोक्यो के एक मछली बाज़ार में दुनिया की सबसे महंगी ब्लूफिन टूना लगभग 1.8 मिलियन डॉलर में बिकी।
केसर (Saffron)
कीमत: $500 से $5,000 प्रति पाउंड
स्थान: ईरान, भारत (कश्मीर), स्पेन
केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है, जिसे ‘लाल सोना’ भी कहा जाता है। इसे खास तौर पर केसर के फूलों के कलंक से तैयार किया जाता है और इसे हाथ से इकट्ठा करना बेहद मुश्किल है। 75,000 केसर के फूलों से सिर्फ़ एक पाउंड केसर प्राप्त होता है, जो इसे बेहद महंगा और दुर्लभ बनाता है।
कोपी लुवाक कॉफी (Kopi Luwak Coffee)
कीमत: $500 से $1,300 प्रति किलोग्राम
स्थान: इंडोनेशिया
इसे दुनिया की सबसे महंगी और अनोखी कॉफी माना जाता है। इसे बनाने के लिए इंडोनेशिया में पाए जाने वाले जीव सिवेट बिल्ली द्वारा खाए गए कॉफी बीन्स का इस्तेमाल किया जाता है। सिवेट के पाचन तंत्र से गुजरने के बाद, ये बीन्स एक खास स्वाद प्राप्त कर लेते हैं, जो इस कॉफी को असाधारण और महंगी बनाता है।
स्वैलो नेस्ट सूप (Swallow’s Nest Soup)
कीमत: $3,000 से $10,000 प्रति किलोग्राम
स्थान: दक्षिण पूर्व एशिया, मुख्य रूप से चीन
स्वैलो नेस्ट सूप को बनाने के लिए स्विफ्टलेट पक्षी के घोंसलों का उपयोग किया जाता है, जो उनकी लार से बनाया जाता है। ये घोंसले चीन और अन्य एशियाई देशों में बहुत महंगे हैं, खासकर उनके औषधीय और पोषण गुणों के कारण। इसका उपयोग विशेष रूप से अमीर लोग अपने स्वास्थ्य के लिए करते हैं।
सपनों में अनजान चेहरे देखना (Seeing unknown faces in dreams) एक दिलचस्प और उत्सुक अनुभव हो सकता है। यह घटना अक्सर लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि इन अजीब चेहरों का उनके जीवन से क्या संबंध हो सकता है। दूसरी ओर, सपनों में अनजान चेहरे देखना कई संभावनाओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है – यह आपके अवचेतन मन में अनुभवों और लोगों का प्रतिबिंब हो सकता है, आपके जीवन में बदलाव और नए अवसरों का संकेत हो सकता है, या आपके व्यक्तित्व के छिपे हुए पहलुओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है। आइए जानते हैं कि सपनों में अनजान चेहरों का क्या मतलब हो सकता है और इसके पीछे क्या संभावित मनोवैज्ञानिक और प्रतीकात्मक अर्थ हो सकते हैं:
व्यक्तित्व के अलग-अलग पहलू- Seeing unknown faces in dreams
अनजान चेहरे आपके व्यक्तित्व के अलग-अलग पहलुओं का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सपनों में हम अक्सर अपनी असली पहचान या अपने व्यक्तित्व के छिपे हुए हिस्सों का सामना करते हैं जिनसे हम जागते समय परिचित नहीं होते हैं। ये अजीब चेहरे आपके कुछ ऐसे पहलुओं को दर्शा सकते हैं जिन्हें आपने अभी तक पहचाना नहीं है या जो आपके अवचेतन में छिपे हुए हैं।
मनोवैज्ञानिक व्याख्या
सपने हमारे अवचेतन मन (subconscious mind) का प्रतिबिंब होते हैं। अनजान चेहरे अवचेतन से संबंधित हो सकते हैं, जहाँ हम हर दिन अनगिनत चेहरे और जानकारी देखते हैं, लेकिन उन्हें सीधे याद नहीं रखते हैं। ये चेहरे ऐसे लोगों के हो सकते हैं जिन्हें आपने जीवन में कहीं देखा है (जैसे भीड़ में, सोशल मीडिया पर या टीवी पर) लेकिन जिन्हें आप जाग्रत अवस्था में नहीं पहचानते हैं।
भविष्यवाणी या अंतर्ज्ञान
कुछ लोगों का मानना है कि सपनों में अनजान चेहरे भविष्य की ओर इशारा कर सकते हैं। ये चेहरे ऐसे लोगों के हो सकते हैं जिनसे आप भविष्य में मिलने वाले हैं या जो आपके जीवन में कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। कई बार सपनों को भविष्य की घटनाओं या परिस्थितियों की भविष्यवाणी माना जाता है। अनजान चेहरे संकेत दे सकते हैं कि आप किसी नए व्यक्ति से मिलेंगे जिसका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
सांकेतिक या आध्यात्मिक दृष्टिकोण
सपनों को कभी-कभी आध्यात्मिक संदेश के रूप में देखा जाता है। अनजान चेहरों को देखना आपके जीवन में आने वाली नई संभावनाओं, लोगों या अवसरों का संकेत हो सकता है। यह इस बात का प्रतीक हो सकता है कि आपके जीवन में कोई नया व्यक्ति या रिश्ता आने वाला है, जिसका आपकी सोच और जीवन के अनुभवों पर असर पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
पहले सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) और अब बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui), लॉरेंस बिश्नोई और उसका गिरोह (Lawrence Bishnoi Gang) अब अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की राह पर है। लॉरेंस बिश्नोई और उसका आतंक उसी तरह फैल रहा है जैसे 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Underworld Don Dawood Ibrahim) का था। उसकी गतिविधियों को देखते हुए अब उसे दाऊद इब्राहिम जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से जोड़ा जा रहा है। माना जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गिरोह में 700 से ज़्यादा शूटरों को प्रशिक्षित किया है, जो भारत के 11 राज्यों में आतंक फैलाने में सक्रिय हैं।
लॉरेंस बिश्नोई: शुरुआती जीवन और अपराध की दुनिया में प्रवेश-Lawrence Bishnoi Life
लॉरेंस बिश्नोई राजस्थान के एक गांव में पैदा हुआ था और बिश्नोई समुदाय (Bishnoi community) से ताल्लुक रखता है। अपने शुरुआती जीवन में वह एक साधारण छात्र था, लेकिन कॉलेज के दिनों में वह अपराध की दुनिया में चला गया। उसे पहली बार पहचान तब मिली जब उसने कॉलेज के राजनीतिक चुनावों में हिस्सा लिया और यहीं से उसके अपराध का सफर शुरू हुआ।
दाऊद इब्राहिम के नक्शे कदम पर-Dawood Ibrahim vs Lawrence Bishnoi
लॉरेंस बिश्नोई की कार्यप्रणाली और उसके अपराधों का विस्तार उसे भारत के सबसे कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ता है। बिश्नोई के अपराधों में हत्या, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की तस्करी और संगठित अपराध शामिल हैं। बिश्नोई का गिरोह पूरे देश में फैला हुआ है, खासकर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में। उसके गिरोह के शूटर हाई-प्रोफाइल अपराधों में शामिल रहे हैं। दाऊद इब्राहिम की तरह, बिश्नोई का गिरोह भी एक अंतरराज्यीय नेटवर्क पर आधारित है, जिसके गुर्गे विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं। वे उसकी ओर से हाई-प्रोफाइल हत्याएं, जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
700 शूटरों का नेटवर्क
खबरों की मानें तो, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गिरोह में 700 से ज़्यादा शार्पशूटरों को रखा हुआ है, जो अलग-अलग राज्यों में सक्रिय हैं। इन शूटरों को संगठित अपराध करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और ये विभिन्न अपराधों में शामिल होते हैं, जैसे बिश्नोई के गिरोह ने कई बार निजी दुश्मनी के चलते हत्या की वारदातों को अंजाम दिया है। कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों की हत्याओं में बिश्नोई का नाम सामने आया है। इसके अलावा बड़े व्यापारियों और प्रभावशाली लोगों से फिरौती मांगने के मामले भी बिश्नोई के गिरोह से जुड़े हुए हैं।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या-Siddhu Moosewala murder
लॉरेंस बिश्नोई का नाम तब चर्चा में आया जब पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में उसका नाम आया। इस हत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी और बिश्नोई गैंग की धमक और भी बढ़ गई। अब हाल ही में महाराष्ट्र के मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में बिश्नोई गैंग (Baba Siddiqui Murder) की संलिप्तता सामने आई है।
जेल के अंदर से अपराध
दाऊद इब्राहिम की तरह ही, बिश्नोई जेल में रहते हुए भी अपने आपराधिक नेटवर्क को संचालित करता रहा है। लॉरेंस बिश्नोई वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल(Sabarmati Jail in Gujarat) में बंद है, लेकिन उसके गिरोह का संचालन वह जेल के अंदर से ही करता है। उसे हाई-सिक्योरिटी जेल में रखा गया है, फिर भी उसके गिरोह के अपराध देशभर में जारी हैं। उसके गिरोह का संचालन मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, और अन्य तरीकों से जेल के अंदर से ही होता है।
बता दें, NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से की है।